- Home
- छत्तीसगढ़
- बिलासपुर। उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायाधीश एवं न्यायिक अकादमी के मुख्य संरक्षक माननीय श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा के नेतृत्व में, छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी, बिलासपुर द्वारा आज नव नियुक्त सिविल न्यायाधीश (कनिष्ठ श्रेणी) के लिए प्रथम चरण के इंडक्शन ट्रेनिंग कार्यक्रम (3 माह) का शुभारंभ किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 30 जून, 2025 से 27 सितम्बर, 2025 तक आयोजित किया जाएगा। उक्त कार्यक्रम में माननीय श्रीमती न्यायमूर्ति रजनी दुबे, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी की गरिमामयी उपस्थिति रही।माननीय मुख्य न्यायाधीश ने अपने प्रभावशाली संबोधन में नव नियुक्त न्यायिक अधिकारियों को न्यायिक सेवा में चयनित होने पर बधाई दी एवं ध्यान आकर्षित किया कि, "न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति केवल एक नौकरी नहीं है, बल्कि यह एक पवित्र उत्तरदायित्व है।" विधि के शासन को बनाए रखने एवं सामान्य नागरिक को न्याय सुनिश्चित करने के लिए उन्हें यह पवित्र उत्तरदायित्व सौंपा गया है। उन्होंने सतत् अध्ययन, न्यायिक आचार संहिता एवं विनम्रता के महत्व को रेखांकित किया, एवं नव नियुक्त न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षण के प्रति समर्पण एवं ईमानदारी से जुड़ने हेतु प्रेरित किया, क्योंकि इस प्रशिक्षण अवधि के दौरान रखी गई नींव उनके भविष्य के न्यायिक आचरण एवं क्षमता को आकार देगी।माननीय मुख्य न्यायाधीश ने समय की पाबंदी, तैयारी और धैर्य को एक अच्छे न्यायाधीश की पहचान बताया, साथ ही स्मरण कराया कि "विलंबित न्याय, अन्याय के समान है और कभी-कभी, जल्दबाज़ी में किया गया न्याय भी अन्याय ही होता है।" इसलिए गति और न्याय के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। अब आप न्याय केसंरक्षक हैं, उस स्तर पर जहाँ सामान्य नागरिक न्याय प्रणाली से पहली बार जुड़ता है। यहीं, निचली अदालतों में, न्याय की सच्ची छवि जनता के मन में बनती है।" उन्होंने आशा व्यक्त की कि न्यायिक सेवा की यह यात्रा निरंतर अध्ययन, निर्भीक स्वतंत्रता और न्याय के प्रति अटूट समर्पण से परिपूर्ण होगी।कार्यक्रम में उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्री एवं न्यायिक अकादमी के अधिकारीगण की भी उपस्थिति रही।
- -शिक्षक विहीन स्कूलों को मिले स्थायी शिक्षकमहासमुंद / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप प्रदेश के हर स्कूल में पर्याप्त शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में शिक्षा विभाग द्वारा युक्तियुक्तकरण नीति को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। शासन के निर्देशानुसार शिक्षकों का समायोजन (काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से) करके उन्हें उन स्कूलों में भेजा गया जहां उनकी सबसे अधिक आवश्यकता थी। महासमुंद जिले में इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन से वर्षों से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे कई स्कूलों में अब स्थायी शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। इससे न केवल छात्र-छात्राओं को उचित मार्गदर्शन और विषय विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा, बल्कि अभिभावकों में भी संतोष और विश्वास की भावना उत्पन्न हुई है।शासन के निर्देशानुसार जिले में विद्यालयों का युक्तियुक्तकरण करते हुए अतिशेष शिक्षकों का समायोजन उन स्कूलों में किया गया, जहां विषयवार शिक्षकों की अत्यंत आवश्यकता थी। इस काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से बसना विकासखंड में 126, सरायपाली में 152, पिथौरा में 139, महासमुंद में 211 और बागबाहरा में 75, इस प्रकार कुल 703 शिक्षकों का नियमानुसार समायोजन किया गया। छोटेटेमरी, गढ़गांव, धुमाभांठा और गिधापाली जैसे विद्यालय, जहां वर्षों से स्थायी शिक्षक नहीं थे और पढ़ाई की व्यवस्था स्थानीय समन्वय या वैकल्पिक व्यवस्था से संचालित हो रही थी, अब वहाँ नियमित शिक्षकों की पदस्थापना से शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिली है। कई ऐसे विद्यालय, जो बीते 25 वर्षों से केवल एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे थे, अब बहुशिक्षकीय विद्यालय बन चुके हैं।शिक्षकों की पदस्थापना पर विद्यालयों में हर्षोल्लास का वातावरण देखने को मिला। विद्यार्थियों ने जहां खुशी जाहिर की, वहीं ग्राम पंचायत, सरपंचों और जनप्रतिनिधियों द्वारा नवपदस्थ शिक्षकों का पुष्पगुच्छों से स्वागत किया गया। इस सकारात्मक पहल से न केवल स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में व्यापक सुधार होगा, बल्कि विद्यार्थियों को विषय विशेषज्ञ शिक्षकों से मार्गदर्शन मिलने से उनका भविष्य अधिक सुदृढ़ और उज्ज्वल बनेगा।
- बलौदाबाजार,30 जून 2025/खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा युवा कल्याण के विभिन्न क्षेत्र में किये गये अविस्मरणीय कार्य, सेवाओं तथा अभिनव प्रयास के लिये सम्मानित करने और उनमें एक राष्ट्रीय कीर्तिमान विकसित करने की दृष्टि से युवा रत्न सम्मान योजना वर्ष 2025-26 के लिए आवेदन मंगाए गए है। योजनांतर्गत विभिन्न क्षेत्र जैसे असाधारण एवं विशिष्ट सेवा कार्य (पुस्कार राशि 2.5 एवं 5 लाख) 01 युवा तथा 01 स्वैच्छिक संगठन, समाजिक, साहित्य, उद्योग, शिक्षा, खेल, पर्यावरण क्षेत्र, युवा रत्न सम्मान (महिला एवं बाल विकास), युवा रत्न सम्मान (मीडिया), युवा रत्न सम्मान (स्वास्थ्य), युवा रत्न सम्मान (विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी), युवा रत्न सम्मान (दिव्यांग़जन), युवा रत्न सम्मान (कला एवं संगीत) एवं युवा रत्न सम्मान (लोककला) में सम्मान किया जाएगा जिसमें प्रत्येक क्षेत्र में 01 युवा को 01 लाख पुरस्कार राशि के साथ पदक, एक प्रमाण पत्र, एक शॉल प्रदान की जायेगी। युवा रत्न सम्मान (महिला एवं बाल विकास) के पुरस्कार में केवल महिलाओं एवं बालिकाओं को ही प्रदाय की जायेगी। एक श्रेणी का युवा रत्न सम्मान, किसी व्यक्ति संगठन या संस्था को एक से अधिक बार नहीं दिया जाएगा । उक्त सम्मान हेतु छत्तीसगढ़ का मूल निवासी तथा आयु 15 से 29 वर्ष (जिस वित्तीय वर्ष के लिए पुरस्कार प्रदान किया जाना है, उसके 01 अप्रैल को उसकी आयु 15 वर्ष पूर्ण तथा 31 मार्च में आयु 29 वर्ष से कम होना चाहिए) के बीच होना चाहिए। युवा रत्न सम्मान के संबंध में अधिक जानकारी हेतु देवेन्द्र सिंह अजमानी सहा ग्रेड-02, खेल एवं युवा कल्याण बलौदाबाजार मो.न.9827461266 पर संपर्क कर सकते है।
