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- युक्तियुक्तकरण से दूरदराज़ के स्कूलों में पहुंचे शिक्षक, ग्रामीणों ने जताया आभाररायपुर/ छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का असर अब वनांचल के गांवों में साफ़ दिखाई देने लगा है। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के दूरस्थ और पहुंचविहीन गांवों में वर्षों से शिक्षक की कमी से जूझते स्कूलों को अब राहत मिली है। लंबे समय से शिक्षक की मांग कर रहे ग्रामीणों के चेहरों पर खुशी झलक रही है।हाईस्कूल बड़गांवखुर्द को मिले दो व्याख्यातागुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में स्थित हाईस्कूल बड़गांवखुर्द में पहले कोई भी स्थायी शिक्षक नहीं था। केवल एक अतिथि शिक्षक के सहारे स्कूल चल रहा था। लेकिन युक्तियुक्तकरण के तहत अब हिन्दी और गणित के दो व्याख्याताओं की पदस्थापना की गई है। इससे ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई है। अब बच्चों को विषय विशेषज्ञों से पढ़ने का मौका मिलेगा, जिससे पढ़ाई का स्तर बेहतर होगा।ढाब गांव में शिक्षा को मिला नया सहाराविकासखंड भरतपुर के ग्राम ढाब की प्राथमिक शाला में वर्षों से सिर्फ एक शिक्षक कार्यरत थे। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। अब यहां एक सहायक शिक्षक की नियुक्ति हुई है। गांव के सरपंच और अभिभावकों ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे शिक्षा का माहौल सुधरेगा और बच्चों की पढ़ाई सही ढंग से हो सकेगी।खोखनिया गांव में पूरी हुई वर्षों की मांगगुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के भीतर बसे खोखनिया गांव की प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में लंबे समय से शिक्षक नहीं थे। यहां 87 बच्चे दर्ज हैं, लेकिन शिक्षक कम थे। अब युक्तियुक्तकरण के बाद प्राथमिक शाला में एक और माध्यमिक शाला में दो शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। इससे गांववालों को बड़ी राहत मिली है।देवशील में शिक्षकों की पदस्थापना से जागी नई उम्मीदऐसे ही एक अन्य पहुंचविहीन गांव देवशील की प्राथमिक शाला में 57 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन स्कूल में केवल एक शिक्षक कार्यरत थे। अब एक और शिक्षक की नियुक्ति से यहां शिक्षा को नई गति मिलेगी। ग्रामीणों ने शिक्षक की नियुक्ति पर प्रसन्नता जताई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का कहना है कि हमारी सरकार की प्राथमिकता है, कि शिक्षा की पहुंच अंतिम गांव तक हो। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के माध्यम से हमने उन स्कूलों में शिक्षक भेजे हैं, जहां सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी । बच्चों को अच्छी पढ़ाई का अवसर मिले, यह हमारा संकल्प है। ग्रामीणों की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं।
- शिक्षक मिलने से विद्यार्थियों को मिलेगा बेहतर शैक्षणिक वातावरणयुक्तियुक्तकरण से दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की हुई पदस्थापना, पालकों में खुशीरायपुर/ रायगढ़ जिले के शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षिकीय शालाओं के लिए युक्तियुक्तकरण का कदम दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है। दूरस्थ अंचलों में शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय शाला होने से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा था। वह अब युक्तियुक्तकरण से दूर होने जा रहा है। रायगढ़ जिले के 21 शिक्षक विहीन और 267 एकल शिक्षिकीय स्कूलों को अब शिक्षक मिल चुके हैं। इससे इन शालाओं में शैक्षणिक वातावरण बेहतर होगा।राज्य शासन के दिशा-निर्देश में जिले में अतिशेष शिक्षकों के काउंसलिंग की प्रक्रिया पूर्ण होने पश्चात अब जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में मौजूद शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालयों को नए शिक्षक मिल चुके है। इससे अब न केवल इन क्षेत्रों के स्कूलों को नए शिक्षक मिले है बल्कि विद्यार्थियों के लिए गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा भी सुनिश्चित हुई है। रायगढ़ जिले के अंतिम छोर धरमजयगढ़ विकासखंड के कुम्हीचुंआ के प्राथमिक शाला में 105 विद्यार्थी हैं, यह स्कूल शिक्षक विहीन था। लेकिन अब युक्तियुक्तकरण से यहां के विद्यार्थियों को 4 नए शिक्षक मिल गए हैं। इस बारे में सचिव श्री ईश्वर डनसेना ने बताया कि सरपंच एवं ग्रामीणों द्वारा बच्चों के भविष्य को देखते हुए शिक्षकों की मांग रखी गई थी। सुदूर क्षेत्र के बच्चों को पढ़ाई में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। वर्तमान में शिक्षक नहीं होने से कक्षा पहली से पांचवीं तक के बच्चों का भविष्य अधर में था। लेकिन आज युक्तियुक्तकरण के माध्यम से शाला को शिक्षक मिलने से बच्चों के भविष्य को आशा की एक नई किरण दिखने लगी है।जिले के विकासखण्ड तमनार के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कोलम एक एकल शिक्षकीय शाला है जहां विद्यार्थियों की दर्ज संख्या 112 है। गांव के सरपंच श्री गंगाराम पोर्ते कहते है कि शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला एकल शिक्षकीय होने से बच्चों को पढ़ाई में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। एक शिक्षक के भरोसे पूरे स्कूल का संचालन हो रहा था। उन्होंने बताया कि यहां लगभग दस गांव से बच्चे शिक्षा प्राप्त करने आते है। शिक्षकों की कमी से यहां स्कूल में पढ़ाई-लिखाई काफी प्रभावित हो रही थी। लेकिन आज युक्तियुक्तकरण से शाला को 02 शिक्षक और मिले है। इससे बच्चों की पढ़ाई बेहतर होगी।युक्तियुक्तकरण से पहले जिले के मैदानी इलाकों के स्कूलों में दर्ज संख्या के मान से अधिक शिक्षक कार्यरत थे और वहीं दूरस्थ ग्रामीण एवं पहाड़ी क्षेत्र के स्कूलों में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या के मान से शिक्षक कार्यरत नहीं होने के कारण शिक्षक, छात्र-छात्राओं के अध्यापन कार्य में जो असंतुलन की स्थिति निर्मित थी। संसाधनों के इस असंतुलित वितरण से कई विद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई पर काफी नकारात्मक असर पड़ रहा था। विषय शिक्षकों की उपलब्धता नहीं होने से छात्रों को गणित और विज्ञान जैसे विषयों पर पकड़ बनाने में दिक्कत होती थी। उच्च शिक्षा के लिए इन संकायों में प्रवेश लेने की इच्छा से रुचि होने के बाद भी वंचित होना पड़ता था। जिसे युक्तियुक्तकरण के माध्यम से दूर करने का कार्य किया गया है। जिले में 21 स्कूल जहां शिक्षक ही नहीं थे वहां अब शिक्षकों की पदस्थापना हो चुकी है। वहीं 267 एकल शिक्षकीय स्कूलों में अन्य शिक्षकों की पोस्टिंग की गई है। इससे स्कूलों का संचालन अब बेहतर तरीके से हो पाएगा।
- रायपुर/ डबरी निर्माण से संवरी किस्मत: बहुफसली खेती और मछली पालन से बढ़ी आयजशपुर जिले के फरसाबहार विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत हेटघींचा के किसान श्री धनुर्जय यादव ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत डबरी निर्माण करवा कर अपनी कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा से सुसज्जित कर लिया है। डबरी बनने के बाद न केवल उनके खेतों में हरियाली लौट आई है, बल्कि उन्होंने बहुफसली खेती और मछली पालन शुरू कर अपनी आय में उल्लेखनीय वृद्धि भी दर्ज की है।धनुर्जय यादव ने बताया कि कृषि ही उनके परिवार की आजीविका का मुख्य साधन है, लेकिन पानी की कमी के चलते वे केवल एक ही फसल पर निर्भर थे। गांव के अन्य किसानों को डबरी योजना से लाभ लेते देख उन्होंने भी डबरी निर्माण का प्रस्ताव ग्राम पंचायत में दिया। लगभग 2.97 लाख रूपय की लागत से बनी इस डबरी के निर्माण में कुल 1244 मानव दिवस का रोजगार भी सृजित हुआ।डबरी निर्माण के बाद उन्होंने आलू, प्याज, मिर्च, करेला, भिंडी, बरबट्टी, गोभी जैसे कई प्रकार की सब्जियों की खेती प्रारंभ की है। अब वे न केवल घर की सब्जी की जरूरतें स्वयं पूरी कर रहे हैं, बल्कि अतिरिक्त उत्पादन को बाजार में बेचकर अच्छी आय भी अर्जित कर रहे हैं। साथ ही वे मत्स्य पालन से भी अतिरिक्त लाभ कमा रहे हैं।धनुर्जय यादव कहते हैं, "पहले मैं केवल बारिश के भरोसे खेती करता था, लेकिन अब सालभर उत्पादन संभव हो पाया है। डबरी से खेतों को सिंचाई मिलती है और इससे पूरे परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है।"डबरी निर्माण से ना सिर्फ खेती की दिशा बदली, बल्कि गांव के अन्य किसान भी इस योजना से प्रेरित होकर आगे आ रहे हैं। धनुर्जय अब अपने अनुभव से अन्य ग्रामीणों को भी मनरेगा जैसी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
- रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन के नव नियुक्त अध्यक्ष श्रीनिवास मद्दी के पदभार ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने श्री मद्दी को नई जिम्मेदारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि श्री मद्दी सामाजिक रूप से लंबे समय से सक्रिय हैं और उनके पास विभिन्न पदों पर कार्य करने का गहरा अनुभव है। मुझे विश्वास है कि उनका यह अनुभव स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन के कार्यों को सुदृढ़ करने में उपयोगी सिद्ध होगा। श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार अनेक नवाचारों के माध्यम से शासकीय कार्यों में पारदर्शिता ला रही है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर में शांति स्थापना और विकास के लिए हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। नक्सल उन्मूलन के साथ-साथ हम बस्तर में अधोसंरचना और पर्यटन विकास के कार्यों को गति दे रहे हैं, ताकि स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के नए अवसर प्राप्त हो सकें। हमने हाल ही में दुधारू पशु योजना के माध्यम से आदिवासी परिवार को दो अच्छी नस्ल की गाय प्रदान करने की शुरुआत की है, जिससे प्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों और पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी।मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह से हुई मुलाकात में प्रदेश के विकास को लेकर हुई महत्वपूर्ण चर्चाओं का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री से बस्तर में सिंचाई परियोजनाओं और इंद्रावती एवं महानदी को जोड़ने की महत्वाकांक्षी पहल के बारे में सार्थक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि बस्तर के विकास के साथ-साथ यह विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में एक निर्णायक कदम सिद्ध होगा।विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि श्री श्रीनिवास के सामाजिक जीवन के लंबे अनुभव का लाभ निश्चित ही बेवरेजेस कॉर्पोरेशन को मिलेगा। उन्हें पहले भी वन विकास निगम के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने का मौका मिला था और उन्होंने बेहतर ढंग से दायित्व का निर्वहन किया। इस अवसर पर नई जिम्मेदारियों के लिए उन्होंने श्री मद्दी को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर जगदलपुर विधायक श्री किरण देव ने भी संबोधित किया एवं शुभकामनाएं दीं।कार्यक्रम में वन मंत्री श्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, सांसद श्री महेश कश्यप, सांसद श्री भोजराज नाग, विधायक श्री राजेश मूणत, विधायक श्री मोतीलाल साहू, विधायक श्री आशाराम नेताम, विधायक श्री चैतराम अटामी, विधायक श्री विनायक गोयल, विधायक श्री धरमलाल कौशिक, विभिन्न निगम-मंडलों के अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक श्री श्याम धावड़े, आबकारी विभाग के अधिकारी-कर्मचारीगण एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
- राजनांदगांव/ छुरिया विकासखंड के ग्राम गेंदाटोला में मोर गांव मोर पानी महाभियान अंतर्गत वर्षा जल का संचय एवं संरक्षण के संबंध में क्लस्टर स्तरीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण वैष्णव उपस्थित थी। उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है और हम सभी को वर्षा जल का सरंक्षण करना बहुत आवश्यक है। उन्होंने ग्रामीणों से घरों में सोख्ता गढ्डा निर्माण कर वर्षा जल को सरंक्षण करने की अपील की। प्रशिक्षण में वर्षा जल का संचय एवं सरंक्षण के संबंध में उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के मध्य चर्चा की गई। इस दौरान एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधरोपण भी किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्रीमती बिरम मंडावी, सभापति जनपद पंचायत छुरिया श्रीमती हेमीन विष्णु साहू, समाज सेवी श्री मनीष त्रिपाठी, श्री कुमार साय साहू , सरपंच ग्राम पंचायत गैंदाटोला श्रीमती ऊषा कमल गुप्ता, एसडीओ श्री जीपी लारिया, कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा श्री मोहित कुमार पडौती सहित अन्य जनप्रतिनिधि ग्राम पंचायतों के सरपंच, पंच एवं रोजगार सहायक, स्वसहायता समूह की महिलाएं, ग्राम पंचायत के तकनीकी सहायक मनरेगा एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
- युक्तियुक्तकरण से शिक्षा व्यवस्था में दिखने लगा सुधारकवर्धा/ राज्य शासन द्वारा शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़, संतुलित और परिणाममुखी बनाने के उद्देश्य से लागू की गई युक्तियुक्तकरण नीति का सकारात्मक प्रभाव अब ज़मीन पर दिखाई देने लगा है। यह नीति विशेष रूप से उन विद्यालयों में कारगर सिद्ध हो रही है जहाँ शिक्षकों की कमी या विषय-विशेषज्ञों का अभाव लंबे समय से छात्रों की पढ़ाई में बाधा बन रहा था।युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत कबीरधाम जिले के 10 शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में रसायन विज्ञान विषय के शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। इससे इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अब बेहतर मार्गदर्शन प्राप्त होगा, जिससे उनकी विषय के प्रति समझ और रुचि दोनों में वृद्धि होगी। इसके तहत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मरका, कापादाह, कोड़ापुरी, पोलमी, कुंडा, नेउर, राजानवागांव, जुनवानी जंगल, समनापुर और सिंघनगढ़ विद्यालयों में अब विशेषज्ञ शिक्षक छात्रों को प्रयोगात्मक और सैद्धांतिक दोनों स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेंगे।शिक्षकों की नई पदस्थापनाओं से विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा। पहले जहां एकल शिक्षक या विषयविहीन विद्यालयों में बच्चों को सीमित शिक्षण सुविधा मिलती थी, वहीं अब विशेषज्ञ शिक्षकों की उपलब्धता से उनका शैक्षणिक स्तर और आत्मविश्वास दोनों बढ़ेगा। राज्य शासन की मंशा है कि हर विद्यार्थी को उसकी रुचि और आवश्यकता के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, चाहे वह शहरी क्षेत्र में हो या सुदूर ग्रामीण अंचल में। युक्तियुक्तकरण इसी दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है, जो शिक्षा व्यवस्था को नई ऊँचाईयों की ओर ले जा रही है।विद्यालयों में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति से अब शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रहकर अनुभव आधारित और व्यवहारिक बनेगी। इससे छात्रों में जिज्ञासा और रचनात्मकता को भी बल मिलेगा। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहे और हर स्कूल और हर विषय में शिक्षक की पूर्ण उपलब्धता हो। युक्तियुक्तकरण योजना न केवल शिक्षकों के समुचित वितरण का माध्यम बन रही है, बल्कि यह गुणवत्ता, समानता और समावेशी शिक्षा की दिशा में एक ठोस कदम है, जो प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला रख रही है।
