भारतीय कुत्तों को पहली बार हेलीकॉप्टर से नीचे उतरने और रिवर राफ्टिंग के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा
नयी दिल्ली. मुधोल हाउंड और रामपुर हाउंड जैसे भारतीय नस्ल के कुत्तों को पहली बार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रशिक्षकों द्वारा हेलीकॉप्टर से नीचे उतरने और ‘रिवर राफ्टिंग' जैसे उच्च जोखिम वाले कमांडो अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। यह पहला अभ्यास सीमा बल के टेकनपुर (मध्यप्रदेश) स्थित ‘नेशनल ट्रेनिंग सेंटर फॉर डॉग्स' (एनटीसीडी) द्वारा शुरू किया गया। पिछले कुछ वर्ष में सूंघने और चीजों का पता लगाने के काम में इन कुत्तों की उपयोगिता को लेकर ‘बहुत सकारात्मक' प्रतिक्रिया और परिणाम मिले हैं, जिसके बाद यह अभ्यास किया गया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “भारतीय नस्ल के लगभग एक दर्जन कुत्तों को पहली बार उनके संचालकों के साथ खतरनाक कमांडो अभियानों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। जब कमांडो हवाई मार्ग से युद्ध क्षेत्र में तैनात किए जाएंगे, तो वे हेलीकॉप्टर से नीचे उतरेंगे।” उन्होंने बताया, “इन कुत्तों को रिवर राफ्टिंग और विशेष अभियान इकाई के जवानों के साथ आतंकवादियों को ठिकाने से खदेड़ने के लिए हमले करने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।” अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड के देहरादून में बीएसएफ का एक विशेष संस्थान राज्य से होकर बहने वाली गंगा नदी के उफनते पानी में ‘रिवर राफ्टिंग' के लिए कुत्तों को प्रशिक्षित कर रहा है जबकि एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर को भी इस अभियान के लिए तैनात किया गया है, जहां कमांडो एक मजबूत रस्सी के सहारे हेलीकॉप्टर से नीचे जमीन पर उतरते हैं। कुत्ते को सुरक्षा उपकरणों की मदद से कमांडो की पीठ पर सुरक्षित रूप से बांधा जाता है और जैसे ही ‘हैंडलर' उसे हमला करने का निर्देश देता है, कुत्ता तुरंत हरकत में आ जाता है। अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) एकमात्र ऐसा सुरक्षा संगठन है, जिसने हेलीकॉप्टर से उतरने वाले कुत्तों को प्रशिक्षित किया है लेकिन ये भारतीय नस्ल के नहीं बल्कि बेल्जियन मालिनोइस नस्ल के हैं।


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