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*भारी भरकम बिजली बिल के तनाव से मिली मुक्ति-श्री अजय देवांगन*
रायपुर. गर्मियों का मौसम आते ही बिजली के बिल आमजनों पर भारी पड़ते हैं। एसी, कूलर और पंखों के लगातार उपयोग से बिजली का खर्च आसमान छूने लगता है। लेकिन अब यही गर्मी कुछ लोगों के लिए राहत और संतोष लेकर आई है — और इसके पीछे है प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना, जिसने आम उपभोक्ताओं को बिजली उपभोक्ता से बिजली उत्पादक बना दिया है।रायपुर के पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर के निवासी श्री अजय देवांगन इस योजना के सफल उदाहरण हैं। उन्होंने अपने घर की छत पर 5-5 किलोवॉट के दो सोलर पैनल लगवाए हैं। इस सोलर सिस्टम पर उन्हें सरकार से ₹78,000 की सब्सिडी मिली, जिससे लागत भी काफी कम हो गई।श्री देवांगन बताते हैं, "पहले गर्मियों में हमारा बिजली बिल 35,000 से 40,000 रूपये तक आता था। लेकिन सोलर पैनल लगवाने के बाद अब यह बिल घटकर 8,000-9,000 हजार के बीच ही आ रहा है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी साझा किया कि जनवरी 2025 में उनका बिजली बिल शून्य से भी कम आया। इसका मतलब था कि उनके सोलर सिस्टम ने इतनी बिजली उत्पन्न की, जो न केवल उनके घर की ज़रूरतों को पूरा कर पाई, बल्कि अतिरिक्त बिजली ग्रिड में देकर बिल में से पैसे की कटौती भी हो गई।"पहले हर महीने बिल देखकर तनाव होता था, कभी-कभी तो कहीं और से पैसे एडजस्ट करने पड़ते थे। लेकिन अब वह चिंता खत्म हो गई है," श्री देवांगन ने मुस्कुराते हुए कहा।अजय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की इस दूरदर्शी योजना और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि आज उनका परिवार ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बन चुका है।श्री देवांगन ने अन्य लोगों से भी अपील की कि वे इस योजना का लाभ लें और न सिर्फ बिजली के बिल से राहत पाएं, बल्कि हरित ऊर्जा को भी बढ़ावा दें।पीएम सूर्यघर योजना आम नागरिकों को उनकी छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए सरकारी सब्सिडी के साथ प्रोत्साहित करती है। जिसके तहत भारी बिजली बिल से छुटकारा, अतिरिक्त बिजली बेचकर आमदनी, पर्यावरण के लिए मददगार साबित हो रही है। केंद्र और राज्य सरकार दोनों की भागीदारी से यह योजना आर्थिक रूप से किफायती और तकनीकी रूप से प्रभावी साबित हो रही है। - रायपुर /सामान्य प्रशासन विभाग ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 में संशोधन अधिसूचित किया है, जिसके तहत भारत सरकार के प्रावधानों की तर्ज पर अब राज्य के शासकीय सेवकों को शेयर (Shares), प्रतिभूतियों (Securities), डिबेंचर्स (Debentures) और म्युचुअल फंड्स (Mutual Funds) में निवेश की अनुमति दी गई है। यह संशोधन नियम 19 में नया उप-खण्ड जोड़ते हुए लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। हालांकि, अधिसूचना में यह स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि इंट्रा-डे ट्रेडिंग, बीटीएसटी (BTST), फ्यूचर एंड ऑप्शंस (F&O) तथा क्रिप्टोकरेंसी जैसे प्रकृति के निवेश गतिविधियों पर रोक लागू रहेगी।
- - पॉवर कंपनी में मनाया गया सीए दिवसरायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज़ में चार्टर्ड एकाउंटेंट दिवस पर मनाया गया। इसमें जनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के वित्त संकाय के अधिकारियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर प्रबंध निदेशकगण सर्वश्री एसके कटियार, राजेश कुमार शुक्ला एवं भीमसिंह कंवर विशेष रूप से उपस्थित थे।प्रबंध निदेशक (उत्पादन) श्री एसके कटियार ने कहा कि पॉवर कंपनीज़ के वित्त प्रबंधन में काफी प्रगति हुई है, वित्त संकाय के अधिकारी-कर्मचारियों ने बेहतर कार्यप्रणाली विकसित की है।एमडी (पारेषण) श्री राजेश कुमार शुक्ला ने कहा कि आज सीए डे के साथ डॉक्टर्स डे भी है। जहां डॉक्टर हर किसी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने का कार्य करता है, उसी तरह किसी भी संस्थान की सेहत को बेहतर बनाने में सीए की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। उनकी वित्तीय अनुशासन और पारदर्शितापूर्ण भागीदारी से संस्थान निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर होता है।प्रबंध निदेशक (वितरण) श्री भीम सिंह कंवर ने कहा कि पॉवर कंपनी उपभोक्ता हितैषी संस्था है, इसमें कुशल वित्त प्रबंधन का फायदा सीधे उपभोक्ताओं को मिलता है। उन्होंने पॉवर कंपनी के उत्तरोत्तर विकास में बेहतर योगदान देने का आह्वान किया। कार्यक्रम में कार्यपालक निदेशक (वित्त) श्री एमएस चौहान ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 1 जुलाई 1949 को भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट संस्थान की स्थापना की गई थी, जिसकी याद में यह दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (संचारण एवं संधारण) श्री जेएस नेताम, मुख्य अभियंता श्री राजेंद्र प्रसाद, महाप्रबंधक (वित) श्रीमती नंदिनी भट्टाचार्य, वित्त संकाय के एजीएम श्री मुकेश कश्यप एवं श्री एसके शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे।
- -हमारी सरकार का उद्देश्य केवल सेवाओं की पहुंच बढ़ाना नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देना है: स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल-राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कोविड महामारी में दिवंगत 14 चिकित्सकों के परिजनों का किया सम्मान-राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 109 संविदा चिकित्सकों एवं 563 अनुबंधित चिकित्सकों को नियुक्ति व पदस्थापना आदेश जारीरायपुर / चाहे कोरोना महामारी का संकट रहा हो या दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने की चुनौती, हमारे डॉक्टरों ने हर परिस्थिति में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। उन्होंने अपने जीवन की परवाह किए बिना, सेवा को धर्म मानकर कार्य किया है। हम उन महान लोगों को कभी नहीं भूल सकते जिन्होंने कोरोना जैसी बड़ी महामारी के दौरान अपना फर्ज निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। हमारी सरकार का उद्देश्य केवल सेवाओं की पहुंच बढ़ाना नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देना है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर मंगलवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा राजधानी रायपुर स्थित स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम, मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में कहा कि यह आयोजन न केवल चिकित्सा समुदाय के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि छत्तीसगढ़ राज्य निरंतर स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छूता रहेगा।