- राजनांदगांव । मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम तोरनकट्टा एवं मनकी तथा डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम किरगी ब में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत निर्माणाधीन आवासों का औचक निरीक्षण किया तथा आवासों के समीप पौधरोपण किया। उन्होंने हितग्राहियों से आवास निर्माण, मजदूरी भुगतान, सेंटरिंग प्लेट्स एवं निर्माण सामग्री की उपलब्धता के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन दिया। साथ ही आवास निर्माण में कार्य में प्रगति लाते हुए समय-सीमा में गुणवत्तापूर्ण आवास निर्माण को पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस दौरान जनपद पंचायत सीईओ, जिला पंचायत के सहायक परियोजना अधिकारी, प्रधानमंत्री आवास योजना के जिला समन्वयक, विकासखंड समन्वयक, तकनीकी सहायक, आवास नोडल, ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, आवास मित्र एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।
- - कलेक्टर ने राजस्व शिविर में आमजनों की सुनी समस्याएं, प्रकरणों का संवेदनशीलतापूर्वक निराकरण करने के दिए निर्देश- शिविर में 15 किसानों को किसान किताब का किया गया वितरणराजनांदगांव/ जनसामान्य की समस्याओं का निराकरण करने तथा उन्हें तत्काल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा जिले के सभी तहसील कार्यालय में राजस्व शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिससे नागरिकों को राजस्व से संबंधित समस्याओं के लिए परेशान न पड़े और उनके कार्य तत्काल सुगमतापूर्वक शीघ्र पूरा हो सके। इसी कड़ी में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने डोंगरगांव तहसील कार्यालय में आयोजित राजस्व शिविर का औचक निरीक्षण किया। कलेक्टर ने नागरिकों की समस्याओं को सुनकर राजस्व अधिकारियों को प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनमानस के राजस्व संबंधी समस्याओं का समाधान संवेदनशीलतापूर्वक एवं तत्परता से करें।राजस्व शिविर में कुल 329 आवेदन प्राप्त हुए। जिसमें से नामांतरण के 47, बटवारा के 26, सीमांकन के 21, बटांकन के 45, त्रुटि सुधार के 48, आय-जाति-निवास प्रमाण पत्र के 54, अतिक्रमण के 14, पट्टा के 12, किसान किताब के 29, अन्य 33 आवेदन प्राप्त हुए। जिसमें से मौके पर ही 75 आवेदन पर त्वरित कार्रवाई कर निराकृत किया गया। शिविर में 15 किसानों को नि:शुल्क किसान किताब वितरित किया गया। शिविर में राजस्व अमला एक ही स्थान पर उपलब्ध होने पर जनसामान्य के राजस्व संबंधी प्रकरणों का त्वरित निराकरण हुआ एवं मामले को समझाना भी आसान हो गया। शिविर में नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अंजू त्रिपाठी, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रंजिता, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष श्री मनीष साहू, श्री राम कुमार गुप्ता, एसडीएम डोंगरगांव श्री श्रीकांत कोर्राम सहित जनपद सदस्य, पार्षद, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी उपस्थित थे।
- पीएमजनमन योजनांतर्गत निर्माणाधीन सड़क, पीएम आवास का किया अवलोकनअम्बिकापुर/ कलेक्टर श्री विलास भोसकर शनिवार को प्रशासनिक अमले के साथ विकासखण्ड मैनपाट में शासन की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनय कुमार अग्रवाल सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।इस दौरान कलेक्टर श्री भोसकर ग्राम पंचायत कोट के सुदूर आश्रित ग्राम गिट्टीकला एवं बाघढोढा के ग्रामीणों से मिले। उन्होंने ग्राम गिट्टीकला में आम के पेड़ के नीचे जनचौपाल लगाकर लोगों से उनकी आवश्यकताओं एवं समस्याओं के सम्बन्ध में जानकारी ली। उन्होंने पेयजल, बिजली, सड़क, राशन, स्वास्थ्य, आवास सहित अन्य सुविधाओं के सम्बन्ध में पूछा। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम में पेयजल की समस्या है, कलेक्टर श्री भोसकर ने इस हेतु कुंआ निर्माण तथा बोरवेल स्वीकृत किए जाने के निर्देश दिए। राशन दुकानों से खाद्यान्न लाने की समस्या के सम्बन्ध में कलेक्टर ने जिला खाद्य अधिकारी को प्रत्येक माह तारीख निर्धारित कर ट्रैक्टर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए, ताकि ग्रामीणों को समय पर राशन उपलब्ध हो जाए। उन्होंने सुशासन तिहार में आवेदन किए जाने के सम्बन्ध में तथा उनके निराकरण की जानकारी ली। उन्होंने ग्राम की सरपंच से गर्भवती माताओं को संस्थागत डिलीवरी हेतु प्रेरित करने कहा, इसके सम्बन्ध में उन्होंने डीपीएम को कहा कि मितानिनों को निर्देशित करें कि समय-समय पर जांच एवं टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य केंद्र तक लेकर जाएं। ग्रामीणों के स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण के लिए आने वाले मंगलवार को स्वास्थ्य कैम्प लगाए जाने निर्देशित किया। इसके पश्चात उन्होंने पहाड़ी कोरवा बाहुल्य ग्राम बाघढोढा में ग्रामीणों के साथ बैठकर उनसे बात की। इस दौरान पीएमजनमन योजनांतर्गत आवास स्वीकृति एवं निर्माण की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने खाद्य अधिकारी को मड़वासराई में नवीन पीडीएस भवन बनाने हेतु कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए ताकि लोगों को राशन लाने में ज्यादा दूर ना जाना पड़े। ग्रामीणों की मांग पर उन्होंने नहर निर्माण के सम्बन्ध में कार्ययोजना बनाए जाने जिला पंचायत सीईओ को निर्देशित किया।पीएमजनमन योजनांतर्गत निर्माणाधीन सड़क का किया निरीक्षण, पीएम आवास योजना के हितग्राहियों से की बात-कलेक्टर श्री भोसकर ने यहां प्रधानमंत्री जनमन योजनांतर्गत पीएमजीएसवाई की निर्माणाधीन सड़क का अवलोकन किया तथा ठेकेदार को गुणवत्तापूर्ण ढंग से जल्द कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्राम मुसाखोल में पीएम आवास योजनान्तर्गत पहाड़ी कोरवा हितग्राही के निर्माणाधीन आवास का भी अवलोकन किया।
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*दोनों परियोजनाओं से लगभग 7 लाख हेक्टेयर भूमि में हो सकेगी सिंचाई*
*बस्तर के चहुमुखी विकास के लिए अहम् साबित होगी परियोजना*रायपुर/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना के राष्ट्रीय परियोजना के रूप में निर्माण के संबंध में विस्तार से चर्चा की है ।उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है, इसी वजह से संभाग सिंचाई साधनों के विकास में पिछड़ गया है, संभाग में सिंचाई साधनों की समस्या को दूर करने और चहुमुखी विकास को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना पर काम कर रही है।मुख्यमंत्री ने कहा है कि बस्तर क्षेत्र के चहुमुखी विकास के लिए बोधघाट बहुउद्देशीय बांध परियोजना निर्णायक परियोजना साबित होगी। यह परियोजना, लंबे समय से इन्द्रावती नदी पर प्रस्तावित है। इंद्रावती, गोदावरी नदी की बड़ी सहायक नदी है। गोदावरी जल विवाद अभिकरण के वर्ष 1980 के अवॉर्ड में भी अन्य योजनाओं के साथ इस परियोजना का उल्लेख है। इस अवॉर्ड में उल्लेखित अन्य परियोजनाओं का क्रियान्वयन दूसरे राज्यों द्वारा किया जा चुका है परंतु दूरस्थ अंचल में होने एवं नक्सल समस्या के कारण इस परियोजना को प्रारंभ नहीं किया जा सका।*बस्तर के विकास की रफ्तार होगी डबल*बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना से संभाग में सिंचाई साधनों का दायरा बढ़ने के साथ ही बस्तर के विकास को डबल रफ्तार मिलेगी। इस परियोजना से 125 मेगावाट का विद्युत् उत्पादन, 4824 टन वार्षिक मत्स्य उत्पादन जैसे अतिरिक्त रोजगार, खरीफ एवं रबी मिलाकर 3,78,475 हेक्टेयर में सिंचाई विस्तार एवं 49 मि.घ.मी पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगा। वही इंद्रावती- महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना से कांकेर जिले की भी 50,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सहित कुल 3,00,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। बस्तर को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में दोनों परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम होगा।*क्या है बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना ?*बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना, गोदावरी नदी की बड़ी सहायक इन्द्रावती नदी पर प्रस्तावित है। राज्य में इन्द्रावती नदी कुल 264 कि. मी. में प्रवाहित होती है। यह परियोजना दंतेवाड़ा जिले के विकासखंड एवं तहसील गीदम के ग्राम बारसूर से लगभग 8 कि.मी. एवं जगदलपुर शहर से लगभग 100 कि. मी. दूरी पर प्रस्तावित है।*परियोजना की विशेषताएं*दोनों परियोजनाओं की अनुमानित लागत 49000 करोड़ रूपए है। जिसमें इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना की लागत लगभग 20 हजार करोड़ रूपए एवं बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना में लगभग 29 हजार करोड़ रुपए की लागत संभावित है। जिसमें हाइड्रोपावर इलेक्ट्रोमैकेनिकल कार्य, सिविल कार्य (सिंचाई) भी शामिल हैं। इस परियोजना में उपयोगी जल भराव क्षमता 2009 मि.घ.मी, कुल जल भराव क्षमता 2727 मि.घ.मी, पूर्ण जल भराव स्तर पर सतह का क्षेत्रफल 10440 हेक्टेयर सम्भावित है।*इन जिलों का होगा लाभ*बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना से दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा जिले के 269 गांवों को बड़ा लाभ होगा। जबकि इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना से कांकेर जिले के अनेकों गांवों में सिंचाई सुविधा का विस्तार हो सकेगा। बस्तर संभाग को विकसित, आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने की दिशा में दोनों परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम होगा। -
मुख्यमंत्री ने तीन दिवसीय राष्ट्रीय आम महोत्सव का किया शुभारंभ*
*आम महोत्सव के आयोजन से फलों और उद्यानिकी फसलों की खेती के लिए किसान होंगे प्रोत्साहित**9 जून तक चलेगा राष्ट्रीय आम महोत्सव*रायपुर,/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि आम की खेती किसानों की आय बढ़ाने की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। किसान जितने ज्यादा आम के पौधे लगाएंगे, उतना ज्यादा फायदा होगा। आम और उद्यानिकी फसलों की खेती से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प को पूरा करने में मदद मिलेेगी।मुख्यमंत्री आज राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मण्डपम् में आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रीय आम महोत्सव को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ऐेसे उत्सवों से फलों और उद्यानिकी फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा।इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर तथा संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, छत्तीसगढ़ शासन तथा प्रकृति की ओर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय आम महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने की।इस अवसर पर विधायक पद्मश्री श्री अनुज शर्मा, छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, कृषि वैज्ञानिक, छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों से आये आम उत्पादक किसान और विश्वविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री सहित अतिथियों ने इस अवसर पर प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के ‘न्यूज लेटर‘ का विमोचन किया। आयोजकों द्वारा अतिथियों का उन्नत किस्म के आम के ग्राफ्टेड पौधे देकर सम्मानित किया गया।मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति और विशेषकर छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपराओं में आम का विशेष महत्व है। छत्तीसगढ़ में सभी मांगलिक एवं धार्मिक कार्यां में आम के पत्तों, फलों एवं अन्य अंगों का उपयोग किया जाता है तथा आम के पेड़ को बहुत ही शुभ माना जाता है। श्री साय ने कहा कि भारत में आम की समृद्ध जैवविविधता देखने को मिलती है और यहां आम की सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं जो अपने विशिष्ट स्वाद, सुगंध और गुणों के कारण दुनिया भर में बहुत लोकप्रिय हैं। आम के इन्ही विशिष्ट गुणों के कारण इसे फलों का राजा भी कहा जाता है।श्री साय ने कहा कि इस भव्य और वृहद आम महोत्सव में छत्तीसगढ़ वासियों को आम की सैकड़ों विशिष्ट एवं दुर्लभ प्रजातियां देखने का अवसर प्राप्त हुआ। श्री साय ने कहा कि आज यहां उन्हें स्वयं आम की अनेकों दुर्लभ किस्में देखने को मिली जो उन्होंने अपने जीवन में इससे पूर्व नहीं देखी थी। इनमें से एक प्रजाति बीजापुर की हाथीझुल किस्म है जिसका एक-एक फल दो किलो से लेकर चार किलो तक वजन का होता है। श्री साय ने आशा व्यक्त की कि आगामी वर्षों में यहां आम महोत्सव और भी भव्य एवं वृहद स्तर पर आयोजित किया जाएगा जिससे रायपुर को एक नई पहचान मिलेगी।शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए धरसींवा विधायक श्री अनुज शर्मा ने कहा कि आम महोत्सव में लगी आम प्रदर्शनी में 2 इंच से लेकर 15 इंच आकार तक के आम के फल देखने को मिल रहे हैं जो रायपुर वासियां के लिए एक सुखद एवं अनोखा अनुभव है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास करना होना चाहिए की रायपुर शहर से अधिक से अधिक लोग आम महोत्सव में पहुंच कर आम की इन किस्मों को देख सकें।समारोह की अध्यक्षता करते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने राष्ट्रीय आम महोत्सव के बारे में मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों को जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय आम महोत्सव में आम की 200 से अधिक किस्मों एवं आम से बने 56 व्यंजनों का प्रदर्शन किया जा रहा है। इस आम महोत्सव में छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों के 450 से अधिक किसानों द्वारा विभिन्न किस्मों के 1200 से अधिक आमों का प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके साथ ही आमों से बने 56 उत्पादों का प्रदर्शन भी किया जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए आम उत्पादकों द्वारा आम के विभिन्न किस्मों के फलों तथा पौधों का विक्रय भी किया जा रहा है।डॉ. चंदेल ने मुख्यमंत्री श्री साय को प्राकृतिक रूप से पके आमों की विभिन्न प्रजातियों से भरी टोकरी भेंट की। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के मास मीडिया एवं पब्लिकेशन सेल द्वारा प्रकाशित न्यूज लेटर का विमोचन भी किया गया। कुलपति डॉ. चंदेल ने इस अवसर पर घोषणा की कि आम महोत्सव में नागरिकों के उत्साह एवं मांग को देखते हुए राष्ट्रीय आम महोत्सव की अवधि एक दिन और बढ़ायी जा रही है अब आम महोत्सव का समापन सोमवार 9 जून, 2025 को होगा। कार्यक्रम के अंत में कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी द्वारा अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन किया गया। -
*संत कबीर ने अपने उपदेशों से समाज को नई राह दिखाई : श्री साय*
