रियासतकालीन परम्परा का निर्वहन करते हुए गरिमामय वातारण में मनाया जाएगा बस्तर गोंचा महापर्व
-बस्तर गोंचा महापर्व पर 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज एवं गोंचा महापर्व आयोजन समिति की प्रेसवार्ता
जगदलपुर। 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज द्वारा विगत् 616 वर्षों से रियासतकालीन परम्परा का निर्वहन करते हुए प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी विगत 04 जून से आगामी 28 जून तक बस्तर गोंचा महापर्व का आयोजन किया जा रहा है।
360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष ईश्वरनाथ खम्बारी एवं बस्तर गोंचा महापर्व आयोजन समिति के अध्यक्ष ललित पाण्डेन ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि विगत 04 जून को देवस्नान पूर्णिमा के अवसर पर चंदन जात्रा पूजा विधान के साथ बस्तर गोंचा महापर्व 2023 का आगाज हो चुका है। 05 जून से भगवान श्री श्री जगन्नाथ जी अनसर काल में चले गए जो आज 18 जून आषाढ़ माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक रहेंग। कल 19 जून को नेत्रोत्सव पूजा विधान उपरांत 20 जून को पारम्परिक बस्तर गोंचा का आयोजन होगा। बस्तर गोंचा महापर्व के अवसर पर तोप (तुपकी) के द्वारा भगवान को सलामी के साथ भगवान श्री जगन्नाथ, माता सुभद्रा व भगवान बलभद्र स्वामी के 22 विग्रहों को तीन रथों पर रथारूढ़ कर परिक्रमा पथ पर परिक्रमा उपरांत जनकपुरी (गुणिचा मण्डप) में विराजित किये जायेंगे। जहां पर 9 दिनों तक श्रद्धालु भगवान के दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे। इस दौरान निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार 20 से 28 जून तक प्रत्येक दिवस समाज के द्वारा विविध धार्मिक/सांस्कृतिक अनुष्ठान की परम्परा के निर्वहन की व्यवस्था भी की गई है।
गोंचा महापर्व के दौरान प्रत्येक दिवस संध्या 7:30 बजे भगवान की महाआरती उपरांत भजन-कीर्तन के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन होंगे, जिसमें स्थानीय एवं सांस्कृतिक मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों द्वारा भजन संध्या की प्रस्तुति होगी।
पत्रवर्ता में बताया कि गोंचा महापर्व के अवसर पर 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज द्वारा 23 जून को अखण्ड रामायण पाठ का आयोजन किया जायेगा। इसी दिवस नि:शुल्क उपनयन संस्कार समाज भी करवाया जावेगा। इसी तरह 24 जून 2023 को दोपहर में समाज के बुजुर्गो का सम्मान एवं भगवान श्री श्री जगन्नाथ को सलामी देने हेतु तुपकी बनाने वाले ग्रामीण निर्माताओं का भी सम्मानित किया जावेगा, और उसी दिन हेरापंचमी के अवसर पर संध्या बेला में श्री श्री जगन्नाथ मंदिर से लक्ष्मीजी की डोली नगर भ्रमण जनकपुरी सिरहासार पंहुचेंगी, जहां लक्ष्मी-नारायण संवाद का कार्यक्रम सम्पन्न होगा।
गोंचा महापर्व के अवसर पर आगामी 25 जून को गुण्डिचा मण्डप सिरहासार में भगवान श्री जगन्नाथ प्रभु को छप्पन भोग का अर्पण किया जावेगा। पत्रवार्ता में बताया कि शताब्दियों से रियासतकालीन परम्परानुसार भगवान श्री जगन्नाथ को अमनिया अर्थात् सात्विक शुद्ध भोग का अर्पण 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के 14 क्षेत्रीय समितियों में विभक्त 108 से अधिक ग्रामों में निवासरत् समाज के परिवारों द्वारा 21 जून से 27 जून तक प्रतिदिन भोग लगाने के पश्चात् श्रद्धालुओं को वितरण किया जायेगा। गोंचा महापर्व हेतु नवीन रथ निर्माण कार्य भी पूर्णता की ओर है। इस वर्ष विद्युत साज-सज्जा के साथ भव्य स्वरूप में रथ संचालन करने की व्यवस्था की जा रही है।
इसी कड़ी में आज प्रेस वार्ता के दौरान इस वर्ष बस्तर गोंचा को इलेक्ट्रॉनिक प्रचार प्रसार के माध्यम से देश विदेश तक पहुचाने के लिए गोंचा पर्व के दौरान प्रमुख कार्यक्रम को समाहित करते हुए ''आजी गोंचा तिहार राज बस्तरÓÓ नाम से हल्बी गीत का विमोचन भी किया गया। इसके गायक दिलीप पांडे, गायिकी कोमल साहू है।
28 जून को बाहुड़ा गौचा पूजा विधान के साथ भगवान श्री जगन्नाथ, माता सुभद्रा एवं बलभद्र स्वामी श्री मंदिर लौटेंगे, एवं कपाट फेड़ा पूजा विधान में माता लक्ष्मी एवं महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मध्य संवाद पश्चात् गर्भगृह में स्थापित किये जायेंगे इसके साथ ही 29 जून को देवशयनी एकादशी के साथ गोंचा महापर्व 2013 का परायण आगामी वर्ष के लिए होगा।
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