संकट से जूझ रही बिजली वितरण कंपनियों को मिलेगी 90 हजार करोड़ रुपये की नकदी
नई दिल्ली। नकदी की भारी तंगी से जूझ रही बिजली वितरण कंपनियों को सहारा देते हुये सरकार ने बुधवार को कहा कि उनके बकाया के भुगतान के लिये 90 हजारहजार करोड़ रुपये तक की नकदी दो किस्तों में उपलब्ध कराई जायेगी।
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था का चक्र घुमाने के लिये बिजली वितरण कंपनियों का संकट दूर किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों को उनकी होने वाली लेनदारी के एवज में दो समान किस्तों में नकदी उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों पावर फाइनेंस कारपोर्रेशन (पीएफसी) और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) के जरिये यह राशि उपलब्ध कराई जायेगी। इससे वितरण कंपनियां, बिजली उत्पादन और पारेषण कंपनियों को उनके बकाये का भुगतान कर सकेंगी। विद्युत उत्पादन और पारेषण कंपनियां वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को कुछ छूट भी देंगी जिसका लाभ उन्हें ग्राहकों को भी देना होगा। बिजली वितरण कंपनियों का कई राज्यों पर काफी बकाया है। बिजली आपूर्ति का उन्हें समय पर पूरा भुगतान नहीं मिल पाता है। कोविड- 19 के दौरान लॉकडाउन से स्थिति और बिगड़ी है। ऐसे में उनपर बिजली उत्पादन कंपनियों की ओर से भुगतान का दबाव बढ़ता जा रहा है। इसी समस्या के निदान के लिये आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जारी पैकेज में उन्हें 90 हजार करोड़ रुपये तक की नकदी उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है। यह नकदी दो किस्तों में दी जायेगी।
पैकेज में यह भी कहा गया है कि केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रम और विद्युत उत्पादन कंपनियां बिजली वितरण कंपनियों को कुछ छूट भी देंगी लेकिन यह छूट इस शर्त पर दी जायेगी कि इसका लाभ कंपनियां अपने अंतिम ग्राहकों को उनके फिक्स्ड शुल्क में राहत के तौर पर उपवलब्ध करायेंगी।
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