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 भारत-ओमान सीईपीए ऐतिहासिक कदम, आने वाले दशकों तक दिखेगा सकारात्मक असर: पीएम मोदी

 नई दिल्ली।  भारत और ओमान के बीच हुआ कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सीईपीए) एक ऐतिहासिक कदम है और इसका सकारात्मक प्रभाव आने वाले कई दशकों तक दिखाई देगा। यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिया। भारत-ओमान सीईपीए पर हस्ताक्षर होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की सोशल मीडिया पोस्ट को उद्धृत करते हुए कहा, “भारत-ओमान संबंधों को आगे ले जाने के लिए आज हमने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सीईपीए) 21वीं सदी में हमारे द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा देगा।”

 प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समझौते से व्यापार और निवेश को नई गति मिलेगी तथा विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर खुलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इससे दोनों देशों के युवाओं को विशेष रूप से लाभ होगा।
 केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओमान के सुल्तान महामहिम हैथम बिन तारिक के नेतृत्व में भारत और ओमान ने सीईपीए पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता खाड़ी क्षेत्र के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
 पीयूष गोयल ने बताया कि इस समझौते के तहत ओमान की 98.08% टैरिफ लाइनों पर शून्य शुल्क (जीरो ड्यूटी) की पेशकश की गई है, जो मूल्य के आधार पर भारत के 99.38% निर्यात को कवर करती है। इससे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को बड़ा लाभ मिलेगा, रोजगार के अवसर सृजित होंगे और एमएसएमई, कारीगरों तथा महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को मजबूती मिलेगी।
 उन्होंने आगे कहा कि टेक्सटाइल, लेदर, फुटवियर, रत्न एवं आभूषण, इंजीनियरिंग उत्पाद, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, मेडिकल डिवाइस और ऑटोमोबाइल जैसे प्रमुख निर्यात क्षेत्रों को पूर्ण टैरिफ समाप्ति से लाभ होगा। इससे भारत की विनिर्माण क्षमता और निर्यात प्रतिस्पर्धा को मजबूती मिलेगी। साथ ही, किसानों और छोटे व्यवसायों के हितों की रक्षा के लिए भारत के संवेदनशील क्षेत्रों को आवश्यक सुरक्षा प्रदान की गई है।
 यह समझौता सेवाओं के व्यापार के लिए भी एक व्यापक और भविष्योन्मुखी ढांचा प्रदान करता है। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी, व्यावसायिक एवं पेशेवर सेवाएं, अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी), शिक्षा, स्वास्थ्य और ऑडियो-विजुअल सेवाएं शामिल हैं। सीईपीए की एक प्रमुख विशेषता यह है कि अनुबंध पर काम करने वाले सेवा प्रदाताओं के लिए निवास अनुमति की अवधि को 90 दिन से बढ़ाकर दो वर्ष कर दिया गया है, जिसे आगे दो वर्ष तक और बढ़ाया जा सकता है। इससे दोनों देशों को दीर्घकालिक लाभ मिलने की उम्मीद है। 

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