तीन गुना बढ़ा कोदो-कुटकी-रागी का रकबा
राजनांदगांव । किसानों की आय बढ़ाने जमीनी स्तर कवायद शुरू हो गई है। कम बजट में अधिक मुनाफा की खेती करने किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। यहीं कारण है कि तीन वर्षाें में कोदो-कुटकी-रागी का रकबा तिगुना बढ़ा है। कोदो, रागी आदि में पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत लाभदायक है। जिले में लघु धान्य फसलों का रकबा वर्ष 2019-20 में 2104 हेक्टेयर क्षेत्र में 2020-21 में 1774 हेक्टेयर क्षेत्र में एवं 2021-22 में 2546 हेक्टेयर क्षेत्र में पूर्व की तुलना में 30-40 प्रतिशत तक बढ़ा है। लघु धान्य फसल को किसान बीज उत्पादन कर 5711 रुपये प्रति क्विंटल की दर से एवं वनोपज केंद्र में 3370 रुपये प्रति क्विंटल की दर से रागी और 3000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कोदो विक्रय किया है।
0 धान का रकबा घटा
किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए हैं। धान का रकबा इस बार घटा है। खरीफ फसल में एक लाख 81 हजार हेक्टयेर में धान समेत अन्य फसलों की बोनी का लक्ष्य रखा गया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में एक हजार हेक्टेयर अधिक है। धान की फसल एक लाख 67 हजार हेक्टेयर में ली जाएगी, जो गर्त वर्ष की तुलना में छह हजार हेक्टेयर कम है। बता दें कि कोदो-कुटकी-रागी को लेकर किसानों में रुझान बढ़ा है।
0 वनांचल में अधिक डिमांड
रागी को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मोहला-मानपुर-चौकी में 2020 में रागी का रकबा 62 हेक्टेयर था, जो 2021 में 149 हेक्टेयर और 2022 में 188 हेक्टेयर हो गया। यहीं नहीं कृष विभाग के अधिकारी लगातार किसानों को कोदो-कुटकी-रागी लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ताकि कम बजट में अधिक मुनाफा कमा सकें। कोदो एवं रागी एक उत्कृष्ट गुणकारी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। जिसमें रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले गुण पाये जाते हैं, कोदो, मिलेट या ग्रास के नाम से जाना जाता है।
0 शुगर फ्री से मिली पहचान
कोदो औषधीय महत्व की फसल है। इसे शुगर फ्री चावल के नाम से ही पहचान मिली है। यह मधुमेह के रोगियों के लिए उपयुक्त आहार है। मिलेट स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए वरदान है, जिससे आधुनिक जीवन शैली की बीमारियां मधुमेह, रक्तचाप, थायराइड, मोटापा, गठिया, एनीमिया और 14 प्रकार के कैंसर ठीक किए जा सकते हैं। कोदो कोलेस्ट्रोल घटाने में भी मददगार साबित होता है।
उपसंचालक कृषि एनएल पांडे, ने कहा- कोदो-कुटकी-रागी को लेकर किसानों को लगातार प्रेरित किया जा रहा है। जिसका असर भी देखने को मिल रहा है। तीन वर्ष में कोदो-कुटकी-रागी के रकबा में तीन गुना वृद्धि हुई है।
Leave A Comment