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- बिलासपुर. अवैध धान भण्डारण एवं परिवहन के विरूद्ध अभियान जारी है। कलेक्टर के निर्देश पर दो स्थानों पर छापामार कार्रवाई कर करीब डेढ़ लाख रूपए का अवैध धान जब्त किया गया। अपर कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी एसएस दुबे ने बताया कि कृषि उपज मण्डी समिति जयराम नगर के अंतर्गत ग्राम पचपेड़ी हेमंत नारजे के गोदाम से 67 बोरी धान (27 क्विंटल) एवं कृषि उपज मण्डी समिति बिलासपुर के अंतर्गत ग्राम बसहा, बेलतरा से 50 बोरी (20 क्विंटल) धान बरामद किया गया। मण्डी अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई। राजस्व, खाद्य एवं मण्डी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्रवाई की गई। कलेक्टर के निर्देश पर धान खरीदी की सम्पूर्ण अवधि तक इस तरह की छापेमार कार्रवाई जारी रहेगी।
- बिलासपुर. जिला कोषालय अधिकारी एवं जिला नोडल अधिकारी बसंत गुलेरी ने सैदा स्थित धान उपार्जन केन्द्र का निरीक्षण किया। उन्होंने बारीकी से खरीदी व्यवस्था देखी एवं शासन के निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करने के निर्देश समिति प्रबंधन को दिए। उन्होंने केन्द्र में बेचने आये कुछ किसानों से चर्चा कर उनसे फिडबेक भी लिया। निरीक्षण में प्रमुख रूप से उन्हांेने खरीदे गये धान की स्टेकिंग, बारदानों की उपलब्धता, तौल मशीन, कम्पयूटर सेट एवं इन्टरनेट की व्यवस्था, किसानों को भुगतान, हमाल, डनेज, बैनर पोस्टर, किसानों के लिए की गई सुविधाएं, एफएक्यू आदि व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने शासन की नीति के अनुरूप व्यवस्था एवं खरीदी किये जाने के कड़े निर्देश दिए।
- 0- बिलासपुर जिला के 63 स्काउट-गाइड प्रतिभागी होंगे शामिलबिलासपुर. भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़, जिला संघ बिलासपुर के तत्वाधान में राज्य स्तरीय पर्वतारोहण व्यक्तित्व विकास एवं आपदा प्रबंधन शिविर का आयोजन पचमढ़ी में 08 से 12 दिसम्बर 2025 तक किया जा रहा है। आज 07 दिसम्बर 2025 को रेल्वे स्टेशन बिलासपुर से पिपरिया रवाना हुए शिविर में जिले से 28 स्काउट एवं 31 गाइड कुल 63 प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं।प्रतिभागियों के साथ प्रभारी के रूप में स्काउट मास्टर श्री सुरेश साहू एवं श्री राजेन्द्र कौशिक, तथा गाइड प्रभारी श्रीमती रश्मि तिवारी एवं श्रीमती आराधना लिंकन सहभागिता निभाएंगे। शिविर में शामिल सभी प्रतिभागियों को राज्य मुख्य आयुक्त श्री इंदरजीत सिंह खालसा, राज्य सचिव श्री जितेन्द्र कुमार साहू, जिला मुख्य आयुक्त स्काउट श्री चन्द्र प्रकाश बाजपेयी एवं जिला शिक्षा अधिकारी तथा जिला आयुक्त स्काउट श्री विजय टांडे ने सफल सहभागिता हेतु शुभकामनाएँ प्रेषित कीं। कार्यक्रम के अवसर पर जिला सचिव सुश्री लता यादव,डीओसी स्काउट श्री महेन्द्र बाबू टंडन, डीओसी गाइड डॉ. पूनम सिंह, डीटीसी स्काउट श्री संतोष त्रिपाठी, डीटीसी गाइड श्रीमती माधुरी यादव , श्री मुरली मोहन दास(रेल्वे ट्राफिक कंट्रोलर)सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी सदस्य उपस्थित रहे।--
- बिलासपुर. कलेक्टर महोदय के निर्देशानुसार एंव उप संचालक महोदय के मार्गदर्शन मे जिला बिलासपुर में खनिज विभाग द्वारा खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन एंव भण्डारण पर लगातार कार्यवाही की जा रही है। दिनांक 01/12/2025 को मटियारी क्षेत्र से खनिज मुरुम का अवैध परिवहन करते पाये गए हाइवा वाहन को जप्त कर पुलिस थाना सीपत की अभिरक्षा मे रखा गया। दिनांक 03/12/2025 को लमेर क्षेत्र से खनिज रेत का अवैध परिवहन करते 01 हाइवा वाहन को जप्त कर थाना कोनी की अभिरक्षा मे रखा गया हैं तथा आमागोहान क्षेत्र मे खनिज मुरुम का अवैध उतखनन व परिवहन करते पाये गए 01 चैन माउंटेन व 02 हाइवा वाहनों को जप्त कर यथा स्थान सील बंद कर चालकों को को सुपुर्दगी मे दिया गया। दिनांक 06/12/2025 को लमेर क्षेत्र से 03 ट्रेक्टर ट्राली द्वारा खनिज रेत का अवैध परिवहन करते पाये जाने पर जप्त कर थाना कोनी की सुपुर्दगी मे दिया गया। दिनांक 07/12/2025 को निरतु क्षेत्र से खनिज रेत का अवैध परिवहन करते 01 ट्रेक्टर ट्राली को जप्त कर थाना सकरी की अभिरक्षा मे रखा गया हैं।इसके साथ ही खनिज रेत के अवैध उतखनन के रोकथाम हेतु निरतु, लोखड़ी, पाठबाबा, धुरिपारा क्षेत्र से अवैध उतखनन हेतु निर्मित किये गए रैंप को भी काटा गया।किया गया।खनिजों के अवैध उत्खनन/परिवहन/भण्डारण पर खनिज विभाग द्वारा लगातार कार्यवाही जारी है।
