देश का निर्यात 6% बढ़कर 824.9 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा : आरबीआई
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का कुल निर्यात वित्त वर्ष 2025 में 6.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ 824.9 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। इस आंकड़े में मार्च 2025 के सेवा व्यापार के आंकड़े भी शामिल हैं। बीते वर्ष यानी वित्त वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 778.1 बिलियन डॉलर था। वहीं सेवा निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। यह वित्त वर्ष 2025 में 13.6 प्रतिशत बढ़कर 387.5 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले साल 341.1 बिलियन डॉलर था। मार्च 2025 के लिए सेवा निर्यात 35.6 बिलियन डॉलर रहा, जो मार्च 2024 के 30.0 बिलियन डॉलर की तुलना में 18.6 प्रतिशत अधिक है।
वहीं, पेट्रोलियम उत्पादों को छोड़कर व्यापारिक निर्यात भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। यह वित्त वर्ष 2025 में 6 प्रतिशत बढ़कर 374.1 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल यह 352.9 बिलियन डॉलर था। यह अब तक का सबसे अधिक गैर-पेट्रोलियम वार्षिक व्यापारिक निर्यात है।
इससे पहले वाणिज्य मंत्रालय ने 15 अप्रैल को अनुमान लगाया था कि भारत का कुल वस्तु और सेवा निर्यात 5.5 प्रतिशत बढ़कर 820.93 बिलियन डॉलर होगा। उस समय आरबीआई के पास सेवा निर्यात के वास्तविक आंकड़े नहीं थे और अनुमानित आंकड़ों का प्रयोग किया गया था। अब जब वास्तविक आंकड़े सामने आए हैं, तो यह स्पष्ट हो गया है कि भारत ने रिकॉर्ड निर्यात किया है। दूसरी ओर, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा संभावित टैरिफ वृद्धि से वैश्विक व्यापार पर असर पड़ने की आशंका बनी हुई है। हालांकि भारत और अमेरिका एक बहुपक्षीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसी क्रम में भारत के वाणिज्य विभाग और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों ने 23 से 25 अप्रैल के बीच वाशिंगटन डीसी में बैठक की, जिसमें 2025 की सितंबर-अक्टूबर तक व्यापार समझौते के पहले चरण को पूरा करने पर चर्चा हुई।
इससे पहले मार्च 2025 में नई दिल्ली में इन मुद्दों पर पहली बैठक हुई थी। वाशिंगटन में हुई बैठकों में टैरिफ और गैर-टैरिफ मामलों पर व्यापक चर्चा हुई और दोनों पक्षों ने पारस्परिक रूप से लाभदायक समझौते के पहले चरण को सफलतापूर्वक पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाने पर सहमति जताई।
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