ए आर रहमान की 'ले मस्क' का चेन्नई में आईजीडीसी 2025 में प्रदर्शन
चेन्नई. ऑस्कर विजेता संगीतकार ए आर रहमान की निर्देशित फिल्म ‘ले मस्क' को भारत में बुधवार को चेन्नई में इंडिया गेम डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस (आईजीडीसी) 2025 से प्रदर्शित करने की शुरुआत की गई। इसे दुनिया का पहला पूर्णतः एकीकृत बहु-संवेदी आभासी वास्तविकता (वीआर) सिनेमाई अनुभव बताया गया है।
मद्रास माइंडवर्क्स के सहयोग से एआरआर इमर्सिव एंटरटेनमेंट द्वारा प्रस्तुत यह परियोजना सिनेमा, संगीत और ‘इमर्सिव टेक्नोलॉजी' को एक अद्वितीय 37 मिनट के अनुभव में एक साथ लाती है, जो कई इंद्रियों - दृष्टि, ध्वनि, स्पर्श और गंध - को शामिल करती है। ‘इमर्सिव टेक्नोलॉजी'भौतिक और डिजिटल दुनिया के बीच की रेखाओं को धुंधला कर देती हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को फिल्म के उसी माहौल में होने का अहसास होता है। भारतीय दर्शकों के लिए इसका प्रदर्शन पांच से 7 नवंबर तक होगा और यह उन्हें रहमान की महत्वाकांक्षी रचना का अनुभव करने का एक दुर्लभ अवसर प्रदान करेगा जो कला और अत्याधुनिक वीआर नवाचार का मिश्रण है। रहमान ने इस फिल्म का निर्देशन और संगीत तैयार किया है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘ फिल्म ‘ले मस्क' केवल एक फिल्म नहीं है - यह एक ऐसी दुनिया है जो आपकी सभी इंद्रियों को अपने में समाहित कर लेती है। हमने कला, तकनीक और भावनाओं को एक साथ लाकर एक गहन व्यक्तिगत सिनेमाई अनुभव तैयार किया है। मुझे गर्व है कि भारतीय दर्शक अब आईजीडीसी में इस नवाचार का प्रत्यक्ष अनुभव कर सकते हैं।'' ‘ले मस्क' में फ्रांसीसी अभिनेत्री नोरा अर्नेजेडर ने जूलियट मर्डिनियन की भूमिका निभाई है, जो अपने माता-पिता के हत्यारों की गंध के आधार पर बदला लेने के लिए उनकी खोज करती है। दर्शक उसकी कहानी को विशेष रूप से डिज़ाइन की गई मोशन चेयर और सिंक्रोनाइज़्ड हैप्टिक और सेंट सिस्टम के माध्यम से अनुभव करते हैं जो भावनात्मक जुड़ाव को बढ़ाते हैं।


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