- 0- किसान मिलऊराम साहू बोले— सरकार की नीतियों से मिल रहा मेहनत का सही दाम*बिलासपुर. जिले में जारी धान खरीदी अभियान किसानों के लिए आत्मविश्वास और राहत का कारण बन रहा है। समर्थन मूल्य पर हो रही धान खरीदी और कृषक उन्नति योजना के बेहतर क्रियान्वयन से किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। शासन द्वारा 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से तथा प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से की जा रही खरीदी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है।धान उपार्जन केन्द्र सैदा पहुंचे ग्राम चिचिरदा के किसान श्री मिलऊराम साहू ने बताया कि वे 2 एकड़ भूमि पर खेती करते हैं। इस वर्ष उन्हें अच्छी पैदावार प्राप्त हुई और उन्होंने एक ही दिन में 46 क्विंटल 80 किलो धान विक्रय किया। उन्होंने बताया कि समय पर भुगतान और सरल प्रक्रिया के कारण किसानों का भरोसा व्यवस्था पर और भी मजबूत हुआ है।श्री मिलऊराम साहू ने उपार्जन केन्द्र में उपलब्ध पेयजल, छांव, इलेक्ट्रॉनिक तौलाई मशीन, बैठने की सुविधा सहित अन्य व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि टोकन तुंहर हाथ एप के माध्यम से ऑनलाइन टोकन लेने से धान विक्रय की प्रक्रिया सरल, पारदर्शी और समय बचाने वाली हो गई है।उन्होंने कहा कि शासन की कृषक हितैषी नीतियों का प्रत्यक्ष लाभ अब किसानों को जमीन पर दिखाई दे रहा है। बेहतर मूल्य मिलने से न केवल घर-परिवार की जरूरतें पूरी हो रही हैं, बल्कि अगली फसल की तैयारी के लिए भी आर्थिक मजबूती मिल रही है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार जताया।उन्होंने यह भी बताया कि विगत वर्ष धान विक्रय से प्राप्त राशि का उन्होंने कृषि उपकरण, बीज-खाद और घरेलू आवश्यकताओं में सदुपयोग किया था, जिसका लाभ उन्हें इस वर्ष अच्छी पैदावार के रूप में मिला। उल्लेखनीय है कि धान उपार्जन केन्द्र सैदा के अंतर्गत सैदा, घुरु, अमेरी, उसलापुर, मेंड़्रा एवं चिचिरदा सहित आसपास के गांवों के किसान बड़ी संख्या में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने पहुंच रहे हैं।
- 0- स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने किया कार्यक्रम स्थल का भूमिपूजन एवं शुभंकर का अनावरणबालोद. प्रथम राष्ट्रीय रोवर-रेंजर जंबूरी 2026 का आयोजन बालोद जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के ग्राम दुधली में 09 जनवरी से 13 जनवरी 2026 तक किया जाएगा। प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने आज ग्राम दुधली स्थित कार्यक्रम स्थल का विधिवत पूजा-अर्चना कर भूमिपूजन किया। उन्होंने इस दौरान प्रथम राष्ट्रीय रोवर-रेंजर जंबूरी 2026 हेतु राजकीय पशु वन भैंसा पर आधारित शुभंकर तथा ’विकसित युवा, विकसित भारत’ थीम पर आधारित लोगो का अनावरण किया। इस दौरान जंबूरी डायरेक्टर श्री अमर क्षेत्री, भारत स्काउट गाउड छत्तीसगढ़ के राज्य मुख्य आयुक्त श्री इंद्रजीत सिंह खालसा, डीपीआई डायरेक्टर श्री ऋतुराज रघुवंशी, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य श्री यशवंत जैन, कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक श्री योगेश कुमार पटेल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुनील चंद्रवंशी सहित वरिष्ठ जनप्रतिनिधि श्री चेमन देशमुख, जिला मुख्य आयुक्त श्री राकेश यादव, राज्य एथेलेटिक्स संघ के उपाध्यक्ष श्री सौरभ लुनिया और बड़ी संख्या में अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी-कर्मचारी तथा स्काउट-गाइड के सदस्य उपस्थित थे।स्कूली शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय रोवर-रेंजर जंबूरी 2026 का आयोजन 09 जनवरी से 13 जनवरी 2026 तक आयोजित की जाएगी। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से 15 हजार से अधिक रोवर और रेंजर शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इस विशाल कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री एवं राज्य के मुख्यमंत्री सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। श्री यादव ने कहा कि इस तरह का आयोजन हमें सहयोग, अनुशासन और आपसी भाईचारे के महत्व को सिखाता है। उन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी से सहयोग की अपील की।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य मुख्य आयुक्त श्री इंद्रजीत सिंह खालसा ने शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव के नेतृत्व में प्रथम राष्ट्रीय रोवर-रेंजर जंबूरी 2026 के आयोजन का सौभाग्य मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य श्री यशवंत जैन ने इस वृहद आयोजन की मेजबानी का मौका देने के लिए शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव का धन्यवाद किया और इस आयोजन को सफल बनाने का भरोसा दिलाया। कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन करते हुए जिला मुख्य आयुक्त श्री राकेश यादव ने कहा कि यह बहुत ही गर्व की बात है कि मातृभूमि बालोद में इस तरह का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने शिक्षा मंत्री श्री यादव का हृदय से धन्यवाद ज्ञापित कर इस आयोजन को सफल एवं स्मरणीय बनाने का विश्वास दिलाया। इस अवसर पर नगर पंचायत डौण्डीलोहारा के अध्यक्ष श्री लाल निवेन्द्र सिंह टेकाम, श्रीमती कुसुम शर्मा, श्री जसराज शर्मा, नेहा उपाध्याय, सुरेन्द्र देशमुख, मालीघोरी के उपसरपंच श्री मोहित देशमुख सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
