रेलवे अधिकारियों का मूल्यांकन अब कनिष्ठ, समकक्ष भी करेंगे, नई प्रणाली लागू
नयी दिल्ली। आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के लिए लागू 360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली से प्रेरित होकर भारतीय रेलवे ने अब एक ऐसी प्रक्रिया शुरू की है जिसमें समकक्षों और अधीनस्थों को भी अपने रिपोर्टिंग अधिकारियों का मूल्यांकन करने की छूट होगी। रेलवे बोर्ड ने गत 18 अगस्त को जारी एक आदेश में कहा है कि उसने अपनी वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) तैयार करते समय अधिकारियों के बारे में ‘‘बहु-स्रोत'' फीडबैक लेने का निर्णय लिया है। इसका डेटाबेस तैयार करने के लिए स्पेरो प्रणाली में एक ऑनलाइन लिंक सक्रिय किया गया है जो एपीएआर 2022-2023 से प्रभावी होगा। रेलवे बोर्ड के इस आदेश के मुताबिक, ‘‘हरेक अधिकारी के लिए हर साल उसके रिपोर्टिंग प्राधिकारी और उसके सभी अधीनस्थों को एक लिंक भेजा जाएगा। उनसे मिले फीडबैक को अधिकारी के डेटा बेस में गुमनाम रूप से दर्ज किया जाएगा। इसमें यह नहीं पता लगाया जा सकेगा कि किस वरिष्ठ या अधीनस्थ ने क्या फीडबैक दिया है।'' इसके अलावा आदेश में सभी अधिकारियों से बिना किसी पूर्वाग्रह के निष्पक्ष टिप्पणी एवं ग्रेडिंग देने का अनुरोध किया गया है। यह पूरी प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। इस नयी मूल्यांकन प्रणाली को लेकर अधिकारियों के एक वर्ग का कहना है कि एपीएआर प्रणाली से न केवल भारतीय रेलवे में कार्य संस्कृति में बदलाव आएगा बल्कि कुछ अधिकारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) का रास्ता भी तैयार होगा। एक अधिकारी ने कहा कि इस एपीएआर के तहत करीब 20,000 अधिकारी जांच के दायरे में आएंगे।

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