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम सब जानते हैं कि डॉक्टरों का जीवन आसान नहीं होता। कठिन परिश्रम, लंबी ड्यूटी और मानसिक तनाव उनके दैनिक जीवन का हिस्सा हैं। फिर भी वे अपनी जिम्मेदारी से कभी पीछे नहीं हटते। उनके साहस और समर्पण के कारण हमारा समाज सुरक्षित और स्वस्थ रहता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आपके परिश्रम से ही हम एक स्वस्थ, सक्षम और सशक्त छत्तीसगढ़ का निर्माण कर सकते हैं। आज मैं केवल आप सभी को धन्यवाद देने नहीं आया हूं, बल्कि यह आश्वस्त करने भी आया हूं कि हमारी सरकार हर कदम पर आपके साथ खड़ी है।इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने डॉक्टर्स डे के विशेष अवसर पर सभी चिकित्सकों को बधाई देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग केवल एक सेवा प्रदाता नहीं, बल्कि जीवन रक्षक प्रणाली है। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि संकट के समय जब सभी लोग घरों में सुरक्षित रहने का प्रयास कर रहे थे, तब हमारे डॉक्टर अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों की सेवा में जुटे रहे। यह अदम्य साहस और समर्पण ही उनकी असली पहचान है। मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि हमारी सरकार की यह स्पष्ट नीति है कि हर नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचें और हर डॉक्टर को पूरा सम्मान और सहयोग मिले। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ और संवेदनशील बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे इसी जज्बे और मानवीय संवेदना के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहें। उन्होंने कहा कि आज इस अवसर पर हमने 109 संविदा चिकित्सकों एवं 563 ब्रांडेड डॉक्टरों के पदस्थापना आदेश जारी किए हैं।इस अवसर पर कोविड-19 के दौरान सेवा देते हुए वीरगति को प्राप्त हुए 14 चिकित्सकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई एवं उनके परिजनों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया।भावुक क्षणों से भरे इस समारोह में समूचा सभागार कृतज्ञता एवं सम्मान की भावना से अभिभूत रहा।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री साय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 109 संविदा चिकित्सकों को नियुक्ति आदेश तथा एमबीबीएस बांड पोस्टिंग के प्रथम चरण में 563 अनुबंधित चिकित्सकों को नियुक्ति एवं पदस्थापना आदेश प्रदान किया।इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया ने कहा कि यह दिन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारे चिकित्सकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी न केवल अपने दायित्वों का निर्वहन किया, बल्कि कोविड जैसी महामारी के दौरान अपने परिवार से दूर रहकर लोगों की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। आपके योगदान को शब्दों में बांधना कठिन है। कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि शीघ्र ही शेष 92 एमबीबीएस बांड अनुबंधित चिकित्सकों एवं 157 विशेषज्ञ पीजी बांड चिकित्सकों के पोस्टिंग आदेश भी जारी किए जाएंगे।कार्यक्रम में अंत में आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला ने आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर विधायक सर्वश्री पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा, मोतीलाल साहू, इंद्र कुमार साहू, गुरु खुशवंत साहेब के साथ ही महापौर श्रीमती मीनल चौबे, सीजीएमएससी के अध्यक्ष श्री दीपक म्हस्के तथा राज्यभर से आए स्वास्थ्य अधिकारी, मेडिकल छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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यातायात बाधित कर रहे ठेलों की जप्ती की
रायपुर/ रायपुर जिला कलेक्टर डॉक्टर गौरव कुमार सिंह के आदेशानुसार और रायपुर नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर लाल उम्मेद सिंह के निर्देशानुसार चलाये जा रहे टीम प्रहरी नगर निगम रायपुर मुख्यालय नगर निवेश उड़न दस्ता के अभियान के अंतर्गत मालवीय रोड में बार - बार समझाईश देने के बाद भी सड़क पर दुकान का सामान रखकर दुकान चलाने वाले सम्बंधित 5 दुकानदारों का सड़क पर कब्जा जमाकर रखा गया सामान जप्त कर लिया गया और सड़क पर कब्जा करके रखे गए ठेलों को जप्त करने की कार्यवाही की गयी. कार्यवाही से मालवीय रोड का यातायात तत्काल सुगम और सुव्यवस्थित बन गया, जिससे नागरिकों को त्वरित राहत मिली. अभियान आगे भी जनहित की दृष्टि से जारी रहेगा. -
बालोद/ जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति एवं जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति की बैठक कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में बुधवार 02 जुलाई 2025 को दोपहर 02.30 बजेेेे से संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित की गई है। बैठक मंे सभी जिला समन्वयक अपने अधीनस्थ समस्त शाखाओं का शासकीय योजना अंतर्गत किए गए ऋण स्वीकृति एवं वितरणों की अद्यतन जानकारी के साथ निर्धारित समय एवं तिथि में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।
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टॉप टेन वाले बच्चों को दोपहिया वाहन खरीदने मिलेगा 1 लाख अनुदान
अन्य विभाग से छात्रवृत्ति मिल रहे होने पर भी श्रम विभाग देगा छात्रवृत्ति