- 0-विश्वविद्यालयीन खेलकूद प्रतियोगिता का कुलपति ने खेल ज्योति प्रज्ज्वलित कर किया शुभारंभरायपुर. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा है कि हर खिलाडी में एक चैम्पियन होता है, बस उस चैम्पियन का प्रोत्साहित करने और उसे बाहर लाने की जरूरत होती है। उन्होने कहा कि खेल-कूद प्रतियोगिताएं विद्यार्थियों में छिपे चैम्पियन को बाहर लाने में मददगार होती हैं। डॉ. चंदेल ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों में अंतर्निहित खेल प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। डॉ. चंदेल आज यहां कृषि विश्वविद्यालय के स्पोर्टस काम्प्लेक्स में विश्वविद्यालयीन खेल-कूद प्रतियोगिता 2025 का शुभारंभ कर रहे थे। कुलपति डॉ. चंदेल ने खेल ज्योति प्रज्ज्वलित कर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले चारों जोन की टीमों में शामिल खिलाड़ियों को खेल भावना की शपथ भी दिलाई।विश्वविद्यालयीन खेल-कूद प्रतियोगिता - 2025 में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के पूर्व, पश्चिम, उत्तर एवं दक्षिण जोन के अंतर्गत आने वाले समस्त महाविद्यालयों के 160 प्रतिभागी शामिल हुए हैं। 08 से 11 दिसम्बर, 2025 तक आयोजित होने वाली इस तीन दिवसीय विश्वविद्यालय खेलकूद प्रतियोगिता के अंतर्गत विभिन्न क्रीड़ा स्पर्धाओं का आयोजन किया जा रहा है। इस विश्वविद्यालय स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के अंतर्गत व्यक्तिगत स्पर्धाओं में लम्बी कूद, ऊंची कूद, ट्रिपल जंप, भाला फेंक, गोला फेंक, डिस्क थ्रो, 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर, 1500 मीटर, हर्डल दौड़ तथा 4ग्100 मीटर एवं 4ग्400 मीटर रिले दौड़ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। सामूहिक स्पर्धाओं के अंतर्गत वॉलीबाल, खो-खो, कबड्डी, बैडमिंटन तथा टेबल टेनिस स्पर्धाओं का आयोजन किया जा रहा है।विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया और कहा कि विद्यार्थी जीवन में खेलों का बहुत महत्व है। इससे शरीर स्वस्थ एवं मजबूत बनता है एवं बच्चों में टीम स्पिरिट तथा खिलाड़ी भावना का विकास होता है जो भविष्य में उन्हें सफल एवं अनुशासित नागरिक बनने में योगदान देते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से आव्हान किया कि वे अपनी पूरी क्षमता तथा मेहनत के साथ प्रतियोगिता में भाग लें तथा सफलता अर्जित करें।शुभारंभ समारोह में आयोजन समिति के अध्यक्ष अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए आयोजन की रूप-रेखा प्रतिपादित की। उन्हांने विद्यार्थियों से कहा कि वे ईमानदारी, निष्ठा और खेल भावना के साथ इस चार दिवसीय खेल-कूद प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रयास करें। शुभारंभ समारोह में कृषि महाविद्यालय रायपुर की अधिष्ठाता डॉ. आरती गुहे, खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस.एस. सेंगर, कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. अजय वर्मा, निदेशक शिक्षण डॉ. ए.के. दवे, संचालक अनुसंधान डॉ. वी.के. त्रिपाठी, निदेशक विस्तार डॉ. एस.एस. टूटेजा भी मौजूद थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालयीन खेलकूद प्रतियोगिता में शामिल होने वाले समस्त चार जोन के टीम मैनेजर, रैफरी एवं रायपुर स्थित तीनों महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं, शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में आयोजन सचिव डॉ. आर.के. ठाकुर ने अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन किया।
- रायपुर। लोकसभा में चर्चा के दौरान बस्तर सांसद महेश कश्यप ने बस्तर क्षेत्र के युवाओं के भविष्य से जुड़ा एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय सदन में उठाया। उन्होंने युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे से प्रश्न करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) जैसी राष्ट्र निर्माण से जुड़ी योजनाओं को बस्तर के दूरस्थ, वनांचल और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए, ताकि वहां के युवा भटकाव से बचकर मुख्यधारा में लौट सकें और देश के विकास में सक्रिय भागीदारी निभा सकें।