धनतेरस पर क्यों होती है खरीदारी शुभ? जानिए इसके पीछे की पौराणिक कथा और महत्व
दीपोत्सव की शुरुआत का प्रतीक, धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन सोना, चांदी, और नए बर्तन खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि धनतेरस पर खरीदारी करने से घर में धन-धान्य और सौभाग्य में तेरह गुना वृद्धि होती है. पंचांग के अनुसार, इस साल धनतेरस का शुभ पर्व शनिवार, 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन खरीदारी को इतना शुभ क्यों माना जाता है? इसके पीछे दो प्रमुख पौराणिक कथाएं हैं, जो इस पर्व के महत्व को और बढ़ा देती हैं.
धनतेरस पर खरीदारी का महत्व, भगवान धन्वंतरि की कथा
समुद्र मंथन और अमृत कलश
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार देवताओं और असुरों ने मिलकर अमृत प्राप्त करने के लिए क्षीर सागर में समुद्र मंथन किया था. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही, मंथन के दौरान, भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे. जब वह प्रकट हुए, तो उनके हाथों में अमृत से भरा एक स्वर्ण/पीतल का कलश था. यह कलश धन और आरोग्य का प्रतीक था. चूंकि भगवान धन्वंतरि अपने साथ अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को ‘धन त्रयोदशी’ कहा गया.
इस दिन किसी भी धातु या नई वस्तु (विशेषकर बर्तन और धातु) को खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इससे घर में धन और आरोग्य का वास होता है, और धन की कमी दूर होती है. खास तौर पर पीतल के बर्तन खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है क्योंकि भगवान धन्वंतरि के हाथ में पीतल का कलश था.
धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने की दूसरी पौराणिक कथा
एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने राजा बलि के अहंकार को तोड़ने के लिए वामन अवतार लिया था, तब उन्होंने राजा बलि से तीन पग भूमि दान में माँगी थी. राजा बलि ने दान देने का वचन दिया.वामन भगवान ने अपने पहले पग में पूरी पृथ्वी को नाप लिया.दूसरे पग में स्वर्गलोक को नाप लिया. तीसरा पग रखने के लिए जब कोई स्थान नहीं बचा, तो राजा बलि ने अपना सिर वामन भगवान के चरणों में रख दिया.
इस तरह राजा बलि ने अपना सब कुछ दान में गंवा दिया. माना जाता है कि राजा बलि ने देवताओं से जो धन-संपत्ति छीन ली थी, उससे कई गुना धन-संपत्ति देवताओं को वापस मिल गई थी. इस उपलक्ष्य में भी धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है, जिससे धन-संपत्ति की वृद्धि का संदेश मिलता है.

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