वर्ष 2024-25 में 300 से अधिक दिव्यांग बच्चों को गोद लिया गया: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
नयी दिल्ली. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में 313 दिव्यांग बच्चों को गोद लिया गया, जिनमें से 83 घरेलू और 230 अंतर-देशीय दत्तक ग्रहण थे। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब केंद्रीय दत्तक-ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए) ने राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण जागरूकता माह 2025 से पहले जागरूकता गतिविधियां शुरू की हैं। राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण जागरूकता माह आधिकारिक तौर पर नवंबर में मनाया जाता है, जिसका जोर दिव्यांग बच्चों को गोद लेने पर है। बयान में कहा गया है कि इस वर्ष अभियान का ध्यान दिव्यांग बच्चों के ‘‘गैर-संस्थागत पुनर्वास'' पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य गोद लेने को प्रोत्साहित करना, गलत धारणाओं को तोड़ना और गोद लेने से बच्चों और परिवारों को मिलने वाली खुशी को रेखांकित करना है। माईगव इंडिया के सहयोग से, सीएआरए ने एक राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन अभियान शुरू किया है, जिसमें पोस्टर बनाने की प्रतियोगिताएं, प्रतिज्ञा लेना, शुभंकर बनाना, माता-पिता और गोद लिए गए बच्चों द्वारा साझा की गई गोद लेने की कहानियां और गोद लेने की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए विचारों को प्रस्तुत करना शामिल है। गोद लिए गए बच्चों और घर का इंतजार कर रहे बच्चों के सम्मान में एक विशेष अभियान लोगो और हैशटैग ‘‘एवरीचाइल्डमैटर्स'' शुरू किया गया है। इसमें कहा गया है कि लद्दाख, असम, मिजोरम, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, मध्य प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए तैयार हैं।

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