सत्रारंभ की तैयारियों को लेकर संकुल समन्वयकों की बैठक संपन्न
"शिक्षा की गुणवत्ता और नामांकन बढ़ाने में संकुल समन्वयकों की अहम भूमिका — कलेक्टर श्री लंगेह
महासमुंद /स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय महासमुंद के सभागार में सत्रारंभ की तैयारियों की समीक्षा हेतु जिले के समस्त संकुल समन्वयकों की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने की। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस. आलोक, जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय कुमार लहरे, डीएमसी श्री रेखराज शर्मा, सहायक संचालक श्री नंदकुमार सिन्हा, एपीसी श्री डी.एन. जांगड़े, श्रीमती सम्पा बोस, श्रीमती विद्या साहू सहित सभी ब्लॉकों के एबीईओ एवं बीआरसीसी उपस्थित रहे।
बैठक को संबोधित करते हुए कलेक्टर श्री लंगेह ने कहा कि शाला त्यागने वाले बच्चों को पुनः विद्यालय से जोड़ना संकुल समन्वयकों की प्रमुख जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि शाला प्रवेश उत्सव को जनआंदोलन का रूप दिया जाना चाहिए ताकि समुदाय की भागीदारी से शिक्षा की गुणवत्ता में वास्तविक सुधार हो सके। उन्होंने छात्र सुरक्षा, स्वास्थ्य और सभी शैक्षिक आवश्यकताओं की पूर्ति पर विशेष बल देते हुए नामांकन में वृद्धि और शत-प्रतिशत प्रवेश सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।कलेक्टर श्री लंगेह कहा कि विद्यालयों को प्रदत्त अनुदान राशि का त्वरित एवं पारदर्शी उपयोग सुनिश्चित किया जाए। अपार आईडी, जाति प्रमाण पत्र निर्माण, पाठ्यपुस्तक वितरण की नियमित समीक्षा की जाए ताकि हर विद्यार्थी तक समय पर आवश्यक शैक्षिक संसाधन पहुँच सकें।
सीईओ जिला पंचायत श्री एस. आलोक ने कहा कि हर बच्चे का विद्यालय से जुड़ाव बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने संकुल समन्वयकों को एकजुट होकर टीम भावना से कार्य करने की प्रेरणा दी, जिससे शैक्षिक प्रणाली अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बन सके।
जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय कुमार लहरे ने संकुल समन्वयकों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की नींव विद्यालय स्तर पर ही रखी जाती है। उन्होंने सभी संकुल समन्वयकों से शत-प्रतिशत नामांकन, व्यवस्था सुधार (जैसे रंग-रोगन, विद्युत, पेयजल आदि) को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए।
डीएमसी श्री रेखराज शर्मा ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार छात्र-छात्राओं को पाठ्यपुस्तकों का वितरण स्कैनिंग प्रक्रिया के बाद ही किया जाना है, जिसकी जिम्मेदारी संकुल समन्वयकों को दी गई है। इसके लिए उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है। उन्होंने “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान सहित इको क्लब, यूथ क्लब गठन और जून से सितंबर तक चलने वाले वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रमों को प्राथमिकता से पूर्ण करने पर बल दिया।
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