ब्रेकिंग न्यूज़

मार्कशीट, स्थानांतरण प्रमाणपत्र में सुधार के लिए मजबूत ऑनलाइन सिस्टम विकसित करने की जरूरत

-मुख्य सचिवों का तृतीय राष्ट्रीय सम्मलेन के संबंध में स्कूल शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
 रायपुर / मुख्य सचिवों के तृतीय राष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन अक्टूबर-नवम्बर में आयोजित होना है। सम्मेलन का विषय जीवन जीने में सुगमता को बढ़ावा देना है जिसके तहत पांच उप विषयों की पहचान की गई है। पांच उप विषयों में से स्कूलिंग एक विषय है जिसका थीम है ‘‘प्रशासन और प्रौद्योगिकी के माध्यम से जीवन में सुगमता को बढ़ावा देना‘’। 
 नागरिकों के जीवन में सुगमता को बढ़ाने, योजनाओं तक पहुंच में सुविधा और सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का लक्ष्य है उच्चतम गुणवत्ता वाली शिक्षा, जिसकी सभी तक समान पहुंच हो। जीवन में सुगमता को बढ़ावा देने के लिये 8 क्षेत्रों की पहचान की गई है, जिसमें स्थानांतरण प्रमाणपत्र जारी करने, पुनः जारी करने, संशोधन में आसानी, प्रमाणपत्र, मार्कशीट का सत्यापन आसान बनाया जाना, पुनर्मूल्यांकन परीक्षा में सुधार, प्रवेश प्रक्रिया को आसान बनाने के लिये स्कूलों का संयोजन, आधार के लिए छात्रों के पंजीकरण में सुविधा, सभी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के लिए डिजीलॉकर के उपयोग का सर्वव्यापीकरण, स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की गुणवत्ता और सीखने के परिणामों में सुधार है।
 स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन की अध्यक्षता में इस विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन आज राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा के सभाकक्ष में किया गया। डॉ. भारतीदासन ने कार्यशाला में कहा कि विद्यार्थियों और अभिभावकों की सुविधा के लिये मार्कशीट, माइग्रेशन प्रमाणपत्र, स्थानांतरण प्रमाणपत्र, अंकसूची में सुधार के लिये एक मजबूत ऑनलाइन सिस्टम विकसित करने की आवश्यकता है, इससे विद्यार्थियों को परेशानी से मुक्ति मिलेगी। 
 सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल श्री व्ही. के. गोयल ने बताया कि कक्षा 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों के लिये मार्कशीट और प्रमाणपत्र सत्यापन की ऑनलाइन सुविधा है। विद्यार्थी प्रमाणपत्र और माइग्रेशन सर्टिफिकेट के लिये ऑनलाइन आवेदन कर सकते है तथा डाक के माध्यम से संबंधित विद्यार्थी के सर्टिफिकेट उनके घर के पता पर पहुंचाया जाता है। 
 प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा सुश्री इफ्फत आरा ने कहा कि बच्चों के आधार आईडी का होना आवश्यक है, ताकि शासन के द्वारा दी जा रही सुविधाओं, राशि का लाभ उन्हें मिल सके। बच्चों के सीखने की अधिगम क्षमता में सुधार के लिये ऑनलाइन सिस्टम की आवश्यकता है। परिणाम जल्दी प्राप्त होने की स्थिति में कमजोर विद्यार्थियों के लिये रेमेडियल शिक्षा दी जा सकेगी। अतिरिक्त प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा श्री कैलाश काबरा ने कहा कि शालाओं के संयोजन से विद्यार्थियों को होने वाली समस्या में कमी की जा सकती है, इससे बच्चों के ड्रॉपआउट होने में कमी आएगी। साथ ही स्कूलों के संयोजन से बच्चों को सीखने समझने में फायदा होगा। 
 इस विषय पर एम.आई.एस. के श्री शैलेन्द्र वर्मा द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया। कार्यशाला में ट्राइबल, एस.सी.ई.आर.टी., एनआईसी, चिप्स, जिला शिक्षा अधिकारी, एबीईओ, संकुल समन्वयक, शासकीय व अशासकीय शालाओं के प्राचार्य, केन्द्रीय विद्यालयों के प्राचार्य तथा अभिभावक के साथ-साथ समग्र शिक्षा के अधिकारियों ने भी अपने सुझाव दिये। इस पर एक कंसेप्ट नोट तैयार कर मुख्य सचिव को भेजा जायेगा।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english