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टीबी-मुक्त भारत अभियान को रफ्तार: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने गुजरात के सांसदों के साथ की  बैठक

 नई दिल्ली।  टीबी उन्मूलन की दिशा में भारत की तेज़ प्रगति को अगले चरण में ले जाते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने बुधवार को गुजरात के सांसदों के साथ एक उच्च-स्तरीय रणनीतिक संवाद किया। यह बैठक “सांसद: टीबी-मुक्त भारत के समर्थक” पहल के तहत संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गर्वी गुजरात भवन में आयोजित की गई। बैठक में उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री निमूबेन बाम्भणिया तथा गुजरात का प्रतिनिधित्व करने वाले दोनों सदनों के अनेक सांसद शामिल हुए।

 सांसदों को संबोधित करते हुए नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में हासिल महत्वपूर्ण उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 2015 से 2024 के बीच टीबी की घटनाओं में लगभग 21% की कमी दर्ज की गई है, जबकि उपचार सफलता दर 90% के करीब पहुंच चुकी है, जो डब्ल्यूएचओ के वैश्विक औसत से भी अधिक है।
 केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गुजरात की मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली, नवाचारों को अपनाने की क्षमता और प्रभावी कार्यक्रम प्रबंधन इसे अगली पीढ़ी की टीबी उन्मूलन रणनीतियों के लिए एक अग्रणी राज्य बना सकते हैं।
 नड्डा ने सांसदों से अपने निर्वाचन क्षेत्रों में ठोस हस्तक्षेप सुनिश्चित करने का आग्रह करते हुए एक स्पष्ट कार्य-योजना प्रस्तुत की, जिसमें शामिल हैं। टीबी संकेतकों से जुड़े निर्वाचन क्षेत्र स्कोरकार्ड की नियमित समीक्षा। संबंधित राज्य-विभागों के साथ समन्वय कर क्रियान्वयन को और मजबूत करना।दिशा (जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति) बैठकों में टीबी समीक्षा को संस्थागत रूप देना। स्थानीय स्तर पर आने वाली बाधाओं का समयबद्ध समाधान।
 उन्होंने जागरूकता बढ़ाने के लिए जनसंपर्क अभियानों, स्थानीय मीडिया आउटरीच और सार्वजनिक आयोजनों के माध्यम से टीबी से जुड़े कलंक को कम करने पर भी जोर दिया। साथ ही, मंत्री ने निर्वाचन क्षेत्रों में नि-क्षय शिविरों के आयोजन और नि-क्षय मित्र नेटवर्क का विस्तार बढ़ाने पर बल दिया, ताकि टीबी मरीजों को पोषण, परामर्श और सामुदायिक सहयोग लगातार मिल सके।
 बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलीला श्रीवास्तव ने सामुदायिक-केंद्रित जांच, उन्नत तकनीकी निगरानी प्रणालियां और पोषण समर्थन जैसी नई नीतिगत प्राथमिकताओं की जानकारी साझा की। वहीं, अपर सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक अराधना पटनायक ने टीबी-मुक्त भारत अभियान की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और इसमें सांसदों की सक्रिय भागीदारी के महत्व पर जोर दिया।
 गुजरात के सांसदों ने अपने-अपने क्षेत्रों में टीबी उन्मूलन प्रयासों को गति देने का संकल्प व्यक्त किया और टीबी-मुक्त भारत के लक्ष्य के लिए समन्वित, परिणाम-उन्मुख और समुदाय-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने का समर्थन दोहराया। टीबी-मुक्त भारत की दिशा में सरकार और जनप्रतिनिधियों का यह संयुक्त प्रयास देश को 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य के और करीब ले जाने की उम्मीद जगाता है।

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