गर्भधारण के 25 हफ्ते बाद जन्मे तीन बच्चों को अस्पताल से छुट्टी मिली
फरीदाबाद. हरियाणा के फरीदाबाद में एक महिला के आईवीएफ पद्धति से गर्भधारण करने के महज 25 हफ्ते बाद जन्मे उसके तीनों शिशुओं को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अस्पताल ने बृहस्पतिवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। बयान के मुताबिक, तीनों शिशुओं को 225 दिनों तक नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में रखने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और उन्हें न तो कोई संक्रमण है एवं न ही कोई अन्य स्वास्थ्य जटिलता। बयान के अनुसार, शिशुओं की मां ने कई वर्षों के इलाज के बाद आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) पद्धति से गर्भधारण किया था। इसमें कहा गया है कि महिला को स्वास्थ्य संबंधी कई जटिलताएं थीं और वह आगे कभी मां नहीं बन सकती है। बयान में कहा गया है, “तीनों बच्चियों का जन्म गर्भधारण के महज 25 हफ्तों के बाद हो गया और उनका संयुक्त वजन 2.5 किलोग्राम था। बच्चियों में स्वास्थ्य संबंधी कोई जटिलता नहीं है और उन्हें अमृता अस्पताल फरीदाबाद से छुट्टी दे दी गई है। इस मामले को समय-पूर्व प्रसव के मामलों में उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा रहा है।” अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय की 46 वर्षीय प्रोफेसर ज्योत्स्ना लंबे समय से बांझपन का इलाज करा रही थीं और उनके पास गर्भधारण करने का एक ही मौका था। प्रवक्ता के अनुसार, ज्योत्सना ने आईवीएफ से गर्भधारण किया और गर्भावस्था के दौरान वह मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी स्वास्थ्य जटिलताओं से जूझ रही थीं। उन्होंने बताया कि गर्भधारण के 25वें हफ्ते में ज्योत्सना को निमोनिया सहित कई अन्य संक्रमण की शिकायत हो गई, जिसके चलते उनकी आपात सर्जरी करनी पड़ी और उनकी कोख से तीन शिशुओं का जन्म हुआ। प्रवक्ता के मुताबिक, वरिष्ठ नवजात रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमंत शर्मा के नेतृत्व में छह चिकित्सकों और लगभग 20 एनआईसीयू नर्स की एक समर्पित टीम ने अलग-अलग पालियों में तीनों शिशुओं की लगातार देखभाल की, जिसकी बदौलत 225 दिन बाद उन्हें पूरी तरह से स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
Leave A Comment