बस्तर सांसद श्री कश्यप ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना युवाओं को अनुशासन, नेतृत्व, सेवा और राष्ट्रभक्ति की भावना से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, किंतु बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में इसका प्रभाव अपेक्षाकृत कम दिखाई देता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इन क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए विशेष कार्ययोजना तैयार की जाए, जिससे एनएसएस के माध्यम से स्थानीय युवाओं को शिक्षा, कौशल और स्वयंसेवा से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय युवा कोर (एनवाईसी) योजना के क्रियान्वयन को लेकर भी केंद्र सरकार से विस्तृत जानकारी मांगी। उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में वर्तमान में कार्यरत राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवकों की संख्या, उनके प्रशिक्षण, पर्यवेक्षण तथा निगरानी व्यवस्था से संबंधित विवरण मांगा। साथ ही इस योजना को और अधिक मजबूत एवं प्रभावी बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे ठोस कदमों की जानकारी भी सदन में मांगी।उन्होंने सदन में चर्चा के दौरान कहा कि विशेष रूप से ओडिशा के भद्रक एवं बालासोर जिलों में राष्ट्रीय युवा कोर के स्वयंसेवकों की तैनाती, प्रशिक्षण, सहायता और कार्यक्रम गतिविधियों में वृद्धि के संबंध में भी जानकारी मांगी। इसके अतिरिक्त उन्होंने ओडिशा के बालासोर लोकसभा क्षेत्र में वर्ष 2020 से अब तक विभिन्न विभागों द्वारा कौशल विकास हेतु स्वीकृत एवं उपयोग की गई धनराशि का वर्षवार विवरण प्रस्तुत करने की मांग की, जिससे योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके और उनके वास्तविक प्रभाव का मूल्यांकन हो सके।
- रायपुर। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में समग्र छत्तीसगढ़ के विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे है। इसी दिशा में राज्य में लागू नवीन गाइडलाइन दरों के संबंध में विभिन्न हितधारकों से सुझाव, ज्ञापन एवं प्रस्ताव प्राप्त हुए। जिन पर विचार कर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए है।प्रदेश के वित्त मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि नगरीय क्षेत्र में 1400 वर्ग मीटर तक भूखंडों के इंक्रीमेंटल आधार पर गणना के प्रावधान को समाप्त करते हुए पूर्व प्रचलित उपबंध अनुसार नगर निगम क्षेत्र में 50 डेसिमल तक, नगर पालिका में 37.5 डेसिमल तक, और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक स्लैब दर से मूल्यांकन के प्रावधान को यथावत लागू किए जाने का निर्णय लिया गया। वहीं बहुमंजिला भवनों में फ्लैट, दुकान, कार्यालय अंतरण होने पर सुपर बिल्ट अप एरिया के आधार पर बाजार मूल्य की गणना के प्रावधान को विलोपित किए जाने का निर्णय लिया गया। अब इनमें बिल्ट अप एरिया के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। यह प्रावधान मध्य प्रदेश के समय से चला आ रहा था और राज्य में वर्टिकल डेवलपमेंट के लिए इसकी मांग लंबे समय से आ रही थी। इससे नगर योजना में भूमि का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि बहुमंजिला भवन एवं कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में बेसमेंट एवं प्रथम तल पर 10 प्रतिशत कमी, द्वितीय तल एवं उससे ऊपर के तल पर 20 प्रतिशत कमी के साथ मूल्यांकन किया जाएगा। इससे मध्यम वर्ग को किफायती दर पर फ्लैट मिल पाएंगे।वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में 20 मीटर पश्चात् स्थित संपति के लिए भूखंड की दर में 25 प्रतिशत कमी कर मूल्यांकन किया जाएगा। 20 मीटर दूरी की गणना कॉम्प्लेक्स के मुख्य मार्ग की ओर से निर्मित भाग से की जाएगी। जिला मूल्यांकन समिति द्वारा गाइडलाइन दरों के पुनरीक्षण के प्रस्ताव केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड को भेजे जाते हैं जिनका विश्लेषण कर केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड नवीन गाइडलाइन दरें जारी करता है। जिला मूल्यांकन समिति को यह निर्देशित करने का निर्णय लिया गया कि हाल ही में हुई दरों में वृद्धि के पश्चात् प्राप्त ज्ञापनों, आपत्तियों एवं सुझावों का परिशीलन कर 31 दिसंबर तक गाइडलाइन दरों में पुनः पुनरीक्षण प्रस्ताव भेजें। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड के ये निर्णय दिनांक 8 दिसंबर से प्रभावशील हो गए हैं।इस दौरान पत्रकार वार्ता में प्रदेश महामंत्री अखिलेश सोनी, क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, प्रदेश प्रवक्ता अमित चिमनानी, शताब्दी पांडेय, किरण बघेल, उज्ज्वल दीपक मौजूद रहे।वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर पंजीयन प्रक्रिया को सरल एवं जन हितैषी बनाया जा रहा है। इसी क्रम में दिनांक 20 नवंबर को लागू गाइडलाइन दरों में कई महत्त्वपूर्ण जन हितैषी सुधार किए गए हैं।कुछ महत्वपूर्ण फैसले1. नगरीय क्षेत्र में पहले नजूल, आबादी एवं परिवर्तित भूमि पर पूरी तरह वर्गमीटर दर लागू थी। अब कृषि भूमि के लिए लागू प्रावधान नजूल, आबादी एवं परिवर्तित भूमि पर भी लागू होंगे।