पूर्वोत्तर बन रहा भारत-फ्रांस सहयोग का नया केंद्र: ज्योतिरादित्य सिंधिया
नई दिल्ली। केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को इंडो-फ्रेंच नॉर्थ-ईस्ट इन्वेस्टमेंट फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर भारत तेजी से भारत और फ्रांस के सहयोग का नया केंद्र बन रहा है। उन्होंने इस फोरम को दृष्टि और निवेश को जोड़ने वाला एक “पुल” बताया और कहा कि भारत और फ्रांस का रिश्ता सिर्फ समझौतों नहीं, बल्कि आपसी विश्वास पर आधारित है।
सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत और फ्रांस के रिश्ते दुनिया की सबसे मजबूत रणनीतिक साझेदारियों में शामिल हो चुके हैं, जहां रणनीति के साथ भावनाएं और नवाचार के साथ सबको साथ लेने का दृष्टिकोण दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि रक्षा, अंतरिक्ष, स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल तकनीक और टिकाऊ शहरों के निर्माण जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों का सहयोग लगातार आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में हुई कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों का उल्लेख किया। इनमें 2015 में पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद द्वारा शुरू किया गया इंटरनेशनल सोलर अलायंस, स्मार्ट सिटी और शहरी विकास में सहयोग, राफेल विमान सौदा जो आत्मनिर्भर भारत की सोच से जुड़ा है, और 2024 में पेरिस के आइफिल टॉवर पर यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की शुरुआत शामिल हैं, जिसने भारत की फिनटेक क्रांति को यूरोप तक पहुंचाया।
सिंधिया ने कहा कि अब वही रोशनी पूर्वोत्तर भारत की ओर बढ़ रही है, जिसे पहले ‘लैंड-लॉक्ड’ कहा जाता था, लेकिन अब वह ‘लैंड-लिंक्ड और फ्यूचर रेडी’ बन गया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की 10 प्रतिशत GBS फंडिंग के तहत अब तक पूर्वोत्तर क्षेत्र में 6.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जा चुका है। इसके तहत लगभग 6,500 किलोमीटर नई सड़कें बनाई गई हैं, 900 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण हुआ है, 17 हवाई अड्डे शुरू किए गए हैं और भारतनेट परियोजना के माध्यम से लगभग 96 प्रतिशत गांवों को इंटरनेट से जोड़ा गया है।
सिंधिया ने यह भी बताया कि कई बड़ी फ्रेंच कंपनियां पहले से ही पूर्वोत्तर के विकास में भूमिका निभा रही हैं। इनमें टोटल एनर्जीज, एयरबस, डसॉल्ट सिस्टम्स, डेकाथलॉन और पोमा जैसी कंपनियां शामिल हैं, जो हरित ऊर्जा, विमानन, डिजाइन नवाचार, रिटेल और सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट जैसे क्षेत्रों में काम कर रही हैं।


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