रिजर्व बैंक का बड़ा कदम! रीपो और ट्राई-पार्टी रीपो मार्केट में बदलाव की नई तारीखों का ऐलान; जानें क्या होगा असर
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों के बीच लेन-देन वाले कॉल मनी मार्केट और रीपो व ट्राय-पार्टी रेपो (TREP) मार्केट की ट्रेडिंग टाइमिंग बढ़ाने का फैसला किया है। यह फैसला केंद्रीय बैंक द्वारा गठित ‘ट्रेडिंग और सेटलमेंट टाइमिंग की समग्र समीक्षा पर कार्य समूह’ की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है।
अब 1 जुलाई 2025 से इंटरबैंक कॉल मनी मार्केट का समय बढ़ाकर शाम 7:00 बजे तक कर दिया जाएगा, जो अभी शाम 5:00 बजे तक होता है। इस बदलाव के बाद अब यह बाजार सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे तक खुला रहेगा।
इसके अलावा, रीपो और ट्राय-पार्टी रीपो बाजारों के ट्रेडिंग समय को 1 अगस्त 2025 से बढ़ाकर शाम 4:00 बजे तक कर दिया जाएगा। ये बाजार अब सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक खुले रहेंगे।
सरकार द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक, सरकारी बॉन्ड बाजार, विदेशी मुद्रा बाजार (फॉरेक्स मार्केट) और ब्याज दर आधारित डेरिवेटिव बाजार के ट्रेडिंग समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
सर्कुलर में बताया गया कि एक वर्किंग ग्रुप ने बाजार को और बेहतर बनाने, सही भाव तय करने (प्राइस डिस्कवरी) और लिक्विडिटी जरूरतों को बेहतर तरीके से मैनेज करने के लिए कुछ सिफारिशें दी हैं।
सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि वर्किंग ग्रुप की बाकी सिफारिशों पर अभी विचार किया जा रहा है और उन पर निर्णय बाद में लिया जाएगा।
फरवरी में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक 9 सदस्यीय कार्य समूह (Working Group) का गठन किया था, जिसका उद्देश्य वित्तीय बाजारों में ट्रेडिंग और सेटलमेंट के समय की व्यापक समीक्षा करना है। यह समूह बीते कुछ वर्षों में वित्तीय क्षेत्र में हुए कई अहम बदलावों को ध्यान में रखते हुए मौजूदा समय-सीमा का मूल्यांकन करेगा।
इस समीक्षा में जिन मुख्य बातों पर ध्यान दिया जाएगा, उनमें ट्रेडिंग का इलेक्ट्रॉनिक होना, विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) और कुछ ब्याज दर डेरिवेटिव बाजारों का 24×5 आधार पर खुला रहना, घरेलू बाजारों में गैर-निवासियों की बढ़ती भागीदारी, और भुगतान प्रणालियों की 24 घंटे उपलब्धता जैसी बातें शामिल हैं।
कार्य समूह का मुख्य काम रिज़र्व बैंक द्वारा रेगुलेट किए जाने वाले विभिन्न वित्तीय बाजारों के मौजूदा ट्रेडिंग और सेटलमेंट टाइमिंग की समीक्षा करना है। इसमें ट्रेडिंग, क्लियरिंग, सेटलमेंट और ट्रांजैक्शन रिपोर्टिंग से जुड़ी मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर के कामकाज के समय की भी जांच की जाएगी।
इसके साथ ही, यह समूह मौजूदा समय-सीमा से पैदा होने वाली किसी भी चुनौती या समस्या जैसे बाजारों के बीच मूल्य/रेट ट्रांसमिशन पर असर, बाजार में उतार-चढ़ाव, ट्रेड का बंटवारा, तरलता की ज़रूरतें और नेटिंग क्षमता जैसे पहलुओं की भी समीक्षा करेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनाए जा रहे समय-निर्धारण के तरीकों का भी अध्ययन किया जाएगा, ताकि यह समझा जा सके कि वे भागीदारी, तरलता और ट्रेडिंग वॉल्यूम जैसे पहलुओं पर क्या असर डालते हैं।
इस कार्य समूह की अध्यक्षता भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक राधा श्याम राठो कर रहे हैं। इसके अलावा इसमें वित्तीय क्षेत्र से जुड़े आठ अन्य विशेषज्ञ सदस्य शामिल हैं।
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