बिलासपुर/श्रमायुक्त छत्तीसगढ़ के आदेशानुसार जिले में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल एवं छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मण्डल अंतर्गत समस्त पंजीकृत श्रमिकों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं।जिसमें प्रमुख रूप से श्रमिकों के प्रथम दो बच्चों को हर कक्षा व पाठ्यक्रम हेतु मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना एवं मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना संचालित है। जिसमें मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत अध्ययनरत् छात्र,छात्रा हेतु कक्षा-1 से पी०एच०डी स्तर तक अध्ययन करने हेतु प्रत्येक वर्ष 1 हजार से 10 हजार तक प्रदान की जाती है एवं मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना अंतर्गत अध्ययनरत् छात्र/छात्रा हेतु कक्षा 10वी, 12वी एवं स्नातक एवं उच्च शिक्षा में प्राप्तांक 75 प्रतिशत अथवा अधिक हो को 5 हजार से साढ़े 12 हजार प्रदान किया जाता है । इसी प्रकार 10वी एवं 12वी में प्रदेश स्तरीय परीक्षा में मेरिट के टॉप टेन में आने पर प्रोत्साहन राशि 1 लाख रुपए एवं 1। लाख रुपए अनुदान राशि दोपहिया वाहन खरीदने हेतु प्रदान किया जाता है। जिस हेतु श्रमिक 31 दिसंबर तक ऑनलाईन आवेदन "श्रमेव जयते" ऐप अथवा विभागीय वेबसाईट से कर सकते हैं। विकासखण्ड स्तर पर संचालित मुख्यमंत्री श्रम संसाधन केंद्र एवं चॉईस सेंटर,लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से ऑनलाईन कर सकते है। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत श्रमिकों के प्रथम दो बच्चों हेतु मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत पूर्व में किसी शासकीय विभाग/संस्थान से छात्रवृत्ति लेने वाले बच्चों को मण्डल अंतर्गत छात्रवृत्ति प्रदान नही किया जाता था, जिसे वर्तमान में वर्ष 2022 से मण्डल द्वारा जारी अधिसूचना के माध्यम से ऐसे छात्र, छात्रा जो किसी अन्य संस्थान/विभाग से छात्रवृत्ति योजना का लाभ प्राप्त कर रहे हों, को भी मण्डल अंतर्गत छात्रवृत्ति योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
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नगरीय प्रशासन विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष के अधोसंरचना मद से मंजूर की राशि
बिलासपुर/ नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने बलरामपुर नगर पालिका में अधूरे स्टेडियम और टाउन-हाल के निर्माण कार्यों को पूर्ण करने कुल नौ करोड़ दो लाख 18 हजार रुपए मंजूर किए हैं। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के अधोसंरचना मद से दोनों कार्यों के लिए ये राशि स्वीकृत की गई है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने बलरामपुर नगर पालिका में निर्माणाधीन स्टेडियम के शेष कार्यों को पूरा करने पांच करोड़ 51 लाख 20 हजार रुपए मंजूर किए हैं। विभाग ने बलरामपुर नगर पालिका में वार्ड क्रमांक-1 में प्रगतिरत टाउन-हॉल के शेष कार्यों को पूर्ण करने तीन करोड़ 50 लाख 98 हजार रुपए स्वीकृत किए हैं। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने गुणवत्ता एवं निर्धारित मापदंड सुनिश्चित करते हुए दोनों कार्यों को समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। -
प्राचार्य ने नशा मुक्ति के लिए दिलाई शपथ
बिलासपुर/अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के अवसर पर शासकीय माता शबरी नवीन कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में चित्रकला, भाषण एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. के. के. भण्डारी द्वारा नशा मुक्ति हेतु शपथ दिलाई गई तथा मादक पदार्थाें के सेवन के रोकथाम हेतु प्राचार्य द्वारा छात्राओं को संबोधित किया गया। उन्होंने कहा कि छात्राएं स्वयं नशे से दूर रहें एवं अपने परिवार एवं आस पड़ोस में भी जागरूकता फैलाएं। उन्होनें यह भी कहा कि मोबाईल का अधिक और अनावश्यक प्रयोग भी एक नशा है, इससे बचना भी आवश्यक है। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे। छात्राओं ने भी बड़ी संख्या में प्रतियोगिता में भाग लिया। प्राचार्य डॉ. के. के. भण्डारी के निर्देशन में यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ. यतिनंदिनी पटेल तथा आभार प्रदर्शन डॉ. बेला महंत द्वारा किया गया। -
महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने खिलाड़ियों को खेल अभ्यास में अनुशासन बनाए रखने के लिए दी शुभकामनाएं
रायपुर/ स्वामी विवेकानंद स्टेडियम कोटा रायपुर में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर दिनांक 15 मई से 13 जून 2025 तक 30 दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का समापन दिनांक 01 जुलाई 2025 को संध्या 4:00 बजे स्वामी विवेकानंद स्टेडियम कोटा रायपुर में श्रीमती मीनल चौबे महापौर, नगर पालिका निगम रायपुर के आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। आयोजन में श्रीमती अभिलाषा पैंकरा, अपर कलेक्टर, सहायक संचालक खेल एवं खेल संघ/संस्थान के सदस्य, व्यायाम शिक्षक, प्रशिक्षक, खिलाड़ी शामिल हुए। श्री प्रवेश जोशी, खेल अधिकारी द्वारा प्रतिवेदन पाठन किया गया।
समापन में फुटबाल, हैण्डबाल, वॉलीबाल, बास्केटबाल, एथलेटिक्स, हॉकी, नेटबाल, कबडडी, कराते, टेनिक्वाईट, किक बॉक्सिंग, टेबल टेनिस, खो-खो, स्क्वेश, जम्परोप, ताईक्वांडो, आरचरी, क्याकिंग केनाईंग, सॉफ्टबाल, जिमनास्टिक, बेसबॉल, कुश्ती, भारोत्तोलन, फेंसिंग खेलों के लगभग 500 खिलाड़ी उपस्थित थे। शिविर में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 70 खिलाड़ियों व 55 प्रशिक्षकों को पुरस्कृत एवं खेल सामग्री प्रदाय किया गया।
अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि श्रीमती मीनल चौबे महापौर नगर निगम रायपुर ने अनुशासन के साथ खिलाड़ियों को आगे बढ़ने व नियमित खेल अभ्यास करते रहने के लिए शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर खेल संघ,संस्थान, व्यायाम शिक्षक, प्रशिक्षक उपस्थित थे। 30 दिवसीय शिविर में 24 खेलों के 1427 बालक / बालिका खिलाड़ियों ने भाग लिया। श्री टी. निंगराज रेड्डी, वरिष्ठ प्रशिक्षक द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया। -
रायपुर. कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने आज कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रॉस सभाकक्ष में समय-सीमा की बैठक लेकर विभिन्न विभागों की कार्यप्रगति की समीक्षा की। उन्होंने विशेष रूप से राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए।