*प्रदेश में गौशाला का नाम ‘गौधाम’ करने की घोषणा*रायपुर / मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज अभनपुर विकासखंड के सोनपैरी गांव में आयोजित कबीर जयंती महोत्सव एवं गौ ग्राम जन जागरण यात्रा के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को कबीर जयंती की शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने गुरुकुल भवन के लिए 20 लाख रुपये, प्रदेश में गौशाला का नाम ‘गौधाम’ करने तथा सोनपैरी स्कूल में बाउंड्री वाल निर्माण की घोषणाएँ कीं। साथ ही सामुदायिक भवन निर्माण, भुताही पारा से आश्रम तक नाली निर्माण एवं सोनपैरी से खिलोरा मुख्य मार्ग से आश्रम तक सीसी रोड निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी छत्तीसगढ़ की भूमि धन्य है, जहाँ कबीर साहेब जी की वाणी का गहरा प्रभाव रहा है। संत कबीर हमेशा जीव दया का उपदेश देते थे। प्रदेश के संस्कारों के निर्माण में न केवल कबीरपंथ के अनुयायियों का योगदान है, बल्कि उन लोगों का भी, जिनके जीवन में कबीर साहेब जी की निर्मल वाणी ने गहरा असर डाला है। उन्होंने कहा कि कबीर साहेब ने अपना पूरा जीवन जनजागरण को समर्पित किया। उन्होंने अपने उपदेशों से समाज को लगातार सही राह दिखाई। कबीर जी अपने दोहों में जनजागरण की बात करते थे और यह मानते थे कि जीवन अत्यंत अमूल्य है तथा इसका सार्थक उपयोग किया जाना चाहिए।मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में संत कबीर के मानवतावादी विचारों को आज के समय में भी प्रासंगिक बताया और गौसेवा व सामाजिक एकता पर बल दिया। उन्होंने गौ ग्राम जनजागरण रैली में शामिल गौशालाओं के प्रतिनिधियों को शुभकामनाएँ दीं और कहा कि यह एक अत्यंत सार्थक प्रयास है। श्री साय ने कहा कि गौ-अभयारण्य की स्थापना के लिए भूमि चिन्हित की जा रही है।इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश में चावल उत्पादन, स्टील, सीमेंट, एल्युमिनियम और बिजली तथा कोयला आपूर्ति के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में जाना जाता है। डॉ. सिंह ने कहा कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।कैबिनेट मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि कबीर, तुलसीदास जैसे संतों ने समाज को नई दिशा दिखाई। हम आर्थिक रूप से चाहे जितनी भी प्रगति कर लें, लेकिन समाज को दिशा और मूल्य संत परंपरा ही दे सकती है। श्री चौधरी ने कहा कि कबीर के विचारों ने समाज को नई दिशा दी और आज के भौतिकवादी युग में भी उनके विचार उतने ही प्रासंगिक हैं।कबीरपंथी जगतगुरु श्री असंग देव जी ने कबीर साहेब की वाणियों के महत्व पर प्रकाश डाला। समारोह में केंद्रीय राज्यमंत्री श्री तोखन साहू, गोसेवा आयोग अध्यक्ष श्री बिसेसर पटेल, अभनपुर विधायक श्री इंद्रकुमार साहू, विधायक श्री किरण देव सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। - -कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय राष्ट्रीय आम महोत्सव प्रारंभ-इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, छत्तीसगढ़ शासन तथा प्रकृति की ओर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय आम महोत्सव आयोजितरायपुर । इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर तथा संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, छत्तीसगढ़ शासन तथा प्रकृति की ओर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान आज से तीन दिवसीय राष्ट्रीय आम महोत्सव का शुभारंभ हुआ। यह आम महोत्सव रविवार 8 जून तक चलेगा। राष्ट्रीय आम महोत्सव में आम की 200 से अधिक किस्मों एवं आम से बने 56 व्यंजनों का प्रदर्शन किया जा रहा है। इस आम महोत्सव में छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों के 450 से अधिक किसानों द्वारा विभिन्न किस्मों के 1200 से अधिक आमों का प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके साथ ही आमों से बने 56 उत्पादों का प्रदर्शन भी किया जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए आम उत्पादकों द्वारा आम के विभिन्न किस्मों के फलों तथा पौधों का विक्रय भी किया जा रहा है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने आज कृषि विश्वविद्यालय तथा राज्य शासन के संचालनालय उद्यानिकी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आम प्रदर्शनी का अवलोकन किया।आम महोत्सव में आम की विभिन्न किस्मों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही है जिसमें छत्तीसगढ़ एवं देश के विभिन्न राज्यों के आम उत्पादक शामिल हुए हैं। अवसर पर आम से बने विभिन्न व्यंजनों की प्रतियोगिताएं भी आयोजित हैं। आम की सजावट प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है जिसमें विद्यालयीन एवं महाविद्यालयीन विद्यार्थी, महिलाएं तथा अन्य सामान्यजन भी पंजीयन कर भागीदारी कर सकते है। इस महोत्सव में पंजीयन एवं प्रवेश पूर्णतया निःशुल्क है। राष्ट्रीय आम महोत्सव में संस्थागत एवं व्यक्तिगत प्रतियोगी भी सहभागी हो सकते हैं।राष्ट्रीय आम महोत्सव में 6 से 8 जून, 2025 तक विभिन्न श्रेणियों में प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा जिसमें किसानों द्वारा उत्पादित आम की व्यावसायिक किस्मों के अंतर्गत दशहरी, लंगडा, बाम्बे ग्रीन, चौसा, मालदा, हिमसागर, सुन्दरजा, केसर, अलफान्सो, तोतापरी, नीलम बैगनफल्ली, पैरी, सिन्दूरी, फज़ली किस्मों की प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। संकर किस्मों की प्रतियोगिता के अंतर्गत मल्लिका, आम्रपाली, पूसा अरूणिमा, अम्बिका, रत्ना, सिंधु, अर्का पुनीत किस्मों को शामिल किया गया है। विशिष्ट किस्मों की प्रतियोगिता के अंतर्गत हाथीझुल, नूरजंहा, लड्डु, गुलाब खास किस्मों के उत्पादक भाग ले सकते हैं। एक्जोटिक (आयातित किस्म) की प्रतियोगिता में मियाजाकी, टॉमी एटकिन्स एवं गोल्डन नगेट्स किस्मों को शमिल किया गया है। इस अवसर पर आम से निर्मित उत्पादों की प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें प्रतिभागी आम से निर्मित उत्पाद - नेक्टर/आर.टी.एस., शर्बत, पना, आम के अचार, आम की चटनी, आम पापड़, आमरस, जैम एवं मिठ्ाई आदि व्यंजनों के साथ प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय आम महोत्सव में प्रतिभागियों हेतु आम आधारित मॉडल एवं बोनसाई, आम आधरित सजावट प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रकृति की ओर सोसायटी की ओर से आम की पांच गुठलियाँ लाने वाले व्यक्तियों को एक उन्नत किस्म के आम का पौधा दिया जा रहा है। प्रदर्शनी अवलोकनार्थ तीनों दिन सायः 9 बजे तक खुली रहेगी। आयोजन स्थल पर एक फूड कोर्ट भी लगाया गया है, जहां विविध प्रकार के सुस्वादु व्यंजन भी उपलब्ध हैं।आम महोत्सव के द्वितीय दिवस कल 7 जून को आम उगाने वाले कृषकों एवं जिज्ञासुओं के लिए 12 बजे से 4 बजे तक ‘‘आम उत्पादन : समस्या एवं समाधान’’ विषय पर तकनीकी मार्गदर्शन एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ में उच्च गुणवत्ता के आम की विभिन्न किस्मों का उत्पादन, आम के विभिन्न उत्पाद एवं उनके विपणन के साथ ही आम उत्पादन हेतु छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं की भी जानकारी प्रदान की जायेगी, जिससे नयी पीढ़ी के लोग आम उत्पादन की ओर आकृष्ट हो सकें। आम उत्पादन को पर्यावरण के संरक्षण के साथ एक स्वास्थ्यवर्धक व्यवसाय के रूप में अपनाने की जानकारी आम लोगों को प्रदान की जा जाएगी। तृतीय दिवस 8 जून को आम उत्पादक कृषकों एवं उद्यामियों की सफलता की कहानी उन्हीं की जुबानी 12 से 4 बजे तक आयोजित होगा।राष्ट्रीय आम महोत्सव के अंतिम दिन प्रदर्शनी के अवलोकन के साथ ही प्रतिभागियों के लिए पुरस्कार वितरण एवं सम्मान समारोह का आयोजन भी किया जायेगा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय फल ‘‘आम’’ जो कि आम जनता का प्रिय फल है उसकी समस्त सामान्य एवं खास किस्मों, विशिष्ट उत्पादों एवं भविष्य में अधिक उत्पादन के लिए रोजगार के साधनों की जानकारी नागरिकों, महिलाआें, विद्यार्थियों, नव उद्यमियों एवं कृषकों को प्रदान करना है।