लाभः रायपुर में वार्ड क्रमांक 28 शहीद हेमू कल्याणी वार्ड में वर्ग मीटर दर रुपए 1,95,000 प्रति वर्ग मीटर एवं हेक्टेयर रेट रुपये 6 करोड़ प्रति हेक्टेयर निर्धारित है, इस क्षेत्र में 0.405 हेक्टेयर अर्थात एक एकड़ अथवा 4048 वर्ग मीटर भूमि का मूल्य पूर्व में रू 78 करोड़ रुपये होता अब नए उपबंध के अनुसार मूल्य रु 2.4 करोड़ रुपये होगा।2. पहले ग्रामीण क्षेत्र में परिवर्तित भूमि के लिए सिंचित भूमि का ढाई गुना मूल्य लगता था, यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। लाभः बिलासपुर के सेंदरी ग्राम में रु 1.60 करोड़ रुपए प्रति एकड़ दर निर्धारित है, इस ग्राम में एक एकड़ भूमि विक्रय होने पर पहले मूल्य रु 4 करोड़ रुपये होता अब नए प्रावधान अनुसार रु 1.60 करोड़ ही होगा।3. दो फसली भूमि पर बाजार मूल्य पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त जोड़ने का प्रावधान हटाया गया। लाभः मोतीपुर में 1 हेक्टेयर जमीन की दर 2 करोड़ 44 लाख रुपये है, जो दो फसली होने पर वास्तविक गाडलाइन मूल्य 3 करोड़ 5 लाख होता। नए प्रावधान अनुसार बाजार मूल्य 2 करोड़ 44 लाख रुपए ही होगा.4. ट्यूबवेल, बोरवेल पर 85,000 रुपए और कुएं पर 70,000 रुपए अतिरिक्त जोड़ने की व्यवस्था समाप्त।5. वाणिज्यिक फसलें जैसे केला, पपीता, गन्ना जैसी फसलों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त मूल्य जोड़ने का प्रावधान हटाया गया।6. भूमि पर वृक्षों का मूल्य भूमि मूल्य में जोड़कर गणना करने की व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त किया गया।लाभः उप पंजीयक कार्यालय कांकेर में 26/12/2024 को विक्रय पत्र का पंजीयन किया गया है जिसके विक्रय भूमि में लगभग 600 वृक्ष थे जिनका मूल्य 78 लाख रुपये था। नए प्रावधान अनुसार इस मूल्य को भूमि के मूल्य में नहीं जोड़ा गया है जिससे क्रेता को 78 लाख रुपये पर लगने वाले रजिस्ट्री शुल्क लगभग 8.58 लाख रुपये की राहत मिली। प्रायः शुल्क बचाने हेतु वृक्षों की कटाई की जाती थी, अब भूमि के दाम पेड़ों की संख्या से प्रभावित नहीं होंगे। जिससे पेड़ काटकर मूल्यांकन कम कराने की प्रवृत्ति समाप्त हुआ और पर्यावरण संरक्षण को सीधा प्रोत्साहन मिला।7. शहर से लगे हुए गांवों में पहले 25-37.5 डिसमिल तक कृषि भूमि का मूल्यांकन वर्गमीटर दर से होता था, अब हेक्टेयर दर से ही मूल्यांकन होगा।लाभः ग्राम बरौदा (रायपुर) में पूर्व प्रावधान अनुसार 37.5 डिसमिल कृषि भूमि विक्रय होने पर उसका मूल्य 26.75 लाख रुपये होता जो नए प्रावधान से इसका मूल्य सिर्फ 6.30 लाख रुपये होगा।8. भूमि पर तालाब, मछली टैंक होने की स्थिति में भूमि दर का 1.5 गुना लेकर मूल्यांकन करने के नियम को हटाया गया।9. ग्रामीण कृषि भूमि पर पहले तीन दर (मुख्य मार्ग, सिंचित, असिंचित) लगती थी । अब केवल दरें (मुख्य मार्ग और सिंचित) लागू साथ ही अब असिंचित भूमि का मूल्यांकन सिंचित दर से 20 प्रतिशत कम पर होगा।10. बाउंड्री वॉल पर 400 रुपए रनिंग फुट और प्लिंथ लेवल पर 300 रुपए प्रति वर्गफुट जोड़ने का प्रावधान भी पूरी तरह से समाप्त किया गया।11. पहले नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में निर्मित संपत्तियों के लिए अलग-अलग 21 प्रकार की दरें लागू थी, अब केवल दो प्रकार की दरें ही लागू होंगी। अनेक दर होने के कारण आम जनों को अपने मकान की बाजार मूल्य की गणना करने में कठिनाई होती थी, अब केवल दो प्रकार की दर होने से गणना करना सरल व सहज हुआ है।
- रायपुर। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, श्री रामेन डेका, ने आज रायपुर में प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित ऑडिट पखवाड़ा के समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। यह कार्यक्रम 20 नवंबर से शुरू होकर आज छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रामेन डेका की उपस्थिति में समाप्त हुआ। इस आयोजन का उद्देश्य नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) संस्था की स्थापना का स्मरण करना और सार्वजनिक प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन को मजबूत करने में लेखापरीक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करना था।इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रामेन डेका ने कहा कि “लेखापरीक्षा हर एक चीज और हर एक जगह की बहुत महत्वपूर्ण जीवन रेखा है, हमारे रोजमर्रा के जीवन से लेकर मौद्रिक स्वास्थ्य तक हर जगह लेखापरीक्षा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।” उन्होंने आगे कहा कि हालाँकि नई तकनीक के आगमन से अब CAG कर्मचारियों का काम कम हो गया है, फिर भी इसमें अपनी कठिनाई है क्योंकि यह कंप्यूटर के पीछे का व्यक्ति और दिमाग है जो परिणाम की ओर ले जाता है। