एम्स के सीसीयू में अब ईसीएमओ की अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं भी उपलब्ध
- हृदय, फेफड़ों और किडनी की गंभीर बीमारियों में प्रदान की जाती हैं ये सेवाएं
- बेमेतरा के 15 वर्षीय रोगी को ईसीएमओ की मदद से बचाया जा सका
रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स ) मध्य भारत के किसी सरकार चिकित्सा संस्थान में यह सेवाएं पहली बार प्रदान की जा रही हैं। ईसीएमओ में हृदय या किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित रोगियों को अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इसी प्रकार की एक समस्या से पीड़ित बेमेतरा के 15 वर्षीय रोगी को तीन डायलिसिस के बाद भी आराम नहीं मिल रहा था। इसे एम्स के क्रिटिकल केयर यूनिट में उपचार के लिए एडमिट किया गया था। यहां इसे ईसीएमओ की सेवाएं प्रदान की गई जिसके बाद रोगी की स्थिति स्थिर बनी हुई है। रोगी को जहरीले कीटनाशक के सेवन की वजह से हृदय और किडनी संबंधी कई दिक्कतें हो रही थी।
ईसीएमओ के अंतर्गत हृदय और किडनी संबंधी कार्य को मैकेनिकल विधि से किया जाता है। इस दौरान शरीर को घातक बीमारी से उबरने के लिए समय प्रदान किया जाता है। आमतौर पर सीसीयू में उपलब्ध चिकित्सा उपकरणों की अपेक्षा यह अत्याधुनिक चिकित्सा विधि है। मध्य भारत के किसी सरकारी चिकित्सा संस्थान में यह पहली बार एम्स में उपलब्ध कराई गई है।
निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने रोगी का उपचार करने वाली टीम में शामिल एनेस्थिसिया विभागाध्यक्ष प्रो. एन.के. अग्रवाल, डॉ. चिन्मय कुमार पंडा, डॉ. नितिन कश्यप, डॉ. प्रणय मेश्री, डॉ. विनय राठौर और डॉ. जितेंद्र कलबंडे को बधाई दी है। डॉ. पंडा ने बताया कि इस प्रकार के रोगियों के बचने की सिर्फ 30 प्रतिशत संभावना होती है। ऐसे में ईसीएमओ की सेवाएं समय पर प्रदान किया जाना अत्यावश्यक है।
टीम में डॉ. आदित्य, डॉ. प्रिया, डॉ. साईंनाथ, डॉ. भारत, डॉ. सुदीप, डॉ. हिमांशी, डॉ. संद्रा, डॉ. प्रीति, डॉ. सरवनी, नर्सिंग ऑफिसर महेश गोमे, जिबिन, गोविंद, सृष्टि, संतोष, इतिश्री और विजय शामिल थे।
Leave A Comment