यूनेस्को की महत्वपूर्ण बैठक के बीच लालकिले में ‘शाहजहां' की वापसी
नयी दिल्ली. दिल्ली का ऐतिहासिक लालकिला अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा पर यूनेस्को की मौजूदा महत्वपूर्ण बैठक की मेजबानी कर रहा है और ऐन मौके पर ‘शाहजहां' प्रतिनिधियों का स्वागत करने के लिए इस मुगलकालीन महल परिसर में ‘वापस' आ गए हैं। दरअसल, हम बादशाह शाहजहां के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि पुराने विमान बोइंग 747 - जंबो जेट के आकर्षक मॉडल के बारे में बात कर रहे हैं, जिसका नाम उनके नाम पर रखा गया है। यह विमान कभी एअर इंडिया के प्रतिष्ठित ‘महाराजा' बेड़े का हिस्सा था। इसे ब्रिटिशकालीन बैरक के सामने प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है, जिसमें एक नयी दीर्घा है। इस दीर्घा में एअर इंडिया के 'महाराजा संग्रह' से ली गई कुछ अमूल्य कलाकृतियां और वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। भारत में पहली बार आयोजित हो रहे यूनेस्को सम्मेलन के उपलक्ष्य में दो पुरानी बैरकों - ‘ए1' और ‘ए2' में लगभग 300 वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं, जिनमें प्राचीन मूर्तियां, चोल कांस्य, मुगल लघु कला, कलमकारी कलाकृतियां, समकालीन चित्र और कई प्रतिष्ठित पुराने ‘एअर इंडिया' पोस्टर शामिल हैं। इन दोनों बैरकों की दीर्घाओं का संयोजन राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमए) द्वारा किया गया है, जिसके पास अब वह संग्रह है जो पहले मुंबई के नरीमन प्वाइंट पर ऐतिहासिक एअर इंडिया भवन में रखा हुआ था। अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए अंतर-सरकारी समिति (आईसीएच) का 20वां सत्र आठ से 13 दिसंबर तक लालकिले में आयोजित किया जा रहा है। इस यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल पर विचार-विमर्श में भाग लेने के लिए सैकड़ों प्रतिनिधि एकत्रित हुए हैं। भारत ने इस अवसर पर अपनी समृद्ध मूर्त और अमूर्त विरासत का प्रदर्शन किया है। केंद्रीय संस्कृति सचिव विवेक अग्रवाल ने कहा, ‘‘लालकिला परिसर में चार नयी दीर्घाएं स्थापित की गई हैं। इनमें से दो में एअर इंडिया के निजीकरण के बाद हमें एअर इंडिया संग्रह से जो कलाकृतियां मिलीं, उन्हें प्रदर्शित किया गया हैं।'' उन्होंने बताया कि हथियारों और शस्त्रागारों पर आधारित एक दीर्घा राष्ट्रीय संग्रहालय द्वारा तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि चौथी दीर्घा लाल किला परिसर में खुदाई से प्राप्त या वहां से प्राप्त पुरातात्विक वस्तुओं पर आधारित है। ये दीर्घाएं लाल किला परिसर में 19वीं सदी के चार ब्रिटिशकालीन बैरकों में स्थापित की गई हैं।
लेकिन, इन वस्तुओं में सबसे आकर्षक है पुराने एअर इंडिया (एआई) विमान का मॉडल, जिसकी सफेद और लाल रंग की विशिष्ट सजावट और झरोखा शैली की खिड़की का डिज़ाइन है। एअर इंडिया ने 2021 में ‘एक्स' पर इस विमान की एक तस्वीर साझा की थी और लिखा था - ‘‘चार मई 1971 को, 'सम्राट शाहजहां' एअर इंडिया के बेड़े में शामिल होने वाला दूसरा विमान बना।'' अशोक समेत महान सम्राटों के नाम पर, एअर इंडिया ने अपने ग्राहकों के लिए इस आलीशान बेड़े को ‘आसमान में आपका महल' नाम से पेश किया था। टैगलाइन ‘शाहजहां' विमान के मॉडल के पिछले हिस्से पर लिखी है, जबकि आगे वाले हिस्से पर अंग्रेजी और हिंदी में, दोनों तरफ़ एक-एक नाम लिखा है। और, जब प्रतिनिधि दीर्घा में जाते हैं, तो उन्हें उस शाही संग्रह का भी अनुभव भी प्राप्त होता है जिसे दिग्गज उद्योगपति और विमानन अग्रणी जेआरडी टाटा और उनके शानदार परिवार के अन्य लोगों ने दशकों में बनाया था। लालकिला परिसर में अन्य ब्रिटिशकालीन बैरकों में स्थित पुरानी दीर्घाएं भी हैं, जो स्वतंत्रता संग्राम, 1857 के विद्रोह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आज़ाद हिंद फौज पर आधारित हैं और पिछले कुछ वर्षों में खोले गए आत्मनिर्भर भारत डिज़ाइन केंद्र भी हैं। यूनेस्को सम्मेलन में संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधि वालिद अल हलानी ने मंगलवार को सत्र की मेजबानी कर रहे मुख्य मंडप के पास स्थित एक बैरक में स्थित स्वतंत्रता संग्राम दीर्घा का दौरा किया। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘पहली बार भारत आकर इस भूमि तथा इसके लोगों के बारे में और जानना मेरे लिए खुशी की बात है।''






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