प्रख्यात लोक कलाकार गोपीनाथ स्वैन का 107 साल की उम्र में निधन
ब्रह्मपुर. ओडिशा के लोकप्रिय लोकनृत्य ‘कृष्ण लीला' के प्रख्यात गायक और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित गोपीनाथ स्वैन का बृहस्पतिवार को गंजम जिले के गोविंदपुर में निधन हो गया। वह 107 साल के थे। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि स्वैन ने गोविंदपुर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वह उम्र संबंधी स्वास्थ्य जटिलताओं से जूझ रहे थे। स्वैन को कला जगत में उल्लेखनीय योगदान के लिए 2023 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और 2024 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वह स्थानीय स्तर पर ‘गुरु' के नाम से जाने जाते थे, क्योंकि उन्होंने क्षेत्र के कई लोगों को ‘कृष्ण लीला' का प्रशिक्षण दिया था। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक, परिवहन मंत्री विभूति भूषण जेना और कई नेताओं एवं कलाकारों ने स्वैन के निधन पर शोक जताया। माझी ने कहा कि स्वैन के निधन से ओडिशा ने एक प्रसिद्ध लोक कलाकार खो दिया है।
साल 1918 में जन्मे स्वैन ने अपने पिता के बड़े भाई से 10 वर्ष की उम्र में कृष्ण लीला सीखनी शुरू की थी। शुरुआत में, वह शास्त्रीय गीत गाते थे और कृष्ण की भूमिका निभाते थे। उम्र बढ़ने के साथ, उन्होंने इस लोक कला में कुछ अन्य भूमिकाएं निभाईं और फिर लोक नृत्य के मुख्य गायक-सह-निर्देशक बन गए। स्वैन ने गांव में एक अखाड़ा (पारंपरिक नृत्य विद्यालय) की स्थापना की, जहां उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के कई युवाओं को प्रशिक्षण दिया। उनके पोते अमित स्वैन ने बताया कि वृद्धावस्था के बावजूद वह अखाड़े में जाते थे और पारंपरिक वाद्य संगीत के साथ नियमित रूप से गीतों का अभ्यास करते थे। ओडिशा के परिवहन मंत्री जेना, गंजम के जिलाधिकारी कीर्ति वासन वी, पुलिस अधीक्षक (एसपी) शुभेंदु पात्रा और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति स्वैन को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके घर पहुंचे।


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