कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा कृषकों को मौसम आधारित सलाह
राजनांदगांव । कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव द्वारा जिले के कृषकों को खरीफ में अधिक उत्पादन लाभ प्राप्त करने के लिए उन्नतशील जातियों के बीज जैसे-धान (इन्द्रावती धान, एमटीयू-1153, विक्रम टीसीआर, छत्तीसगढ़ धान-1919), सोयाबीन (आरएससी-10-46, आरएससी-11-15, आरएससी-11-07) की बुआई करने की सलाह दी है। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की सम्भावना है। किसान बुआई का कार्य पूर्ण कर ले एवं नर्सरी से अतिरिक्त जल निकास की व्यवस्था कर ले तथा मौसम साफ रहने पर ही खरपतवार नियंत्रण कार्य करें। धान में थरहा डालने से पूर्व यदि शीथरॉट की समस्या हो तो बीजों को 17 प्रतिशत नमक (1.7 किलोग्राम नमक प्रति 10 लीटर पानी में) के घोल से उपचारित करें। प्रमाणित या आधार श्रेणी के बीजों को एजोस्पारिलम तथा पीएसबी कल्चर 5.10 ग्राम की दर से उपचारित कर बुआई करें। नत्रजन का छिड़काव कुल अनुशंसित मात्रा की आधी मात्रा (60 किलोग्राम) रोपा के 8-10 दिनों बाद यूरिया के रूप में छिड़काव करें। छिड़काव के बाद खेतों में पानी लगभग 24 घंटे तक रोक कर रखें।
जिन किसानों ने धान फसल की बुआई कर ली है, वे संकरी तथा चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार नियंत्रण हेतु धान बुआई के 20-25 दिनों के भीतर आवश्यकतानुसार खरपतवारनाशी जैसे-बिसपायरीबेक सोडियम (नोमिनिगोल्ड, एडोर, बिस्फोर्स एवं अन्य उत्पाद) 250 ग्राम का छिड़काव करें। सोयाबीन फसल लगाने वाले किसानों को मौसम पूर्वानुमान के अनुसार जल्द से जल्द सोयाबीन फसल की सीधी एवं कतार बोनी या चौड़ी क्यारी फरो विधि से बुआई करने की विशेष सलाह दी गई है। संकरी तथा चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार नियंत्रण हेतु बुआई के 18-20 दिनों तक आवश्यकतानुसार खरपतवारनाशी जैसे-इमेजाथाईपर 10 प्रतिशत एसएल का 750 मिली का छिड़काव करें।
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