कांचीपुरम एकम्बरेश्वर मंदिर में 17 साल बाद आठ दिसंबर को होगी प्राण प्रतिष्ठा
चेन्नई. तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित 1,300 साल पुराने अरुलमिगु एकम्बरनाथर मंदिर में 17 साल बाद आठ दिसंबर को फिर से पूजा शुरू होगी। मंदिर के एक पदाधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि तमिलनाडु सरकार के हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ निधि (एचआर एंड सीई) विभाग द्वारा प्रबंधित इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ निधि मंत्री पीके शेखर बाबू ने 12 अक्टूबर को इस तिथि की आधिकारिक घोषणा की थी। हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ निधि (एचआर एंड सीई) विभाग मंदिर के रखरखाव और प्रशासन के लिए जिम्मेदार है। मानव संसाधन एवं संवर्द्धन विभाग की कार्यकारी अधिकारी मुथुलक्ष्मी पी. ने बताया कि आमतौर पर हर 12 साल में मंदिरों में प्राण-प्रतिष्ठा होती है। मुथुलक्ष्मी ने कहा, “लेकिन एकम्बरनाथर मंदिर के मामले में हमें लगभग जीर्णोद्धार से जुड़े 34 कार्य करने थे। चूंकि मंदिर 1000 साल से भी ज्यादा पुराना है, इसलिए जीर्णोद्धार कार्य कैसे किया जाना चाहिए, इस बारे में कुछ शर्तें हैं। यह एक लंबी प्रक्रिया है और अभी भी कुछ काम बाकी है। आठ दिसंबर तक हम यह सब पूरा कर लेंगे।” उन्होंने बताया कि इन जीर्णोद्धार कार्यों पर मंदिर को 28 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर पल्लव, चोल और विजयनगर साम्राज्य जैसे राजवंशों के योगदान से कई सदियों में निर्मित हुआ था। यह मंदिर अपनी प्रभावशाली वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें भारत के सबसे ऊंचे प्रवेश द्वार भी शामिल हैं।









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