- -कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में 19वीं सजानई दिल्ली। विशेष न्यायाधीश (कोयला मामले) राउज एवेन्यू न्यायालय, नई दिल्ली ने आज यानी दिनांक 06.06.2025 को कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में दो आरोपियों मेसर्स जेएएस इंफ्रास्ट्रक्चर कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक मनोज कुमार जायसवाल को दोषी ठहराया है। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा अन्वेषण किए गए कोयला ब्लॉक आवंटन मामलों में यह 19वीं सजा है।शुरुआत में, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिनांक 20.11.2014 को मामले में अंतिम रिपोर्ट (समापन) दाखिल की थी। हालाँकि, माननीय विशेष न्यायालय ने संज्ञान लिया और निम्नलिखित आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए:मैसर्स जेएएस इंफ्रास्ट्रक्चर कैपिटल प्रा. लिमिटेडमनोज कुमार जायसवालएच.सी. गुप्ताके.एस. क्रोफाके.सी. समारियामामले में आरोप यह था कि आरोपी निजी व्यक्तियों, नामतः मेसर्स जेएएस इन्फ्रास्ट्रक्चर कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटरों ने कंपनी के वित्तीय नेटवर्थ के बारे में झूठे और भ्रामक दावे किए थे और कोयला ब्लॉक के आवंटन को हासिल करने के उद्देश्य से वित्तीय संस्थानों द्वारा ऋण के मूल्यांकन और सिंडिकेशन को गलत तरीके से प्रस्तुत किया था। यह भी आरोप लगाया गया था कि अन्य समूह या सहयोगी कंपनियों को कोयला ब्लॉकों के पिछले आवंटन से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों को जानबूझकर आवेदन और फीडबैक फॉर्म में छिपाया गया था। कंपनी ने अपने आवेदन में और महुगढ़ी कोल ब्लॉक के आवंटन के लिए स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्तुतीकरण के दौरान, असंबंधित तीसरे पक्ष की कंपनियों- इनर्शिया आयरन एंड स्टील इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और आईएलएंडएफएस- के नेटवर्थ को भी बेईमानी से अपना बताया था।विचारण (ट्रायल) के दौरान, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने अपने मामले के समर्थन में 18 अभियोजन पक्ष के गवाहों की पूछताछ की। विचारण के पूरा होने पर, माननीय विशेष न्यायाधीश (कोयला मामले), राउज एवेन्यू न्यायाधीश, नई दिल्ली ने मेसर्स जेएएस इंफ्रास्ट्रक्चर कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक श्री मनोज कुमार जायसवाल को आरोपित अपराधों का दोषी पाया। मामले में 3 सरकारी कर्मचारियों को बरी कर दिया गया है। सजा की अवधि पर बहस दिनांक 08.07.2025 को सुनी जाएगी।केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो, लोक प्रशासन में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने तथा आपराधिक कदाचार में शामिल सभी लोगों को न्याय के कटघरे में लाने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है।
- नई दिल्ली, । छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अंतरिम अध्यक्ष श्री राजीव शुक्ला ने आज नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से सौजन्य मुलाक़ात की।दोनों नेताओं के बीच छत्तीसगढ़ में खेलों के विकास, केंद्र–राज्य समन्वय और युवाओं को प्रोत्साहित करने संबंधी विषयों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने श्री शुक्ला को BCCI के अंतरिम अध्यक्ष बनने पर बधाई दी और उम्मीद जताई कि उनके अनुभव से देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ को भी लाभ मिलेगा। श्री शुक्ला ने राज्य में खेल अधोसंरचना को मजबूत करने में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
- - युक्तियुक्तकरण से बच्चों को मिला बेहतर शिक्षा का भरोसारायपुर, / छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई युक्तियुक्तकरण नीति ने दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन की बेहतर व्यवस्था की नई उम्मीद जगी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया को तेज़ी से और पूरी पारदर्शिता के साथ पूरा किया जा रहा है। .कांकेर कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के मार्गदर्शन में जिले में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया बेहद सुचारू और निष्पक्ष तरीके से पूरी कर ली गई है। अब तक जिन स्कूलों में या तो शिक्षक नहीं थे या केवल एक शिक्षक की तैनाती थी, अब वहां विषय-विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध हो गए हैं। इससे गणित, विज्ञान और अन्य विषयों अध्ययन-अध्यापन अच्छे से हो सकेगा।शिक्षकों ने जताया भरोसा और आभारइस प्रक्रिया से शिक्षक भी बेहद संतुष्ट नज़र आ रहे हैं। शिक्षिका श्रीमती सिंधु श्रीवास्तव ने बताया कि काउंसलिंग के दौरान स्क्रीन पर रिक्त पदों की जानकारी दी गई, जिससे स्कूल चयन में कोई दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने सरकार और प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। वरिष्ठ शिक्षक श्री मनोज कुमार जैन, जो पहले माध्यमिक शाला देवडोंगर में पदस्थ थे, ने कहा कि सेवानिवृत्ति के करीब होने के बावजूद उनकी इच्छानुसार और पारदर्शी तरीके से स्कूल चयन करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल से अब ग्रामीण स्कूलों में गणित, रसायन और जीवविज्ञान जैसे विषयों के विशेषज्ञ शिक्षक मिल सकेंगे, जिससे बच्चों की पढ़ाई में सुधार होगा।शिक्षक आत्माराम मंडावी ने बताया कि उन्हें उनके ही ब्लॉक के विद्यालय में युक्तियुक्तकरण के माध्यम से पदस्थ किया गया है, उन्हें यह उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब कलेक्टर, सीईओ और जिला शिक्षा अधिकारी स्वयं काउंसलिंग प्रक्रिया में उपस्थित रहे, तो प्रक्रिया की विश्वसनीयता स्वतः सिद्ध हो गई।समावेशी शिक्षा की दिशा में बड़ा कदमशिक्षक वर्ग का मानना है कि इस पारदर्शी तरीके से युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी हुई है। इससे जरूरत वाली शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना होने से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी। इससे विद्यार्थियों और अभिभावकों का सरकारी स्कूलों पर विश्वास भी मजबूत होगा। यह पहल समावेशी शिक्षा व्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम है। राज्य शासन की युक्तियुक्तकरण नीति ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की नींव भी मजबूत की है। शिक्षक समुदाय ने इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार और जिला प्रशासन कांकेर को धन्यवाद दिया है।
- -युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में लापरवाही का मामलारायपुर / बस्तर जिले में चल रही युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही बरतने पर खण्ड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) जगदलपुर मानसिंह भारद्वाज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई कमिश्नर बस्तर संभाग श्री डोमन सिंह के अनुमोदन पर प्रभारी कलेक्टर श्री प्रतीक जैन द्वारा की गई है।जारी आदेश के अनुसार, श्री भारद्वाज ने युक्तियुक्तकरण हेतु विकासखंड जगदलपुर से जिला स्तरीय समिति को कई स्तरों पर त्रुटिपूर्ण और भ्रामक जानकारी प्रस्तुत की। जैसे नगरनार के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कनिष्ठ शिक्षक को वरिष्ठ और वरिष्ठ शिक्षक को कनिष्ठ दिखाया गया। इसके अतिरिक्त, विवेकानंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (हिन्दी माध्यम), सेजेस, जगदलपुर की संवर्ग संबंधी जानकारी में भी गलत विवरण प्रस्तुत किया गया, जहां ई संवर्ग की शाला को टी एवं ई दोनों संवर्ग में रिक्त पदों सहित दर्शाया गया।इसके अलावा वरिष्ठता निर्धारण, स्वीकृत एवं रिक्त पदों की सूचना में भी अनेक विसंगतियाँ पाई गईं। श्री भारद्वाज की यह कार्यप्रणाली न केवल राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के विपरीत है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 तथा सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील नियम 1966 का भी उल्लंघन है। इन गंभीर त्रुटियों के आधार पर उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, जगदलपुर नियत किया गया है तथा उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा।यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
