आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी, रंजना देसाई करेंगी अध्यक्षता
नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को आठवें वेतन आयोग के गठन से संबंधित नियमों एवं शर्तों को मंजूरी दे दी। आयोग की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई करेंगी। आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन एवं पेंशन ढांचे में बदलाव एक जनवरी, 2026 से प्रभावी हो जाने का अनुमान है। वेतन आयोग की सिफारिशों से लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और 69 लाख पेंशनधारक लाभान्वित होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आठवें वेतन आयोग के गठन से संबंधित नियमों एवं शर्तों को मंजूरी दी गई। सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को इस फैसले की जानकारी दी। वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और अन्य सुविधाओं में संशोधन संबंधी सिफारिशें करेगा। आयोग को अपने गठन की तारीख से 18 माह के भीतर अंतिम रिपोर्ट और उससे पहले अंतरिम रिपोर्ट पेश करनी होगी। मंत्रिमंडल का यह निर्णय आयोग को स्थापित करने की जनवरी, 2025 में दी गई सैद्धांतिक मंजूरी के नौ माह बाद आया है। यह फैसला बिहार विधानसभा के लिए छह एवं 11 नवंबर को होने वाले मतदान के ऐन पहले लिया गया है। मंत्रिमंडल ने न्यायमूर्ति देसाई को आयोग का प्रमुख बनाने के साथ भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम), बेंगलूर के प्रोफेसर पुलक घोष को अंशकालिक सदस्य और पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन को सदस्य-सचिव बनाने का भी फैसला किया। न्यायमूर्ति देसाई इस समय भारतीय प्रेस परिषद की चेयरमैन हैं। इससे पहले वह जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग और उत्तराखंड समान नागरिक संहिता की मसौदा समिति की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। उच्चतम न्यायालय से सेवानिवृत्ति के बाद यह उनका चौथा प्रमुख कार्यभार होगा। वैष्णव ने आयोग की सिफारिशें लागू होने की तारीख के बारे में पूछे जाने पर कहा, “इसकी विशिष्ट तिथि अंतरिम रिपोर्ट आने के बाद ही तय की जाएगी, लेकिन ज्यादा संभावना है कि यह एक जनवरी, 2026 से प्रभावी हो जाएगी।” आमतौर पर हर 10 वर्ष के अंतराल पर केंद्रीय कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जाती हैं। इस परिपाटी को देखते हुए आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के भी जनवरी, 2026 से लागू किए जाने की संभावना है। सातवां वेतन आयोग फरवरी, 2014 में गठित हुआ था और उसकी सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू की गई थीं।
केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन की क्रय शक्ति में महंगाई के कारण होने वाली गिरावट की भरपाई के लिए उनके महंगाई भत्ते में हर छह महीने पर बढ़ोतरी की जाती है। इसी के अनुरूप बदलाव सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दी जाने वाली महंगाई राहत में भी किया जाता है। इसके अलावा राज्यों में भी सरकारें अपने कर्मचारियों एवं पेंशनधारकों के लिए केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर बदलाव करती हैं।


.jpg)






.jpg)
Leave A Comment