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) का कार्यालय, जो हमारे देश की सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्था है, का एक विशिष्ट और गौरवशाली इतिहास रहा है। इसकी नींव ब्रिटिश प्रशासन के दौरान 1858 में स्थापित प्रारंभिक लेखापरीक्षा कार्यालय से जुड़ी है, और हमारे संविधान निर्माताओं ने राष्ट्रीय शासन में इसके अपार महत्व को पहचाना था।उन्होंने सभी से परिश्रम से काम करने और संवैधानिक सिद्धांतों को बनाए रखने का आग्रह किया जो इस विभाग या किसी भी सरकारी संस्थान का मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “काम नीचे से लेकर ऊपर तक हर व्यक्ति का कर्तव्य है और यह देखा जाना चाहिए कि सिस्टम में कोई व्यक्ति किसी विशेष कार्य को नहीं छू रहा है, इस कारण जनता को असुविधा न हो।प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), श्री यशवंत कुमार, ने ऑडिट पखवाड़ा के सफल समापन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि CAG संस्था, जिसे 1950 में अनुच्छेद 148-151 के तहत एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया था, यह सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य है कि जनता का प्रत्येक रुपया नियमों के अनुसार और जनहित में खर्च किया जाए। छत्तीसगढ़ में CAG की विकसित भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने बताया कि कार्यालय ने स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास और खनन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रभावी रिपोर्ट दी हैं। श्री कुमार ने विशेष रूप से ऑडिट मैनेजमेंट सिस्टम (AMS), आईटी ऑडिट और डेटा-आधारित विश्लेषण जैसी नई प्रणालियों को अपनाने की सराहना की है, जिसने दक्षता बढ़ाई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अधिकारियों के बीच सक्रिय भागीदारी और सीखने की भावना ही पखवाड़े की सच्ची सफलता थी, और यह ऊर्जा पूरे वर्ष के काम का मार्गदर्शन करके वित्तीय अनुशासन और सुशासन का एक उत्कृष्ट उदाहरण स्थापित करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा ई-कुबेर, ई-कोश और पीएफएमएस जैसी आधुनिक डिजिटल प्रणालियों को अपनाने से लेखांकन और लेखापरीक्षा तंत्र एक अधिक सक्षम, वैज्ञानिक और उत्तरदायी प्रणाली में परिवर्तित हो रहा है, जिससे छत्तीसगढ़ में बेहतर सुशासन को बढ़ावा मिल रहा है।इस कार्यक्रम में मोहम्मद फैज़ान नय्यर, महालेखाकार ( लेखापरीक्षा ) ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। साथ ही श्री एम.एस. डहरिया, वरिष्ठ उपमहालेखाकार एवंश्रीमती जी. एजिलरसी, उपमहालेखाकार तथा प्रधान महालेखाकार कार्यालय के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे ।
- रायपुर ।राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर में 8 दिसंबर 2025 से 12 दिसम्बर 2025 तक पीएम-श्री स्कूल्स टीचर्स’ ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया जाएगा | 8 दिसम्बर को इसका उदघाटन समारोह आयोजित किया गया जिसके मुख्य अतिथि डॉ. एन. वी. रमना राव रहे | इस अवसर पर रजिस्ट्रार डॉ. एन डी लोंढे, डीन (कॉर्पोरेट रिलेशंस एंड रिसोर्स मोबिलाइजेशन) डॉ. एस. सन्याल, डीन (एकेडमिक) डॉ. शुभ्रता गुप्ता, तथा सीईसी (कंटीन्यूइंग एजुकेशन सेल) चेयरमैन डॉ. एस. घोष, फैकल्टी मेम्बर्स और प्रतिभाग उपस्थित रहे। कार्यक्रम समन्वयकों में भौतिकी विभाग के प्रोफेसर डॉ. आयुष खरे, रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. एस. पी. महापात्रा और डिपार्टमेंट ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशन की प्रोफेसर डॉ. प्रियंका त्रिपाठी शामिल हैं।कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. आयुष खरे के स्वागत उद्बोधन से हुई, जिसमें उन्होंने पीएम-श्री प्रशिक्षण पहल का परिचय देते हुए बताया कि आईआईटी, एनआईटी और आईआईएसईआर जैसे संस्थानों में से एनआईटी रायपुर को इस प्रशिक्षण हेतु चयनित किया गया है। उन्होंने बताया कि संस्थान का शैक्षणिक स्तर नवोदय विद्यालयों के समकक्ष है और यह प्रशिक्षण स्कूल से कॉलेज तक छात्रों द्वारा अनुभव किए जाने वाले ज्ञान-अंतर को कम करने में सहायक होगा।डीन (एकेडमिक) डॉ. शुभ्रता गुप्ता ने शिक्षण को सबसे पवित्र पेशा बताते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण शिक्षकों के ज्ञान और अध्यापन कौशल को और समृद्ध करेगा। डीन (सीआरआरएम) डॉ. सन्याल ने प्रतिभागी शिक्षकों की प्रतिबद्धता की सराहना की और कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान प्रदान नहीं करते, बल्कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर, सावित्रीबाई फुले, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, विनोबा भावे और डॉ. होमी भाभा के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षकों को ऐसे वातावरण का निर्माण करना चाहिए जहाँ विद्यार्थी बिना किसी भय के प्रश्न पूछ सकें, गलतियाँ कर सकें और सीख सकें। रजिस्ट्रार डॉ लोंढे ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के लिए दूसरे अभिभावक की तरह होते हैं और सामाजिक-भावनात्मक सीख तथा समग्र विकास के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभाते हैं।