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 उन्नत मत्स्य बीज उत्पादन प्रशिक्षण में विभिन्न राज्यों सहित नेपाल से भी पहुंचे मत्स्य किसान

रायपुर। कृषि विज्ञान केन्द्र, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में 5 दिवसीय उन्न्त मत्स्य बीज उत्पादन के विषय पर प्रशिक्षण संपन्न हुआ। राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस के अवसर पर इस कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. एस. एस. टुटेजा, निदेशक विस्तार सेवायें, इं.गां.कृ.वि. रायपुर के द्वारा किया गया एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर एम.एस.चारी एवं डॉ. गौतम राय, कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर के प्रमुख उपस्थित थे। इस प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों के साथ साथ बंगाल, अ्रांध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, उडीसा से भी मत्स्य कृषक इस प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए। इसके अलावा नेपाल से  श्री रेवती सिंह भी सम्मिलित हुए। बरसात के प्रारंभ होते ही मत्स्य प्रजनन का कार्य प्रारंभ होता है जो विश्वविद्यालय के एकीकृत मत्स्य उत्पादन प्रक्षेत्र में कृत्रित प्रजनन इकाई में उपलब्ध सर्कुलर हैचरी में कार्य संपादित होता है। मत्स्य कृषकों में उन्न्त मत्स्य बीज उत्पादन प्रशिक्षण लेने हेतु विषेश मांग रहती है। 
इस दौरान भारतीय मेजर क्रॉप एवं भारतीय कैट फिश मछलियों का ब्रीडिंग एवं उन्नत बीज उत्पादन विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षनार्थी ब्रुड स्टाक मैनेजमेण्ट, कृत्रिम प्रजनन, नर्सरी प्रबंधन आदि के बारे में सैद्धातिक एवं व्यवहारिक रूप से सिखाया गया, इस प्रशिक्षण में हैचरी प्रबंधन के बारे में विशेष रूप से जोर दिया गया।
कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. आरती गुहे, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, रायपुर एवं डॉ. गौतम रॉय, प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर उपस्थित थे। डॉ. गौतम रॉय ने अपने उद्बोधन में 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी एवं इस इकाई को विश्वविद्यालय अंतर्गत उत्कृष्ट केन्द्र (ब्मदजमत वि म्गबमससमदबम) के रूप में पहचान बनाने हेतु बधाई दी। मुख्य अतिथि डॉ.गुहे ने अपने उदबोधन में कहा कि समन्वित कृषि में मछली पालन का बहुत बड़ा योगदान है तथा आय का एक उत्तम स्त्रोत है। उन्होने यह भी कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर मछली पालन क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है और विश्वविद्यालय के नाम को एक नई पहचान की ओर ले जा रहे है।
 इस प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए प्रशिक्षणार्थियों ने इस 5 दिवसीय उन्न्त मत्स्य बीज उत्पादन में जो प्रशिक्षण से सीखे उनके अनुभव सभी के साथ साझा किये और मत्स्य बीज उत्पादन को व्यवसाय के रूप में अपना कर अर्थिक स्वावलम्बी बनने का इच्छा जताई। अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को सहभागिता प्रमाण पत्र मुख्य अतिथि के द्वारा प्रदाय किये गये एवं डॉ. सौगत सासमल (प्रशिक्षण प्रभारी) ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए इस प्रशिक्षण का समापन किया।

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