केन्द्रीय केबिनेट ने चिकित्सा गर्भपात संशोधन विधेयक को मंजूरी दी
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चिकित्सा गर्भपात संशोधन विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी है। इसके अंतर्गत गर्भपात अधिनियम- मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 में संशोधन की व्यवस्था की गई है। विधेयक में गर्भपात कराने की सीमा को 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने का प्रावधान किया गया है। यह विधेयक संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा।
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि अब गर्भावस्था के 20 सप्ताह तक गर्भपात कराने के लिए एक चिकित्सक की राय लेने की जरूरत होगी जबकि गर्भावस्था के 20 से 24 सप्ताह तक गर्भपात कराने के लिए दो चिकित्सकों की राय लेना जरूरी होगा। जिनमें से एक का सरकारी चिकित्सक होना जरूरी है।
सरकार ने राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक-2019 में संशोधनों को स्वीकृति दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय होम्योपैथी परिषद अधिनियम, 1973 में संशोधन के लिए राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक, 2019 में प्रस्तावित संशोधनों को मंजूरी दे दी है। फिलहाल यह विधेयक राज्यसभा में लंबित है।
संशोधनों के माध्यम से होम्योपैथी शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक नियामक सुधार सुनिश्चित होंगे और आम जनता के हितों की रक्षा के लिए पारदर्शिता एवं जवाबदेही तय की जाएगी। आयोग देश के सभी हिस्सों में किफायती स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता को बढ़ावा देगा।
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