- रायपुर /मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन के सेक्रेटरी ब्लॉक के पंचम तल पर निर्मित नवीन सभागार का लोकार्पण किया। 13.90 करोड़ रुपये की कुल लागत से निर्मित यह भव्य सभागार सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। 6450 वर्गफुट क्षेत्र में बने इस कॉन्फ्रेंस हॉल की बैठक क्षमता 185 सीटों की है। सभागार आंतरिक विद्युतीकरण, अग्निशमन व्यवस्था, वातानुकूलन, ऑडियो-विजुअल प्रणाली, आंतरिक साज-सज्जा तथा फर्नीचर सहित सभी आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित है।इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव एवं श्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा सहित मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मुकेश बंसल, श्री पी. दयानंद, डॉ. बसवराजू एस., श्री राहुल भगत, सचिव श्री रजत कुमार, श्री अंकित आनंद, श्री अविनाश चम्पावत तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
- -प्रदेश में पारेषण तंत्र का तेजी से हुआ विस्तार - प्रबंध निदेशक श्री शुक्लारायपुर । छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी मुख्यालय में आज अधीक्षण अभियंता सहित 9 अधिकारियों-कर्मचारियों को अधिवार्षिकी आयु पूर्ण होने पर सेवानिवृत्ति व विदाई दी गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रबंध निदेशक श्री राजेश कुमार शुक्ला ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के समय हमारे यहां केवल 27 अतिउच्चदाब उपकेन्द्र थे जो आज बढ़कर 135 हो गये है। साथ ही पारेषण लाइनों की लंबाई 4 हजार सर्किट किलोमीटर से बढ़कर 14 हजार सर्किट किलोमीटर हो गई है। 25 वर्षों में राज्य के पारेषण नेटवर्क का तेजी से विस्तार हुआ है। इसका श्रेय सभी अधिकारी-कर्मचारियों की लगन, मेहनत और निष्ठा को जाता है।उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी-कर्मचारियों के अनुभव का विशेष लाभ उनके मातहत कर्मचारियों को मिलता है। सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी कर्मचारियों का विशेष योगदान पारेषण तंत्र को मजबूत करने में रहा है।विदाई समारोह में अधीक्षण अभियंता (टीएंडडी) श्री प्रमोद कुमार कोमजवार रायपुर, सहायक प्रबंधक (वित्त एवं लेखा)श्री भरत सिंह ध्रुवे, रायपुर, अनुभाग अधिकारी श्रीमती निर्मला ध्रुव बिलासपुर, कनिष्ठ पर्यवेक्षक श्री राम भरोसे मन्नेवार रायगढ़, लाइन सहायक श्रेणी-एक श्री गनपत राम धुरंधर रायपुर, कनिष्ठ पर्यवेक्षक श्री विनोद कुमार भंगाले खेदामारा, संयंत्र सहायक श्रेणी-दो श्री किशोर महतो कोरबा, लाइन सहायक श्रेणी-2 श्री संपत लाल अहिरवार कोरबा (स्वैच्छिक) एवं श्रीमती कांता बाई राजवाड़े, भृत्य कोरबा को सेवानिवृत्ति उपरांत प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया। उन्होंने अपने अनुभव साझा किये और पॉवर कंपनी के प्रति आभार जताया।इस अवसर पर कार्यपालक निदेशकगण सर्वश्री एम.एस.चौहान, संजय पटेल, वी.के.दीक्षित, श्रीमति ज्योति ननौरे, मुख्य अभियंता श्री के.बी.पात्रे एवं ए.एम.परियल विशेष रूप से उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन कार्यपालन अभियंता(सचिवालय) श्री राजेश सिंह ने किया। संचालन प्रबंधक (जनसंपर्क) श्री गोविंद पटेल ने किया।
- -कहीं बिजली बिल शून्य या न्यूनतम, पर्यावरण को भी लाभमहासमुंद / भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई “पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना“ आम नागरिकों के लिए ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित हो रही है। इस योजना का उद्देश्य देश के आवासीय परिवारों को अपनी बिजली स्वयं उत्पन्न करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके अंतर्गत 5 किलोवाट तक के सोलर रूफटॉप सिस्टम पर केंद्र सरकार द्वारा 78,000 रुपए तथा राज्य सरकार द्वारा 30,000 रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस पहल से न केवल आम जनता को आर्थिक राहत मिल रही है, बल्कि अक्षय ऊर्जा को भी बढ़ावा मिल रहा है। महासमुंद जिले के अनेक नागरिक इस योजना का लाभ उठा रहे हैं और अपने अनुभव साझा कर रहे हैं।महासमुंद के त्रिमूर्ति कॉलोनी निवासी श्री अजय कुमार श्रीवास ने बताया कि उन्होंने अपने घर की छत पर 5 किलोवाट क्षमता का सौर पैनल सिस्टम स्थापित कराया है। उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में लगे सोलर पैनल को देखकर प्रेरणा ली और योजना की जानकारी जुटाकर लगभग छह माह पूर्व आवेदन किया। पंजीकृत वेंडर द्वारा सोलर सिस्टम स्थापित किए जाने के बाद उनका बिजली बिल अब शून्य हो गया है, बल्कि माइनस में जाकर उन्हें क्रेडिट यूनिट का भी लाभ मिल रहा है। श्रीवास ने कहा, यह योजना वास्तव में आम जनता के लिए लाभकारी पहल है। इससे न केवल बिजली खर्च से राहत मिली है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देने का अवसर मिल रहा है। हर परिवार को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए।महासमुंद के गांधी चौक निवासी श्री ऋषभ बाफना ने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सौर पैनल सिस्टम लगवाया है। उन्होंने बताया कि एक मिल में सोलर पैनल देखकर उन्हें प्रेरणा मिली और उन्होंने योजना का लाभ लेने का निर्णय लिया। मात्र दो माह में ही उन्हें सौर ऊर्जा का लाभ मिलने लगा है।पूर्व में उनके दो अलग-अलग मीटरों पर कुल 15,000 रुपए तक का बिजली बिल आता था, जो अब घटकर लगभग 1,500 रुपए के आसपास रह गया है। उन्होंने शासन की इस योजना की सराहना करते हुए कहा, सोलर पैनल लगाने से हम न केवल बिजली बिल में कमी ला रहे हैं, बल्कि पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता भी घटा रहे हैं।
-
-गड़बड़ी और लापरवाही पर थमाया नोटिस
