ब्रेकिंग न्यूज़

 चार साहिबजादों की शहादत सप्ताह पर छत्तीसगढ़ सिख समाज ने लगाया गरम दूध का लंगर

-धर्म और राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान की अमर गाथा को नमन
रायपुर   । धर्म, सत्य और राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने सर्वस्व का बलिदान देने वाले सिख गुरुओं की अमर परंपरा को स्मरण करते हुए चार साहिबजादों की शहादत सप्ताह के अवसर पर छत्तीसगढ़ सिख समाज द्वारा गरम दूध का लंगर लगाकर मानव सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया गया। यह लंगर केवल सेवा नहीं, बल्कि उन महान बलिदानों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने भारत की आत्मा को अक्षुण्ण रखने के लिए हँसते-हँसते प्राण न्यौछावर कर दिए।
 छत्तीसगढ़ सिख समाज के  प्रदेश अध्यक्ष सुखबीर सिंह सिंघोत्रा ने बताया कि शहादत सप्ताह के अंतर्गत लगाए गए इस गरम दूध के लंगर का लाभ हजारों नागरिकों ने लिया। लंगर वितरण के दौरान समाज के सेवादारों ने उपस्थित लोगों को सिख इतिहास की उस करुण, परंतु गौरवशाली गाथा से अवगत कराया, जब धर्म की रक्षा के लिए नन्हे साहिबजादों ने मृत्यु को भी पराजित कर दिया।
सेवादारों ने बताया कि दसवें गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादे—साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी—जब सरहिंद की ठंडी हवाओं में अपनी दादी माता गुजरी जी के साथ किले में बंद थे, तब मोतीराम मेहरा ने मानवता और देश-प्रेम की अद्वितीय मिसाल प्रस्तुत की। भारी ठंड में तीन दिनों तक पहरेदारों को रिश्वत देकर वह चोरी-छिपे बच्चों को गरम दूध पिलाते रहे। जब यह बात नवाब वजीर खान को ज्ञात हुई, तो मोतीराम मेहरा सहित उनके पूरे परिवार को कोल्हू में पिसवाकर निर्मम मृत्यु दे दी गई। यह इतिहास का ऐसा स्वर्णिम अध्याय है, जहाँ दूध पिलाने के अपराध में पूरे परिवार ने धर्म और मानवता के लिए बलिदान दे दिया।
इसी पावन स्मृति में सिख समाज द्वारा हर वर्ष शहादत सप्ताह के दौरान देश-विदेश में गरम दूध का लंगर लगाया जाता है, ताकि उन बलिदानों को नमन किया जा सके, जिन्होंने हमें धर्म, स्वाभिमान और देश-प्रेम का अर्थ सिखाया।
छत्तीसगढ़ सिख समाज के प्रदेश अध्यक्ष सुखबीर सिंह सिंघोत्रा ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी के चारों साहिबजादों और माता गुजरी जी का बलिदान केवल सिख समाज ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारतवर्ष के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने बताया कि 22 दिसंबर 1704 को चमकौर के मैदान में असंख्य मुगल सेना के सामने साहिबजादा अजीत सिंह जी और साहिबजादा जुझार सिंह जी ने धर्म और मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति प्राप्त की। वहीं 27 दिसंबर 1704 को सरहिंद में छोटे साहिबजादों को इस्लाम स्वीकार न करने पर दीवार में जीवित चुनवा दिया गया, पर उन्होंने अपने धर्म और देश की अस्मिता से समझौता नहीं किया।
शहादत सप्ताह के इस आयोजन में छत्तीसगढ़ सिख समाज के प्रदेश अध्यक्ष सुखबीर सिंह सिंघोत्रा, संरक्षक देवेंद्र सिंह सिब्बल सहित नरेंद्र सिंह हरगोत्रा, स्वर्ण सिंह चावला, कुलवंत सिंह खालसा, मनजीत सिंह भाटिया, जागीर सिंह बावा, देवेंद्र सिंह चावला, रणजीत सिंह खनूजा, अमृत सिंह सूर, जसप्रीत सिंह चावला, इंदर पाल सिंह गांधी, गुरमीत सिंह छाबड़ा, जसबीर सिंह, रोशनदीप सिंह भाटिया एवं जसरीत कौर भाटिया सहित अनेक सेवादारों ने गरम दूध के लंगर की सेवा कर चार साहिबजादों की शहादत की अमर गाथा जन-जन तक पहुँचाई।
यह आयोजन न केवल सेवा का माध्यम बना, बल्कि धर्म की रक्षा, राष्ट्र-प्रेम और बलिदान की उस ज्योति को प्रज्वलित करता रहा, जो सिख गुरुओं ने अपने रक्त से प्रज्वलित की थी।
चार साहिबजादों को शत-शत नमन।
धर्म और देश के लिए दिया गया यह बलिदान युगों-युगों तक भारत को प्रेरणा देता रहेगा।
 
 
 

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english