विनय की दया याचिका खारिज, अब अक्षय की राष्ट्रपति से गुहार
नई दिल्ली। एक तरफ जहां निर्भया के एक और गुनाहगार विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है। वहीं दूसरी ओर दोषी अक्षय ठाकुर ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दयार की है। विनय से पहले मुकेश सिंह की दया याचिका भी राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं। जबकि एक अन्य गुनाहगार पवन गुप्ता ने अभी तक दया याचिका दाखिल नहीं की है।
गौरतलब है कि इससे पहले गुरुवार को निर्भया के दोषी अक्षय कुमार की सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव याचिका खारिज की थी। अब उसके पास सिर्फ राष्ट्रपति को दया याचिका भेजने का विकल्प ही मौजूद था। यह अक्षय के पास आखिरी मौका था। अक्षय ने अपनी सुधारात्मक याचिका में कहा गया था कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर जन दबाव और जनता की राय के चलते अदालतें सभी समस्याओं के समाधान के रूप में फांसी की सजा सुना रही हैं। अक्षय ने अपनी याचिका में दावा किया था कि दुष्कर्म एवं हत्या के करीब 17 मामलों में शीर्ष न्यायालय के तीन जजों की पीठ ने मौत की सजा में बदलाव कर उसे कम किया है।
उल्लेखनीय है कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दोषियों की फांसी की सजा रोकने की अपील वाली याचिका पर यह आदेश दिया। जज ने लंच से पहले सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन ने कहा, विनय को छोड़कर किसी की दया याचिका या अन्य कोई याचिका लंबित नहीं है। इसलिए उसके अलावा तीनों को शनिवार सुबह फांसी दी जा सकती है। वहीं, दोषी मुकेश की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने इसका विरोध किया और कहा कि अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट के 1982 के फैसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, अगर एक मामले में एक से ज्यादा को मौत की सजा हुई है तो उन्हें फांसी भी एक साथ ही दी जा सकती है।
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