केदारनाथ के कपाट बंद, इस साल 1.35 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
चौथे धाम बद्रीनाथ के कपाट 19 तारीख को होंगे बंद
केदारनाथ। उत्तराखंड के दो धाम केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। रविवार को गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद हुए थे। इस तरह चार में से तीन धाम के कपाट बंद हो चुके हैं। चौथे धाम बद्रीनाथ के कपाट 19 तारीख को बंद होंगे। तब तक भक्त बद्रीनाथ के दर्शन कर सकते हैं। इस साल केदारनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या सबसे कम रही। कोरोना महामारी के कारण महज 1.35 लाख लोग ही यहां पहुंचे, जबकि 2019 में 9.5 लाख लोग आए थे।
केदारनाथ और यमुनोत्री में सोमवार सुबह से ही बर्फबारी हो रही है। केदारनाथ मंदिर सुबह 3 बजे खुल गया था। यहां मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग ने भगवान की समाधि पूजा की। 6.30 बजे भगवान भैरवनाथजी को साक्षी मानकर गर्भगृह को बंद किया गया और 8.30 बजे सभा मंडप, मुख्य द्वार बंद कर दिए गए हैं। दोपहर में यमुनोत्री धाम के कपाट भी विशेष पूजा के बाद बंद किए गए। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि इस साल 1 लाख 35 हजार से ज्यादा लोगों ने केदारनाथ के दर्शन किए हैं।
रामपुर रवाना हुई भगवान की डोली
सोमवार सुबह सुबह कपाट बंद होने के बाद भगवान की डोली रामपुर के लिए रवाना हुई। 17 नवंबर को भगवान की डोली (पालकी), गुप्तकाशी, विश्वनाथ मंदिर पहुंचेगी। 18 तारीख को उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पहुंच जाएगी। इसके बाद केदारनाथ की शीतकालीन पूजाएं इसी मंदिर में की जाएंगी।
मां यमुना की डोली
यमुनोत्री के कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की डोली खरसाली पहुंचती है। खरसाली को मां यमुना का मायका कहा जाता है। ठंड के दिनों में यमुनाजी यहीं वास करती हैं। भक्तों द्वारा माता की शीतकालीन पूजा खरसाली में ही की जाती है। इस साल करीब हजार लोगों ने यमुनोत्री धाम में दर्शन किए हैं।
अन्य मंदिरों की कपाट बंद होने की स्थिति
बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर की शाम 3.35 बजे बंद होंगे। द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर के कपाट 19 की सुबह 7 बजे बंद हो रहे हैं। मध्यमहेश्वर मेला 22 को आयोजित होगा। तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट भी बंद हो चुके हैं।
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