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 कलेक्टर ने शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के संबंध में ली प्रेस वार्ता

 - युक्तियुक्तकरण से बच्चों को मिलेंगी अच्छी शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक वातावरण और बेहतर सुविधाएं
- शिक्षक विहीन विद्यालयों में होगी शिक्षकों की उपलब्धता
- एक ही परिसर में विद्यालय होने से आधारभूत संरचना होगी मजबूत
- जिले में प्राथमिक शालाओं में 248 एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में 88 शिक्षक ही अतिशेष
- सिर्फ उन्हीं स्कूलों का समायोजन किया गया है, जिनमें छात्रों की संख्या बहुत कम
- जिले में 5 शालाओं का किया जा रहा समायोजन

राजनांदगांव । कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के संबंध में प्रेस वार्ता ली। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल एवं मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के लिए शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया गया है। नगरीय क्षेत्रों में छात्रों की तुलना में अधिक शिक्षक पदस्थ हैं, जबकि ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों की शालाओं में स्थिति इसके विपरीत है। वहां शिक्षकों की कमी है, जिसके कारण शैक्षिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं और छात्र-छात्राओं का परीक्षा परिणाम भी प्रभावित हो रहा है। इस स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से ही प्रदेश सरकार द्वारा युक्तियुक्तकरण का कदम उठाया गया है। इससे जिन शालाओं में शिक्षक की जरूरत है, वहां शिक्षक उपलब्ध होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में गणित, रसायन, भौतिकी और जीव विज्ञान जैसे अन्य विषयों के विषय-विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे। बच्चों को अच्छी शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक वातावरण और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। कुल मिलाकर युक्तियुक्तकरण के माध्यम से छात्र-शिक्षक अनुपात स्कूलों में संतुलित हो, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप शिक्षकों और शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया गया। छत्तीसगढ़ में प्राथमिक स्तर पर छात्र-शिक्षक अनुपात 21.84 बच्चे प्रति शिक्षक एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में 26.2 बच्चे प्रति शिक्षक हैं, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। राज्य में 212 प्राथमिक शालाएं शिक्षक विहीन एवं 6,872 शालाएं एकल शिक्षकीय हैं। राजनांदगांव जिले में 6 प्राथमिक शालाएं शिक्षक विहीन एवं 94 शालाएं एकल शिक्षकीय हैं। राज्य में 48 पूर्व माध्यमिक शालाएं शिक्षक विहीन और 255 एकल शिक्षकीय हैं। राजनांदगांव जिले में शून्य पूर्व माध्यमिक शाला शिक्षक विहीन और 9 एकल शिक्षकीय हैं। राज्य के प्राथमिक स्कूलों में 7,296 शिक्षक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में 5,536 शिक्षकों की आवश्यकता है। राजनांदगांव जिले में प्राथमिक स्कूलों में 126 शिक्षक एकल शिक्षकीय एवं शिक्षक विहीन में और 122 शिक्षक ज्यादा दर्ज संख्या वाले स्कूलों में पदस्थ किये गये है एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में 88 अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना एकल शिक्षकीय 5 स्कूलों में एवं आवश्यकता वाली शालाओं में पदस्थापना की गई है।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि राज्य के प्राथमिक शालाओं में 3,608 एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में 1,762 शिक्षक ही अतिशेष हैं। हमारे जिले में प्राथमिक शालाओं में 248 एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में 88 शिक्षक ही अतिशेष हैं। युक्तियुक्तकरण से शिक्षक विहीन विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता के साथ ही एक ही परिसर में विद्यालय होने से आधारभूत संरचना मजबूत होगी और स्थापना व्यय में भी कमी आएगी। यह युक्तियुक्तकरण कोई कटौती नहीं, बल्कि गुणवत्ता और समानता की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी विद्यार्थी की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो। पूरे राज्य में मात्र 241 स्कूलों का समायोजन किया जा रहा है। राजनांदगांव जिले में 5 शालाओं का समायोजन किया जा रहा है। राज्य के कुल 10 हजार 538 स्कूलों में से 10 हजार 297 स्कूल यथावत संचालित रहेंगे, जबकि राजनांदगांव जिले में 1335 स्कूलों में से 1330 स्कूल यथावत संचालित होंगे। सिर्फ उन्हीं स्कूलों का समायोजन किया गया है, जिनमें छात्रों की संख्या बहुत कम है और पास में बेहतर विकल्प मौजूद हैं। एक ही परिसर में स्थित विद्यालयों को समाहित कर क्लस्टर मॉडल विकसित किया गया। अतिशेष शिक्षकों का पुनरू समायोजन कर एकल शिक्षकीय और शिक्षक विहीन विद्यालयों में पदस्थापना की गई। युक्तियुक्तकरण से लगभग 90 प्रतिशत बच्चों को तीन बार प्रवेश प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी और बच्चों को पढ़ाई में गुणवत्ता के साथ ही निरंतरता भी बनी रहेगी। बच्चों के ड्रॉपआउट दर में कमी आएगी। अच्छी बिल्डिंग, लैब, लाईब्रेरी जैसी सुविधाएं एक ही जगह देना आसान होगा। राजनांदगांव जिला अंतर्गत डोंगरगढ़ विकासखंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय घोटिया में कक्षा 10वीं एवं 12वीं के लिए कुल 103 विद्यार्थियों की दर्ज संख्या है, यहां स्वीकृत 11 पदों के विरूद्ध मात्र 3 व्याख्याता कार्यरत हैं एवं 8 पद रिक्त हैं। दूसरी ओर ठाकुर प्यारेलाल शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजनांदगांव में 84 विद्यार्थियों की तुलना में 10 शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि दर्ज संख्या के अनुसार यहां केवल 4 शिक्षकों की आवश्यकता है। महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय कन्या उच्चतर विद्यालय राजनांदगांव में 497 विद्यार्थियों की तुलना में 26 व्याख्याता कार्यरत हैं, जबकि कम दर्ज संख्या आबंटित कालखंड 4 से कम होने के कारण 6 व्याख्याता को अतिशेष मानकर युक्तियुक्तकरण में शामिल किया गया है। राजनांदगांव जिले के विकासखण्ड डोंगरगांव में शासकीय प्राथमिक शाला सेवताटोला में दर्ज संख्या 38 कार्यरत शिक्षक संख्या 5 है। जिसमें 3 अतिशेष, शासकीय प्राथमिक शाला मटिया कार्यरत शिक्षक संख्या 4 अतिशेष 2, शासकीय प्राथमिक शाला बडग़ांव दर्ज संख्या 88 कार्यरत शिक्षक 5 अतिशेष 2, शासकीय प्राथमिक शाला चमारराय टोलागांव दर्ज संख्या 50 कार्यरत शिक्षक 4 अतिशेष 2 है।

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