‘वंदे मातरम्' आजादी की पहली धड़कन, इसके बिना आजादी की कल्पना नहीं : रास में सांसदों ने कहा
नयी दिल्ली. राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्' को देश के स्वतंत्रता संग्राम की पहली धड़कन बताते हुए आम आदमी पार्टी की स्वाति मालीवाल ने बुधवार को राज्यसभा मे कहा कि इसने देश के लोगों को दुनिया के सबसे ताकतवर साम्राज्य से लड़ने की शक्ति दी। राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्' की रचना के 150 बरस पूरे होने पर उच्च सदन में हो रही चर्चा में हिस्सा लेते हुए आम आदमी पार्टी की स्वाति मालीवाल ने कहा ‘‘वंदे मातरम् हमारे स्वतंत्रता संग्राम की पहली धड़कन है जिसने हमें दुनिया के सबसे ताकतवर साम्राज्य से लड़ने की शक्ति दी। यह भारतीय राष्ट्रीयता की ध्वनि बन गया। भारत अपने शहीदों के अंतिम शब्द कभी नहीं भूल सकता। आज भी हमारे बच्चों की पहली राष्ट्र वंदना वंदे मातरम् होती है।'' मालीवाल ने कहा कि पूरे राष्ट्रीय गीत के एक एक शब्द के अर्थ निकलते हैं और प्रेरित करते हैं कि ‘हम अपने राष्ट्र के निर्माण के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दें। '' उन्होंने कहा कि यह गीत स्पष्ट संकेत भी देता है कि भारत की सीमाएं उसके सपूतों के हाथों में सुरक्षित हैं और उसकी ओर कोई आंख उठा कर भी नहीं देख सकता। बीजू जनता दल के देवाशीष सामन्त राय ने कहा कि ‘वंदे मातरम्' ने पूरे देश को ऐसे समय पर एकजुट किया जब हम गुलाम थे। ‘वंदे मातरम्' यह संकेत देता था कि ''अंग्रेजों भारत छोड़ो।'' उन्होंने कहा ‘‘वंदे मातरम् हमारा राष्ट्रीय गीत है और हम इसे सर्वोच्च सम्मान देते हैं।
चर्चा में बीजद के निरंजन बिशी ने कहा ‘‘हमें आजादी देने वाले कारकों में से एक वंदे मातरम् है और अब हमारी जिम्मेदारी है कि देश को विकास की राह पर ला कर अपनी आजादी को सार्थक करें।'' भाजपा के डॉ भागवत कराड़ ने कहा कि वंदे मातरम पर चर्चा का उद्देश्य यह है कि 140 करोड़ देशवासियों को एक बार फिर एक सूत्र में बांधा जाए, नयी पीढ़ी को वंदे मातरम् के महत्व से अवगत कराया जाए और देश के प्रति अपने कर्तव्यों की राह में बढ़ने का संकल्प लिया जाए।






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