डॉ. सिंह ने कहा कि सीमांकन, त्रुटि सुधार, अविवादित नामांतरण, पात्र खसरे का बटांकन जैसे प्रकरणों को प्राथमिकता में लेकर त्वरित समाधान किया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी प्रकरण राजस्व कार्यालयों में अनावश्यक रूप से लंबित नहीं रहना चाहिए। साथ ही जिला स्तरीय कॉल सेंटर, हेल्पलाइन, जनदर्शन में लंबित मामलों की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को इनके शीघ्र निराकरण हेतु स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए। - रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार को जो भी धनराशि की आवश्यकता होगी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार को उपलब्ध कराई जाएगी । यह बात केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले ने मंगलवार को रायपुर के राजकीय अतिथि गृह में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही ।भारत सरकार की उपलब्धियों और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि, "छत्तीसगढ़ का विकास हमारा एजेंडा’’ है । उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का विजन सबका साथ सबका विकास के साथ छत्तीसगढ़ और देश का सर्वांगीण विकास है । जिस तरह से हमारे देश में विकास हो रहा है और हमारी अर्थव्यवस्था 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है, उससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। मौजूदा सरकार के 11 साल भारत को सभी क्षेत्रों में बदल रहे हैं, चाहे वह सड़क हो, रेलवे हो या एयरपोर्ट।"केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं का लाभ जाति, धर्म या नस्ल से परे देश के सभी वर्गों को मिला है । इनमें 51 करोड़ बैंक खाते खोलना, 10 करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन देना, मुद्रा योजना के तहत 46 करोड़ लोगों को ऋण देना, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 करोड़ लोगों को घर देना, आयुष्मान भारत योजना से 4 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचाना शामिल है। सभी कार्य बहुत तेजी से चल रहे हैं।श्री अठावले ने कहा कि जाति जनगणना का निर्णय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक निर्णय है । उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधित्व को समझने के लिए जाति जनगणना आवश्यक है। इससे महत्वपूर्ण आंकड़े मिलेंगे और सरकार को पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए नीतियां बनाने में मदद मिलेगी । उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की हमेशा से इच्छा थी कि हमारे देश में जाति जनगणना हो ।ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री रामदास अठावले ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान से सक्रिय आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की ।श्री अठावले ने बताया कि भारत में उनके मंत्रालय द्वारा विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिनमें पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, वृद्धाश्रम योजना, दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य भारत अभियान योजना और कई अन्य योजनाएं शामिल हैं ।
- रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से मंगलवार को मंत्रालय महानदी भवन में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका आत्मीय स्वागत किया।मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर राज्य शासन द्वारा सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों, वृद्धजनों तथा दिव्यांगजनों के लिए संचालित योजनाओं के संबंध में विस्तृत चर्चा की। उन्होंने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के प्रति राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी।केंद्रीय राज्यमंत्री श्री अठावले ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार केंद्र की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार समन्वय के साथ समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य करती रहेंगी। इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप भी उपस्थित थे।
- रायपुर /छत्तीसगढ़ इंडस्ट्री डायलॉग-2 ने सोशल मीडिया पर अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की।राजधानी रायपुर में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान #CGBusinessEasy हैशटैग ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर पूरे दिन भारत में शीर्ष ट्रेंड्स में अपनी प्रमुख जगह बनाए रखी। यह ट्रेंड इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की नई पहल ने देशभर के उद्योग जगत और नागरिकों का ध्यान आकर्षित किया है।सोशल मीडिया पर 6000 से अधिक पोस्ट किए गए, जिनमें बड़ी संख्या में उद्योगपतियों, निवेशकों और नीति-विशेषज्ञों ने वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 और ऑनलाइन भूमि आबंटन एवं प्रबंधन प्रणाली की सराहना की। यूजर्स ने इन पहलों को छत्तीसगढ़ को भारत का अगला निवेश और औद्योगिक हब बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया।अनेक एक्स यूजर्स ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की नेतृत्व क्षमता को सराहते हुए लिखा कि छत्तीसगढ़ ने जो पारदर्शी और डिजिटल व्यवस्था लागू की है, वह अन्य राज्यों के लिए रोल मॉडल बन सकती है। कुछ पोस्ट्स में इस बात पर जोर दिया गया कि प्रदेश में रिकॉर्ड समय में निवेश स्वीकृति, भूमि आवंटन और सब्सिडी वितरण जैसे कार्य अब एक क्लिक में पूरे होंगे, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।ट्रेंड में भाग लेने वालों ने छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति को प्रगतिशील और दूरदर्शी बताया। कई यूजर्स ने यह भी लिखा कि राज्य सरकार की लॉजिस्टिक नीति, जन विश्वास विधेयक और बस्तर व सरगुजा जैसे क्षेत्रों के विकास संबंधी घोषणाओं ने छत्तीसगढ़ को पूरे देश में चर्चा का विषय बना दिया। यह ट्रेंड छत्तीसगढ़ के प्रति बढ़ती निवेशक रुचि और सकारात्मक भावना का प्रमाण है। सोशल मीडिया पर हुए जबरदस्त रिस्पॉन्स से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ अब तेजी से निवेशकों की पहली पसंद बनने की ओर अग्रसर है।
