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लद्दाख के प्रतिनिधि 22 अक्टूबर को दिल्ली में गृह मंत्रालय के साथ वार्ता करेंगे

लेह/ लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे लकरुक ने रविवार को कहा कि लद्दाख के प्रतिनिधियों ने 22 अक्टूबर को दिल्ली में उप-समिति के साथ बैठक के लिए गृह मंत्रालय का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। इससे केंद्र के साथ बातचीत को लेकर महीनों से जारी गतिरोध समाप्त हो गया है।
 लकरुक ने यहां संवाददाताओं को बताया कि एलएबी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के तीन-तीन प्रतिनिधि, लद्दाख के सांसद मोहम्मद हनीफा जान और उनके वकील वार्ता में हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि वार्ता के दौरान संविधान की छठी अनुसूची के तहत केंद्र शासित प्रदेश के लिए राज्य का दर्जा और सुरक्षा उपायों की उनकी प्राथमिक मांग पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा। एलएबी ने 29 सितंबर को घोषणा की थी कि वह 24 सितंबर को लेह में व्यापक हिंसा के दौरान चार प्रदर्शनकारियों के मारे जाने और कई अन्य के घायल होने के बाद छह अक्टूबर को होने वाली गृह मंत्रालय की उच्चाधिकार प्राप्त समिति के साथ वार्ता से दूर रहेगी। लगभग चार महीने की देरी के बाद, केंद्र ने 20 सितंबर को एलएबी और केडीए को निमंत्रण दिया था, जो अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं और केंद्र के साथ बातचीत कर रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच वार्ता का अंतिम दौर मई में हुआ था।
 लकरुक ने कहा, गृह मंत्रालय ने हमें सूचित किया है कि उप-समिति की बैठक 22 अक्टूबर को निर्धारित है और एलएबी तथा केडीए दोनों को इसमें आमंत्रित किया गया है। हम भारत सरकार द्वारा हमें आमंत्रित करने के निर्णय का स्वागत करते हैं और वार्ता के सकारात्मक परिणाम की उम्मीद करते हैं।'' लेह में 24 सितंबर को तब व्यापक हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे, जब लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांगों पर केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए एलएबी द्वारा बंद का आह्वान किया गया था। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़पों में चार लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे, जबकि दंगों में कथित संलिप्तता के लिए 70 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था। आंदोलन का मुख्य चेहरा, कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को भी कठोर एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया था।  एनएसए के तहत अधिकतम हिरासत अवधि 12 महीने है, हालांकि इसे पहले भी रद्द किया जा सकता है।
 एलएबी ने चार व्यक्तियों की मौत की न्यायिक जांच, सभी हिरासत में लिए गए व्यक्तियों की रिहाई और हिंसा के पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा देने समेत अनुकूल माहौल बनाने की मांग की है। केंद्र ने शुक्रवार को 24 सितंबर की झड़पों की उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक जांच की घोषणा की, जिससे आंदोलनकारी समूहों की प्रमुख मांग पूरी हो गई। वार्ता के नए दौर में सार्थक नतीजा मिलने का विश्वास व्यक्त करते हुए लकरुक ने कहा कि शीर्ष निकाय के अध्यक्ष और पूर्व सांसद थुपस्तान छेवांग उनके प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे, जबकि केडीए का नेतृत्व सह-अध्यक्ष कमर अली अखून और असगर अली करबलाई तथा प्रमुख सदस्य सज्जाद करगली करेंगे। लकरुक ने कहा कि वह, अंजुमन इमामिया के अध्यक्ष अशरफ अली बरचा और एलएबी के कानूनी सलाहकार भी लद्दाख के सांसद के साथ वार्ता में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि यह वार्ता गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति के साथ अगले दौर की चर्चा का मार्ग प्रशस्त करेगी। 

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