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- मरीजों से बात कर हास्पिटल में ईलाज एवं उपलब्ध सुविधाओं के संबंध में ली जानकारी
- 100 बिस्तर मातृ-शिशु अस्पताल के सुरक्षा वार्ड में निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई में कमी होने पर नाराजगी जाहिर की
- ड्यूटी पर अनुपस्थित डॉक्टर्स को कारण बताओ नोटिस जारी करने के दिए निर्देश
राजनांदगांव । कलेक्टर श्री जितेन्द्र यादव ने बसंतपुर स्थित शासकीय जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। जिला चिकित्सालय मेंओपीडी, दवाई वितरण शाखा, फार्मेसी, शिशु वार्ड, पेईंग वार्ड एवं अन्य शाखाओं का जायजा लिया। कलेक्टर ने मरीजों से बात कर हास्पिटल में ईलाज एवं उपलब्ध सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने हास्पिटल में ईलाज के लिए समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला चिकित्सालय में साफ-सफाई निरंतर करने के लिए कहा। कलेक्टर ने ओपीडी में ड्यूटी पर अनुपस्थित डॉक्टर्स को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने बसंतपुर स्थित 100 बिस्तर मातृ-शिशु अस्पताल के सुरक्षा वार्ड में निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई में कमी होने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने वहां समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने पोस्ट नेटल कक्ष का अवलोकन किया तथा वहां परिजनों से भेंट की एवं सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर ने वहां भोजन की गुणवत्ता एवं अन्य व्यवस्थाओं की जांच की। उन्होंने हॉस्पिटल में चल रहे निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. चंद्रवंशी सहित जिला चिकित्सालय के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। -
जिले में 16 नये कृषि साख सहकारी समितियों का गठन*
बिलासपुर/सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना सहकार से समृद्धि के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा बिलासपुर जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की पुनर्गठन योजना 2025 के अंतर्गत 114 विद्यमान समितियों में से 15 समितियों का पुनर्गठन कर 16 नवीन सहकारी समितियों का गठन किया गया है। जिसमें बिल्हा विकासखण्ड के अंतर्गत 3 समितियॉ-अकलतरी, बेलतरा, चुमकवा, तखतपुर विकासखण्ड के अंतर्गत 3 समितियॉ-लमेर, कोडापुरी, पडरिया, मस्तुरी विकासखण्ड के अंतर्गत 5 समितियॉ-सरसेनी, शिव टिकारी, सुकुलकारी, जलसो, धनगवॉ तथा कोटा विकासखण्ड के अंतर्गत 5-समितियॉ अमाली, कोडापुर, पोडी, पचरा, दारसागर शामिल है। इन समितियों के गठन का उद्ेश्य किसानों को निवासरत ग्राम से कम से कम दूरी में केसीसी ऋण अंतर्गत नकद, खाद, बीज, उपभोक्ता सामाग्री वितरण, की सुविधा उपलब्ध कराना है। उक्त समितियों का पंजीयन कार्यालय उप आयुक्त सहकारिता जिला बिलासपुर द्वारा किया गया है।सहकार से समृद्धि योजना अंतर्गत सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का कम्प्यूटराइजेशन किया गया है जिससे की समस्त समितियां तकनीकी रूप से सक्षम होकर अपने सदस्यो को त्वरित रूप से सुविधाएं उपलब्ध करा सकें जैसे-केसीसी ऋण, प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्र अंतर्गत जैविक दवाओ का वितरण, कामन सर्विस सेंटर के माध्यम से बिजली बिल, रेल टिकट बुकिंग, आधार पंजीयन, बीमा का भुगतान, जाति, निवास प्रमाण पत्र आदि एवं माइक्रो ए0टी0एम, उपभोक्ता सामाग्री वितरण, इत्यादि। सहकारिता मंत्री भारत सरकार, छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री एवं सहकारिता मंत्री छ0ग0 शासन के नेतृत्व में निर्धारित कार्य योजना अनुसार बिलासपुर जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायत मे बहुउद्देशीय पैक्स, दुग्ध, मत्स्य, वनोपज सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है जिससे साधारण जनमानस तक सहकारिता का विस्तार हो एवं जीवन स्तर में प्रगति हो। -
बिलासपुर/शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान दिवस 10 दिसम्बर 2025 को जिले में स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। पूर्व में 21 अक्टूबर 2025 को गोवर्धन पूजा के अवसर पर घोषित स्थानीय अवकाश के दिन को राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया है। इसलिए गोवर्धन पूजा के दिन 21 अक्टूबर को घोषित स्थानीय अवकाश को जिला प्रशासन ने निरस्त कर दिया है। इसके बदले में 10 दिसम्बर शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान दिवस को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है।
- -बच्चों के लिए बना सुरक्षित और शिक्षाप्रद वातावरण, ग्रामीणों को मिला रोजगाररायपुर ।महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) अब केवल रोजगार का साधन ही नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास का मजबूत आधार बन गई है। इसी कड़ी में सरगुजा जिले के जनपद पंचायत उदयपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत पंडरीपानी में नया आंगनबाड़ी केंद्र भवन बनकर तैयार हुआ है। इस भवन के निर्माण से न केवल नौनिहालों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण मिला है, बल्कि ग्रामवासियों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।आंगनबाड़ी भवन बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्रआंगनबाड़ी केंद्र पूर्व में एक छोटे किराए के भवन में संचालित होता था, जहां सीमित स्थान के कारण बच्चों को पढ़ाई और खेल-कूद में कठिनाई होती थी। अब 11.69 लाख रुपये की लागत से निर्मित यह नया आंगनबाड़ी भवन बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। निर्माण कार्य के दौरान 494 मानव दिवस का रोजगार सृजित हुआ, जिससे ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है।बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर में हुआ सुधारनव निर्मित आंगनबाड़ी भवन में हॉल, कार्यालय, रसोईघर और शौचालय जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। भवन की दीवारों पर अक्षर ज्ञान, शिक्षाप्रद चित्र और मनमोहक कार्टून उकेरे गए हैं, जिससे बच्चे खेल-खेल में सीख रहे हैं। सहायिका ने बताया कि वर्तमान में केंद्र में 22 बच्चे पंजीकृत हैं और अब बच्चों की उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आंगनबाड़ी में नियमित रूप से पोषण आहार उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर में सुधार हुआ है। साथ ही किशोरी बालिकाओं को स्वच्छता और पोषण संबंधी जानकारी दी जा रही है तथा गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को पूरक पोषण आहार प्रदान किया जा रहा है।रोजगार सृजन के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था हो रहा सशक्तजिला प्रशासन द्वारा मनरेगा के तहत जिले में कुल 393 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। इनका निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है। यह पहल न केवल ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के पोषण व शिक्षा स्तर को ऊंचा उठा रही है, बल्कि रोजगार सृजन के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बना रही है।
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रायपुर। आसन्न दीपावली पर्व पर मंदिर हसौद व आरंग थाना क्षेत्र के ग्रामों में अमन-चैन बनाये रखने सघन पुलिसिया गश्त व असामाजिक गतिविधियों में लिप्त तत्वों के खिलाफ ठोस एवं प्रभावी कार्यवाही की मांग को लेकर किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा ने पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है और असामाजिक तत्वों की दीपावली जेल में मनने की सुनिश्चित व्यवस्था का आग्रह किया है ।
पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा के नाम उनके कार्यालय में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंचल तिवारी को , पुलिस अधीक्षक डा लाल उमेद सिंह से मुलाकात न हो पाने की वजह से उनके कार्यालय में व नया रायपुर में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला को व्हाट्स ऐप के माध्यम से सौपा गया है। ज्ञापन की प्रति मंदिर हसौद थाना प्रभारी आशीष यादव व आरंग थाना प्रभारी राजेश सिंह को भी प्रदत्त की गयी है। ज्ञापन में लिखा गया है कि जारी पुलिसिया अभियान के चलते शराब , गांजा व नशीली गोलियों के कतिपय बड़े सप्लायरों के खिलाफ कार्यवाही से सकारात्मक संदेश तो गया है पर थाना क्षेत्र में सक्रिय स्थानीय सप्लायरों के खिलाफ व बिक्री में लिप्त असामाजिक तत्वों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही न होने से ग्रामों में इस अभियान का कोई खास असर नहीं दिख रहा है । दीपावली पर्व पर इनके सहित होने वाले जुआ की वजह से लड़ाई - झगड़ा होने व अशांति फैलने की जानकारी देते हुये आग्रह किया गया है कि ग्रामों के सभ्य नागरिकों , महिलाओं व नौनिहालों को शांति से व आनंदपूर्वक त्यौहार मनाने देने इनमें लिप्त तत्वों के खिलाफ अविलंब ठोस कार्यवाही की सामयिक आवश्यकता है । आरंग थाना क्षेत्र के ग्राम भानसोज में हुये सफल शराब भट्ठी विरोधी आंदोलन के अगुवाई करने वाले व क्षेत्र में शराब विरोधी मुहिम में सक्रिय श्री शर्मा ने जानकारी दी है कि भानसोज के ही ग्रामीण व्यवस्था लड़खड़ाने की वजह से यहां भी असामाजिक तत्व हावी हो चले हैं और हालत यह है कि भोर होते ही महानदी मुख्य नहर के पार में कतिपय असामाजिक तत्व शराब बेचना शुरू कर देते हैं जिसके चलते राहगीरों को पियक्कड़ों के हरकतों के चलते शर्मनाक स्थिति से गुजरना पड़ता है । भानसोज की स्थिति से ही अंदाज लगाया जा सकता है कि आंदोलन में सहभागी रहे ग्रामों की स्थिति क्या होगी । अधिकांश ग्रामों में शराब पीने जाने वाले पियक्कड़ों द्वारा 15- 20 पौव्वा शराब ला ग्रामों में बेच अपने पौव्वा व आने - जाने का खर्च निकालने के चलते ग्रामीण माहौल और खराब होने की जानकारी देते हुये उन्होंने इसके लिये शासन द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को 24 पौव्वा शराब लेने की छूट को दोषी ठहराया है व ग्रामों में इसे अशांति का एक प्रमुख कारण ठहराया है । ज्ञापन में इन असामाजिक गतिविधियों पर रोक लगा पाने में शासन - प्रशासन की असमर्थता के चलते परेशान व आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा अब स्वयं ग्रामीण व्यवस्था के तहत इस पर रोक लगाने आगे आने की जानकारी देते हुये इसे शासन - प्रशासन की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान कहा है । - -बिहान और पशुधन विकास विभाग की संयुक्त पहल से बकरी पालकों को मिलेगा लाभ-सकालो में शुरू हुई साप्ताहिक बकरी मंडीरायपुर ।ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राष्ट्रीय आजीविका मिशन (बिहान) एवं पशुधन विकास विभाग के संयुक्त प्रयास से अम्बिकापुर जिले के अंतर्गत ग्राम पंचायत सकालो में साप्ताहिक बकरी मंडी का शुभारंभ किया गया है। बकरी पालन से रोजगार के अवसर, आय में वृद्धि होती है और स्वास्थ्य लाभ मिलतरा है। यह आय का एक स्थायी स्रोत प्रदान करता है, क्योंकि बकरियों से दूध और मांस दोनों प्राप्त होते हैं। इसके अलावा, बकरी पालन पर्यावरण के अनुकूल है, क्योंकि बकरियां कम जगह लेती हैं और उनकी खाद मिट्टी को उपजाऊ बनाती है।सकालो बाजार के पास संचालित इस मंडी का संचालन मां लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह के द्वारा किया जा रहा है। इससे ग्रामीण पशुपालकों के लिए व्यापार के लिए नई मंडी मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर बकरी पालन से जुड़ी महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम भी बनेगा। अब ग्रामीण महिलाएं अपनी बकरियां सीधे मंडी में बेच सकती हैं, जिससे उन्हें उचित मूल्य प्राप्त होगा और बिचौलियों पर निर्भरता समाप्त होगी।महिलाओं को मिलेगा लाभ, बढ़ेगी आत्मनिर्भरतासकालो की बकरी पालक श्रीमती मानमति मरावी ने बताया कि पहले व्यापारी बकरियाँ मनमाने दामों पर खरीद लेते थे, जिससे हमें सही लाभ नहीं मिल पाता था। अब मंडी खुलने से अपने ही पंचायत में बकरियों का अच्छा दाम मिल रहा है। इससे आमदनी बढ़ेगी और बकरी पालन में रुचि भी बढ़ी है। वहीं बकरी खरीदने आई कल्पना सिंह ने कहा कि अब हमें 15 किलोमीटर दूर बाजार नहीं जाना पड़ेगा। सकालो पंचायत में ही साप्ताहिक बकरी मंडी लगने से उचित दर पर बकरियां मिल जाती हैं। शासन और जिला प्रशासन की यह पहल ग्रामीण महिलाओं की आजीविका के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध हो रही है।स्वयं सहायता समूहों के लिए नया अवसरराष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत संचालित बकरी मंडी से स्वयं सहायता समूह की दीदियों को रोजगार का नया अवसर मिलेगा। समूह की सदस्य महिलाएं न केवल मंडी के संचालन और व्यवस्था का कार्य देख रही हैं, बल्कि बकरी पालन से संबंधित अन्य गतिविधियों जैसे पशु आहार वितरण, स्वास्थ्य जांच, और खरीद-बिक्री के आँकड़ों के संकलन में भी सक्रिय भूमिका निभाएंगी।स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई दिशासकालो में साप्ताहिक बकरी मंडी खुलने से स्थानीय स्तर पर पशुधन व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और अब ग्रामीणों को शहरों या दूरस्थ बाजारों तक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह मंडी स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी।
- -153 हथियारों के साथ 210 नक्सलियों का आत्मसमर्पण-बस्तर में रचा गया इतिहास, वंदे मातरम की गूंज से शांति, विकास और विश्वास के नये युग की शुरूआत-पूना मारगेम - पुनर्वास से पुनर्जीवन: दण्डकारण्य के 210 माओवादी कैडर लौटे समाज की मुख्यधारा में-एक सेंट्रल कमेटी सदस्य, चार डीकेएसजेडसी सदस्य, 21 डिविजनल कमेटी सदस्य सहित अनेक वरिष्ठ माओवादी नेता का आत्मसमर्पणरायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर में 210 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण को राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि जो युवा कभी माओवाद के झूठे विचारधारा के जाल में फंसे थे, उन्होंने आज संविधान, लोकतंत्र और विकास की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है।बस्तर में नक्सल उन्मूलन की दिशा में ऐतिहासिक दिन, बंदूक छोड़ संविधान अपनाने वालों का स्वागतमुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज का दिन केवल बस्तर ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के लिए ऐतिहासिक है। जिन युवाओं ने वर्षों तक अंधेरी राहों पर भटककर हिंसा का मार्ग चुना, उन्होंने आज अपने कंधों से बंदूक उतारकर संविधान को थामा है। यह न केवल आत्मसमर्पण का क्षण है, बल्कि विश्वास, परिवर्तन और नये जीवन की शुरुआत है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर में बंदूकें छोड़कर सुशासन पर विश्वास जताने वाले इन युवाओं से मेरी मुलाकात मेरे जीवन के सबसे भावनात्मक और संतोष देने वाले पलों में से एक रही। यह दृश्य इस बात का प्रमाण है कि बदलाव नीतियों और विश्वास से आता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन की नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025, “नियद नेल्ला नार योजना” और “पूना मारगेम - पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी योजनाएँ विश्वास और परिवर्तन का आह्वान हैं। इन्हीं नीतियों के प्रभाव से नक्सल प्रभावित इलाकों में बंदूक छोड़कर लोग शासन की विश्वास और विकास की प्रतिज्ञा को स्वीकार कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि आज का यह दृश्य केवल सरकार की सफलता नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के शांतिपूर्ण भविष्य का शिलान्यास है। हमारी सरकार आत्मसमर्पितों के पुनर्वास और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार की प्रतिज्ञा है कि छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में यह प्रतिज्ञा पूर्ण हो रही है। छत्तीसगढ़ अब शांति, विश्वास और विकास के नए युग की ओर अग्रसर है।राज्य शासन की व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति और शांति, संवाद एवं विकास पर केंद्रित सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप बस्तर संभाग में आज नक्सल विरोधी मुहिम को ऐतिहासिक सफलता मिली है। ‘पूना मारगेम दृ पुनर्वास से पुनर्जीवन’ कार्यक्रम के अंतर्गत दण्डकारण्य क्षेत्र के 210 माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग त्यागकर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है।यह आत्मसमर्पण विश्वास, सुरक्षा और विकास की दिशा में बस्तर की नई सुबह का संकेत है। लंबे समय से नक्सली गतिविधियों से प्रभावित अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर क्षेत्र में यह ऐतिहासिक घटनाक्रम नक्सल उन्मूलन अभियान के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ के रूप में दर्ज होगा।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा अपनाई गई व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति ने क्षेत्र में स्थायी शांति की मजबूत नींव रखी है। पुलिस, सुरक्षा बलों, स्थानीय प्रशासन, सामाजिक संगठनों और सजग नागरिकों के समन्वित प्रयासों से हिंसा की संस्कृति को संवाद और विकास की संस्कृति में परिवर्तित किया जा सका है।यह पहली बार है जब नक्सल विरोधी अभियान के इतिहास में इतनी बड़ी संख्या में वरिष्ठ माओवादी कैडरों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वालों में एक सेंट्रल कमेटी सदस्य, चार डीकेएसजेडसी सदस्य, 21 डिविजनल कमेटी सदस्य सहित अनेक वरिष्ठ माओवादी नेता शामिल हैं। इन कैडरों ने कुल 153 अत्याधुनिक हथियार जिनमें AK/47 SLR, INSA रायफल और LMG शामिल हैं, समर्पित किए हैं। यह केवल हथियारों का समर्पण नहीं, बल्कि हिंसा और भय के युग का प्रतीकात्मक अंत है। एक ऐसी घोषणा, जो बस्तर में शांति और भरोसे के युग की शुरुआत का संकेत देती है।