मुख्य अतिथि निदेशक एन. वी. रमना राव ने प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम हेतु चयनित होने पर बधाई देते हुए कहा कि नवोदय विद्यालय जैसे उत्कृष्ट संस्थान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की प्रभावशीलता को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से स्थापित किए गए थे। उन्होंने सुदृढ़ सरंचना , 21वीं सदी के कौशल, पर्यावरणीय स्थिरता तथा प्रशिक्षण अवधि के दौरान प्रभावी नेटवर्क निर्माण के महत्व पर बल दिया।कार्यक्रम का समापन डॉ. एस. पी. महापात्रा द्वारा दिए गए धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, उन्होंने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रतिभागियों को सफल एवं समृद्ध प्रशिक्षण अनुभव की शुभकामनाएँ दीं।
- -सेनानी रामकृष्ण तिवारी के विरासत को सहेजने पर जोररायपुर / राज्यपाल श्री रमेन डेका ने स्वतंत्रता सेनानियों और देश की रक्षा में अपना जीवन समर्पित करने वाले पूर्व सैनिकों की स्मृति को संरक्षित करने के लिए ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।राज्यपाल श्री डेका ने आज लोकभवन में राजधानी रायपुर के कलेक्टर श्री गौरव सिंह से इस संबंध में चर्चा की। उन्होंने विशेष रूप से स्वतंत्रता सेनानी श्री रामकृष्ण तिवारी का उल्लेख किया जिन्होंने आजादी के आंदोलन में परिवार सहित अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। उन्होंने जेल, त्याग और संघर्ष की कठिन यातनाएं झेलीं। उनसे जुड़े अभिलेख, विरासत को संरक्षित रखने के लिए निर्देश दिया।श्री डेका ने रायपुर में ऐसी पहचान योग्य जगहों की पहचान करने तथा वहां स्मारक, सूचना पट्ट या मेमोरियल गैलरी के रूप में संरक्षित करने के भी निर्देश दिए। राज्यपाल ने कहा कि यह कार्य प्रशासन की पहल और समाज के सहयोग से मिलकर किया जाना चाहिए, तभी उनकी स्मृतियां अविस्मरणीय बन पाएंगी।
- रायपुर, / राज्यपाल श्री रमेन डेका ने बस्तर स्थित शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय की भूमि पर अवैध कब्जा और अन्य निर्माण कार्य किए जाने को गंभीरता से लेते हुए इस पर तत्काल कार्रवाई करने और भूमि को यथावत रखने के निर्देश दिए हैं।राज्यपाल श्री डेका ने आज लोकभवन में मुख्य सचिव श्री विकास शील से इस संबंध में चर्चा की और स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की जमीन पर कब्जा और अनाधिकृत निर्माण हटाया जाए और भूमि को यथावत विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र में सुरक्षित रखा जाए।राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि विश्वविद्यालय की भूमि पर किसी भी तरह के अतिक्रमण, बाहरी निर्माण या अन्य गतिविधि शिक्षा के अधिकार, संस्थागत विकास और भविष्य की पीढ़ियों के हितों के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र का यह विश्वविद्यालय अध्ययन, अनुसंधान और विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए स्थापित किया गया है। इस पर अतिक्रमण या राजनीतिक-प्रशासनिक हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं होगा।
- -सुदूर ग्राम कुर्रा के रतिराम को मिला सपनों का पक्का आशियाना-सम्मान और सुरक्षित जीवन की ओर बढ़ते कदमरायपुर / किसी भी सरकारी योजना का वास्तविक महत्व तभी सिद्ध होता है, जब उसका लाभ जमीनी स्तर पर आम नागरिक के जीवन में सकारात्मक और स्थायी परिवर्तन लाए। ऐसी ही एक सशक्त योजना है प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन), जिसका प्रभाव रायगढ़ जिले में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। इस योजना के अंतर्गत लैलूंगा विकासखंड के सुदूर ग्राम कुर्रा के निवासी श्री रतिराम बिरहोर को उनके जीवन का सबसे बड़ा सपना-पक्का और सुरक्षित आवास-साकार हुआ।वर्षों तक कच्चे मकान में रहकर बरसात, ठंड और जहरीले जीव-जंतुओं के खतरे के बीच जीवन-यापन करने वाले रतिराम और उनका परिवार जब पीएम जनमन योजना के तहत स्वीकृत आवास में प्रवेश किया, तो वह क्षण उनके लिए अविस्मरणीय बन गया। आवास स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ और निर्धारित समय में पूर्ण भी हुआ। नया पक्का घर न केवल उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रहा है, बल्कि उनके जीवन में स्थायित्व, आत्मविश्वास और सम्मान भी लेकर आया है।