- -नक्सल ऑपरेशन की उपलब्धियों और बस्तर के विकास की दी जानकारीनई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में माओवादी विरोधी अभियानों की अब तक की सफलताओं और बस्तर अंचल में चल रहे विकास कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की नई रणनीति और केंद्र के सहयोग से नक्सल उन्मूलन अभियान को निर्णायक मोड़ पर पहुंचाया गया है। विगत डेढ़ वर्ष में चलाए गए सघन अभियानों के सकारात्मक परिणाम मिले हैं। 1,428 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जो बीते पांच वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।मुख्यमंत्री श्री साय ने अवगत कराया कि 205 मुठभेड़ों में 427 माओवादी मारे गए, जिनमें संगठन के शीर्ष नेता महासचिव बसवा राजू और सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकर जैसे कुख्यात माओवादी शामिल हैं। इसके साथ ही, राज्य में 64 नए फॉरवर्ड सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई है, जिससे सुरक्षा नेटवर्क मजबूत हुआ है।उन्होंने बताया कि इन सुरक्षा कैंपों के आसपास बसे गांवों तक अब बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य सेवाएं और स्कूल जैसी बुनियादी सुविधाएं तेजी से पहुँचाई जा रही हैं। ‘नियद नेल्लानार योजना’ के अंतर्गत चिन्हित 146 ग्रामों में एकीकृत रूप से 18 प्रकार की सामुदायिक सेवाएं और 25 प्रकार की शासकीय योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों का विश्वास शासन तंत्र में बढ़ा है। गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री साय द्वारा प्रस्तुत प्रगति रिपोर्ट की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों से माओवादी गतिविधियों पर निर्णायक नियंत्रण संभव हो रहा है और केंद्र सरकार राज्य को हर संभव सहायता देती रहेगी।
- -लापरवाही और अनियमितता के मामले में शासन ने की कार्रवाईरायपुर / छत्तीसगढ़ शासन ने शासकीय कार्य में अनियमितता, तय दर से अधिक मूल्य पर मदिरा विक्रय, स्टॉक में गंभीर कमी और बिक्री राशि में लाखों रुपये की गड़बड़ी के मद्देनज़र महासमुंद जिले के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी श्री निधीश कुमार कोष्टी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत की गई है। निलंबन अवधि में श्री कोष्टी का मुख्यालय आबकारी आयुक्त कार्यालय, नवा रायपुर अटल नगर में निर्धारित किया गया है।गौरतलब है कि 29 मई 2025 को आबकारी विभाग मुख्यालय रायपुर के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा महासमुंद जिले के घोड़ारी स्थित कम्पोजिट मदिरा दुकान का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण से पूर्व एक छद्म ग्राहक को 500-500 रूपए की कुल 4 नोट यानि कुल 2000 रूपए देकर मदिरा खरीदने भेजा गया। निर्धारित मूल्य 1760 रूपए के स्थान पर विक्रयकर्ता द्वारा 2000 रूपए में मदिरा बेचा गया। पूछताछ में विक्रयकर्ता ने अधिक मूल्य पर विक्रय की बात स्वीकार की। स्टॉक के भौतिक सत्यापन में 1886 नग देशी मदिरा मसाला की कमी और एक लाख 88 हजार रूपए की आर्थिक गड़बड़ी पाई गई। वहीं, बिक्री राशि की तुलना में नगदी में 3 लाख 8 हजार रूपए और विदेशी मदिरा में एक लाख 99 हजार रूपए की कमी पकड़ में आई। इस प्रकार कुल 6 लाख 96 हजार रूपए की वित्तीय अनियमितता का मामला पकड़ में आया। उपरोक्त अनियमितताओं को देखते हुए राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के तहत प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी महासमुंद को तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने की कार्रवाई की गई है।आबकारी आयुक्त ने बताया कि इससे पूर्व में 3 मई 2025 को राज्य स्तरीय उड़नदस्ता द्वारा बागबहरा (महासमुंद) में उड़ीसा निर्मित और केवल उड़ीसा में वैध 351.17 बल्क लीटर अवैध मदिरा जब्त की गई थी, जिसमें तीन प्रकरण दर्ज हुए और फरार आरोपी के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की धाराओं 34(2) और 59(क) के तहत कार्यवाही की गई। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है, प्रदेश में शासकीय जिम्मेदारियों के निर्वहन में किसी भी प्रकार की लापरवाही, भ्रष्टाचार या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महासमुंद में की गई यह कार्रवाई, सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रमाण है।
- -स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की तरफ से आवश्यक जांच कराने, समय पर सैंपल परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश-सामान्य लक्षणों के चलते मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहींरायपुर । छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कोविड-19 के जो भी मामले सामने आए हैं, उनमें अधिकतर मरीजों में सामान्य इंफ्लूएंजा जैसे लक्षण ही देखे जा रहे हैं, जैसे हल्का बुखार, सर्दी-खांसी या गले में खराश। विशेषज्ञों के अनुसार, इन लक्षणों के चलते अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है और मरीजों की स्थिति स्थिर बनी हुई है। अब तक राज्य में कुल 1183 लोगों की जांच की गई है, जिनमें से 50 व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि सभी संक्रमितों में सिर्फ सामान्य सर्दी-खांसी जैसे हल्के लक्षण पाए गए हैं और केवल गंभीर लक्षण वाले व्यक्तियांे को चिकित्सालय में उपचार हेतु संदर्भित करने के लिए निर्देश दिये गये है।सतर्कता के साथ संपर्क जांच और निगरानी का कार्य जारीआयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए हैं। जिन व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर जांच की जा रही है। साथ ही, उनके निवास क्षेत्रों में स्वास्थ्य दल भेजकर सर्वेक्षण किया गया है। यदि किसी में लक्षण पाए जा रहे हैं तो उसकी जांच कराई जा रही है, और गंभीर लक्षण होने की स्थिति में उपचार के लिए अस्पताल भेजा जा रहा है।राज्य भर में मॉक ड्रिल, सभी अस्पताल तैयार5 जून 2025 को पूरे राज्य के अस्पतालों में कोविड-19 की रोकथाम एवं उपचार की तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस दौरान सभी जिलों की व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई और संक्रमण से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए।स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पताल कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की निगरानी करें, आवश्यक जांच कराएं, और समय पर सैंपल परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करें।घबराएं नहीं, सतर्क रहें: विशेषज्ञों की सलाहभारत सरकार के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में कोविड-19 के लक्षण सामान्य फ्लू की तरह ही हैं, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार ने मौसमी बीमारियों और कोविड-19 दोनों से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी में हल्के सर्दी-जुकाम, बुखार या गले में खराश जैसे लक्षण दिखें, तो वह निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे सजग रहें, लेकिन भयभीत न हों।राज्य सरकार ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 एवं मौसमी बीमारियों के संभावित मरीजों के उपचार की संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की है। अस्पतालों में दवाएं, परीक्षण सुविधा एवं चिकित्सकीय संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
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टी सहदेव
भिलाई नगर। विश्व पर्यावरण दिवस पर तालपुरी बी ब्लॉक के नॉर्थ जोन गार्डन में सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था संपूर्णा महिला क्लब ने एक पेड़ मां के नाम पर वृक्षारोपण किया। गार्डन में विभिन्न प्रकार के फलदार और फूलदार लगाए गए, जिनमें पीपल, बरगद, पारिजात,आम, नीम, बेल, करंज, कान्हेर, अमलतास तथा जामुन के पौधे शामिल हैं । क्लब की अध्यक्ष रेणू श्रीखंडे के नेतृत्व में रोपे गए इन पौधों की नियमित देखभाल, सुरक्षा और संवर्धन की महिलाओं ने शपथ भी ली।इस अवसर पर लेखिका सरस्वती धानेश्वर ने गार्डन में मौजूद सभी महिलाओं को अपने काव्य संग्रह 'लम्हों का आईना' की एक-एक प्रति भेंट की। वहीं संपूर्णा क्लब ने लेखिका धानेश्वर और योग शिक्षिका कुमुद बावनकर का पौधे देकर सम्मान किया। वृक्षारोपण में सचिव शोभा यादव, कोषाध्यक्ष रागिनी अग्रवाल, पुनीता कौशल, मनीषा शुक्ला, अनीता दत्ता, मनीषा हाडगे, कृतिका साव, गायत्री, रितु विश्वकर्मा, अनीता शास्त्री, स्मिता जैन, सुलेखा जैन, निशा सिंह, रश्मि शुक्ला और सरला ने हिस्सा लिया। -