- -चूना पत्थर, लौह अयस्क और बॉक्साइट खनिज ब्लॉकों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू-200 मिलियन टन से अधिक सीमेंट ग्रेड चूना पत्थर की नीलामी के लिए प्री-बिड सम्मेलन में शामिल हुए निवेशकरायपुर /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में खनिज क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए चूना पत्थर, लौह अयस्क और बॉक्साइट खनिज के नए ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। इसी क्रम में आज नवा रायपुर अटल नगर में निवेशकों के लिए प्री-बिड सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस प्री-बिड सम्मेलन का उद्देश्य राज्य की समृद्ध खनिज संपदा को औद्योगिक निवेश के लिए उपलब्ध कराना, स्थानीय विकास को बढ़ावा देना तथा पारदर्शी ई-नीलामी प्रणाली के माध्यम से निवेशकों को आकर्षित करना है।सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमत्री के सचिव एवं खनिज सचिव श्री पी. दयानंद ने कहा कि हमें नई औद्योगिक नीति के अनुरूप खनिज क्षेत्र के विकास के साथ ‘विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़’ के संकल्प को साकार करना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में खनिज नीति और नई उद्योग नीति से खनिज आधारित उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है। राज्य में खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए भरपूर संभावनाएं हैं।खनिज सचिव श्री पी. दयानंद ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा राज्य है, जहां कोयला, चूना पत्थर, डोलोमाइट, लौह अयस्क, बॉक्साइट, टिन, लीथियम, कोबाल्ट तथा रेयर अर्थ एलिमेंट्स जैसे 28 से अधिक प्रमुख खनिजों की भरपूर उपलब्धता है। छत्तीसगढ़ में अब तक 51 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी हो चुकी है और आने वाले समय में इस संख्या को और आगे बढ़ाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा गठित स्पेशल टास्क फोर्स के माध्यम से विभिन्न खनिज समूहों के लिए अनुसंधान किया जा रहा है। इसके साथ ही सोनाखान भवन में एक ड्रिल कोर लाइब्रेरी स्थापित की जा रही है, ताकि अन्वेषण की गुणवत्ता और सटीकता को सुदृढ़ किया जा सके।खनिज सचिव श्री दयानंद ने यह भी बताया कि डीजीएम द्वारा चयनित कुल 9 खनिज ब्लॉकों की नीलामी की जा रही है, जिनमें 4 चूना पत्थर, 2 लौह अयस्क और 3 बॉक्साइट ब्लॉक शामिल हैं। इन ब्लॉकों में उपलब्ध संसाधनों का वाणिज्यिक दोहन निवेशकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है। चूना पत्थर के 200 मिलियन टन से अधिक भंडार बलौदाबाजार, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में स्थित हैं, जिनमें औसतन 42 प्रतिशत से अधिक कैल्शियम ऑक्साइड की मात्रा आंकी गई है। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि वे इन ब्लॉकों को एक आकर्षक औद्योगिक अवसर के रूप में देखें और छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीतियों का लाभ उठाएं। राज्य सरकार निवेशकों को हरसंभव सहयोग, पारदर्शिता और समयबद्ध अनुमतियां सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।खनिज विभाग के संचालक श्री रजत बंसल ने ई-नीलामी प्रणाली की प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि निविदा पोर्टल पर सभी खनिज ब्लॉकों से संबंधित विवरण उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित क्षेत्रों में रेलवे और सड़क जैसे मजबूत आधारभूत ढांचे के साथ स्थानीय श्रमशक्ति भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिससे उद्योगों की स्थापना सुगम और आर्थिक रूप से व्यावहारिक होगी। प्रति वर्ष 3-4 मिलियन टन उत्पादन क्षमता वाले उद्योगों की स्थापना की संभावना के साथ इन क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर व्यापक रोजगार सृजन होगा।इस अवसर पर कार्यक्रम में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के उप महानिदेशक श्री अमित धारवाड़कर, संयुक्त संचालक श्री अनुराग दीवान, श्री संजय कनकाने सहित विभिन्न निवेशक, औद्योगिक प्रतिनिधि, भूवैज्ञानिक एवं तकनीकी विशेषज्ञ तथा खनिज एवं उद्योग विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
- -रेशम और हस्तशिल्प को मिलेगा नया बाजार, ऑनलाइन बिक्री और निर्यात पर होगा फोकस-ग्रामोद्योग में रोजगार की असीम संभावनाएं, मुख्यमंत्री ने दिए ठोस रणनीति तैयार करने के निर्देश-मुख्यमंत्री ने की ग्रामोद्योग विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा-मुख्यमंत्री का निर्देश – समय पर हो यूनिटी मॉल का निर्माण, गुणवत्तापूर्ण ब्रांडिंग पर फोकसरायपुर /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि पारंपरिक रूप से बुनाई, कढ़ाई, हस्तशिल्प और माटी कला से जुड़े कारीगरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए विशेष रणनीति तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी इस कार्य में लगे लोगों की आजीविका को पुनर्जीवित करना और उनकी आय बढ़ाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में ग्रामोद्योग विभाग के कार्यों और गतिविधियों की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान राज्य में रेशम, हस्तशिल्प, खादी, हथकरघा और माटीकला से जुड़े पारंपरिक कारीगरों, बुनकरों और उत्पादों को प्रोत्साहन देने तथा उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।मुख्यमंत्री ने बैठक में ग्रामोद्योग विभाग के अंतर्गत शामिल सभी घटकों से जुड़ी आधारभूत जानकारी ली और कहा कि इन क्षेत्रों में रोजगार की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, आधुनिक तकनीक और विपणन के लिए ठोस एवं समन्वित कार्ययोजना तैयार की जाए, ताकि स्थायी रूप से रोजगार के अवसरों का सृजन हो सके।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि रेशम उत्पादन, कोसा वस्त्र निर्माण और हथकरघा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की परंपरा और दक्षता को नई ऊंचाई देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में संचालित भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से कुशल कारीगरों की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने संस्थान के सुचारु संचालन की दिशा में भी ठोस कदम उठाने की बात कही। श्री साय ने कहा कि विभाग द्वारा प्रशिक्षण के लिए जो राशि आबंटित की जाती है, उसका पूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जाए, ताकि कारीगरों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण मिल सके।