बिलासपुर /कलेक्टर के निर्देश पर कृषि विभाग की टीम ने फिर छापामार शैली में कार्रवाई की। उन्होंने बिल्हा और मस्तूरी ब्लॉक के आधा दर्जन खाद और कृषि दवाई दुकानों में दबिश दी। गड़बड़ी और लापरवाही पाए जाने पर उन सभी को शो कॉज नोटिस जारी किया गया है। एक सप्ताह में कमियां दुरुस्त कर उनसे रिपोर्ट तलब की गई है। अन्यथा लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने खाद, बीज और कृषि दवाइयों की जमाखोरी और कालाबाजारी पर लगाम कसने के सख्त निर्देश जिला प्रशंसकों दिए हैं। इस क्रम में कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देश पर उप संचालक कृषि द्वारा टीम गठित की तत्परता पूर्वक कार्रवाई की जा रही है। उप संचालक श्री पीडी हथेश्वर ने बताया कि जिला स्तरीय निरीक्षण दल द्वारा विकासखण्ड-बिल्हा और मस्तूरी अन्तर्गत मेसर्स किसान मितान कृषि केन्द्र मोपका, मेसर्स अमृत कृषि केन्द्र सीपत, मेसर्स अग्रवाल खाद भण्डार मल्हार, मेसर्स गुप्ता खाद भण्डार मल्हार, मेसर्स गणेश खाद भण्डार मल्हार एवं मेसर्स कैवर्त कृषि केन्द्र मल्हार का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। जिसमे मेसर्स किसान मितान कृषि केन्द्र मोपका वि.ख. बिल्हा में उर्वरक एवं बीजों का निर्धारित प्रारूप में स्टॉक पंजी का संधारण नहीं किया जा रहा था।मूल्य और उपलब्ध खाद की मात्रा सूची प्रदर्शित नहीं किये जाने के साथ ही सप्ताहिक एवं मासिक प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराने तथा बीज अनुज्ञप्ति में बिना प्रविष्टि कराये कम्पनियों के बीजों का भण्डारण किये जाने के कारण शो कॉज नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
मेसर्स मेसर्स अमृत कृषि केन्द्र सीपत में मूल्य-स्टॉक सूची प्रदर्शित नहीं एवं निर्धारित प्रारूप में स्कंध एवं बिल बुक नहीं पाये जाने पर नोटिस जारी किया गया। मेसर्स अग्रवाल खाद भण्डार मल्हार को मूल्य, स्टॉक सूची प्रदर्शित नहीं एवं निर्धारित प्रारूप में स्कंध एवं बिल बुक नहीं पाये जाने तथा उर्वरक अनुज्ञप्ति में समावेश कराये कम्पनियों के उर्वरकों के अतिरिक्त अन्य कम्पनी के उर्वरकों का भण्डारण किये जाने के कारण नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है । मेसर्स गुप्ता खाद भण्डार मल्हार को बिल बुक निर्धारित प्रारूप में संधारण करने हेतु चेतवानी दी गई। मेसर्स गणेश खाद भण्डार मल्हार को अनुज्ञप्ति में फार्म ओ समावेश कराने, निर्धारित फार्मेट में बिल एवं स्कंध संधारण नहीं किये जाने के कारण करने नोटिश जारी किया गया। इसी प्रकार मेसर्स कैवर्त कृषि केन्द्र मल्हार को कीटनाशक एवं बीज अनुज्ञप्ति में बिना प्रिसिंपल सर्टिफिकेट समावेश के कीटनाशक औषधियों पर विक्रय करने, क्रेताओं को निर्धारित फार्मेट में बिल नहीं दिये जाने, स्कंध पंजी का संधारण नहीं किये जाने पर जवाब तलब किया गया है। जिला स्तरीय निरीक्षण दल में श्री अनिल कुमार शुक्ला सहायक संचालक कृषि, श्री उमेश कश्यप ग्रा.कृ.वि.अ., श्री विजय धीरज ग्रा.कृ.वि.अ.,कार्यालयीन एवं विकासखण्ड मस्तूरी से श्री ए.के.आहिरे प्र.व.कृ.वि.अ., एवं श्रीमती अनामिका वर्मा कृ.वि.अ.उर्वरक निरीक्षक उपस्थित थे। - -जल संसाधन विभाग ने जारी किया अलर्टबिलासपुर /आगामी वर्षाकाल के दौरान आवश्यकता होने पर मिनीमाता बांगो बांध माचाडोली से हसदेव नदी में जल प्रवाहित किया जाएगा। वर्तमान में मिनीमाता बांगो बांध में लगभग 25.45 प्रतिशत जल भराव है। वर्षाकाल में आगामी दिनों में अत्यधिक वर्षा के कारण यदि मिनीमाता बांगो बांध जलाशय का जल स्तर तेजी से बढ़ेगा, तो तत्कालीन परिस्थिति के अनुसार मिनीमाता बांगो बांध का जलद्वार खोलकर हसदेव नदी में जल प्रवाहित किया जा सकता है। अतः सर्वसाधारण एवं कार्य एजेंसियों को सूचित किया जाता है कि बांध से नीचे, हसदेव नदी के किनारे, बाढ़ क्षेत्र में स्थापित चल-अचल संपत्ति सुरक्षित स्थानों पर ले जावें। बाढ़ क्षेत्र में स्थापित खनिज खदान, ठेकेदार, औद्योगिक इकाईयों, संस्थानों आदि को भी सूचित किया जाता है कि वह अपनी परिसंपत्तियों को बाढ़ क्षेत्र से बाहर कर लेवें। अकस्मात बाढ़ से होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति के लिए जल संसाधन विभाग उत्तरदायी नहीं होगा।बाढ़ क्षेत्रों में आने वाले संभावित ग्रामों में बांगो, चर्रा, पोंड़ी उपरोड़ा, कोनकोना, लेपरा, टुनियाकछार, पाथा, गाड़ाघाट, छिनमेर, कछार, कल्मीपारा, सिलयारीपारा, जुनापारा, तिलाईडांड, डुगुपारा, टुंगुमाड़ा, छिर्रापारा, मछलीबाटा, कोरियाघाट, धनगांव, डोंगाघाट, नरमदा, औराकछार, सोनगुड़ा, जेल गांव, झाबू, नवांगांव, तिलसाभाटा, लोतलोता, स्याहीमुड़ा, कोडा, हथमार, झोरा, सिरकीकला आदि शामिल है। file photo
-
बिलासपुर /आदर्श औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र कोनी में जिंदल स्टील लिमिटेड, जिला रायगढ़ (छ.ग.) की ओर से आईटीआई पास अभ्यर्थियों के लिए 3 जुलाई 2025 को सवेरे 10.00 बजे से प्लेसमेंट कैंप आयोजित किया गया है। कैंप में फिटर, वेल्डर, मैकनिस्ट, इलेक्ट्रिशियन, टर्नर और गैस कटर आदि व्यवसाय में आईटीआई पास एवं इच्छुक अभ्यर्थी शामिल होकर लाभ ले सकते हैं।
- - जिस गर्मी में बिजली बिल छूता था आसमान अब हुआ जीरो- इस क्रांतिकारी योजना के लिए जताया प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री का आभाररायपुर / गर्मियों में बिजली बिल आसमान छूने लगता है जो सामान्य मौसम में डेढ़ से 2 हजार आता है वह कही 6 हजार तो बड़े परिवारों में 8 हजार को छू जाता है | आम उपभोक्ता जो गर्मी से परेशान तो होता ही है उसके बाद बिजली बिल में अधिक खर्च कर और ज्यादा परेशान हो जाता है अब शासन की महत्वकांशी योजना प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से यह परेशानी दूर हो है | राजधानी के चौबे कॉलोनी निवासी श्री मनोज कुमार जैन इस योजना को अपनाकर, गर्मी में बिजली बिल से छुटकारा पा चुके हैं | साथ ही अतिरिक्त बिजली उत्पादन को ग्रिड में डिपॉजिट कर आने वाले महीने बिजली बिल में भी छूट पा रहे है |मनोज बताते हैं कि उन्हें इस योजना के तहत सरकार से ₹78,000 की सब्सिडी प्राप्त हुई, जिससे यह व्यवस्था किफायती बन गई। उनके घर में दो इलेक्ट्रिक कार, एसी और अन्य बिजली उपकरण होने के बावजूद भी उन्हें बिजली के लिए अब एक पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ रहा।श्री जैन ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा, “यह योजना अब धरातल पर उतर रही है और हमारा परिवार इसका प्रत्यक्ष लाभ उठा रहा है।”उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे भी इस योजना का लाभ लें क्योंकि यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि आर्थिक रूप से भी लाभकारी है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर घरेलू सौर ऊर्जा प्रणाली को प्रोत्साहित कर रही हैं, जिससे आम नागरिक ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बन सकें है।
-
-दवा प्रतिरोधक टीबी मरीजों के लिए रायपुर में बीपालएम रेजिम की शुरुआत, अब इलाज मात्र 6 माह में संभव