मुख्यधारा में लौटने वाले प्रमुख माओवादी नेताओं में सीसीएम रूपेश उर्फ सतीश, डीकेएसजेडसी सदस्य भास्कर उर्फ राजमन मांडवी, रनीता, राजू सलाम, धन्नू वेत्ती उर्फ संतू, आरसीएम रतन एलम सहित कई वांछित और इनामी कैडर शामिल हैं। इन सभी ने संविधान पर आस्था व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में सम्मानजनक जीवन जीने का संकल्प लिया।यह ऐतिहासिक आयोजन जगदलपुर पुलिस लाइन परिसर में हुआ, जहाँ आत्मसमर्पित कैडरों का स्वागत पारंपरिक मांझी-चालकी विधि से किया गया। उन्हें संविधान की प्रति और शांति, प्रेम एवं नए जीवन का प्रतीक लाल गुलाब भेंट कर सम्मानित किया गया। मांझी-चालकी प्रतिनिधियों ने कहा कि बस्तर की परंपरा सदैव प्रेम, सहअस्तित्व और शांति का संदेश देती रही है। जो साथी अब लौटे हैं, वे इस परंपरा को नई शक्ति देंगे और समाज में विश्वास की नींव को और मजबूत करेंगे। कार्यक्रम के अंत में सभी आत्मसमर्पित कैडरों ने संविधान की शपथ लेकर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की। उन्होंने प्रतिज्ञा ली कि वे अब हिंसा के बजाय विकास और राष्ट्रनिर्माण की दिशा में योगदान देंगे। ‘वंदे मातरम’ की गूंज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। यह क्षण केवल 210 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण का नहीं, बल्कि बस्तर में विश्वास, विकास और शांति के नए युग की शुरुआत का प्रतीक बन गया।कार्यक्रम के दौरान पुलिस विभाग द्वारा आत्मसमर्पित माओवादियों को पुनर्वास सहायता राशि, आवास और आजीविका योजनाओं की जानकारी दी गई। राज्य शासन इन युवाओं को स्वरोजगार, कौशल विकास और शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि वे आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जी सकें।Dandakaranya Surrender: Total Cadre Profile1. CCM 01 cadre2. DKSZC 04 cadres3. Regional Committee Member 01 cadre4. DVCM 21 cadres5. ACM level 61 cadres6. Party Members 98 cadres7. PLGA member/ RPC members/ Others 22 nosTotal 208 cadresTotal 110 Female] 98 MaleDandakarnya Surrender: Total Weapon Details1. AK 47 Rifle 19 nos2. SLR rifle 17 nos3. INSAS rifle 23 nos4. INSAS LMG 01 nos5. 303 Rifle 36 nos6. Carbine 04 nos7. BGL Launcher 11 nos8. 12 Bore/ Single shot 41 nos9. Pistol 01 nosTotal 153 weapons
- -प्रदेश में तीसरे स्थान पर पहुँचा सक्ती जिला - 30 हजार से अधिक परिवारों को मिला पक्का घररायपुर। छत्तीसगढ़ के नवगठित सक्ती जिले ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के सफल क्रियान्वयन में एक नया इतिहास रच दिया है। नवगठित जिला होने के बावजूद, सक्ती ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए वर्ष 2024-25 में 30 हजार 512 आवास पूर्ण कर प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि न केवल संख्यात्मक सफलता का प्रतीक है, बल्कि उन हजारों परिवारों के जीवन में आई स्थिरता, सुरक्षा और सम्मान की कहानी भी है, जिन्होंने वर्षों तक कच्चे और असुरक्षित मकानों में जीवन व्यतीत किया था।कच्चे से पक्के घरों तक का सफर- सक्ती बना मिसालप्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सक्ती जिले में अब तक वर्ष 2016 से 2023 तक कुल 44 हजार 319 आवासों का निर्माण पूर्ण किया गया, जो 95ः लक्ष्य प्राप्ति दर्शाता है। वहीं, वर्ष 2024-25 में 30 हजार से अधिक मकान पूर्ण कर जिले ने मिशन मोड में कार्य का उदाहरण प्रस्तुत किया है। हर ग़रीब का पक्का घर राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता रही है । मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छतीसगढ़ के सभी जिलों मेंयह योजना प्रभावी ढंग से संचालित हुई। नियमित फील्ड विजिट, समयबद्ध वित्तीय सहायता, और हितग्राहियों के साथ सतत संवाद के परिणामस्वरूप यह उल्लेखनीय प्रगति संभव हुई।टीमवर्क और जनसहभागिता से मिली सफलताजिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती द्रौपदी कीर्तन चंद्रा ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि “हमारी प्राथमिकता रही है कि पात्र परिवारों तक योजना का लाभ समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पहुँचे। टीमवर्क और ग्रामीणों के सहयोग से ही यह संभव हुआ है।” कलेक्टर ने कहा, “प्रधानमंत्री आवास योजना केवल मकान निर्माण की योजना नहीं है, बल्कि यह हर ग्रामीण परिवार को सम्मानजनक जीवन देने का प्रयास है। सक्ती जिला इसी दिशा में सतत प्रगति कर रहा है।”वित्तीय पारदर्शिता और तेज क्रियान्वयनवर्ष 2024-25 के लिए जिले को कुल 63 हजार 591 आवासों का लक्ष्य मिला, जिनमें से 52हजार 913 आवासों को स्वीकृति दी गई। निर्माण कार्य की गति बनाए रखने हेतु सरकार द्वारा तीन किश्तों में वित्तीय सहायता प्रदान की गई । पहली किश्त में 51हजार 427 हितग्राहियों को,दूसरी किश्त में 40 हजार 318 हितग्राहियों को और तीसरी किश्त में 25 हजार 65 हितग्राहियों को वित्तीय सहायता दी गई। समय पर किश्तें जारी होने से निर्माण कार्यों में तेजी आई और निर्धारित समय सीमा में लक्ष्य पूरा किया जा सका।गरीब परिवारों के जीवन में आया बदलावप्रधानमंत्री आवास योजना ने ग्रामीण अंचलों के गरीब परिवारों के जीवन में सम्मान, सुरक्षा और आत्मविश्वास की नई किरण जगाई है। पक्के घरों के निर्माण से बच्चों को बेहतर पढ़ाई का माहौल मिला, बुजुर्गों को मौसम से सुरक्षा मिली और महिलाओं को घर-परिवार के संचालन में सुविधा हुई। यह योजना अब केवल आवास निर्माण कार्यक्रम नहीं रह गई है, बल्कि यह ग्रामीण भारत के सामाजिक सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी है।मोर आवास, मोर अधिकार पोर्टल -पारदर्शिता की दिशा में पहलशासन द्वारा प्रारंभ किया गया “मोर आवास, मोर अधिकार” पोर्टल हितग्राहियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहा है। इसके माध्यम से कोई भी पात्र व्यक्ति अपने आवेदन की स्थिति और पात्रता की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकता है, जिससे योजना में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हुई है।प्रधानमंत्री आवास योजना की समय पर किस्त जारीप्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत हितग्राहियों को कुल 1 लाख 20 हजार की सहायता राशि तीन किश्तों में प्रदान की जाती है जिसके अन्तर्गत प्रथम किश्त में 40हजार, द्वितीय किश्त में 55 हजार और तृतीय किश्त में 25 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाती है। इसका उद्देश्य है कि कोई भी ग्रामीण परिवार बेघर न रहे और प्रत्येक पात्र हितग्राही को सुरक्षित, टिकाऊ और सम्मानजनक आवास प्राप्त हो सके।सक्ति की सफलता - प्रदेश और देश के लिए प्रेरणासक्ति जिले की यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह दर्शाती है कि जब प्रशासन, जनप्रतिनिधि और ग्रामीण समाज मिलकर कार्य करते हैं, तो बड़े लक्ष्य भी समय पर प्राप्त किए जा सकते हैं।
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*संगिनी के दिवाली उपहारों की धूम *
- ग्रामीण महिलाओं की आत्मनिर्भरता की दिशा में सराहनीय कदम, सक्ती प्रशासन का सतत सहयोग-रायपुर / दीपावली जैसे प्रमुख त्यौहार के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत कार्यरत जिला सक्ती की महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई मिसाल पेश की है। ग्राम पलाड़ीखुर्द की राधा कृष्ण स्व-सहायता समूह की सदस्याएं अपने “संगिनी” ब्रांड के अंतर्गत आकर्षक गिफ्ट हैम्पर तैयार कर रही हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के सुगंधित एवं डिज़ाइनर मोम उत्पाद शामिल हैं।महिलाओं की सशक्तिकरण और रोज़गार सृजन की दिशा में महत्वपूर्ण पहलयह अभिनव पहल महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और रोज़गार सृजन की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। जिला प्रशासन सक्ती द्वारा दीदियों को उत्पाद निर्माण, पैकेजिंग और विपणन के लिए निरंतर सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। समूह की सदस्य श्रीमती पुष्पा दीदी ने बताया कि समूह द्वारा त्यौहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए राखी, रंगोली, आचार, गुलाल, तथा मोम उत्पाद जैसे विविध वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों से हमें न केवल आर्थिक लाभ मिला है बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ा है।समूह को 2 लाख रुपये तक की आयपुष्पा दीदी ने आगे बताया कि समूह की दीदियों ने पूर्व में आर-सेटी (त्ैम्ज्प्) से डिज़ाइनर कैंडल बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया था। इसके बाद यूट्यूब वीडियो के माध्यम से गिफ्ट हैम्पर तैयार करने का विचार आया। इस समय जिले की विभिन्न इंडस्ट्रीज और संस्थानों से गिफ्ट हैम्पर के ऑर्डर प्राप्त हुए हैं, जिनकी आपूर्ति दीदियों द्वारा समय पर और आकर्षक पैकेजिंग में की जा रही है। इस पहल से समूह को लगभग 1 लाख 50 हजार से 2 लाख रुपये तक का व्यवसाय प्राप्त होने की संभावना है। इन्हें अभी तक लगभग 60 हज़ार रुपए के गिफ्ट हैंपर के ऑर्डर मिल चुके हैं । यह प्रयास ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए उन्हें स्थायी आजीविका और उद्यमिता के नए अवसर प्रदान कर रहा है। बिहान मिशन के तहत संचालित यह पहल महिलाओं की सृजनशीलता, परिश्रम और नवाचार की उत्कृष्ट मिसाल है, जो अन्य समूहों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी। - राजनांदगांव/मोहला/खैरागढ़/कवर्धा। