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  क्‍या केला और आलू क‍िडनी के ल‍िए हान‍िकारक होते हैं?

  पोटैश‍ियम हमारे शरीर के ल‍िए जरूरी है। ज‍िन लोगों को डायब‍िटीज या हाई बीपी की समस्‍या है, उन्‍हें क‍िडनी ड‍िजीज से बचने के ल‍िए पोटैशि‍यम र‍िच फूड्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है। पोटैश‍ियम र‍िच फूड्स का सेवन करने से स्‍ट्रोक से भी बचाव होता है। लेक‍िन कुछ लोग ऐसा मानते हैं क‍ि अगर आपको क‍िडनी से संबंध‍ित कोई समस्‍या है, तो केला खाना सेहत के ल‍िए हान‍िकारक हो सकता है। केला, आलू, स्‍वीट पोटैटो और पकी हुई पालक में पोटैश‍ियम की मात्रा ज्‍यादा होती है। ज‍िन लोगों को क‍िडनी संबंध‍ित समस्‍या होती है, उनके ल‍िए पोटैश‍ियम र‍िच फूड्स को पचाना मुश्‍क‍िल हो जाता है। अगर पोटैश‍ियम र‍िच फूड्स का ज्‍यादा सेवन करेंगे, तो शरीर में पोटैश‍ियम की मात्रा तेजी से बढ़ने लगेगी। क‍िडनी स्‍टेज 3, क‍िडनी स्‍टेज 4 के मरीज या जो मरीज डायल‍िस‍िस पर हैं, उनके शरीर में पोटैश‍ियम की मात्रा कभी-कभी जल्‍दी बढ़ जाती है। ऐसे में लोगों को अक्‍सर यह कंफ्यूजन रहता है क‍ि केला और आलू खाएं या नहीं। 
 क‍िडनी की समस्‍याओं से जूझ रहे कुछ लोगों के ल‍िए ज्‍यादा केला खाना हान‍िकारक हो सकता है। केले में कई पोषक तत्‍व मौजूद होते हैं। यह स्‍वास्‍थ्‍य के ल‍िए फायदेमंद फल है। केला खाने से इलेक्‍ट्रोलाइट का संतुलन बना रहता है और क‍िडनी ठीक ढंग से काम करती है। केले में फाइबर होता है, जो पाचन क्र‍िया को आसान बनाता है और क‍िडनी से विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। केला ऊर्जा का अच्‍छा स्रोत है जो क‍िडनी और अन्‍य अंगों की कार्यक्षमता में सुधार लाता है। लेक‍िन केला उच्‍च पोटैश‍ियम का स्रोत है। क‍िडनी रोग में डॉक्‍टर लो पोटैश‍ियम डाइट लेने की सलाह देते हैं। ऐसे में केले का अधिक सेवन उनके लिए हानिकारक हो सकता है। डायलिसिस और क्रॉन‍िक क‍िडनी रोग होने पर पोटैश‍ियम की मात्रा कम करनी होती है। इसल‍िए डाइट में क‍िसी भी तरह का बदलाव करने से पहले डॉक्‍टर से संपर्क करें। दवा और डाइट के आधार पर डॉक्‍टर बताएंगे क‍ि आपको डाइट में केला और आलू को शाम‍िल करना चाह‍िए या नहीं। 
 क्‍या आलू खाना क‍िडनी के ल‍िए हान‍िकारक है?-  
किडनी की समस्याओं वाले व्यक्तियों को आलू के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए। खासकर अगर उन्हें पोटैशियम के उच्च स्तर से बचना है। आलू में पोटैशियम की मात्रा को कम करने के लिए, आलू को छोटे टुकड़ों में काटकर पानी में भिगोकर रखें और फिर पकाकर खाएंगे, तो पोटैशियम की मात्रा कम हो सकती है। आलू का सेवन संतुलित मात्रा में और सही तरीके से किया जाए तो यह किडनी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन किडनी रोग से पीड़ित लोगों को अपने आहार में आलू शामिल करने से पहले डॉक्‍टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। आलू में फाइबर की भी अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को सुधारता है ज‍िससे  किडनी की समस्याओं से बचा जा सकता है लेक‍िन इसकी सीम‍ित मात्रा ही खानी चाह‍िए। 

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