मुंबई में बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा जीसीसी प्रोजेक्ट, 45 हजार रोजगार होंगे सृजित: सीएम देवेंद्र फडणवीस
मुंबई। महाराष्ट्र को ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) हब बनाने की दिशा में राज्य ने शुक्रवार को एक बड़ा कदम उठाया है। ब्रुकफील्ड कंपनी मुंबई में लगभग 20 लाख वर्गफुट क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा जीसीसी स्थापित करने जा रही है। इस परियोजना से 15,000 प्रत्यक्ष और 30,000 अप्रत्यक्ष, कुल 45,000 रोजगार सृजित होंगे। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी।
जियो कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री फडणवीस, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला, एएनएसआर के सीईओ विक्रम आहुजा और ब्रुकफील्ड के अंकुर गुप्ता के साथ बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के लिए महत्वपूर्ण निवेश और तकनीकी साझेदारी से जुड़े कई प्रस्तावों पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य की प्रतिभा, मजबूत बुनियादी ढांचा और उद्योग-हितैषी वातावरण के कारण महाराष्ट्र ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स का पसंदीदा गंतव्य बनता जा रहा है। नई जीसीसी नीति से बड़े पैमाने पर कौशल-आधारित रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। उन्होंने बताया कि अग्रणी वैश्विक लॉजिस्टिक्स कंपनी फेडेक्स भी मुंबई-नवी मुंबई हवाई अड्डा क्षेत्र में अपने जीसीसी और अन्य परिचालनों के लिए निवेश करने में रुचि दिखा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट से अपनी आगामी निवेश योजनाओं में महाराष्ट्र को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया है। वर्तमान में भी माइक्रोसॉफ्ट का सबसे बड़ा निवेश महाराष्ट्र में है। आने वाले समय में कंपनी बड़े पैमाने पर निवेश करेगी और महाराष्ट्र को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का प्रमुख केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
उन्होंने जियो कन्वेंशन सेंटर में आयोजित माइक्रोसॉफ्ट एआई टूर कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में सत्य नडेला ने महाराष्ट्र सरकार के साथ विकसित क्राइम एआईओएस प्लेटफॉर्म का विशेष प्रस्तुतीकरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एआई की मदद से अपराध नियंत्रण में महाराष्ट्र का मॉडल पूरे देश के लिए दिशा-निर्देशक बन रहा है।
सत्य नडेला के साथ हुई बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और सरकारी सेवा वितरण के लिए ‘एआई को-पायलट’ विकसित करने पर भी चर्चा हुई। माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में अपने 17 अरब डॉलर के निवेश में महाराष्ट्र को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है।
महाराष्ट्र द्वारा विकसित ‘मार्बल’ प्लेटफॉर्म की भी सराहना की गई, जिसकी मदद से साइबर और आर्थिक अपराधों का पता अब 3-4 महीनों की बजाय सिर्फ 24 घंटे में लगाया जा सकता है। इससे नागरिकों की आर्थिक सुरक्षा बढ़ी है और अपराधियों की गिरफ्तारी तेज हुई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय की प्रधान सचिव अश्विनी भिड़े, उद्योग विभाग के सचिव डॉ. अनबालगन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।






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