मिशन शक्ति का पांचवां चरण शुरू; महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तीकरण और आत्मनिर्भरता पर विशेष ध्यान
लखनऊ/ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मिशन शक्ति का पांचवां चरण 22 सितंबर से शुरू हो गया जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तीकरण और आत्मनिर्भरता को मजबूत करना है। आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी। एक बयान के मुताबिक, 21 अक्टूबर तक जारी रहने वाले इस चरण में सबसे ज्यादा ध्यान महिला सुरक्षा पर है। सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए विशेष हेल्पलाइन नंबर, महिला थाने और महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसमें कहा गया कि साथ ही पिंक बूथ और पेट्रोलिंग स्क्वॉड को और अधिक सशक्त किया जा रहा है, ताकि महिलाएं निर्भीक होकर समाज में अपनी भूमिका निभा सकें। मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी पद्मजा चौहान ने बताया कि पांचवें चरण में शिक्षा को महिलाओं के सशक्तीकरण का सबसे मजबूत हथियार माना गया है और इसी के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति योजनाओं और डिजिटल शिक्षा कार्यक्रमों को और विस्तार दिया जा रहा है।
चौहान ने कहा, ‘‘मिशन शक्ति के तहत ये कार्यक्रम उन्हें रोजगार और उद्यमिता के नए अवसरों से भी जोड़ेंगे।'' उन्होंने बताया कि महिला स्वास्थ्य को लेकर इस चरण में विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। स्वच्छता, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य पर आधारित कार्यशालाएं और स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं। खासकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से उपलब्ध कराने पर जोर है। मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी ने कहा, ‘‘मिशन शक्ति के पांचवें चरण में आत्मरक्षा, जीवन कौशल और नेतृत्व क्षमता पर केंद्रित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। स्कूलों, कॉलेजों और सामुदायिक केंद्रों पर आयोजित इन कार्यशालाओं का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाना है। आत्मरक्षा के विशेष प्रशिक्षण से महिलाएं खुद को और दूसरों को सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हो रही हैं। जीवन कौशल कार्यक्रम उन्हें वित्तीय प्रबंधन, स्वास्थ्य संबंधी निर्णय और सामाजिक दायित्वों में सक्रिय बनाएंगे।'' उन्होंने बताया कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए कड़े कानूनी कदम भी इस चरण में शामिल हैं। प्रत्येक जिले में विशेष निगरानी और त्वरित अदालतों को सक्रिय किया गया है ताकि अपराधियों को त्वरित सजा मिल सके। पुलिस प्रशासन को यह निर्देश दिए गए हैं कि महिला संबंधित मामलों को प्राथमिकता से निपटाया जाए। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि महिलाओं की गरिमा और अधिकारों से समझौता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


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