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, राजनांदगाव क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक श्री शिरीष सेलट ने दीपावली त्यौहार के दृष्टिगत राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई एवं कबीरधाम जिले के सभी मैदानी अधिकारियों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनाये रखने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है। उन्होने विद्युत व्यवस्था की शिकायत के मद्देनजर आकस्मिक निरीक्षण की भी बात कही है। चारों जिले के सभी उपसंभाग एवं वितरण केन्द्रों के सहायक अभियंता व कनिष्ठ अभियंताओं को उपभोक्ताओं की समस्याओं को त्वरित निराकृत करने के निर्देश प्रसारित किये गये हैं तथा सतत् व्यवस्था बनाये रखने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूö कड़ी कार्यवाही के संकेत भी उनके द्वारा दिये गये हैं। कार्यपालक निदेशक श्री सेलट ने बताया कि त्यौहार के इस सीजन में विभिन्न प्रकार के सजावट के कारण विद्युत लाईनों एवं उपकरणों में अतिरिक्त लोड की संभावना को देखते हुए मेंटेंनेस टीम को अलर्ट पर रखा गया है। सभी विभागीय संभाग के अधिकारियों को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण आरक्षित रखने तथा विद्युत व्यवधान की स्थिति में संबंधित क्षेत्र में तत्काल पहुँचकर विद्युत व्यवस्था सुचारू बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गये है। उन्होने उपभोक्ताओं को विद्युत संबंधित किसी भी प्रकार की समस्याओं के निराकरण के लिए निकटतम विद्युत कार्यालय एवं वितरण केन्द्रों के दूरभाष नंबरों पर शिकायत दर्ज कराने की अपील की है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा दीपोत्सव के पर्व को दृष्टिगत रखते हुये मैदानी अधिकारियों/कर्मचारियों से सहित आमनागरिकों को विशेष जागरूकता एवं सतर्कता बरतने की अपील की गई है। पर्व के दौरान किसी भी प्रकार की आकस्मिक विद्युत दुर्घटना को नियंत्रित करने समुचित अमले के साथ शिकायत केन्द्रों में सम्पूर्ण तैयारी रखने के निर्देश भी दिये गये हैं। विद्युत दुर्घटना से बचने हेतु विद्युत उपकेन्द्रों, खम्बों, लाईनों तथा ट्रांसफार्मरों के निकट फटाके, राकेट, अनारदाना इत्यादि नहीं जलने की समझाईश दी गई है। श्री सेलट ने कहा कि उपभोक्ताओं की जागरूकता एवं शालीनतापूर्वक दीपोत्सव विद्युत कंपनी सहित सभी के लिये हितकारी होगा। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए केन्द्रीकृत कॉल सेंटर का 1912 दिन-रात क्रियाशील रहता है। इस नंबर पर उपभोक्तागण किसी भी समय 1912 पर हिन्दी, अंग्रेजी एवं छत्तीसगढ़ी में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। दीपोत्सव पर्व पर किसी भी प्रकार की विद्युत व्यवधान, तथा विद्युत दुर्घटना संबंधी षिकायत आदि के लिये उपभोक्तागण राजनांदगांव शहर स्थित शिकायत केन्द्रों में सम्पर्क कर सकते हैं। प्रमुख शिकायत केन्द्रों के दूरभाष नंबर यथानुसार है- राजनांदगांव शहर के कैलाश नगर के 07744-220251, 07744-225115 लालबाग के 07744-222557, 62695-06619 विद्यमान शिकायत केन्द्र एवं जिले के वितरण केन्द्रों के उपलब्ध दूरभाष नंबरों पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।निकटतम विद्युत कार्यालयों के दुरभाष नंबर जारी किये गये हैं:-जिला - राजनांदगांवराजनांदगांव वेस्ट जोन, सहायक अभियंता मो.नं. 79876-95332, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 99072-46174, राजनांदगांव ईस्ट जोन, सहायक अभियंता मो.नं. 91659-15291, कनिश्ठ अभियंता मो.नं. 82239-87044, राजनांदगांव ग्रामीण उपसंभाग, सहायक अभियंता मो.नं. 87703-40999, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 95019-06840, वितरण केन्द्र कार्यालय सिंघोला कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 81099-75442, वितरण केन्द्र कार्यालय अर्जुनी, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 70009-83969, बोरी उपसंभाग, सहायक अभियंता मो.नं 94241-22634., वितरण केन्द्र कार्यालय बोरी कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 76469-56300, वितरण केन्द्र कार्यालय तुमड़ीबोड़ कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 89822-23854, वितरण केन्द्र कार्यालय सोमनी कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 91799-08100, वितरण केन्द्र कार्यालय ठेलकाडीह कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 75874-37477, वितरण केन्द्र कार्यालय घुमका कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 74709-18189, डोंगरगढ़ उपसंभाग कार्यालय, सहायक अभियंता मो.नं. 94241-24192, वितरण केन्द्र कार्यालय डोंगरगढ़ शहर, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 88395-55692, वितरण केन्द्र कार्यालय बम्हनी चारभांठा, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 79878-15335, वितरण केन्द्र कार्यालय ग्रामीण, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 87701-86211, वितरण केन्द्र कार्यालय ढारा, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 87706-62945, वितरण केन्द्र कार्यालय मुसराकला, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 88398-63351, छुरिया उपसंभाग कार्यालय, सहायक अभियंता मो.नं. 94241-18328, वितरण केन्द्र कार्यालय छुरिया, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 94252-28410, वितरण केन्द्र कार्यालय लाल बहादुर नगर, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 62613-10556, वितरण केन्द्र कार्यालय मुरमुंदा कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 87701-86211, वितरण केन्द्र कार्यालय सड़क चिरचारी, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 62613-10556, डोंगरगांव, उपसंभाग कार्यालय, सहायक अभियंता मो.नं. 88391-57325, वितरण केन्द्र कार्यालय, डोंगरगांव शहर, कनिष्ठ अभियंता, मो.नं. 74768-03602, वितरण केन्द्र कार्यालय खुज्जी, कनिष्ठ अभियंता, मो.नं. 89598-41752, वितरण केन्द्र कार्यालय, डोंगरगांव ग्रामीण, कनिष्ठ अभियंता, मो.नं. 74768-03602, वितरण केन्द्र कार्यालय कुमरदा, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 62666-43800, वितरण केन्द्र कार्यालय गैंदाटोला, कनिष्ठ अभियंता, मो.नं. 62666-43800,जिला - मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकीचौकी उपसंभाग कार्यालय, सहायक अभियंता मो.नं. 90987-83749, वितरण केन्द्र कार्यालय चौकी कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 94255-79624, वितरण केन्द्र कार्यालय कौड़ीकसा, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 87703-95967, वितरण केन्द्र कार्यालय बांधा बाजार कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 88892-73463, मोहला उपसंभाग कार्यालय, सहायक अभियंता मो.नं. 99931-02711, वितरण केन्द्र कार्यालय मोहला कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 92019-58392, वितरण केन्द्र कार्यालय गोटाटोला, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 74705-41724, वितरण केन्द्र कार्यालय मानपुर, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 91319-34688, वितरण केन्द्र कार्यालय खड़गांव, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 88392-41964, वितरण केन्द्र कार्यालय औधी, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 88394-50977,जिला - खैरागढ़-छुईखदान-गंडईखैरागढ़ उपसंभाग कार्यालय, सहायक अभियंता मो.नं. 97551-18763, वितरण केन्द्र कार्यालय खैरागढ़ शहर, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 97551-18763, वितरण केन्द्र कार्यालय, अमलीपारा, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 62329-41137, वितरण केन्द्र कार्यालय खैरागढ़ ग्रामीण, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 87709-66477, वितरण केन्द्र कार्यालय पांडादाह, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 62329-41141, वितरण केन्द्र कार्यालय जालबांधा, कनिश्ठ अभियंता मो.नं. 81038-98059, छुईखदान उपसंभाग कार्यालय, सहायक अभियंता, मो.नं. 62329-41142, वितरण केन्द्र कार्यालय छुईखदान, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 77460-60038, वितरण केन्द्र कार्यालय अतरिया, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 62329-41138, वितरण केन्द्र कार्यालय गंडई, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 62329-41139, वितरण केन्द्र कार्यालय साल्हेवारा, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 62329-42206, वितरण केन्द्र कार्यालय बुंदेली, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 62329-42155, वितरण केन्द्र कार्यालय पैलीमेटा, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 96179-28409, वितरण केन्द्र कार्यालय धोधा, कनिष्ठ अभियंता मो.