हरित और स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए सामूहिक चेतना की जरूरत: बिरला
नयी दिल्ली. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पर्यावरण संरक्षण के लिए नए संकल्प की आवश्यकता पर बल देते हुए शनिवार को कहा कि एक स्वच्छ, हरित और स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए सामूहिक चेतना और ज़िम्मेदारी से जीवन जीना आवश्यक है। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, बिरला ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भारतीय परंपराओं, धर्मग्रंथों और लोक कथाओं में मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य पर ज़ोर दिया गया है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि भारत में बच्चों को बचपन से ही प्रकृति के साथ तालमेल रखना सिखाया जाता है, जो पर्यावरण चेतना और भारतीय जीवनशैली के बीच स्थायी सांस्कृतिक और नैतिक संबंध को दर्शाता है। बिरला ने कहा कि मानवीय गतिविधियां पारिस्थितिकी असंतुलन का प्रमुख कारण रही हैं।
कोविड-19 महामारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जब मानवीय गतिविधियां रुकीं, तो प्रकृति ने स्वयं को स्वस्थ करना शुरू कर दिया - नदियां स्वच्छ हो गईं, वायु की गुणवत्ता में सुधार हुआ और वनों में जीवन फलने-फूलने लगा। उन्होंने कहा कि यह इस बात का स्मरण कराता है कि सतत जीवन कितना आवश्यक है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक राष्ट्र के रूप में भारत को भावी पीढ़ियों के लिए पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए नवसंकल्प के साथ एकजुट होना चाहिए।'' लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक नागरिक की यह ज़िम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि प्रगति और स्थिरता साथ-साथ चलें। उन्होंने कहा कि एक स्वच्छ, हरित और स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए सामूहिक चेतना और ज़िम्मेदारी से जीवन जीना आवश्यक है।


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