सरकार 1,200 मेधावी छात्रों को मुफ्त लैपटॉप देगी, 175 स्कूलों में आईसीटी लैब स्थापित करेगी
नयी दिल्ली। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को 10वीं कक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने वाले 1,200 मेधावी विद्यार्थियों को मुफ्त आई7 लैपटॉप देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, सरकार द्वारा संचालित 175 स्कूलों में आईसीटी लैब स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने यह जानकारी दी। सूद ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ये ऐतिहासिक निर्णय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिए गए। मुख्यमंत्री डिजिटल शिक्षा योजना के तहत, दिल्ली सरकार के स्कूलों के उन छात्रों को आई7 लैपटॉप दिए जाएंगे, जिन्होंने दसवीं कक्षा की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। मंत्री ने कहा कि यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप उनकी भविष्य की डिजिटल शिक्षा आवश्यकताओं को पूरा करेगा। उन्होंने बताया कि इस योजना पर 8 करोड़ रुपये का व्यय होगा।
सूद ने पिछली आप सरकार के "शिक्षा में क्रांति" के दावे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 1,074 सरकारी स्कूलों में से किसी में भी कार्यात्मक कंप्यूटर लैब नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में चालू सत्र में 175 स्कूलों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। सूद ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के मापदंडों के अनुसार स्थापित प्रत्येक आईसीटी लैब में 40 कंप्यूटर होंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व योजना के तहत 100 सरकारी स्कूलों में 100 आईसीटी लैब स्थापित करने के लिए एक निजी संगठन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। सूद ने यह भी दावा किया कि आम आदमी पार्टी की पिछली सरकार ने स्कूलों में एक भी कंप्यूटर लैब स्थापित नहीं किए और सर्व शिक्षा अभियान के तहत बनी लैब को भी नहीं चला सकी। दिल्ली में आप सरकार के दौरान 2015 से 2019 तक 907 सरकारी स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र द्वारा उपलब्ध कराए गए धन से कंप्यूटर लैब स्थापित किए गए। हालांकि, सूद ने दावा किया कि ये सभी प्रयोगशालाएं अभी काम नहीं कर रही हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) ने सूद के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि उन्हें पिछली सरकार के बारे में "बार-बार शिकायत करने" की आदत हो गई है। पार्टी ने एक बयान में कहा, "यदि इस बयान में कोई दम है तो उन्हें (सूद को) एक और जांच का आदेश देना चाहिए तथा इस मामले को जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को भेजना चाहिए।
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