रायपुर, / राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत जिला कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह की अध्यक्षता में, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी के मार्गदर्शन एवं जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. अविनाश चतुर्वेदी की उपस्थिति में नोडल डीआरटीबी सेंटर, मेकाहारा, रायपुर में दवा प्रतिरोधक टीबी के मरीजों के लिए नवीन बीपालएम रेजिम का शुरुआत किया गया | अब तक टीबी के दवा प्रतिरोधी मरीजों को 9 से 18 माह तक पांच से सात दवाएं प्रतिदिन लेनी पड़ती थीं। लेकिन बीपालएम रेजिम के तहत इलाज की अवधि केवल 6 माह रह गई है, और अब केवल 4 आधुनिक दवाओं से इलाज संभव होगा। इन दवाओं की अनुमानित लागत 1 लाख रुपये से अधिक है, जिसे सरकार की ओर से पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।यह पहल राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी को जड़ से मिटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर डीआरटीबी वार्ड के समस्त अधिकारी, डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे। - रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज राजभवन में सदस्य राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड, भारत सरकार श्री अमर परवानी ने सौजन्य भेंट की।
-
रायपुर,। राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज यहां राजभवन में उत्तर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा ने भेंट की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ ब्राम्हण समाज के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा, डॉ. मेघेश तिवारी, श्री अविनाश शुक्ला, श्री भूपेंन्द्र शर्मा, श्री संजय दीवान उपस्थित थे।
-
-बिजली बिल हुआ आधा, बिजली कटौती की समस्या से भी मिला छुटकारा
रायपुर,।प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना आमजन के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। सरगुजा जिले के उदयपुर निवासी श्री दीपक उपाध्याय के लिए यह योजना गर्मी के मौसम में बड़ी राहत लेकर आई। उन्होंने बताया कि हर वर्ष गर्मियों में बिजली की बढ़ती खपत के कारण न सिर्फ भारी-भरकम बिजली बिल चुकाना पड़ता था, बल्कि बार-बार होने वाली बिजली कटौती से घर के कामकाज और बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती थी।श्री उपाध्याय ने जैसे ही इस योजना की जानकारी प्राप्त की, उन्होंने तत्काल ऑनलाइन आवेदन किया और अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल लगवाया। इस प्रणाली की कुल लागत 2.16 लाख रुपये रही, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से 78 हजार रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई।उन्होंने बताया कि सोलर पैनल लगवाने से पहले उनका मासिक बिजली बिल 1500 से 2500 रुपये तक आता था, लेकिन अब यह आधे से भी कम हो गया है। इससे उन्हें आर्थिक रूप से राहत मिली है और बिजली कटौती की समस्या से भी छुटकारा मिला है।श्री उपाध्याय ने इस योजना को अत्यंत लाभकारी बताते हुए कहा कि यह न केवल घरेलू खर्चों में कमी लाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक सार्थक पहल है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे ग्रीन एनर्जी को अपनाकर पर्यावरण सुरक्षा में योगदान दें और बिजली बिल से राहत पाने के लिए इस योजना का लाभ उठाएं। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना जनकल्याण और पर्यावरण संरक्षण दोनों ही दृष्टियों से एक दूरदर्शी कदम है। - -धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत मिलेगा प्रशिक्षण-बांस से सशक्त होगी आजीविका, सुरक्षित रहेगा पर्यावरण-बांस से आदिवासी परिवारों को मिलेगा रोजगार और आत्मनिर्भरतारायपुर । मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार जनजातीय परिवारों को स्वावलंबी बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और इस दिशा में बांस आधारित योजनाएं मील का पत्थर साबित होंगी।आदिवासी संस्कृति में बांस का विशेष महत्व रहा है और अब यह आजीविका के सशक्त साधन के रूप में उभर रहा है। प्रदेश सरकार बांस के माध्यम से आदिवासी परिवार को आत्मनिर्भर बनाने और बांस के उत्पादों को बाजार तक सीधी पहुँच के माध्यम बनाएगी। इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र भी संतुलित रहेगा।धमतरी जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्रों में निवासरत विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के परिवारों के जीवन में बांस अब खुशहाली और हरियाली लेकर आएगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत प्रदेश के धमतरी जिले के कमार सहित अन्य जनजातीय परिवारों को बांस की खेती और बांस कला का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय परिवारों को पारंपरिक आजीविका के साथ-साथ आधुनिक तकनीकों से जोड़कर उनकी आय को सुदृढ़ करना है। बांस न केवल पर्यावरण के लिए वरदान है, बल्कि यह आदिवासी परिवारों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाने में सक्षम है। बांस उत्पादों की देश-विदेश में बढ़ती मांग को देखते हुए जनजातीय परिवारों को न केवल खेती बल्कि उत्पाद निर्माण, डिजाइनिंग और विपणन का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।धमतरी के कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने बताया कि जिले के गंगरेल और तुमराबाहरा क्षेत्र में बांस की खेती के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जा रही है। बांस विशेषज्ञ एवं सेवानिवृत्त भारतीय वन सेवा के अधिकारी श्री ए.के. भट्टाचार्य द्वारा जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों को बांस खेती और बांस कला पर तकनीकी मार्गदर्शन भी दिया गया है। बांस उत्पादों जैसे फर्नीचर, लैम्प, पेन स्टैंड, झाडू, सूपा, आकर्षक टोकरियां, प्लेटनुमा झौवा, पानी की बोतल, टूथब्रश और बांस ज्वेलरी बनाने की जानकारी दी जा रही है। कलेक्टर ने बताया कि जिले में बांस को आदिवासी परिवारों की आय का मुख्य साधन बनाने के लिए बैम्बू ब्लेज, आर्टिफिशियल कार्ड, बैम्बू एफपीओ, किसान बैम्बू क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही बांस कारीगरों को उनके कौशल उन्नयन के लिए महाराष्ट्र के चंद्रपुर स्थित बांस कला केन्द्र में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा।