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पारंपरिक शिल्प और बुनाई से जुड़े अत्यंत कुशल कारीगर मौजूद हैं, जो पीढ़ियों से बेहद सुंदर और आकर्षक कलाकृतियां एवं उत्पाद तैयार करते आ रहे हैं। ये हस्तनिर्मित वस्तुएं लोगों को काफी पसंद आती हैं।मुख्यमंत्री श्री साय ने निर्देश दिए कि इन उत्पादों को राज्य और देश के बड़े बाजारों तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिक्री और निर्यात की संभावनाओं को सक्रिय रूप से तलाशने के लिए विशेषज्ञों की मदद लेने की बात भी उन्होंने कही।मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिटी मॉल का निर्माण समय पर और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण किया जाए, ताकि राज्य के उत्पादों को विशेष स्थान और ब्रांडिंग मिल सके तथा छत्तीसगढ़ की पारंपरिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से प्रस्तुत किया जा सके। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाएं। इस क्षेत्र में नई तकनीकों का उपयोग कर उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में सुधार लाया जाए, ताकि रेशम उद्योग को मजबूती मिले और अधिक से अधिक लोगों को इससे रोजगार उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि हम अपने पारंपरिक कारीगरों और बुनकरों की कला को सम्मान देकर ही उनके जीवन को समृद्ध बना सकते हैं।इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, सचिव ग्रामोद्योग श्री श्याम धावड़े सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
- 2340 नागरिकों को मिला आधार समाधानआदिवासी अंचलों में डिजिटल क्रांति, आधार संचालक श्री लखन लाल साहू को मिला आधार एक्सीलेंस अवॉर्डरायपुर/ मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान जनजातीय समुदाय के जीवन में आशा की नई किरण बनकर उभरी है। इस योजना के अंतर्गत लगाए जा रहे शिविरों के माध्यम से दूरस्थ अंचलों तक आधार से संबंधित सेवाएं पहुँचाई जा रही हैं, जिससे हजारों नागरिकों को घर के पास ही राहत मिल रही है।अब तक जिले में आयोजित शिविरों के माध्यम से 2340 से अधिक जनजातीय नागरिकों को आधार कार्ड बनाया, अद्यतन एवं समस्याओं का समाधान सफलतापूर्वक किया जा चुका है। इससे यह स्पष्ट होता है कि धरती आबा योजना केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि जनजातीय समाज के लिए एक डिजिटल सशक्तिकरण अभियान बन गई है।जिले के आधार सेवा संचालक श्री लखन लाल साहू को जिला अंतर्गत राज्य में Best performing Operator in Aadhaar Enrolment &Update services in LWE Districts of Chhattisgarh State यह पुरस्कार UIDAI REGIONAL OFFICE HYDERABAD द्वारा 20 जून 2025 को रायपुर में आयोजित सम्मान समारोह में प्रदान किया गया।धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत नागरिकों को डिजिटल सेवा आधार, आय, जाति, निवास, बिजली की बिल भुगतान, गैस रिफिलिंग, ट्रेन टिकट, बैंकिग, किसानों का फसल बीमा, किसान पंजीयन, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पेन कार्ड, आदि सेवाएं जनजातीय समुदाय के नागरिकों को धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान शिविर में ग्राम स्तर पर ही मुहैया हो रहा है। धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान आज ग्राम विकास, जन सुविधा और डिजिटल समावेश का प्रतीक बन चुकी है। यह पहल न केवल आधार जैसी महत्वपूर्ण सेवा को सुलभ बना रही है, बल्कि जनजातीय अंचलों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रही है।
- रायपुर/ छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 158.6 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 338.0 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 68.5 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा में 144.6 मि.मी., सूरजपुर में 199.0 मि.मी., जशपुर में 301.0 मि.मी., कोरिया में 223.1 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 144.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 124.9 मि.मी., बलौदाबाजार में 159.3 मि.मी., गरियाबंद में 153.9 मि.मी., महासमुंद में 130.0 मि.मी. और धमतरी में 131.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर में 90.0 मि.मी., मुंगेली में 109.7 मि.मी., रायगढ़ में 204.5 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 121.6 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 168.5 मि.मी., सक्ती में 102.5 मि.मी. कोरबा में 144.4 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 138.5 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। दुर्ग जिले में 105.5 मि.मी., कबीरधाम में 77.8 मि.मी., राजनांदगांव में 75.8 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 201.3 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 96.7 मि.मी., बालोद में 141.8 मि.मी. और बस्तर जिले में 232.5 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। कोंडागांव में 152.9 मि.मी., कांकेर में 198.1 मि.मी., नारायणपुर में 147.9 मि.मी., दंतेवाड़ा में 214.8 मि.मी., सुकमा में 106.6 मि.मी. और बीजापुर में 283.5 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।
- बीते 7 वर्षों में 136 प्रकरणों पर स्वतः संज्ञान लेकर की गई कार्यवाहीरायपुर/ छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण ने राज्य में रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक कड़ा कदम उठाया है। प्राधिकरण ने ऐसे 106 प्रोजेक्ट्स की पहचान की है जो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से स्वीकृत होने के बावजूद अब तक रेरा अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं हुए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन प्रोजेक्ट्स का निर्माण अथवा विक्रय कार्य बिना वैधानिक रेरा पंजीकरण के किया जा रहा था, जो कि न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों के लिए भी अत्यंत नुकसानदेह है।