रेलवे ने पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को मंजूरी देते समय साज-सज्जा संबंधी समस्याओं पर चिंता जताई
नयी दिल्ली । रेल मंत्रालय ने देश की पहली 16 डिब्बों वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के संचालन की अनुमति देते हुए ट्रेन में साज-सज्जा और कारीगरी से जुड़ी समस्याओं पर चिंता जताई है। रेलवे बोर्ड ने अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के महानिदेशक और सभी रेलवे जोन के महाप्रबंधकों को संबोधित करते हुए हाल ही में एक लिखित पत्र में इन समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया। बोर्ड ने कहा, “ट्रेन में कई जगहों पर साज-सज्जा और कारीगरी से जुड़ी समस्याएं हैं, जैसे सीट के आस-पास के हिस्से में नुकीले किनारे व कोने, खिड़की के पर्दे के हैंडल, बर्थ कनेक्टर के बीच पिजन पॉकेट, जिससे सफाई में समस्या आ रही है।” पत्र में बताया गया कि वर्तमान रेक में आवश्यक सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता है और भविष्य में बनने वाली डिब्बों की रेकों के लिए आवश्यक डिजाइन सुधारों की भी आवश्यकता है। मंत्रालय के पत्र में जोनों को निर्देश दिया गया कि वे अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति तक के संचालन के लिए आरडीएसओ द्वारा निर्धारित सभी शर्तों का पालन करें। अधिकारियों ने स्वीकृति प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हुए जानकारी दी कि आरडीएसओ द्वारा किसी भी नई डिजाइन की गई ट्रेन के लिए मुख्य रेल सुरक्षा आयुक्त (सीसीआरएस) से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद परिचालन शुरू करने की स्वीकृति के लिए रेल मंत्रालय के पास भेजा जाता है। अधिकारियों ने बताया, “परीक्षण के दौरान मुख्य रेल सुरक्षा आयुक्त अनुपालन के लिए आरडीएसओ को अपनी टिप्पणियां भेजता है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के मामले में आरडीएसओ ने एक सितंबर, 2025 को अपना अद्यतन अनुपालन भेजा था।”
उन्होंने बताया कि मंत्रालय का 28 अक्टूबर का पत्र सभी जोन को भेज दिया गया क्योंकि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का रूट अब तक तय नहीं हुआ है। मंत्रालय ने अग्नि सुरक्षा उपायों, कवच 4.0 लगाने, लोको पायलट, ट्रेन प्रबंधक और संबंधित स्टेशन मास्टर के बीच उपयुक्त एवं विश्वसनीय संचार प्रणाली का प्रावधान, सभी प्रकार के ब्रेक सिस्टम का उचित रखरखाव आदि जैसे कुछ मुद्दों के अनुपालन की बात दोहराई है। मंत्रालय ने सभी जोन से कहा कि वे लोको पायलटों को आपात स्थिति में 15 मिनट के भीतर सेमी-परमानेंट कपलर को अलग करने का प्रशिक्षण दें और इस कार्य के लिए आवश्यक उपकरणों को चालक/गार्ड टूल किट का हिस्सा बनाया जाए। मंत्रालय ने बताया, “वातावरण की स्थिति और दरवाजों के बार-बार खुलने व बंद होने के मद्देनजर यात्रियों को आरामदायक स्थिति सुनिश्चित करने के लिए डिब्बों के अंदर तापमान का उचित स्तर बनाए रखा जाए।” मंत्रालय के मुताबिक, रास्ते में आने वाली तकनीकी समस्याओं और आपात स्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारियों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। मंत्रालय ने पत्र में कहा, “पीए सिस्टम के माध्यम से नियमित घोषणाएं की जाएंगी, जिसमें यात्रियों के अलावा अन्य सभी व्यक्तियों को ट्रेन के प्रस्थान से पहले ट्रेन से उतरने की सूचना दी जाएगी। साथ ही, यात्रा के दौरान यात्रियों को व्यक्तिगत सुरक्षा मानदंडों के बारे में जागरूक करने के लिए तीन भाषाओं (क्षेत्रीय, हिंदी और अंग्रेजी) में पूर्व-रिकॉर्ड की गई यात्री सुरक्षा घोषणाएं भी की जानी चाहिए।” मंत्रालय ने सभी जोन को वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट के रखरखाव के लिए योग्य और समर्पित कर्मचारियों को तैनात करने के साथ-साथ इसके रखरखाव के लिए आवश्यक पुर्जों व उपभोग्य सामग्रियों की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।

.jpg)
.jpg)






.jpg)
Leave A Comment