- -30 आत्मसमर्पित नक्सलियों को दिया गया राज मिस्त्री का प्रशिक्षणरायपुर, ।नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में जिला प्रशासन द्वारा आत्म समर्पण कर मुख्यधारा में लौटे 30 पूर्व नक्सलियों को नया जीवन शुरू करने का अवसर प्रदान किया गया है। प्रशासन द्वारा इन युवाओं काो राजमिस्त्री का व्यवसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें आर्थिक रूप से स्वालंबी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए सुनहरे भविष्य की राह तैयार की की जा रही है। जिला कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन और एसपी किरण चव्हाण के मार्गदर्शन में इस पहल की शुरूआत की गई है। सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सभी लाभार्थियों को एसपी श्री किरण चव्हाण ने कार्यालय में प्रमाण पत्र प्रदान किया।छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पुनर्वास केंद्र में रखकर उनके कौशल विकास और रोजगार के अवसर सुनिश्चित कराए जा रहे हैं। इस योजना से नक्सली गतिविधियों से दूरी बनाने वालों को न केवल सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलेगा, बल्कि उनके परिवारों को राज्य सरकार द्वारा आत्म समर्पित नक्सलियों के लिए आजीविका के साधन भी उपलब्ध होंगे।शांति और विकास की राह में सम्मानजनक पहल की जा रही है। लाइवलीहूड कालेज के तत्वाधान में आरसेटी के तहत चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में आत्मसमर्पित नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की दिशा में यह एक अहम प्रयास माना जा रहा है। प्रशासन का मानना है कि इस तरह की योजनाएं बाकी सक्रिय नक्सलियों को भी हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित करेगी।प्रशिक्षण हासिल करने वाले सभी आत्मसमर्पितों को एसपी के द्वारा प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। प्रमाण पत्र पाकर प्रशिक्षित युवाओं में आत्मविश्वास साफ नजर आया। प्रशासन ने भरोसा जताया कि इस पहल से न सिर्फ उनका भविष्य सवंरेगा बल्कि सुकमा में स्थायी शांति और स्वरोजगार स्थापित करने में मदद मिलेगी।
- -खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में बढ़ा सौर ऊर्जा का उपयोग,-केंद्र व राज्य सरकार से मिल रही दोहरी सब्सिडीरायपुर । प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ने जिले के अनेक परिवारों की आर्थिक स्थिति और ऊर्जा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव लाया है। भारत सरकार की इस महत्वाकांक्षी पहल का उद्देश्य सौर ऊर्जा को घर-घर पहुंचाकर आमजन को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। योजना के अंतर्गत छत पर सोलर प्लांट स्थापित करने पर केंद्र सरकार द्वारा 30 हजार से लेकर 78 हजार रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। अब छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 30 हजार रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है, जिससे यह योजना और अधिक प्रभावी हो गई है।जिला खैरागढ़ की निवासी श्रीमती भारती सिंह ने अपने मकान की छत पर 10 किलोवाट का ऑन-ग्रिड सोलर प्लांट स्थापित किया है। उन्हें इस पर केंद्र सरकार से 78 हजार रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि इस संयंत्र से उन्हें बिजली बिल में लगभग 75 प्रतिशत तक की बचत हो रही है। सौर ऊर्जा के माध्यम से उन्हें सस्ती, स्वच्छ और अबाधित बिजली मिल रही है। उनका मानना है कि यह योजना आम परिवारों के लिए एक सुनहरा अवसर है।इसी तरह गंजीपारा निवासी श्री शिवादित्य सिंह ने अपने घर की छत पर 5 किलोवाट का सोलर संयंत्र लगाया है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी के कारण उन्हें संयंत्र की लागत काफी किफायती पड़ी है और अब उनका बिजली खर्च पर लगभग समाप्त हो गया है। वे इसे आम जनता के लिए वरदान मानते हैं। खैरागढ़ नगर के अमलीपारा वार्ड निवासी श्री नीलांबर सिंह ने 4 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित कराया है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक उन्हें न केवल आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि पर्यावरण के संरक्षण में भी मददगार साबित हो रही है। वहीं नगर के श्री मनीष अग्रवाल ने भी अपने मकान की छत पर 5 किलोवाट का सौर प्लांट लगाया है। उन्होंने बताया कि उन्हें बिजली की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ बिल में भी उल्लेखनीय कमी देखने को मिल रही है।छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के कार्यपालन अभियंता श्री अशोक कुमार द्विवेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत एक, दो और तीन किलोवाट की श्रेणियों में क्रमशः 30 हजार, 60 हजार और 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है। एक किलोवाट संयंत्र से प्रतिमाह लगभग 120 यूनिट बिजली निःशुल्क प्राप्त होती है, वहीं तीन किलोवाट संयंत्र से 360 यूनिट तक की बिजली उत्पादन संभव है। संयंत्र की स्थापना पर केंद्र सरकार की ओर से 25 वर्षों की वारंटी दी जाती है, जबकि अधिकृत वेंडर द्वारा 5 वर्षों तक प्लांट का निःशुल्क संधारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह योजना पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिससे ग्रामीण और शहरी उपभोक्ता दोनों ही लाभान्वित हो रहे हैं।योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक उपभोक्ताओं को चउेनतलंहींतण्हवअण्पद पोर्टल पर जाकर पंजीयन करना होगा। पोर्टल पर राज्य, बिजली वितरण कंपनी और कंज्यूमर नंबर की जानकारी भरकर आवेदन किया जाता है। अनुमोदन मिलने के पश्चात अधिकृत वेंडर से संयंत्र की स्थापना करानी होती है। संयंत्र स्थापित होने के बाद नेट मीटर की प्रक्रिया पूरी कर, आवश्यक दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड किए जाते हैं। बैंक खाता विवरण और रद्द चेक जमा करने के उपरांत 30 कार्य दिवसों के भीतर सब्सिडी की राशि उपभोक्ता के खाते में स्थानांतरित कर दी जाती है।