प्राधिकरण ने इन सभी प्रोजेक्ट्स के प्रमोटरों को नोटिस जारी करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि रेरा अधिनियम, 2016 का पालन सुनिश्चित करना प्रत्येक प्रमोटर की जिम्मेदारी है। प्राधिकरण ने जानकारी दी है कि पिछले सात वर्षों में 136 प्रोजेक्ट्स के विरुद्ध स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्यवाही की गई है, जिनमें प्रमोटरों द्वारा बिना पंजीकरण कार्य संचालित किया गया था।रेरा अधिनियम के अनुसार, बिना पंजीकरण प्रोजेक्ट संचालित करने पर पंजीकरण शुल्क का 400 प्रतिशत तक अतिरिक्त शुल्क और परियोजना लागत का 10 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जा सकता है। रेरा अधिनियम की यही विशेषता है कि वह न केवल उपभोक्ताओं को सुरक्षित निवेश का वातावरण देता है, बल्कि रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और समयबद्धता भी सुनिश्चित करता है।सीजी रेरा ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की संपत्ति जैसे फ्लैट, प्लॉट, विला या व्यावसायिक इकाई खरीदने से पहले यह अवश्य जांच लें कि संबंधित परियोजना रेरा में पंजीकृत है या नहीं। इसके लिएhttps://rera.cgstate.gov.in/पोर्टल पर जाकर परियोजना की पंजीकरण स्थिति की जांच की जा सकती है। वहीं, प्रमोटरों को भी सलाह दी गई है कि वे अपनी परियोजनाओं को विधिवत रजिस्ट्रेशन कराएं ताकि किसी प्रकार की शास्ति या कानूनी कार्यवाही से बचा जा सके।प्राधिकरण का उद्देश्य स्पष्ट है कि वह उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना चाहता है और अनियमित एवं अराजक प्रोजेक्ट्स पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना चाहता है। घर खरीदने से पहले रेरा पंजीयन की पुष्टि अवश्य करें, इसी संदेश के साथ सीजी रेरा ने जिम्मेदार नागरिकों और ईमानदार डेवलपर्स से सहयोग की अपील की है।
- घर का बिजली बिल 90 प्रतिशत तक हुआ कम, पर्यावरण संरक्षण में निभा रहे भूमिकारायपुर/ प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आमजनों के लिए आर्थिक राहत और पर्यावरण संरक्षण दोनों ही दृष्टियों से वरदान साबित हो रही है। जगदलपुर के धरमपुरा क्षेत्र निवासी पुलिस सब इंस्पेक्टर श्री श्रीनिवास वर्मा इस योजना से लाभान्वित होकर न केवल अपने बिजली बिल से राहत पा रहे हैं, बल्कि ग्रीन एनर्जी अपनाकर पर्यावरण की सुरक्षा में भी सहभागी बन रहे हैं।श्री वर्मा ने बताया कि 3 किलोवाट का सोलर पैनल अपने घर की छत पर स्थापित कराया, जिसकी कुल लागत करीब दो लाख रुपये रही। इसमें केंद्र सरकार से 78 हजार रुपये की सब्सिडी भी प्राप्त हुई। उन्होंने बैंक से एक लाख रुपये का ऋण लेकर पैनल स्थापना की प्रक्रिया पूरी की और सब्सिडी मिलने पर ऋण का एक बड़ा हिस्सा चुका भी चुके हैं। उन्होंने बताया कि पहले उनके घर का मासिक बिजली बिल 5 से 7 हजार रुपये तक आता था, खासकर गर्मी के मौसम में खपत बहुत अधिक होती थी। लेकिन अब सोलर पैनल लगवाने के बाद से बिजली बिल में 90 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से बहुत राहत मिली है।श्री वर्मा ने इस योजना को एक बेहतरीन पहल बताते हुए सभी नागरिकों से अपील की कि वे भी ग्रीन ऊर्जा को अपनाएं और बिजली बिल से राहत पाने के लिए इस योजना का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि यह योजना पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने इस दूरदर्शी योजना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार जताया।योजना का लाभ लेने की प्रक्रियाप्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता राष्ट्रीय सौर ऊर्जा पोर्टलhttps://pmsuryaghar.gov.in/पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए बिजली कनेक्शन नंबर, आधार कार्ड और छत की फोटो जैसी सामान्य जानकारियों को अपलोड करना होता है। इसके अतिरिक्त, इच्छुक उपभोक्ता अपने नजदीकी छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय से संपर्क कर योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सोलर पैनल स्थापना के लिए बैंक ऋण का प्रावधान भी उपलब्ध है, जो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों या सहकारी बैंकों से प्राप्त किया जा सकता।
- चार साल तक एकल, फिर शिक्षकविहीन रहा स्कूल अब बन गया शिक्षा का केंद्ररायपुर/ छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शुरू की गई युक्तियुक्तकरण नीति अब राज्य के दूरस्थ अंचलों के गांवों के विद्यालयों में नए उत्साह का संचार कर रही है। रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड के पाकरगांव स्थित प्राथमिक शाला इसका जीवंत उदाहरण बन चुकी है। लंबे समय तक शिक्षकविहीन रह चुकी यह शाला अब शिक्षा की आवाज़ से गूंज रही है।पाकरगांव का यह स्कूल पहले चार वर्षों तक एकल शिक्षक के भरोसे संचालित होता रहा। बाद में शिक्षक के अन्यत्र तबादले के कारण स्कूल पूरी तरह शिक्षकविहीन हो गया। परिणामस्वरूप बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई और पालकों में भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ने लगी थी। कई बच्चों ने स्कूल आना तक बंद कर दिया था।सरकार द्वारा लागू युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए हैं। इनकी नियमित उपस्थिति से विद्यालय की गतिविधियाँ फिर से सुचारू रूप से शुरू हो गई हैं। बच्चों को अब न केवल अक्षरज्ञान मिल रहा है, बल्कि हिंदी, अंग्रेजी और गणित जैसे विषयों की व्यवस्थित शिक्षा भी मिल रही है। अंग्रेजी शब्दों का उच्चारण, हिंदी के पाठ, पहाड़े और गणित के सवालों के साथ कक्षा में फिर से रौनक लौट आई है।बच्चों के साथ-साथ पालकों और ग्रामवासियों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है। विद्यालय में नियमित कक्षाएं लगने से अब पालक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए उत्साहित हैं। ग्रामवासी इस बदलाव को एक नई शुरुआत के रूप में देख रहे हैं।पाकरगांव प्राथमिक शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री त्रिनाथ सतपथी ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि युक्तियुक्तकरण के चलते हमारे गांव के बच्चों को अब फिर से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा दो शिक्षकों की पदस्थापना से शाला में शिक्षा का माहौल सशक्त हुआ है और यह विद्यालय अब वास्तव में ज्ञान का केंद्र बन चुका है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और शासन प्रशासन के प्रति गांववासियों की ओर से आभार व्यक्त किया।युक्तियुक्तकरण के माध्यम से न केवल शिक्षकविहीन स्कूलों को संबल मिला है, बल्कि यह नीति ग्रामीण अंचलों में शिक्षा की पहुँच और गुणवत्ता को भी नई ऊंचाई दे रही है।
