पीएम मोदी की यात्रा से पहले कैबिनेट ने भारत-ओमान फ्री ट्रेड समझौते को दी मंजूरी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को प्रस्तावित भारत-ओमान फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को मंजूरी दे दी। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत करना है।
यह मंजूरी प्रधानमंत्री मोदी की 15 से 18 दिसंबर तक जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की आगामी त्रिपक्षीय यात्रा से ठीक पहले दी गई है, जिससे पश्चिम एशिया और अफ्रीका में भारत की आर्थिक उपस्थिति को बढ़ाने के व्यापक अवसर खुलने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे के अंतिम चरण में 17 से 18 दिसंबर तक महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक के निमंत्रण पर ओमान का दूसरी बार दौरा करेंगे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है। भारत और ओमान के बीच दीर्घकालिक एवं बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी है, जो मजबूत व्यापारिक संबंधों, ऊर्जा सहयोग और सांस्कृतिक जुड़ाव पर आधारित है।
कैबिनेट की यह मंजूरी ओमान की शूरा परिषद द्वारा भारत के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद आई है। इस व्यापार समझौते, जिसे आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) कहा जाता है, के लिए वार्ता नवंबर 2023 में औपचारिक रूप से शुरू हुई थी। भारत और ओमान के बीच आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 8.947 अरब अमेरिकी डॉलर और 2024-25 में 10.613 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।
इसके अलावा, कैबिनेट की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 2026 सीजन के लिए खोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और निर्बाध, कुशल व पारदर्शी उपयोग (‘कोलसेतु’) के लिए कोयला लिंकेज की नीलामी नीति को भी मंजूरी दी। फैसले के अनुसार, मिलिंग खोपरा (फेयर एवरेज क्वालिटी) की एमएसपी 12,027 रुपए प्रति क्विंटल और बॉल खोपरा की एमएसपी 12,500 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। यह पिछले सीजन की तुलना में क्रमशः 445 रुपए और 400 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी है।
कोयला लिंकेज नीलामी नीति में ‘कोलसेतु’ नामक एक नई विंडो शामिल की गई है, जिसके तहत औद्योगिक उपयोग और निर्यात के लिए कोयले का आवंटन किया जाएगा। यह नीति कोयला क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे निरंतर सुधारों को दर्शाती है।






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