- -अब नहीं करनी पड़ती बिजली की बचत, हर उपकरण चल रहा है बेफिक्र-पीएम सूर्यघर योजना बनी 'ज्योति' के घर की असली रोशनीरायपुर ।एक दौर था जब गर्मी के मौसम का नाम सुनते ही आम लोगों के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आती थीं। कोरबा जिले के कटघोरा में रहने वाली श्रीमती ज्योति अनंत के लिए भी यह मौसम परेशानी और असुविधा लेकर आता था। भीषण गर्मी में बिजली की लगातार कटौती और ऊपर से महंगे बिजली बिल ने उनका चैन और सुकून छीन लिया था। दिन-रात पंखे और कूलर बंद रहते थे, और घर का बजट बिजली के बिल में ही उलझ कर रह जाता था।लेकिन आज, वही सूर्य जिसकी तपिश उन्हें सताती थी, अब उनके जीवन को रोशन कर रहा है। यह बदलाव संभव हुआ है प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत, जिसे केंद्र सरकार द्वारा आम नागरिकों के लिए शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में क्रियान्वित इस योजना ने हजारों परिवारों को राहत पहुंचाई है, जिनमें श्रीमती ज्योति अनंत भी एक हैं।उन्होंने अपने घर की छत पर इस योजना के तहत सोलर पैनल लगवाया और अब वही सूर्य, जो कभी कष्ट का कारण था, आज ऊर्जा और आत्मनिर्भरता का स्रोत बन गया है। श्रीमती अनंत बताती हैं कि पहले वे और उनका परिवार गिन-गिन कर बिजली का उपयोग करते थे ताकि बिल कम आए, लेकिन फिर भी हजारों का बिल आता था। कटौती का समय तय नहीं था, जिससे दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता था।एक दिन जब पड़ोसी से उन्हें इस योजना की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत इसकी विस्तृत जानकारी जुटाई और स्वयं योजना की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन किया। कुछ ही समय में उनके घर की छत पर सोलर पैनल इंस्टॉल कर दिया गया, साथ ही शासन द्वारा 78,000 की सब्सिडी भी प्राप्त हुई। पहले ही महीने में उन्हें इसका लाभ महसूस हुआ। अब बिजली जाती है या नहीं, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि सोलर एनर्जी से उनका घर चलता है।श्रीमती अनंत कहती हैं, "पहले गर्मी का मौसम एक सज़ा लगता था, अब यही मौसम राहत और मुनाफा लेकर आता है। हम न केवल अपनी जरूरत की बिजली खुद बना रहे हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर आर्थिक रूप से भी लाभ पा रहे हैं।"उन्होंने यह भी बताया कि योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका कोई जोखिम नहीं है और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचता, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम है। उनकी छत अब केवल बिजली उत्पादन का केंद्र नहीं रही, बल्कि हरित छत्तीसगढ़ की ओर उनका योगदान भी बन गई है।श्रीमती अनंत अब अपने अनुभव के आधार पर अन्य लोगों को भी इस योजना से जुड़ने की सलाह देती हैं। वे कहती हैं, "हम जैसे मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं। इससे न केवल बिजली की समस्या का हल हुआ है, बल्कि घरेलू खर्च में भी संतुलन आया है।"उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री श्री साय को इस जनकल्याणकारी योजना के लिए हृदय से धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई कि ऐसी योजनाएं भविष्य में भी आम जन तक पहुँचती रहेंगी।
- -स्वसहायता समूहों की महिलाएं 20 एकड़ भूमि पर कर रहीं हैं लेमन ग्रास की खेतीगौरेला पेण्ड्रा। मरवाही प्राकृतिक सौंदर्य के साथ साथ अपने औषधियों गुणों के लिए विख्यात जीपीएम जिला एक नई खुशबू फैल रही है यह खुशबू है आत्मनिर्भरता की, समृद्धि की, और महिला सशक्तिकरण की। बिहान योजना के तहत जीपीएम जिले के ग्राम अमारू में महिला स्वसहायता समूहों द्वारा शुरू की गई लेमन ग्रास की खेती अब लखपति दीदी बनने की राह को प्रशस्त कर रही है। जनपद पंचायत पेण्ड्रा अंतर्गत गठित 10 महिला स्वसहायता समूहों ने लगभग 20 एकड़ भूमि पर लेमन ग्रास की खेती शुरू की है। इन समूहों में ज्योति महिला समूह, महामाया समूह, जय संतोषी माता समूह, हनी समूह प्रमुख हैं। यह सामूहिक प्रयास न केवल आर्थिक स्वतंत्रता की ओर एक बड़ा कदम है, बल्कि औषधीय पौधों के क्षेत्र में एक स्थायी ग्रामीण मॉडल भी बनता जा रहा है।ज्योति समूह की सदस्य श्रीमती गायत्री काशीपुरी ने बताया कि उनके समूह के 11 सदस्यों द्वारा पादप औषधि बोर्ड के सहयोग से यह खेती की जा रही है। लेमन ग्रास से तेल निकालकर इसे खुले बाजार और औषधीय संस्थानों में बेचा जाएगा, जो चाय, इत्र एवं औषधीय बनाने में उपयोग होता है। "हमने इस खेती को और विस्तार देने का संकल्प लिया है," गायत्री ने कहा।महामाया समूह की श्रीमती सुशीला भानू, जय संतोषी माता समूह की श्रीमती पाबरिया भानू, और हनी समूह की श्रीमती पूजा ध्रुव ने सीईओ जिला पंचायत को बताया कि बिहान योजना के तहत उनके समूहों को 15 हजार रूपये की चक्रीय राशि, 60 हजार रूपये की सामुदायिक निवेश निधि (सीईएफ) और बैंक लिंकेज प्राप्त हुआ है। इससे महिलाएं सेंटरिंग प्लेट व्यवसाय, टेंट हाउस, सब्जी बाड़ी, किराना, बकरी व मुर्गी पालन जैसी अनेक आजीविकाएं चला रही हैं।सीईओ जिला पंचायत श्री सुरेन्द्र प्रसाद बैद्य ने निरीक्षण के दौरान एनआरएलएम के जिला मिशन प्रबंधक श्री दुर्गाशंकर सोनी को निर्देशित किया कि उद्यानिकी विभाग और मनरेगा के सहयोग से गांव की खाली पड़ी जमीनों को चिन्हित कर लेमन ग्रास खेती को और अधिक बढ़ावा दिया जाए। साथ ही उद्यानिकी अधिकारी श्री मदन झां, सरपंच श्रीमती कमलीबाई, और सचिव को भी आवश्यक समन्वय हेतु निर्देशित किया गया। यह पहल से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, इस मॉडल को अन्य ग्राम पंचायतों में भी लागू करने के लिए निर्देशित किए इस दौरान एनआरएलएम समूह पीआरपी और ग्रामीण जन उपस्थित थे।
- रायपुर /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में केन्द्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री श्री सतीश चन्द्र दुबे ने सौजन्य भेंट की। इस दौरान राज्य में कोयला खनन एवं उत्पादन से जुड़े विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श हुआ। बैठक में राज्य में कोयला उत्पादन, खनन कार्यों की प्रगति, श्रमिकों से जुड़ी सुविधाओं एवं विकास कार्यों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में कोयला एवं ऊर्जा क्षेत्र में विकास की संभावनाओं को साकार करने में सहायता मिलेगी। श्री साय ने इस दौरान सीएसआर मद की राशि का उपयोग अधिक से अधिक जनकल्याणकारी कार्यों में करने के संबंध में विशेष रूप से चर्चा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, एसईसीएल के मुख्य महाप्रबंधक श्री हरीश दुहन सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
