करण जौहर के व्यक्तित्व के अधिकारों की रक्षा वाली याचिका पर 17 सितंबर को फैसला सुनाएगा उच्च न्यायालय
नयी दिल्ली।. दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा की मांग करने वाली फिल्मकार करण जौहर की याचिका पर 17 सितंबर को आदेश पारित करेगा। यह याचिका न्यायमूर्ति मनमीत पी.एस. अरोड़ा के समक्ष सुनवाई के लिए पेश की गयी। न्यायमूर्ति ने कहा कि वह जौहर द्वारा उठाए गए कई मुद्दों पर आदेश पारित करेंगी, जिनमें उनके नाम और छवि के साथ माल की अनधिकृत बिक्री, असमानता और अश्लीलता, डोमेन नाम, प्रतिरूपण और फर्जी प्रोफाइल शामिल हैं। न्यायमूर्ति ने कहा, ‘‘ मैं आदेश पारित करूंगी और इसे बुधवार को सूचीबद्ध करूंगी।''
अपने व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा के अलावा, जौहर ने अदालत से यह भी आग्रह किया है कि वह कुछ वेबसाइटों और मंचों को निर्देश देने के लिए एक आदेश पारित करे कि वे उनके नाम और छवि वाले मग व टी-शर्ट सहित अन्य सामान की अवैध बिक्री न करें। फिल्मकार ने यह दावा करते हुए मुकदमा दायर किया कि विभिन्न संस्थाएं मौद्रिक लाभ के लिए उनकी सहमति के बिना उनके नाम, छवि, व्यक्तित्व और समानता का उपयोग कर रही हैं। जौहर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव ने कहा, ‘‘मुझे यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि कोई भी अनधिकृत रूप से मेरे व्यक्तित्व, चेहरे या आवाज का उपयोग न करे।'' प्रचार के अधिकार को व्यक्तित्व अधिकार के नाम से जाना जाता है। उसमें किसी की छवि, नाम या मिलते-जुलते व्यक्तित्व की रक्षा करने का अधिकार है।

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