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 नैनो तरल यूरिया उपयोग के नतीजों का आकलन करे उर्वरक विभाग: संसदीय समिति

नयी दिल्ली. संसद की एक समिति ने उर्वरक विभाग से नैनो तरल यूरिया के उपयोग के परिणामों का शीघ्रता से सही मूल्यांकन करने के लिए कहा है। साथ ही सुझाव दिया है कि इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए इफको की इस नैनोटेक्नोलॉजी को और अधिक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में स्थानांतरित करने की दिशा में कदम उठाये जाने चाहिए। रसायन और उर्वरक मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने बुधवार को संसद में पेश रिपोर्ट में कहा कि यूरिया की वार्षिक उत्पादन क्षमता 283.74 लाख टन है और ओड़िशा के तालचर में 12.7 लाख टन की स्थापित क्षमता वाली एक नई इकाई स्थापित की जा रही है, जो स्वदेशी क्षमता को 296.44 लाख टन तक बढ़ा देगी। रिपोर्ट के अनुसार, उर्वरक विभाग ने कहा है कि नैनो तरल यूरिया की उपलब्धता के साथ, नए संयंत्र स्थापित करने या पारंपरिक यूरिया संयंत्रों को बहाल करने की जरूरत नहीं होगी। इसमें कहा गया है, ‘‘हालांकि नैनो तरल यूरिया के परिणामों का आकलन अभी किया जाना बाकी है और वर्तमान में, यह देश में उर्वरकों की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकता है। समिति की राय है कि इस क्षेत्र में विभाग को अत्यधिक ध्यान देने की जरूरत है और इसलिए, नैनो तरल यूरिया के प्रयोग के परिणामों का सही मूल्यांकन शीघ्रता से किया जाना चाहिए।

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