- -बिजली बिल हुआ आधा, 30 हजार का अतिरिक्त अनुदान दे रही राज्य सरकाररायपुर । प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना पूरे देश की तरह बिलासपुर जिले के लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि महंगाई के इस दौर में भारी-भरकम बिजली बिल से भी राहत मिल रही है। बिलासपुर की अशोक नगर निवासी श्रीमती अंजलि सिंह ने अपनी छत पर तीन किलोवाट का सोलर प्लांट स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि इस सोलर प्लांट की कुल लागत एक लाख 85 हजार रुपए आई। इसमें केंद्र सरकार से 78 हजार रुपए की सब्सिडी भी मिली है।श्रीमती अंजलि सिंह ने बताया कि सोलर प्लांट लगाने से पहले उसके घर का मासिक बिजली बिल ढाई से तीन हजार रुपए तक आता था। लेकिन अब उसका बिजली बिल आधा हो गया है। इससे उन्हें आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच से अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान मिल रहा है। प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में अब राज्य सरकार भी केंद्र सरकार के साथ मिलकर उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचा रही है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की कैबिनेट ने अक्षय ऊर्जा को प्रोत्साहन देने और बिजली उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में 30 हजार रुपए तक का अतिरिक्त अनुदान देने का निर्णय लिया है। बिलासपुर की श्रीमती अंजलि सिंह ने बताया कि पहले बिजली चले जाने पर दिक्कतें होती थीं, बार-बार शिकायत करनी पड़ती थी। अब इन समस्याओं से छुटकारा मिल गया है। उन्होंने बताया कि आवेदन करने के दस दिनों के भीतर सेट-अप भी लग गया था। उन्होंने योजना के लिए सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि सोलर सिस्टम का रखरखाव बेहद सरल है और इसमें कोई अतिरिक्त खर्च नहीं आता है। उन्होंने हर व्यक्ति के लिए इसे उपयोगी बताते हुए इस योजना से जुड़ने का सुझाव दिया है।सरकार से मिल रही सब्सिडी, वेबसाइट या एप से कर सकते हैं पंजीयनप्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत स्थापित सोलर रूफ-टॉप संयंत्र विद्युत ग्रिड से नेट मीटरिंग के माध्यम से जोड़ा जाता है। उपभोक्ता अपनी जरूरत से अधिक बिजली का उत्पादन कर ग्रिड को सप्लाई कर सकते हैं, जिससे उनका बिजली बिल शून्य होने के साथ-साथ अतिरिक्त आय भी प्राप्त होती है। योजना के अंतर्गत एक किलोवाट का सोलर प्लांट स्थापित करने पर केंद्र सरकार से 30 हजार रुपए और राज्य सरकार से 15 हजार रुपए यानि कुल 45 हजार रुपए की सब्सिडी मिलती है। दो किलो वॉट पर केंद्र सरकार से 60 हजार रुपए और राज्य सरकार से 30 हजार रुपए तथा तीन किलोवाट का सोलर पैनल स्थापित करने पर केंद्र सरकार से 78 हजार रुपए और राज्य सरकार से 30 हजार रुपए यानि कुल एक लाख आठ हजार रुपए का अनुदान प्राप्त होगा। वेबसाइट https://pmsuryaghar.gov.in या पीएम सूर्यघर मोबाइल एप पर पंजीयन कराकर प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लिया जा सकता है।
-
--3 किलोमीटर के दायरे में 3 शराब दुकाने संचालित होगी
--खौली में धरना - प्रदर्शन जारी
रायपुर । विधानसभा क्षेत्र आरंग में खुलने जा रहे 5 शराब दूकानों में से एक और शराब दुकान के विरोध में ग्रामीण उठ खड़े हुये हैं । खौली में धरना - प्रदर्शन जारी है तो पलौद में ग्राम सभा व पंचायत द्वारा प्रस्ताव पारित किया जा चुका है । पूर्ववर्ती शासनकाल में नवगठित नगर पंचायत समोदा ने ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुये अपने क्षेत्र में शराब दूकान न खोलने की मांग को ले जिलाधीश को बीते दिनों ज्ञापन सौंपा है । नगर पंचायत के प्रतिनिधियों पर ग्रामीणों का दबाव इतना रहा कि वे दलीय राजनीति से ऊपर उठ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करने विवश हो गये । समोदा में शराब दूकान खोलने से 3 किलोमीटर के दायरे में 3 शराब दूकान हो जावेगा।
ज्ञातव्य हो कि नगर पंचायत समोदा में भाजपा के निर्वाचित अध्यक्ष को छोड़ निर्वाचित 15 पार्षद हैं जिनमें से 7 भाजपा के , 6 कांग्रेस के व 2 निर्दलीय हैं । अध्यक्ष व उपाध्यक्ष भाजपा के हैं । शासन द्वारा नगर पंचायत क्षेत्र में शराब दूकान खोले जाने का समाचार मिलते ही ग्रामीणों में व्याप्त आक्रोश को देखते हुये नगर पंचायत की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय ले जिलाधीश को ज्ञापन सौंप शराब दूकान न खोलने की मांग की है । बैठक में एक निर्दलीय पार्षद श्रीमती सोना अमित राय को छोड़ अध्यक्ष छोटेलाल सोनकर , उपाध्यक्ष अंगेश्वर देवांगन ( भाजपा ) सहित भाजपा के पार्षद शेष नारायण साहू , विक्रांत संतोष सोनकर , अमर निषाद , चेतन लाल साहू , डोमन लाल साहू , राजेश कुमार साहू , कांग्रेस के पार्षद श्रीमती दानेश्वरी साहू , श्रीमती गोमती शोभा साहू , देवेन्द्र कुमार साहू , श्रीमती वैशालनी साहू , श्रीमती दीपा साहू व सत्येंद्र चेलक सहित निर्दलीय पार्षद भीषम साहू मौजूद थे । ज्ञापन में नजदीकी ग्राम चपरीद ( थाना आरंग ) व ग्राम अछोला ( थाना तुमगांव ) में पूर्व से ही शराब दूकान होने व शराब दूकान खोलने से कानून व्यवस्था की स्थिति चरमराने की स्थिति के मद्देनजर ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुये शराब दूकान न खोलने का आग्रह किया गया है । ज्ञातव्य हो कि समोदा नगर पंचायत की सीमा से करीबन एक किलोमीटर की दूरी पर एक ओर चपरीद में तो दूसरी ओर अछोला में पूर्व से ही शराब दूकान संचालित है ।
- महापौर ने निगम जोन 5 के वार्ड 67 में श्रीराम गार्डन के पास और चंदन विहार में नई सीसी रोड, श्रीराम नगर, शिव नगर, अयोध्या नगर, करण नगर में नई पुलिया एवं सड़क शीघ्र बनाने 43 लाख की लागत के विविध नए विकास कार्यों हेतु वार्ड पार्षद ममता सोनू तिवारी सहित किया भूमिपूजनरायपुर/नगर पालिक निगम रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने नगर निगम जोन क्रमांक 5 के अंतर्गत भक्त माता कर्मा वार्ड क्रमांक 67 के क्षेत्र में वार्ड पार्षद श्रीमती ममता सोनू तिवारी सहित महिलाओं, गणमान्यजनों, सामाजिक कार्यकर्त्ताओं, नवयुवको, आमजनों, नगर निगम जोन 5 जोन कमिश्नर श्री खीरसागर नायक, कार्यपालन अभियंता श्री लाल महेन्द्र प्रताप सिंह, सहायक अभियंता श्री नागेश्वर रामटेके एवं अन्य सम्बंधित जोन अधिकारियों की उपस्थिति में श्रीफल फोड़कर और कुदाल चलाकर लगभग 43 लाख रूपये की स्वीकृत लागत से विविध नए विकास कार्यों का भूमिपूजन किया.नगर निगम रायपुर के जोन 5 के भक्त माता कर्मा वार्ड क्रमांक 67 क्षेत्र में रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विनायका सिटी श्रीराम गार्डन के पास 19 लाख 95 हजार रूपये में नई सीसी रोड, श्रीराम नगर, शिवनगर, अयोध्या नगर, करण नगर सहित अन्य क्षेत्रों में नई पुलिया और सड़क निर्माण कार्य, बीएसयूपी चंदन विहार main 19 लाख में nai सीसी रोड का निर्माण शीघ्र कराया जायेगा.महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने अधिकारियों को स्वीकृति अनुसार नए विकास कार्य वार्ड 67 में शीघ्र प्रारम्भ करवाकर तय समयसीमा के भीतर सतत मॉनिटरिंग करते हुए गुणवत्तापूर्ण तरीके से जनहित में प्राथमिकता से पूर्ण करवाने निर्देशित किया है. भक्त माता कर्मा वार्ड क्रमांक 67 की पार्षद श्रीमती ममता सोनू तिवारी ने वार्ड 67 के क्षेत्र में एकमुश्त 43 लाख के नए विकास कार्य जनहित में प्रारम्भ करवाने पर सभी वार्डवासियों की ओर से हार्दिक धन्यवाद दिया.
