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दिल्ली एम्स जनसंपर्क और सोशल मीडिया प्रबंधन के लिए करेगी एजेंसी नियुक्त

 नयी दिल्ली. दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अपने जनसंपर्क और सोशल मीडिया प्रबंधन के लिए पहली बार एक बाहरी एजेंसी को नियुक्त करने का फैसला किया है। संस्थान ने एक आधिकारिक आदेश में कहा कि एजेंसी को एम्स दिल्ली में “अभिलेखागार संग्रहालय” के अवस्थापन और रखरखाव में सहयोग की जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी। यह आदेश 14 अक्टूबर को जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि एजेंसी की नियुक्ति के लिए निविदा सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल पर जारी की जाएगी और नियुक्ति प्रक्रिया 31 दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। आदेश में कहा गया है, ‘‘पारंपरिक एवं डिजिटल मंच के माध्यम से संस्थागत संचार को मजबूत करने, जन सहभागिता बढ़ाने और विश्वसनीय जानकारी का प्रभावी प्रसार सुनिश्चित करने की जरूरत के लिहाज से यह निर्णय लिया गया है कि दिल्ली एम्स में व्यापक जनसंपर्क तथा सोशल मीडिया प्रबंधन सेवाओं के लिए एक विशेष एजेंसी की नियुक्ति की जाए।'' आदेश के मुताबिक, एजेंसी मीडिया संबंधों, प्रेस विज्ञप्तियों और सार्वजनिक सूचना अभियानों को “तैयार करने और क्रियान्वित करने” के लिए संस्थान के मीडिया प्रकोष्ठ के साथ समन्वय करेगी। आदेश के अनुसार, एजेंसी सभी प्रमुख सोशल मीडिया मंचों पर संस्थान की उपस्थिति का प्रबंधन करेगी और दिल्ली एम्स के बारे में डिजिटल भावनाओं की निगरानी करते हुए ‘उच्च-गुणवत्ता, समयबद्ध सामग्री एवं सक्रिय सहभागिता' सुनिश्चित करेगी। आदेश में कहा गया है कि एजेंसी नियमित अपडेट के अलावा, प्रमुख संस्थागत घोषणाओं, संकट संचार सहायता और जन स्वास्थ्य सलाह का भी समन्वय करेगी। संस्थान ने अपने आदेश में कहा कि एजेंसी सभी मीडिया और संचार गतिविधियों का विश्लेषण एवं प्रभावी आकलन भी करेगी। एम्स ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग तथा राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ), क्यूएस रैंकिंग आदि जैसे सर्वेक्षणों के लिए समय पर एवं संगठित तरीके से डेटा उपलब्ध कराने के महत्व को स्वीकार किया है। उसने कहा कि विविध स्रोतों से एकत्रित डेटा की सटीकता और सही प्रारूप का अनुपालन भी महत्वपूर्ण है।

 
संस्थान ने कहा, ‘‘हालांकि, एम्स के अध्यापक और अधिकारी उपयुक्त डेटा के संग्रह में मार्गदर्शन कर सकते हैं, लेकिन वे आमतौर पर अपने नियमित कार्यों में अत्यधिक व्यस्त रहते हैं, जिसके कारण डेटा जमा करने की समय-सीमा अक्सर चूक जाती है।'' एम्स ने कहा कि इसलिए एजेंसी आवश्यकतानुसार इन गतिविधियों के लिए डेटा संग्रह और मिलान में सहायता और समन्वय करेगी।

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