नं 96179-28409, ।जिला - कबीरधामकवर्धा जोन कार्यालय, सहायक अभियंता मो.नं. 99074-49750, वितरण केन्द्र कार्यालय कवर्धा शहर, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 89823-90912, कवर्धा उपसंभाग कार्यालय, सहायक अभियंता मो.नं. 79742-66789, वितरण केन्द्र कार्यालय कवर्धा ग्रामीण, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 91313-68762, वितरण केन्द्र कार्यालय रवेली, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 96911-44007, वितरण केन्द्र कार्यालय राजानवागांव, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 91313-68762, पिपारिया उपसंभाग कार्यालय, सहायक अभियंता मो.नं. 99817-41835, वितरण केन्द्र कार्यालय पिपरिया, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 73389-68037, वितरण केन्द्र कार्यालय इंदौरी, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 75873-7759, वितरण केन्द्र कार्यालय मरका, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 75871-18505, वितरण केन्द्र कार्यालय उडिया, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 83494-74618, सहसपुर लोहारा उपसंभाग कार्यालय, सहायक अभियंता मो.नं. 93996-44416, वितरण केन्द्र कार्यालय सहसपुर लोहारा, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 83494-74618, वितरण केन्द्र कार्यालय बिडोरा, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 83494-74618, वितरण केन्द्र कार्यालय रामपुर, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 79742-66789, वितरण केन्द्र कार्यालय रेंगाखार, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 75874-69506, पंडरिया उपसंभाग कार्यालय, सहायक अभियंता मो.नं. 93034-06435, वितरण केन्द्र कार्यालय पंडरिया, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 87703-82780, वितरण केन्द्र कार्यालय कुण्डा, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 87705-44584, वितरण केन्द्र कार्यालय कुकदूर, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 62329-41627, वितरण केन्द्र कार्यालय कापादाह, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 89828-92824, बोड़ला उपसंभाग कार्यालय, सहायक अभियंता मो.नं. 89592-98660, वितरण केन्द्र कार्यालय बोड़ला, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 62329-41124, वितरण केन्द्र कार्यालय पांडाताराई, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 62329-41125, वितरण केन्द्र कार्यालय चिल्फी, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 75871-81505, वितरण केन्द्र कार्यालय तरेगाँव, कनिष्ठ अभियंता मो.नं. 62329-41128।
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*तकनीक और परिश्रम से तरक्की की लहर*
बिलासपुर/छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती महोत्सव 2025 का यह विशेष वर्ष, प्रदेश के समग्र विकास की गौरवशाली गाथा को रेखांकित करता है। इन 25 वर्षों में प्रदेश के सभी विभागों ने जनकल्याण और सामाजिक उत्थान की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ दर्ज की हैं। इनमें बिलासपुर जिला का मत्स्य पालन विभाग एक ऐसी मिसाल बनकर उभरा है, जिसने जल संसाधनों के माध्यम से गांव-गांव में आजीविका, आत्मनिर्भरता और आर्थिक स्थिरता की मजबूत नींव रखी।वर्ष 2000 में जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ, उस समय बिलासपुर जिले में मछली पालन मुख्यतः पारंपरिक विधियों तक सीमित था। ग्रामीण क्षेत्रों में मत्स्य पालन एक सहायक आजीविका के रूप में देखा जाता था। केवल 3 हजार 333 तालाब मछली पालन के लिए पट्टे पर दिए गए थे और मत्स्य उत्पादन 21 हजार 120 मीट्रिक टन था। विगत 25 वर्षों में मत्स्य पालन विभाग, बिलासपुर ने योजनाबद्ध प्रयासों और नवाचारों के माध्यम से इस क्षेत्र को नई दिशा दी है। आज जिले में 4 हजार 946 तालाब मछली पालन के लिए उपयोग में हैं। पट्टे पर जल क्षेत्र की सीमा 5 हजार 679 हेक्टेयर से बढ़कर 10 हजार 960 हेक्टेयर तक पहुँच गई है। ग्रामीण तालाबों की संख्या 227 से बढ़कर 4 हजार 884 हो चुकी है।इस विस्तार का सबसे बड़ा प्रभाव मत्स्य उत्पादन पर पड़ा है कृ जो अब 48 हजार 488 मीट्रिक टन तक पहुँच गया है। यह केवल आँकड़ों की प्रगति नहीं है, बल्कि यह उन हजारों मछुआ परिवारों की समृद्धि का सूचक है, जिनके जीवन में इन योजनाओं ने स्थायित्व और सम्मान जोड़ा। जिले में मत्स्य पालन को वैज्ञानिक एवं व्यावसायिक दृष्टिकोण से विकसित करने हेतु कई नवीन विधियों को अपनाया गया है। इसमें प्रमुख हैं- प्लेकटान ग्रोवर तकनीक-810 इकाइयाँ, झींगा पालन इकाइयाँ-517, केज कल्चर यूनिट्स-436, बायोफ्लॉक एवं पॉन्ड लाइनर पद्धति-जिनसे उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार हुआ। इन आधुनिक पद्धतियों ने विशेष रूप से छोटे कृषकों और युवाओं को आकर्षित किया है, जो अब मत्स्य पालन को एक लाभकारी उद्यम के रूप में देख रहे हैं।मत्स्य पालन विभाग ने यह सुनिश्चित किया कि योजनाओं का लाभ हर मछुआरे तक पहुँचे। आज जिले में 8 हजार 980 से अधिक हितग्राही बीमा सुरक्षा और बचत सह राहत योजना जैसी योजनाओं से लाभान्वित हो चुके हैं। साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से वित्तीय सहायता की पहुँच को भी सुलभ बनाया गया है।*हाईटेक फिश मार्केट-एक आधुनिक उपलब्धि*वर्ष 2016 में तोरवा क्षेत्र में राष्ट्रीय मत्स्यकी विकास बोर्ड की सहायता से 1 करोड़ रूपए की लागत से छत्तीसगढ़ का पहला हाइटेक फिश मार्केट विकसित किया गया। इसमें 15 थोक दुकानें, 27 फुटकर दुकानें, आइस प्लांट और सजीव मछली विक्रय जैसी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यह बाजार न केवल व्यवसायिक केंद्र बना, बल्कि मछली विक्रेताओं को सम्मानजनक मंच भी प्रदान करता है।परंपरागत जल स्रोतों के साथ-साथ नदी आधारित मत्स्य पालन को भी सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया गया है। शिवनाथ नदी के ग्राम जोंधरा स्थित एनीकट में 300 हेक्टेयर जल क्षेत्र को मछुआ सहकारी समिति को 10 वर्षों के लिए पट्टे पर आबंटित किया गया है, जिससे संगठित मत्स्य उत्पादन को गति मिली है।*व्यक्तिगत सफलता की प्रेरक मिसाल -*विकासखंड कोटा के ग्राम भैसाझार निवासी श्री इग्नियश मिंज ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि तकनीक और मेहनत का समन्वय कैसे बड़े परिणाम ला सकता है। उन्होंने फगेशियस मत्स्य पालन में प्रति वर्ष 55 मीट्रिक टन उत्पादन प्राप्त किया है। उन्हें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत मछली परिवहन वाहन भी प्रदान किया गया, जिसका वितरण उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव द्वारा किया गया।जिले ने मछली पालन के क्षेत्र में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हुए छत्तीसगढ़ राज्य का अग्रणी जिला होने का गौरव प्राप्त किया है। यह केवल योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं, बल्कि नीतियों को जमीन पर उतारने की जीवंत मिसाल है। - कोरबा। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता बनवारीलाल अग्रवाल का 16 अक्टूबर को कोरबा में निधन हो गया। वे 78 साल के थे। उनके निधन की खबर से भाजपा में शोक की लहर दौड़ गई है। कोरबा में उनके अंतिम संस्कार में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल , भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए।उनके निधन पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय , विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव सिंह रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हेंं श्रद्धाजंलि अर्पित की है।बनवारी लाल अग्रवाल का जन्म 1 मई 1947 को कोरबा जिले के जपेली गांव में हुआ था। श्री अग्रवाल कोरबा जिले के कटघोरा विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे। 1990-92 में विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण कोरबा के अध्यक्ष चुने गए थे। छत्तीसगढ़ उच्चतर माध्यमिक शाला बिलासपुर में व्याख्याता भी रह चुके हैं। बनवारी लाल अग्रवाल 1996-97- में भाजपा प्रदेश अनुशासन समिति के सदस्य बने। इसके बाद 2000 में वे सामान्य प्रयोजन समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य रहे। वहीं 2001 में भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष चुने गए। 28 मार्च 2001 से 9 मार्च 2003 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष पद पर आसीन रहे।