बालोद/जिले के ग्राम झलमला स्थित समाज कल्याण विभाग परिसर में आज पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें ’एक पेड़ माँ के नाम 2.0’ अभियान के अंतर्गत कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा, अपर कलेक्टर श्री चंद्रकांत कौशिक, समाज कल्याण विभाग के उप संचालक श्री अजय गेडाम, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती प्राची ठाकुर सहित विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों ने पौध रोपण किया। इस अवसर कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने अधिक से अधिक पौध रोपण करने तथा रोपे गए पौधे की सुरक्षा हेतु समुचित उपाय सुनिश्चित करने को कहा।
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बालोद/जिले मंे राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना अंतर्गत सहायक जिला समन्वयक पद की भर्ती हेतु प्रारंभिक पात्र-अपात्र सूची जारी की गई है। जिला पंचायत के प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना अंतर्गत जिले में स्वीकृत सहायक जिला समन्वयक (संविदा) पद की भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए थे। चयन समिति द्वारा जांच उपरांत पात्र एवं अपात्र अभ्यर्थियों की प्रारंभिक सूची दावा आपत्ति हेतु प्रकाशन की गई है। जिसका अलवोकन जिले के वेबसाई बालोद डाॅट जीओवी डाॅट इन पर अवलोकन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उक्त संबंध में अभ्यर्थियों से 20 जून 2025 को शाम 05.30 बजे तक दावा आपत्ति आमंत्रित की गई है। उन्होंने बताया कि निर्धारित समयावधि पश्चात् प्राप्त आवेदन स्वीकार नहीं किये जाएंगे।
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समीक्षा बैठक लेकर राजस्व अधिकारियों को दिए निर्देश
बालोद/कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा कि राजस्व संबंधी कार्य आम जनता से सीधे जुड़े होने के कारण राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित करना शासन के विशेष प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने शासन के मंशानुरूप जिले में राजस्व संबंधी सभी प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा में सुनिश्चित करने के निर्देेश राजस्व अधिकारियों को दिए है। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा आज संयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष मे राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर राजस्व विभाग के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में अपर कलेक्टर श्री चंद्रकांत कौशिक, श्री नूतन कंवर एवं श्री अजय किशोर लकरा सहित जिले के सभी राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों के अलावा तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।बैठक में कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने सीमांकन, बंटवारा, खाता विभाजन आदि सभी राजस्व प्रकरणों के आॅनलाईन निराकरण के कार्य की समीक्षा करते हुए सभी लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित करने को कहा। बैठक में उन्होंने डिजिटल क्राॅफ्ट सर्वे कार्य की भी समीक्षा की। उन्होंने डिजिटल क्राॅफ्ट सर्वे कार्य के लिए नोडल अधिकारियों के अलावा मास्टर ट्रेनर्स की नियुक्ति कर इस कार्य को विशेष प्राथमिकता के साथ पूरा करने को कहा। इसके अलावा उन्होंने जियो रिफ्रेंसिंग, भूमि अधिग्रहण संबंधी कार्य के अलावा राजस्व अभिलेख अद्यतीकरण, नक्शा बटांकन, डिजिटिल सिग्नेचर के कार्य आदि की भी समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अविवादित, विवादित प्रकरणों की आॅनलाईन निराकरण, सीमांकन प्रकरणों में लंबित आॅनलाईन जानकारी तथा अपील प्रकरणों की आॅनलाईन जानकारी की भी समीक्षा की। कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को इन सभी प्रकरणों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने भूअर्जन प्रकरण तथा मुआवजा विवरण की जानकारी एवं सेवा शुल्क के अलावा ई-कोर्ट में दर्ज लंबित प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की भी समीक्षा की। इसके अलावा उन्होंने ई-नामांतरण पंजी की संख्यात्मक जानकारी, पंचायत वसूली प्रकरणों में वसूली, भू-राजस्व वसूली के अलावा आरबीसी 6-4 के अंतर्गत स्वीकृति प्रकरण एवं मुआवजा वितरण के संबंध में भी जानकारी ली। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने सभी राजस्व अधिकारियों को नियमित रूप से फील्ड विजिट करने तथा आम जनता के साथ मधुर एवं स्नेहिल व्यवहार रखते हुए राजस्व संबंधी समस्याओं का निर्धारित समयावधि में निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। - -युक्तियुक्तकरण से मिले चार नए शिक्षक-शिक्षकों की पदस्थापना की खबर पाकर खुश हैं गांव के बच्चे-बच्चों के चेहरे पर दिखने लगी पढ़ाई की ललकरायपुर, / कभी शिक्षक की कमी से जूझ रहा बालोद ज़िले का छोटा-सा गांव तरौद में शिक्षा की एक नई उम्मीद जगी है। जहां पहले सिर्फ एक ही शिक्षक के भरोसे पूरा स्कूल चल रहा था, अब यहां चार विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की खबर से गांव में उत्साह का माहौल है। छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल ने बच्चों, अभिभावकों और पूरे गांव में शिक्षा को लेकर एक नई ऊर्जा भर दी है।लगभग 60 विद्यार्थियों वाला यह शासकीय हाईस्कूल बीते दो वर्षों से शिक्षकों की कमी से जूझ रहा था। पढ़ाई बाधित होती थी, एक शिक्षक से सभी विषयों की जिम्मेदारी निभा पाना नामुमकिन था। बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावकों की चिंता बढ़ती जा रही थी। लेकिन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण की पहल ने इस अंधेरे को आशा की किरण दिखाई है।युक्ति युक्तकरण वास्तव में शिक्षकों और संसाधनों के असमान वितरण को दूर करने की एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया है, जिसमें जरूरतमंद स्कूलों में योग्य शिक्षकों की तैनाती की जाती है। इसी योजना के तहत अब तरौद के हाईस्कूल में चार नए शिक्षक पदस्थ किए गए हैं, जो अलग-अलग विषयों के हैं। इससे अब हर विषय की पढ़ाई नियमित और गुणवत्ता पूर्ण हो सकेगी।गांव के सरपंच श्री धर्मेंद्र कुमार रामटेके की बातों से ग्रामीणों की भावनाएं झलकती हैं। पहले स्कूल में पढ़ाई की स्थिति अच्छी नहीं थी। जनभागीदारी समिति कई बार गांव के युवाओं को बुलाकर बच्चों के अध्ययन अध्यापन की व्यवस्था करती थी। शासन ने अब हमारे गांव के स्कूल को चार नए शिक्षक देकर बच्चों के अध्ययन-अध्यापन की बेहतर व्यवस्था कर दी है। इसके लिए हम मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के आभारी हैं। श्रीमती महेश्वरी ठाकुर, स्कूल की जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष कहती हैं कि शिक्षा बच्चों का अधिकार है, और शासन ने यह अधिकार लौटाया है। अब हमें चिंता नहीं करनी पड़ेगी कि हमारे बच्चों को कौन पढ़ाएगा।स्कूल में शिक्षकों की पदस्थापना की खबर पाकर गांव के बच्चे भी बेहद खुश हैं। पढ़ाई को लेकर उनमें ललक और उत्साह दिखाई देने लगा है। बच्चों को हर विषय में अलग-अलग शिक्षक मिलना किसी सौगात से कम नहीं है। अब वह अच्छी पढ़ाई लिखाई करके डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक या अधिकारी बनने के सपने देखने लगे हैं।तरौद अब केवल एक गांव नहीं रहा, बल्कि छत्तीसगढ़ के शिक्षा सुधारों का उदाहरण बन गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण की यह पहल पूरे जिले के स्कूलों में चल रही है। शासन का स्पष्ट लक्ष्य है कि हर स्कूल में शिक्षक हों, और हर बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। शिक्षा की रोशनी जब दूर-दराज के गांवों तक पहुंचती है, तो उसका असर सिर्फ किताबों तक नहीं रहता। वह पूरे समाज को एक नई दिशा देती है। ग्राम तरौद का यह बदलाव इसी सकारात्मक सोच और योजनाबद्ध प्रयास का नतीजा है। छत्तीसगढ़ में शिक्षा की यह नई सुबह, निश्चित ही पूरे प्रदेश को प्रगति की ओर ले जाएगी।