लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में जुड़ेगा समाजसेवी संस्था उदयाचल का नाम
- तीन दशक में 7.27 लाख लोगों की आंखों में लौटाई रोशनी
राजनांदगांव ।अंधत्व निवारण को लेकर तीन दशक से काम करने वाली शहर की समाजसेवी संस्था उदयाचल को लंदन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में जगह मिलने जा रही है। वर्ष 1993 से आंखों से जुड़ी हर तरह की बीमारियों का निश्शुल्क संपूर्ण उपचार करने इस संस्था को यह सम्मान 71 हजार 500 आपरेशन व 58 हजार 510 लैंस रोपण के कीर्तिमान के लिए दिया जा रहा है। इतना ही नहीं संस्था ने इस अवधि में सात लाख 27 हजार से अधिक नेत्र रोगियों का वाह्य उपचार भी किया है। रविवार को लंदन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड संगठन की टीम संस्था परिसर में शाम 4.30 बजे महापौर हेमा देशमुख के आतिथ्य में आयोजित समारोह में यह सम्मान सौंपने आ रही है।
उदयाचल की स्थापना वर्ष 1968 में धर्मार्थ संस्था के रूप में की गई थी। शुरुआत में यह शिविरों के माध्यम से लोगों को निश्शुल्क स्वास्थ्य सेवा दे रही थी। अस्पताल बनाकर 1993 से अंधत्व निवारण अभियान शुरू किया गया। छह विशेषज्ञ चिकित्सकों समेत 70 कर्मचारियों की टीम के साथ यह संस्था आंखों से संबंधित सभी प्रकार के रोगों का संपूर्ण उपचार निश्शुल्क करती है। इसमें आपरेशन, लैंस, आवास, भोजन, दवा, चश्मा आदि भी निश्शुल्क ही दिया जाता है।
दो माह पहले लंदन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम ने इस कीर्तिमान के साथ संस्था की कार्यशैली का भी अवलोकन किया। उसे प्रमाणित पाए जाने के बाद रिकार्ड में शामिल किया गया। संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि उदयाचल ने काफी कम समय में लैंसरोपण के रूप में दृष्टिहीनता के खिलाफ सराहनीय कार्य किया है। राजनांदगांव जैसे छोटे शहर में 30 वर्षों में सवा सात लाख से अधिक लोगों की वाह्य जांच व उपचार भी अपने आप में बड़ा कार्य है। लंदन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड संगठन द्वारा इसी प्रतिबद्धता का सम्मान मिलने जा रहा है।
पद्मश्री, डा. पुखराज बाफना, संरक्षक, उदयाचल ने कहा- स्थापना के दिन से ही उदयाचल संस्था समाज की सेवा में लगी है। समय के साथ सेवा के स्वरूप को हमने बदला। यही कारण है कि काफी कम समय में संस्था ने उपचार, आपरेशन व अंधत्व निवारण से जुड़े हर कार्य में कीर्ति प्राप्त की। लंदन के संगठन द्वारा इसी समर्पण का सम्मान किया जा रहा है। यह पूरी संस्कारधानी के लिए गौरव की बात है।
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