ईडी और आईबीबीआई ने ठगे गए घर खरीदारों, बैंकों को संपत्ति वापस दिलाने के लिए नए मानक बनाए
नयी दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि धन शोधन निरोधक कानून के तहत ईडी द्वारा कुर्क की गई दिवालिया कंपनियों और उनके प्रवर्तकों की संपत्तियां अब पीड़ित पक्षों जैसे बैंकों या घर खरीदारों को वापस कर दी जाएंगी। इसके लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया गया है। भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने इस संबंध में चार नवंबर को एक परिपत्र जारी किया। यह कदम ईडी और आईबीबीआई के अधिकारियों के बीच हुई ‘‘कई दौर'' की समन्वय बैठकों के बाद उठाया गया है। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि अब से दिवाला पेशेवर विशेष धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष एक मानक शपथपत्र दाखिल करेंगे, ताकि ईडी द्वारा जब्त संपत्तियों को मुक्त कर प्रभावित पक्षों को लौटाया जा सके।
अब तक कई मामलों में दिवालिया कंपनियों की संपत्तियां पीएमएलए के तहत जब्त थीं, जिससे उन्हें दिवाला समाधान प्रक्रिया में उपयोग करना कठिन था। इसे ध्यान में रखते हुए ईडी और आईबीबीआई ने एक मानक तंत्र तैयार किया है, जिसके तहत जब्त संपत्तियों की बहाली की जा सकेगी। ईडी के अनुसार, यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि बहाल की गई संपत्तियों का उपयोग केवल ऋणदाताओं के हित में हो, किसी भी स्थिति में आरोपी या प्रवर्तक को कोई लाभ न मिले और पूरी प्रक्रिया के दौरान पारदर्शिता व अनुपालन बना रहे। ईडी ने कहा कि इस कदम से दिवाला समाधान प्रक्रिया में तेजी आएगी और अदालतों में लंबित कई मुकदमों का निपटारा भी सरल होगा।


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