दांतों की सही देखभाल के लिए अल्ट्रा साफ्ट ब्रश का ही उपयोग करें: डॉ. सराफ
-महाराष्ट्र मंडल में आयोजित स्वास्थ्य चिंतन शिविर में वरिष्ठजनों की शंकाओं का समाधान किया दंत रोग विशेषज्ञ ने
रायपुर। उम्र के एक पड़ाव के बाद लोग अपने शरीर की नियमित जांच कराते हैं, लेकिन दांतों की जांच कोई नहीं कराता। दांतों की सही देखभाल नहीं करने का नतीजा यह होता है कि समय के साथ दांतों में दर्द, झंझनाहट, मसूड़ों में दर्द, पस आना जैसी शिकायतें आती हैं। इसके बाद ही लोग डाक्टरों की पास पहुंचते हैं। उक्ताशय के विचार वरिष्ठ दंत चिकित्सक सीता मेमोरियल डेंटल क्लिनिक के दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र सराफ ने व्यक्त किए। वे महाराष्ट्र मंडल और वरिष्ठ नागरिक मंच ‘सहयोग’ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘स्वास्थ्य चिंतन शिविर’ में वरिष्ठ नागरिकों के समक्ष पीपीटी स्लाड्स के माध्यम से अपनी बात रख रहे थे।
डॉ. सराफ ने कहा कि कई बार लोग मेडिकल स्टोर्स से दवाई लेकर खुद ही खा लेते हैं। कुछ लोगों को ऐसी लापरवाही भारी भी पड़ती है। उन्होंने वरिष्ठ नागरिक मंच ‘सहयोग’ के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें हमेशा अल्ट्रा साफ्ट ब्रश का इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं कुछ भी खाने के बाद नियमित रूप से पानी जरूर पीना चाहिए, ताकि किसी भी खाद्य पदार्थ का कोई कण हमारे दांतों में न फंसा रहे। छह महीने में एक बार माउथवाश से कुल्ला जरूर करें। आमतौर पर लोगों को दांतों में सड़न, मसूड़ों से बदबू आना, मुंह सूखने की समस्या होती हैं। हड्डियां कमजोर होने के कारण हमारे दांतों में गेप आ जाता है। दांतों में गेप आने या दांत के टूट जाने के बाद उच्चारण में हमें समस्या होती है। लोग हमारी बातें अच्छे से समझ नहीं पाते हैं। इसलिए दांतों में दर्द होने पर डाक्टरों की सलाह जरूर लें।
डॉ. सराफ के अनुसार कुछ लोगों को यह मिथ्या होती है कि जिसका दांत ज्यादा सफेद है, उनके दांत ज्यादा स्वस्थ्य है। लेकिन ऐसा नहीं है। जिस तरह लोगों के रंग गोरे, सांवले होते हैं उसकी तरह दांतों का रंग भी कुदरती होते हैं। सभी के दांत पूरी तरह सफेद हो, ऐसा नहीं है। कुछ लोग ब्रश को रगड़कर या जोर लगाकर दांत साफ करते हैं, ऐसा भी नहीं चाहिए। दांतों की सफाई ऊपर से नीचे की ओर स्मूथली करना चाहिए। ब्रश करने के बाद मसूड़ों की मसाज उंगलियों से जरूर करें।










Leave A Comment