- - 17अक्टूबर को उप मुख्यमंत्री शर्मा सहयोग केंद्र में कार्यकर्ताओं से मिलकर आवेदनों पर पहल करेंगेरायपुर। भारतीय जनता पार्टी के कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित प्रदेश कार्यालय में प्रदेश की महिला व बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने गुरुवार को कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उनकी समस्याएँ सुनीं एवं उनके समाधान हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।गुरुवार को सहयोग केंद्र में मंत्री श्रीमती राजवाड़े से 150 से अधिक कार्यकर्ताओं व आमजनों ने मुलाकात कर आवेदन दिए। मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि सभी समस्याओं का तेजी से निराकरण किया जाएगा। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश महामंत्री डॉ. नवीन मार्कण्डेय, प्रदेश कार्यालय मंत्री अशोक बजाज एवं सहयोग केन्द्र प्रभारी सचिदानंद उपासने सहित पदाधिकारीगण व कार्यकर्तागण उपस्थित रहे। शुक्रवार 17 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे से प्रदेश के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा सहयोग केंद्र में उपस्थित रहकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर प्राप्त आवेदनों पर कार्रवाई कर उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण करेंगे।
- रायपुर /राज्य शासन की व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति और निरंतर सशक्त रणनीतिक प्रयासों के परिणामस्वरूप दण्डकारण्य क्षेत्र के लगभग 200 माओवादी कैडर, जिनमें वरिष्ठतम हार्डकोर कैडर भी शामिल हैं, ने हिंसा का मार्ग त्यागकर सामाजिक मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है।इन आत्मसमर्पित माओवादी कैडरों के औपचारिक पुनर्समावेशन समारोह का आयोजन शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025 को प्रातः 11:00 बजे, रिज़र्व पुलिस लाइन, जगदलपुर (जिला बस्तर) में किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय तथा उपमुख्यमंत्री (गृहमंत्री) श्री विजय शर्मा उपस्थित रहेंगे।यह निर्णायक और ऐतिहासिक घटनाक्रम मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य शासन की उस नीति का प्रत्यक्ष परिणाम है, जिसमें शांति, संवाद और विकास को केंद्र में रखकर विश्वास और पुनर्वास का वातावरण निर्मित किया गया है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर की वास्तविक शक्ति उसके लोगों की आत्मनिर्भरता, शिक्षा, आजीविका और सामाजिक सम्मान में निहित है। इन्हीं मूल्यों पर आधारित शासन की नीति ने अब दण्डकारण्य के भीतरी इलाकों तक नई उम्मीद और परिवर्तन का संदेश पहुँचाया है।यह अवसर बस्तर में नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक निर्णायक मोड़ का प्रतीक बनेगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में शासन ने न केवल सुरक्षा मोर्चे पर ठोस पहल की है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कों, संचार और आजीविका से जुड़े विकास कार्यों के माध्यम से स्थायी शांति की आधारभूमि भी तैयार की है।यह सफलता पुलिस और सुरक्षा बलों की रणनीतिक मुहिम, स्थानीय प्रशासन के समन्वित प्रयासों, तथा जागरूक समाज और जनप्रतिनिधियों की रचनात्मक भागीदारी का भी परिणाम है।
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- महाराष्ट्र मंडल के अभिषेक बक्षी ने पुलिस अधिकारी की भूमिका में किया है कमाल का अभिनय
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बढ़ते नशे के कारोबार और हो रहे अपराध को लेकर दर्शाती फिल्म गैंग्स आफ रायपुर का गाना ‘करते हैं जो नशा’ रिलीज किया गया। फिल्म के गीत आसिफ खान ने लिखे हैं। वहीं परवेज खान के शानदार म्यूजिक और राकेश शर्मा की आवाज ने इस गीत को नई ऊंचाई दी है। लोकप्रिय होते गानों के चलते फिल्म को लेकर अभी से माहौल बनने लगा है। खास बात यह है कि इसमें महाराष्ट्र मंडल के युवा सभासद अभिषेक बक्षी ने पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई है। फिल्म नवंबर के आखिरी सप्ताह में प्रदर्शित की जाएगी।फिल्म के संबंध में अभिषेक बताते हैं कि ‘करते हैं जो नशा’ गाना सिर्फ़ एक गीत नहीं, बल्कि समाज के आईने में झांकने का सशक्त प्रयास है। हिंदी और छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘गैंग्स आफ रायपुर’ का यह सामाजिक गीत नशे की लत और उसके विनाशकारी प्रभावों को उजागर करता है। फ़िल्म की प्रस्तुति और निर्माण ट्राइबल वारियर प्रोडक्शन द्वारा किया गया है।मंडल में मराठी नाटकों के अदाकार अभिषेक ने कहा कि फिल्म के निर्देशक शिव कुमार ने इस गीत के संवेदनशील फिल्मांकन के साथ एक गहरा सामाजिक संदेश देने की कोशिश की है। नशा सिर्फ़ शरीर को नहीं, पूरी जिंदगी को तबाह कर देता है संदेश के साथ यह गीत युवाओं और समाज के हर वर्ग को जागरूक करने का आह्वान भी है। गाने की तरह ही फिल्म भी शहर और समाज की कड़वी सच्चाइयों को उजागर करता है। - बालोद। जिले के डौण्डी विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कुसुमकसा निवासी श्रीमती रुखमणी बाई पति श्री गन्धुराम के बैंक के खाते में शीघ्र ही प्रधानमंत्री आवास योजना की द्वितीय किश्त की राशि का अंतरण होगा। जनपद पंचायत डौण्डी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री डीडी मण्डले ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में श्रीमती रूखमणी बाई को आवास स्वीकृत किया गया है। जिसकी प्रथम किश्त की राशि 40 हजार रूपये 09 अप्रैल 2025 को संबंधित द्वारा प्रदाय खाते में डीबीटी के माध्यम से अंतरित किया गया। निर्धारित स्तर तक निर्माण कार्य पूरा करने के उपरांत जियोटैगिंग पश्चात् द्वितीय किश्त 55 हजार रूपये हेतु जनपद पंचायत डौण्डी द्वारा एफटीओ साइन किया गया किन्तु एफटीओ बार-बार रिजेक्ट होना पाया गया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में परीक्षण करने पर संबंधित हितग्राही का खाता, जनधन खाता का क्रेडिट लिमिट 50 हजार होने के कारण 50 हजार रुपये से अधिक की द्वितीय किश्त की राशि के कारण रिजेक्ट होना पाया गया। इस संबंध में संबंधित हितग्राही द्वारा नवीन खाता संख्या प्रदान किया गया जिसे योजना के पोर्टल में इंद्राज कर पुनः द्वित्तीय किश्त हेतु एफटीओ जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि आगामी कुछ दिवस में लंबित द्वितीय किश्त की राशि संबंधित हितग्राही के खाता में अंतरित हो जाएगा।
- रायपुर । आगामी वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए आबकारी विभाग की प्रस्तावित नीति को लेकर सचिव सह आबकारी आयुक्त श्रीमती आर. शंगीता द्वारा विभाग से संबद्ध समस्त लायसेंसियों की बैठकें आयोजित की गईं। ये बैठकें 13, 14 और 15 अक्टूबर 2025 को संपन्न हुईं।बैठकों का उद्देश्य आगामी नीति निर्माण से पूर्व उद्योग से जुड़े सभी हितधारकों से व्यवहारिक सुझाव प्राप्त कर नीति को अधिक पारदर्शी, प्रभावी और व्यावहारिक बनाना था।पहली बैठक दिनांक 13 अक्टूबर को प्रदेश में स्थापित आसवनी एवं बॉटलिंग इकाई के संचालकों/प्रतिनिधियों के साथ हुई, जिसमें आयात-निर्यात शुल्क, बॉटलिंग फीस, लाइसेंस फीस, काउंटरवेलिंग ड्यूटी, देयकों के ऑनलाइन भुगतान, नवीन बोतलों के उपयोग तथा भंडारण भंडारगार के अवकाश दिवसों में संचालन जैसे विषयों पर चर्चा की गई।दूसरी बैठक 14 अक्टूबर को प्रदेश के बाहर स्थित विदेशी मदिरा निर्माताओं और प्रदायकर्ताओं के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित की गई। इसमें काउंटरवेलिंग ड्यूटी, हैंडलिंग चार्ज, आयात-निर्यात शुल्क, बॉटलिंग फीस, लाइसेंस फीस और विदेशी मदिरा गोदामों से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।तीसरी बैठक 15 अक्टूबर को बार और क्लब संचालकों एवं एसोसिएशन प्रतिनिधियों के साथ हुई। इस दौरान बार/क्लब हेतु निर्धारित न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा (एमजी), लाइसेंस फीस, विभिन्न रेंज की मदिरा बिक्री, संचालन समय तथा अवैध गतिविधियों की रोकथाम जैसे विषयों पर चर्चा की गई। आबकारी सचिव श्रीमती शंगीता ने बताया कि तीनों बैठकों में उपस्थित लायसेंसियों से प्राप्त सभी सुझावों का अध्ययन कर आगामी वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए बार नीति, अहाता नीति तथा मदिरा दुकानों के व्यवस्थापन से संबंधित निर्देशों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
- रायपुर / वित्तीय सेवा विभाग, भारत सरकार के निर्देशानुसार “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” जन-जागरण अभियान के अंतर्गत जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता कोष (DEA Fund) विषय पर जिला स्तरीय शिविर का सफल आयोजन आज रेडक्रॉस सभाकक्ष, कलेक्टरेट परिसर रायपुर में किया गया।शिविर का शुभारंभ कलेक्टर डॉ गौरव सिंह एवं राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के उप महाप्रबंधक श्री राकेश कुमार सिन्हा के मुख्य आतिथ्य में किया गया इस अवसर प़र निगम आयुक्त श्री विश्वदीप, जिला पंचायत सीईओ श्री कुमार बिश्वरंजन, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति से सहायक महाप्रबंधक श्री मनोज कुमार सिंह, भारतीय रिज़र्व बैंक से श्री नवीन कुमार तिवारी एवं अग्रणी जिला प्रबंधक रायपुर श्री मो. मोफीज एवं विभिन्न बैंकों, बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।शिविर में नागरिकों को अनक्लेम्ड जमा राशि, बीमा दावे, डिविडेंड, शेयर एवं म्यूचुअल फंड तथा पेंशन संबंधी राशि प्राप्त करने की प्रक्रिया की जानकारी दी गई।शिविर में आम नागरिकों के साथ-साथ विभिन्न सरकारी विभागों ने जिनके खाते DEAF में अंतरित हो गए हैं, उन्होंने भाग लिया तथा लाभार्थियों के दावे निस्तारित/प्रक्रिया में लिए गए। उपस्थित नागरिकों/विभागों ने इस पहल की सराहना की और इसे जनहित में अत्यंत उपयोगी बताया। जिले के नागरिकों से अपील की जाती है कि आगामी शिविरों में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” अभियान को सफल बनाएं।