- राज्यपाल एवं कुलाध्यक्ष श्री रमेन डेकारायपुर/ राज्यपाल एवं कुलाध्यक्ष श्री रमेन डेका द्वारा डॉ जवाहर सुरीसेट्टी कार्यकारी निदेशक रूंगटा ग्रुप को रूंगटा इंटरनेशनल स्कील्स विश्वविद्यालय भिलाई जिला दुर्ग का प्रथम कुलपति नियुक्त किया गया है।राज्यपाल द्वारा उनकी नियुक्ति रूंगटा इंटरनेशनल स्कील्स विश्वविद्यालय अधिनियम, 2005 (संशोधन अधिनियम, 2025) की धारा 17(3) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए की गई है। डॉ सुरीसेट्टी का कार्यकाल, परिलब्धियां तथा सेवा शर्ते विश्वविद्यालय अधिनियम एवं परिनियम में निहित प्रावधान अनुसार होंगी। इस संबंध में गत दिवस राजभवन सचिवालय से आदेश जारी किया गया है।
- रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज राजभवन में आदिम जाति, अनुसूचित जाति विकास विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने सौजन्य भेंट की। उन्होंनें विभाग की गतिविधियों से राज्यपाल को अवगत कराया।
- *पशुओं के कारण हुआ हादसा तो मालिक को भी सह आरोपी बनाया जाएगा**खुले में मवेशी छोड़े तो देना होगा भारी जुर्माना*बिलासपुर/ कलेक्टर संजय अग्रवाल एवं एसपी रजनेश सिंह ने आवारा पशु प्रबंधन को लेकर अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने सभी पशु मालिकों को अपना जानवर अपनी देखरेख और निगरानी में रखने को चेताया है। आवारा छोड़ने पर भारी जुर्माना किया जाएगा। एसपी ने कहा कि मवेशियों के कारण सड़क दुर्घटना होने पर पशु मालिक को भी सह आरोपी बनाया जाएगा।बैठक में जिले के सभी एसडीएम, जनपद पंचायत सीईओ, जोन कमिश्नर और नगरपालिका अधिकारी, पशु चिकित्सा विभाग और ट्रैफिक पुलिस उपस्थित थे।कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि बरसात में सड़कों पर मवेशियों के बैठ जाने से दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। सभी विभाग आपस में मिलकर इसे रोकने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि शहरों में ऐसे जगह चिह्नित करें, जहां मवेशी ज्यादा बैठे होते हैं। उन क्षेत्रों में लगातार गश्त कर उन्हें हटाएं। मवेशी मालिकों का पता लगाकर उनसे संपर्क करें और समझाइश दें कि मवेशी को अपनी निगरानी में रखें। खुले में न छोड़ें। एक सर्वे के अनुसार बिलासपुर में लगभग 4 हजार जानवर खुले में विचरण करते पाए गए हैं। मालिक के सामने नहीं आने पर इन्हें पशु आश्रय स्थलों में रखे जाएंगे। शहर और आसपास के ग्रामों में आधा दर्जन से ज्यादा आश्रय स्थल विकसित किए जाएंगे। शहर के मोपका, कोनी, गोकुलधाम, सहित रहँगी,धौराभांठा, पाराघाट, लावर, काटाकोनी में पशु आश्रय स्थल बनाए जाएंगे। डीएमएफ से शेड, पानी के लिए आवंटन दिए जाएंगे। आश्रय स्थल में रखे पशुओं के लिए चारे का इंतजाम भी होगा। पशु कल्याण समिति से चारा की व्यवस्था की जाएगी। दानदाताओं से भी चारे में सहयोग की अपील की गई है। कलेक्टर ने कहा कि सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी एनएचएआई की है। सड़क के किनारे पशुओं को रखने के लिए भूमि आरक्षित रखने को कहा है। बैठक में नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
- शहीदों के परिजनों को मिलेगा विभाग चुनने का विकल्प, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी का आभार- उप मुख्यमंत्री विजय शर्माबिलासपुर/राज्य शासन द्वारा नक्सली हिंसा में शहीद हुए पुलिस सेवकों के परिजनों के हित में एक महत्वपूर्ण और मानवीय निर्णय लिया गया है। विगत दिनों मंत्रिपरिषद ने "एकजाई पुनरीक्षित अनुकम्पा नियुक्ति निर्देश-2013" की कंडिका 13(3) में संशोधन को मंजूरी दी है।उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि शहीद हमारे समाज की अमूल्य धरोहर हैं। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर प्रदेश और देश की रक्षा की है। उनके परिजनों को केवल विकल्पहीन नियुक्ति देना न्यायसंगत नहीं था। लंबे समय से शहीद परिवारों की इस मांग को हमने सरकार के समक्ष पूरी गंभीरता से रखा। मुझे प्रसन्नता है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने इस निर्णय को पारित किया है। अब शहीदों के परिजनों को विभाग चुनने का अधिकार मिलेगा, जिससे उनकी सुविधा और सम्मान दोनों सुनिश्चित होंगे।उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस संशोधन के अनुसार, अब नक्सली हिंसा में शहीद हुए पुलिस सेवकों के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति केवल पुलिस विभाग तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि वे राज्य शासन के किसी भी विभाग में, किसी भी जिला अथवा संभाग में अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त कर सकेंगे। पूर्व में यह प्रावधान था कि अनुकम्पा नियुक्ति उसी विभाग में दी जाए, जिसमें दिवंगत शासकीय सेवक सेवारत था। परंतु शहीदों के परिजनों की लगातार मांग को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने इस नीति में संशोधन कर यह विकल्प प्रदान किया है। उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की पहल पर इस निर्णय को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी के समक्ष मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रस्तुत किया गया।उल्लेखनीय है कि उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा को लगातार शहीद परिवारों और उनके संगठनों से यह मांग प्राप्त हो रही थी कि उन्हें अनिवार्य रूप से पुलिस विभाग में नियुक्ति न देकर, अन्य विभागों में भी विकल्प मिलना चाहिए। उप मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और सक्रियता से यह विषय मंत्रिपरिषद में लाया गया और सर्वसम्मति से निर्णय पारित हुआ।उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा राज्य के शहीद परिवार ने पुलिस विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति के साथ अन्य विभागों में नियुक्ति की मांग की थी। अब उनके लिए यह रास्ता खुल गया है, जिससे उन्हें सम्मानजनक और सुविधाजनक रोजगार का अवसर प्राप्त होगा। यह निर्णय न केवल शहीदों के बलिदान को सम्मान देने का कार्य है, बल्कि उनके परिवारों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व का भी प्रमाण है।