नौरादेही अभयारण्य बनेगा चीतों का तीसरा घर, अफ्रीका से चीते लाकर छोड़ेंगे : मोहन यादव
खंडवा । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में कूनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधीसागर अभयारण्य के बाद नौरादेही अभयारण्य चीतों का तीसरा घर बनेगा। यादव ने कहा कि अफ्रीका के नामीबिया से चीते लाकर नौरादेही अभयारण्य में छोड़े जाएंगे।
यादव ने नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर बांध के 'बैकवॉटर' (बांध की दीवार से टकराकर लौटने वाले पानी) में छह मगरमच्छ छोड़े जिनमें चार मादा और दो नर शामिल हैं। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने विधि-विधान से नर्मदा नदी की पूजा-अर्चना की। अधिकारियों ने बताया कि वन्यजीव संरक्षण कार्यक्रम के तहत छह मगरमच्छों को भोपाल के वन विहार से लाकर इस बांध के 'बैकवॉटर' में छोड़ा गया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार अलग-अलग वन्य जीवों को संरक्षित करने के लिए लगातार कदम उठा रही है। उन्होंने कहा,‘‘चीता एक समय पूरे एशिया से गायब हो गया था। हमने कूनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को बसाया है। कुछ समय बाद नौरादेही में एक और चीता अभयारण्य बनने वाला है। अफ्रीका के नामीबिया से चीते लाकर वहां (नौरादेही) भी छोड़े जाएंगे।'' मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में घड़ियालों के संरक्षण का अभियान भी जारी है। उन्होंने बताया, ‘‘असम ने हमसे घड़ियाल मांगे हैं। हम असम तक अपने घड़ियाल पहुंचाने वाले हैं।'' यादव ने यह भी कहा कि ओंकारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना के बारे में बहुत जल्द औपचारिक घोषणा की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि वन विभाग के अफसरों ने राज्य के पश्चिमी हिस्से में प्रस्तावित इस अभयारण्य को लेकर मुख्यमंत्री के सामने विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने योजना के हवाले से बताया कि ओंकारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य खंडवा और देवास जिलों के कुल 61,407 हेक्टेयर इलाके में फैला होगा।

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