- बिलासपुर। 25 वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता का आयोजन बिलासपुर में 15 से 18 अक्टूबर तक किया जा रहा है। प्रतियोगिता के दूसरे दिन कबड्डी एवं बेस बॉल में बिलासपुर संभाग ने बाजी मारी वहीं कराते में रायपुर संभाग का दबदबा रहा।आज के खेल प्रतियोगिता का परिणामकबड्डी - 14 वर्ष बालिकासरगुजा जोन V/S रायपुर जोन, सरगुजा- 9अंको से विजयीकब्बडी-14 वर्ष बालकबस्तर जोन V/S दुर्ग जोन बस्तर- 2 को मे विजयीरायपुर V/S सरगुजा - रायपुर 46 अंको से विजयीकबड्डी -17 वर्ष बालिकादुर्ग V/S रायपुर- दुर्ग 19 अंक से विजयीबस्तर V/S सरगुजा - बस्तर 58 अंको से विजयीबिलासपुर V/S रायपुर- बिलासपुर 55अंको से विजयीकबड्डी 17 वर्ष बालकबिलासपुर V/S सरगुजा - बिलासपुर 64 अंको से विजयीदुर्ग V/S रायपुर ,रायपुर-1अंको से विजयी14 वर्ष बालिकादुर्ग V/S रायपुर दुर्ग 32 अंको से विजयीबस्तर V/S सरगुजा - बस्तर 38 अंको से विजयी17 वर्ष बालकबिलासपुर V/S बस्तर - बिलासपुर 53 अंको से विजयीरायपुरV/S सरगुजा - रायपुर 13अंको से विजयीदुर्ग V/S बस्तर - दुर्ग 17 अंको से विजयीबेस बॉलपरिणाम 19 वर्ष बालकदुर्ग V/S सरगुजाविजेता- दुर्गबिलासपुर v/s रायपुर -बिलासपुर विजेतापरिणाम 19 वर्ष बालिकाबस्तर V/S सरगुजा -बस्तर विजेता बिलासपुर V/S रामपुर -बिलासपुर विजेतादुर्ग V/S सरगुजा - दुर्ग विजेताबालिका 17 वर्षसरगुजा V/S रायपुरविजेता सरगुजादुर्ग V/S बस्तरविजेता बस्तरबालिका 14 वर्षबस्तर V/S रायपुरविजेता बस्तरदुर्ग V/S रायपुरविजेता दुर्गबालक 14 वर्षबस्तर V/S रायपुरबिलासपुर V/S बस्तरविजेता बिलासपुरसरगुजा V/S रायपुरविजेता रायपुर-कराते 17 वर्ष बालक 35किग्रा ओंकर रायपुर प्रथम अभिषेक बिलासपुर द्वितीय गेवेश सेठिया बस्तर तृतीय,-40किग्रा में आशीष केशवानी दुर्ग प्रथम,हर्ष चक्रधारी बिलासपुर द्वितीय, मुकेश कुमार रायपुर तृतीय,-45 किग्रा में हर्ष यादव बिलासपुर प्रथम हर्ष नाग रायपुर द्वितीय दक्ष साहू दुर्ग तृतीय-50किग्रा में वीरेंद्र गुप्ता रायपुर प्रथम भास्कर साहू दुर्ग द्वितीय नलीन यादव बिलासपुर तृतीय-54किग्रा में रुद्र साहू रायपुर प्रथम युवराज देवांगन बिलासपुर द्वितीय आलोक दुर्ग तृतीया-58किग्रा में हरिओम बिलासपुर प्रथम चिराग चंदानी रायपुर द्वितीय धर्मेंद्र दुर्ग तृतीय-62किग्रा में वेंकटेश साहू रायपुर प्रथम अरमान खान दुर्ग द्वितीय अवल राठौर बिलासपुर तृतीय-66 किग्रा में उमेश साहू दुर्ग प्रथम सोमेश्वर बस्तर द्वितीय गिरिराज रायपुर तृतीय--70किग्रा में ऋषभ साहू रायपुर प्रथम तुषार तुल दुर्ग द्वितीय प्रद्युमन गोयल बिलासपुर तृतीय-74 किग्रा में निर्भय साहू बिलासपुर प्रथम ऋषभ शर्मा रायपुर द्वितीय-78 किग्रा में युवराज दुर्ग प्रथम बंधु राम बस्तर द्वितीय-82 किग्रा में हर्षित साहू रायपुर प्रथम ऋषभ पांडे बस्तर द्वितीय-82+ किग्रा में यमंक यादव बिलासपुर प्रथमओम डडसेना रायपुर द्वितीय-सहायक संचालक वर्षा शर्मा ने बताया कि सभी संभाग के बच्चे अपनी-अपनी विधा में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं । बच्चे बेहतर माहौल में खेल और अपना बेस्ट परफॉर्मेंस दे इसके लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। कोच मैनेजर मैनेजर और अन्य ऑफिशियल स्टाफ के द्वारा कहीं भी कोई कमी की जानकारी हम तक पहुंचते ही कमियों को तत्काल दूर किया जा रहा है।
- - 133 खातेदारों की 1.40 करोड़ राशि लौटाई गईबिलासपुर,/ वित्तीय सेवा विभाग भारत सरकार एवं भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार "आपकी पूंजी आपका अधिकार" के अंतर्गत वित्तीय विभागों में 10 वर्षों से अधिक निष्क्रिय एवं दावा रहित डिफ खातों के सक्रिय एवं त्वरित निपटान हेतु जल संसाधन विभाग के प्रार्थना सभा भवन में वृहत कैंप का आयोजन लीड बैंक कार्यालय भारतीय स्टेट बैंक बिलासपुर के द्वारा किया गया। शिविर में विभिन्न बैंकों द्वारा निष्क्रिय खातीदारों से संपर्क करते हुए कुल 133 निष्क्रिय खातों में राशि रु 1.40 करोड़ का निपटारा किया गया।कैम्प में विशेष रूप से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बिलासपुर माननीय संदीप कुमार अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि "आपकी पूँजी आपका अधिकार" भारत सरकार के इस अभिनव पहल के तहत बैंकों के द्वारा किये जा रहे प्रयास सराहनीय है। उन्होंने बैंकों से इस मुहीम को सफल बनाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे अनेक खातेदार हैं, जिन्हें ज्ञात भी नहीं है कि उनकी राशि बैंकों में वर्षों से जमा है। बैंकों के लिए निसंदेह उन खातेदारों को पता लगाना कठिन अवश्य है, परन्तु ऐसे कार्य से बैंक अनेक खातेदारों को लाभान्वित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की कलेक्टोरेट शाखा ने जिला पंचायत बिलासपुर के तीन खातों में रु.31 लाख से अधिक रकम लौटाया । साथ ही निष्क्रिय खातेदार श्रीमती दुलारिन बाई को रु.7.49 लाख वापस करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा बैंक से जारी प्रमाण पत्र वितरण किया। भारतीय स्टेट बैंक क्षेत्रीय प्रबंधक क्षेत्र- एक बिलासपुर के अविनाश सोनी ने अपने उद्बोधन में इस अवसर का लाभ उठाते हुए अधिक से अधिक निष्क्रिय खातों के निपटान कर खातेदारों को लाभान्वित करते हुए इस हेतु निरंतर प्रयास करने को कहा। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बिलासपुर को तीन खातों के रकम वापसी का प्रमाण पत्र सुपुर्द किया। कैंप में नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक श्री अशोक साहू भी उपस्थित थे। कैम्प में भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक, युनियन बैंक, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, आईडीबीआई, यस बैंक, बंधन बैंक, जीवन बीमा निगम, एसबीआईलाइफ आदि विभिन्न शाखाओं के अधिकारीगण उपस्थित होकर अपने अपने सम्बंधित निष्क्रिय खातीदारों से संपर्क करते हुए कुल 133 निष्क्रिय खातों में राशि रु.140.01 लाख का निपटान किया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन अग्रणी जिला प्रबंधक बिलासपुर श्री दिनेश उरांव ने किया।
- रायपुर / रायपुर संभागायुक्त श्री महादेव कावरे ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित दो दिवसीय कार्यक्रम दिनांक 31 अक्टूबर एवं 1 नवम्बर 2025 की तैयारियों की समीक्षा हेतु बैठक ली। बैठक में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।संभागायुक्त ने कार्यक्रम की सुरक्षा, यातायात व्यवस्था, रूट प्लान, कार्यक्रम स्थल, पार्किंग, बेरीकेटिंग, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधाएं, सेफ हाउस आदि सभी व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री के आगमन एवं कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए सभी विभाग समन्वयपूर्वक कार्य करें और तैयारियों में किसी प्रकार की कमी न रहे।बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि अन्य जिलों से भी आवश्यकतानुसार अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए, ताकि सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित हो सकें। बैठक में कलेक्टर डॉ गौरव सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप, जिला पंचायत सीईओ श्री कुमार बिश्वरंजन, मुख्य वन संरक्षक सुश्री सतोविशा समाजदार तथा लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य, होम गार्ड, फायर सेफ्टी, बीएसएनएल सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
- - हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग में स्वास्थ्य ज्ञान यज्ञ (संगोष्ठी) का आयोजनदुर्ग / धन्वंतरि स्वास्थ्य सप्ताह के उपलक्ष्य पर हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा स्वास्थ्य ज्ञान यज्ञ (संगोष्ठी) का आयोजन शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग के राधाकृष्णन हॉल में किया गया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य भारतीय योग विज्ञान की तरह भारतीय चिकित्सा विज्ञान आयुर्वेद स्वास्थ्य संरक्षण के अनूठे विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाना हैं। साथ ही यह संगोष्ठी स्वस्थ रहने के सहज, सरल विज्ञान को विस्तार से समझने, स्वस्थ समाज निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने, विभिन्न प्रकार की बीमारियों पर रोक लगाने में एक महती भूमिका निभाएगी। धन्वंतरि जयंती के अवसर पर स्वास्थ्य जागरण, आयुर्वेदिक ज्ञान का प्रसार करने के हेतु स्वास्थ्य ज्ञान (संगोष्ठी) का आयोजन एक मील का पत्थर साबित होगी।मुख्य अतिथि दुर्ग संभाग के संभागायुक्त श्री सत्यनारायण राठौर ने संबोधित करते हुए कहा कि ऐसी संगोष्ठियाँ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ रहने के बारे में जानकारी और जागरूकता फैलाने पर केन्द्रित होती है। उन्होंने आगे बताया कि कोरोना काल में किस प्रकार आयुर्वेद चिकित्सा ज्ञान ने न केवल उन्हें बल्कि पूरे परिवार को भी सुरक्षित रखा। प्रत्येक व्यक्ति को आयुर्वेद के विषय में ज्ञान होना आवश्यक है। जिससे न केवल हमारा परिवार बल्कि समाज भी स्वस्थ एवं प्रतिस्पर्धी बनेगा और भारत के विश्व गुरू बनने का भी सपना पूरा हो सकेगा।हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग कुलपति, प्रो. (डॉ.) संजय कुमार तिवारी ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद का अर्थ है आयु को बढ़ाने वाला ज्ञान। उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने आयुर्वेद विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक नया मंत्रालय, आयुष मंत्रालय के रूप में स्थापित किया। भारत सरकार ने आयुर्वेद पद्धति को बढ़ावा देते हुए ऐलोपैथी चिकित्सा पद्धति का इसे एक उपयुक्त विकल्प मानते हुए इस हेतु बजट के आकार में वृद्धि की है। इससे न सिर्फ हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को बल मिलेगा बल्कि प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य लाभ भी मिलेगा।संगोष्ठी के मुख्यवक्ता डॉ. मनोहर लहेजा, प्रांताध्यक्ष, विश्व आयुर्वेद परिषद् ने आयुर्वेद के विषय में गूढ़ जानकारी दी और कहा कि ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना उचित होता है। प्रत्येक व्यक्ति को समय देखकर नहीं बल्कि भूख लगने पर उचित खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। डॉ. राजेन्द्र अग्रवाल, प्रांत उपाध्यक्ष, आरोग्य भारती ने व्याख्यान में कहा कि विभिन्न जड़ी-बूटियों की जानकारी दी जो शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को स्वस्थ भी रखता है। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग के प्राचार्य, डॉ. अजय कुमार सिंह ने स्वागत संबोधन दिया। सहायक कुल सचिव श्री दिग्विजय कुमार सिंह ने संगोष्ठी के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री भूपेन्द्र कुलदीप ने धन्यवाद ज्ञापन प्रेषित किया। कार्यक्रम का संचालन, डॉ. ज्योति धारकर, प्राध्यापक, शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग ने किया। इस अवसर पर हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के उपकुलसचिव, डॉ. राजमणि पटेल, श्री राजेन्द्र चौहान, खेल संचालक, डॉ. दिनेश नामदेव, डिजिटल सलाहकार, डॉ. बी. गोपाल कृष्ण एवं समस्त सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
- - रामायण काल से कार्तिक मास में आकाशदीप लगाने की रही है परंपरारायपुर। प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी महाराष्ट्र मंडल दिवाली पर दीयों की लड़ी के साथ आकाशदीप लगाने के लिए आमजनों को प्रेरित कर रहा है। मंडल के सभासद बड़ी संख्या में अपने घरों पर आकाशदीप लगाते हैं।मंडल अध्यक्ष अजय मधुकर काले ने बताया कि घरों में आकाशदीप लगाने की परंपरा हम कई पीढियों से देखते आ रहे हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार कार्तिक मास में आकाशदीप या फिर कहें आकाश कंदील को दीपावली में की जाने वाली सजावट का अहम हिस्सा माना जाता है। उसे कोई पितरों की याद में जलाता है, तो कोई अपने घर की शोभा को बढ़ाने के लिए अपने घर पर लगता है। वहीं कुछ लोग धन की देवी मां लक्ष्मी और शुभ-लाभ के देवता भगवान श्री गणेश को अपने घर में आमंत्रित करने के लिए विशेष रूप से जलाते हैं।सांस्कृतिक समिति के समन्वयक प्रेम उपवंशी ने बताया कि हिंदू मान्यता के अनुसार आकाशदीप का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है। जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम लंका विजय के बाद वापस अपने नगर लौटे, तो वहां के लोगों ने उनके स्वागत के लिए दीये जलाए थे। प्रभु श्रीराम के वापस आने में मनाए गये दीपोत्सव को दूर तक दिखाने के लिए लोगों ने बांस में खूंटा बनाकर उसमें दीये के जरिए रोशनी की थी। तब से आज तक यह परंपरा चली आ रही है।प्रेम ने जानकारी दी कि वाराणसी में लंबे समय से अपने पितरों की स्मृति में आकाशदीप जलाने की परंपरा चली आ रही है. मान्यता यह भी है कि इस परंपरा की शुरुआत महाभारत काल से हुई थी। कहते हैं कि महाभारत के युद्ध के दौरान दिवंगत हुए लोगों की याद में भीष्म पितामह ने कार्तिक मास में विशेष रूप से दीये जलवाए थे।कला- संस्कृति समिति के प्रभारी अजय पोतदार के अनुसार महाराष्ट्र मंडल में इस साल कृष्ण जन्माष्टमी के बाद लगातार कार्यक्रम और कार्यशाला हो रहीं हैं। पिछले हफ्ते ही फ्री हैंड रंगोली बनाने की कार्यशाला लगाई गई थी। इसी वजह से आकाशदीप लगाने की कार्यशाला इस वर्ष नहीं लगाई जा सकी और न ही दिवाली सोहला (मेला) में अलग से आकशदीप बेचा जा सका। इसके बावजूद मंडल की कार्यकारिणी, पदाधिकारी लोगों से अधिक से अधिक संख्या में आकाशदीप लगाने का अभियान चलाए हुए हैं। इसका एक बड़ा कारण इस कलात्मक और गौरवशाली परंपरा को जीवित रखा जा सके।
- -महासमुंद जिले में 16 जांच चौकियां स्थापित की जाएंगीरायपुर।, छत्तीसगढ़ शासन की खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 की धान एवं मक्का उपार्जन नीति के तहत इस वर्ष किसानों से समर्थन मूल्य पर सुचारू और पारदर्शी रूप से धान खरीदी सुनिश्चित करने की दिशा में प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। महासमुंद जिले में उड़ीसा एवं अन्य राज्यों से अवैध रूप से धान लाकर छत्तीसगढ़ के उपार्जन केंद्रों में विक्रय को रोकने के लिए कलेक्टर श्री विनय लंगेह के निर्देश पर 16 जांच चौकियों (चेक पोस्ट) की स्थापना की जा रही है।ये चौकियां जिले की सीमाओं पर आगामी 01 नवंबर 2025 से धान उपार्जन अवधि की समाप्ति तक संचालित रहेंगी। इन चौकियों पर राजस्व, कृषि उपज मंडी समिति, वन विभाग और पुलिस के अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। सभी जांच चौकियों पर वाहनों की गहन जांच की जाएगी ताकि बाहरी राज्यों से आने वाले अवैध धान के परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके। इसके साथ ही, सभी तहसीलों में एक-एक निरीक्षण दल भी गठित किया गया है, जो क्षेत्र में अवैध भंडारण और परिवहन गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखेगा। कलेक्टर श्री लंगेह ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे धान खरीदी प्रारंभ होने से पहले ही सतर्क रहें और आवश्यकतानुसार छापामार कार्रवाई सुनिश्चित करें। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन ने इस वर्ष भी किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए सुदृढ़ और पारदर्शी व्यवस्था लागू की है। शासन की नीति के अनुसार, राज्य के पंजीकृत किसानों से ही धान की खरीदी की जाएगी तथा प्रत्येक उपार्जन केंद्र में टोकन प्रणाली और बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि जिले के वास्तविक किसान अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त करें और बाहरी राज्यों से आने वाले अवैध व्यापारियों के कारण राज्य की नीति और किसानों के हितों को कोई क्षति न पहुंचे।
- -भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के गन्ना उत्पादक किसानों को 11.09 करोड़ रुपये का बोनस भुगतानरायपुर । उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के सतत प्रयासों एवं किसान हितैषी दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा द्वारा जिले के गन्ना उत्पादक किसानों को दीपावली पर्व के अवसर पर बड़ा आर्थिक लाभ प्रदान किया गया है। कारखाना प्रबंधन द्वारा पिछले पेराई सत्र में गन्ना विक्रय करने वाले किसानों को शासन की ओर से 11.09 करोड़ रुपये का बोनस भुगतान किया गया है। यह बोनस भुगतान उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के विशेष पहल एवं प्रयासों से संभव हुआ है। उनके नेतृत्व में किसानों के हितों को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए समयबद्ध भुगतान और बोनस वितरण सुनिश्चित किया गया है।भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा ने पेराई सत्र 2024-25 के दौरान किसानों से खरीदे गए गन्ने का 115.44 करोड़ रुपये का संपूर्ण भुगतान कर प्रदेश की सभी शुगर मिलों में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि कारखाने की पारदर्शी कार्यप्रणाली, कुशल प्रबंधन एवं सहकारिता की सुदृढ़ भावना का परिचायक है। दीपावली से पूर्व किसानों को बोनस भुगतान प्राप्त होने से पूरे जिले के कृषक समुदाय में हर्ष एवं उत्साह का वातावरण व्याप्त है। बोनस राशि के भुगतान न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाएगी, बल्कि किसानों का विश्वास को और अधिक मजबूत करेगी।



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