- -चिकित्सकों के सम्मान समारोह में शामिल हुए राज्यपालरायपुर,। जीवन रक्षक डॉक्टर समाज के सच्चे नायक हैं जो दिन-रात निः स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा कर उनकी जान बचाते हैं। उनकी मेहनत, उनका ज्ञान और सेवा भावना समाज को स्वस्थ्य बनाती है। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज धन्वंतरी सम्मान कार्यक्रम में उक्त बाते कही।श्री डेका आईबीसी 24 न्यूज चौनल द्वारा आयोजित धन्वंतरी सम्मान समारोह में कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में राज्य भर के उत्कृष्ट अस्पतालों, चिकित्सकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्री डेका ने कहा कि भगवान धन्वंतरी के नाम पर रखा गया यह सम्मान डॉक्टरों को समर्पित है जो दिन-रात बिना थके, बिना रूके इंसान की सेवा मेें लगे रहते हैं। शहर हो या गांव, सामान्य सर्दी-खांसी हो या कोई बड़ी बीमारी डॉक्टर हर इलाज के लिए तत्पर रहते हैं।श्री डेका ने कहा कि चिकित्सा सबसे श्रेष्ठ व्यवसाय है। भारत एक विशाल देश जहां 140 करोड़ से अधिक लोग रहते है। उनको स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करने के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा को व्यवसाय न बनाया जाए इसमे मानवीय संवेदना की जरूरत है। चिकित्सकों का दायित्व बहुत बड़ा है, उनसे बहुत अपेक्षाएं है, धैर्य के साथ सेवा को प्राथमिकता दें।श्री डेका ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत अभियान की परिकल्पना के तहत ‘प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत योजना‘ शुरू की गई है जिसका लक्ष्य भारत को टी.बी. जैसे रोग से सदा के लिए मुक्ति दिलाना है। इसमें आप सब अपनी ओर से महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि टी.बी. के साथ-साथ ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जनमानस में जागरूकता की कमी है। विशेष कर गांवों में इन बीमारियों के प्रति लोगांे को जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने चिकित्सकों से आव्हान किया कि ब्रेस्ट कैंसर और टी.बी. उन्मूलन के लिए कार्य करें, टी.बी. मरीजों को गोद लंे। श्री डेका ने बताया कि वे स्वयं प्रदेश के हर जिले में 10-10 टी.बी मरीजों के निःक्षय मित्र बने हैं और उन्हें पौष्टिक आहार उपलब्ध करने के लिए हर माह 500-500 सौ रूपए की राशि दे रहें हैं। उन्होंने राज्य के तीन गांवों को गोद लिया है जहां टी.बी. उन्मूलन विशेष प्राथमिकता में शामिल हैं। श्री डेका कहा कि ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम हेतु गांवों का चयन कर सर्वे कराया जाएगा और महिलाओं कोे इस रोग के प्रति जागरूक भी किया जाएगा। उन्होंने चिकित्सकों को भी इस क्षेत्र में कार्य करने हेतु प्रेरित किया।श्री डेका ने सम्मान प्राप्त करने वाले सभी चिकित्सकों को बधाई दी और कहा कि यह समारोह स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक अनुरणीय प्रयास है।कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, चैनल के सभी वरिष्ठ अधिकारी, संवाददाता सहित विभिन्न अस्पतालों के संचालक, चिकित्सक एवं उनके परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
- -ग्राम में लगातार बैठकों का दौर धरना - प्रदर्शन के साथ जारीरायपुर। खौली में शराब दुकान खोलने पर आमादा प्रशासन द्वारा जगह उपलब्ध कराने के इच्छुक ग्रामीणों से निविदा आमंत्रित करने से भडक़े ग्रामवासी इसके खिलाफ बीते 25 जून से लगातार ग्राम में ही धरना - प्रदर्शन कर रहे हैं। शराब दुकान से प्रभावित होने वाले ग्रामों का भी इस आंदोलन को समर्थन मिल रहा है। बीते शनिवार से इस धरना - प्रदर्शन की जिम्मेदारी महिलाओं ने उठा रखी है। बीते शनिवार को जहां ग्राम खौली का महिलाओं के साथ आसपास के ग्रामों की महिलाएं धरने में बैठी , वहीं रविवार को खौली की ही महिलाओं ने इस आंदोलन में बड़ी संख्या में शिरकत कर शराब दुकान विरोधी ग्रामीणों की भावनाओं को उजागर कर दिया ।ज्ञातव्य हो कि शराब दुकान खुलने के सुगबुगाहट के समय से ही धरना - प्रदर्शन कर ग्रामवासी इसके विरोध में उतर आये थे पर जनप्रतिनिधियों के कथित आश्वासन के बाद उन्होंने अपना धरना - प्रदर्शन को समाप्त कर दिया था । निविदा जारी होने के बाद ग्रामीणों का आक्रोश एक बार फिर भडक़ गया है । ग्राम में लगातार बैठकों का दौर धरना - प्रदर्शन के साथ जारी है और वे ग्राम पंचायत सहित ग्रामीणों को भी जगह मुहैया न कराने के लिए लगातार आगाह कर रहे हैं । इधर ग्राम की महिलाएं भी अब मुखर हो चलीं हैं और किसी भी कीमत पर शराब दुकान न खुलने देने के लिये आमादा दिख रही हैं। रविवार को पूर्व क्षेत्रीय जनपद सदस्य ने ग्राम खौली पहुंचकर इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया।