मेरा काम ‘फिनिशिंग टच' देना है : रिचा घोष
मुंबई. विकेटकीपर बल्लेबाज रिचा घोष ने कहा है कि भारत की विश्व कप विजेता टीम विश्वास और अपनी भूमिका को लेकर स्पष्टता की नींव पर बनी है जिसमे कोच अमोल मजूमदार ने उन्हें ‘फिनिशर' की भूमिका सौंपी है । दो बार फाइनल में हारी भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार विश्व कप जीता ।
रिचा ने जियो स्टार के ‘फॉलो द ब्लू' कार्यक्रम में कहा ,‘‘ मेरा मुख्य काम मैच में आखिर तक टिककर तेजी से रन बनाने का था । मुझे जब भी बल्लेबाजी का मौका मिला तो मैने यही करने की कोशिश की । मैने स्ट्राइक रेट ऊंचा रखकर विरोधी गेंदबाजों पर दबाव बनाने का प्रयास किया ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ ये अतिरिक्त रन बनाने से टीम का दबाव कम हुआ और हमें जीतने का बेहतर मौका मिला ।
उन्होंने कोच अमोल मजूमदार की भी तारीफ की जिन्होंने ऐसा माहौल तैयार किया कि हर खिलाड़ी को अपनी भूमिका के बारे में पता था । रिचा ने कहा, अमोल सर ने टीम में सभी की भूमिका स्पष्ट कर दी थी । मेरा काम बेखौफ क्रिकेट खेलना, बड़े शॉट लगाना और अंत तक डटे रहना था ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मैने विश्व कप से पहले क्रीज पर टिककर बड़ी पारी खेलने का काफी अभ्यास किया । जब भी खेलने का मौका मिला तो मैने जमीनी शॉट लगाये और अपना विकेट फेंकने से बचती रही । मैने एक दो रन लेने के मौके भी नहीं गंवाये ।'' रिचा ने आठ पारियों में 133 . 52 की स्ट्राइक रेट से 235 रन बनाये । इसके साथ ही उन्होंने महिला विश्व कप में सर्वाधिक छक्कों के वेस्टइंडीज के डिएंड्रा डोटिन (12) के रिकॉर्ड की भी बराबरी की ।


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