रतिराम का कहना है कि पहले जिस घर में रहना मजबूरी था, वहीं अब पक्के मकान में रहना गर्व की अनुभूति देता है। उल्लेखनीय है कि पीएम-जनमन योजना, जिसकी शुरुआत भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 में की गई, विशेष रूप से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के सर्वांगीण विकास के लिए एक महत्त्वाकांक्षी मिशन है। इस अभियान का उद्देश्य आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छ पेयजल, बिजली, आजीविका और संपर्क जैसी बुनियादी सुविधाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाना है। गौरतलब है कि पीएम जनमन योजना आज केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि आदिवासी समुदायों के लिए न्याय, समानता और आत्मसम्मान का मजबूत आधार बन चुकी है। ग्राम कुर्रा के रतिराम की कहानी इस बात का सशक्त उदाहरण है कि जब योजनाएं सही ढंग से लागू होती हैं, तो वे लोगों की तस्वीर ही नहीं, तकदीर भी बदल देती हैं।
- रबी क्षेत्र विस्तार एवं दलहन-तिलहन उत्पादकता बढ़ाने कृषि विभाग करेगा जागरूकता शिविरों का आयोजनरायपुर /प्रधानमंत्री धन.धान्य कृषि योजना (PMDDKY) 2025.26 से शुरू की गई एक सरकारी पहल है, जिसका लक्ष्य कम प्रदर्शन वाले कृषि जिलों में किसानों की आय और कृषि उत्पादकता बढ़ाना है, जिसके लिए 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं को समन्वित किया गया है। इसमें सिंचाई, भंडारण, आसान ऋण तथा फसल विविधीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया हैए, ताकि किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके और देश को दालों सहित विभिन्न फसलों में आत्मनिर्भर बनाने के मिशन का समर्थन किया जा सके। प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के अंतर्गत कृषकों को रबी फसल की आधुनिक तकनीक से अवगत कराने तथा मत्स्यपालन, पशुपालन सहित अन्य कृषि-संबद्ध व्यवसायों की ओर प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रत्येक समिति में विशेष प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।किसानों आधुनिक खेती से जोडकर लाभान्वित करना हैशिविरों में जशपुर जिले के ऐसे उत्कृष्ट एवं प्रगतिशील कृषकों को प्रशिक्षक के रूप में जोड़ा गया है, जो आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर खेती में अधिक उत्पादन एवं बेहतर आय अर्जित कर रहे हैं। ये प्रशिक्षक कृषक अपने अनुभव, कठिनाईयों तथा विभागीय योजनाओं से प्राप्त लाभों को अन्य कृषकों के साथ साझा करेंगे, जिससे अधिक से अधिक किसान आधुनिक खेती अपनाकर लाभान्वित हो सकें। साथ ही कृषि एवं संबद्ध विभाग के अधिकारी किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं, अनुदान प्राप्ति की प्रक्रिया, तथा वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने के मार्गदर्शन की जानकारी प्रदान करेंगे। इन शिविरों में कृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिक भी शामिल रहेंगे, जो आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रचार-प्रसार कर किसानों को उन्नत खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
दलहन-तिलहन उत्पादक कृषकों को समर्थन मूल्य पर उपज बेचने की सुविधा*जशपुर जिले में कुल 09 आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों का पंजीयन किया गया है, जहाँ दलहन-तिलहन फसलें उगाने वाले कृषक अपनी उड़द, मूंग एवं मूंगफली को बाजार मूल्य कम होने की स्थिति में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते हैं। कृषकों के हित में प्रशासन ने अपील की है कि वे एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन अवश्य कराएँ। पंजीयन कराने में किसी भी प्रकार की सहायता हेतु संबंधित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।किसान बढ़ा सकते हैं अपनी आय कृषक उत्पादक संगठन से जुड़करशिविर के दौरान जिले के जशपुर जिले के प्रत्येक विकासखंड के कृषक उत्पादक संगठन के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। जिन कृषकों ने अभी तक किसी कृषक उत्पादक संगठन की सदस्यता नहीं ली है, वे शिविर में उपस्थित प्रतिनिधियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सदस्यता हेतु आवेदन कर सकते हैं। कृषक उत्पादक संगठन से जुड़कर किसान न केवल आधुनिक कृषि तकनीक, समूह विपणन और सामूहिक क्रय-बिक्री का लाभ उठा सकते हैं, बल्कि अपनी आय दोगुनी करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम बढ़ा सकते हैं। - -कुनकुरी नगर को स्वास्थ्य के क्षेत्र में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिया बड़ा तोहफ़ारायपुर / कई प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, योग केंद्र और वेलनेस हब खुद को नेचुरोपैथी कहते हैं। जो प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान करता है और बापू भवन इसका ऐतिहासिक घर है, जिसे गांधीजी ने अपनाया था। खासकर छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र का उद्देश्य प्राकृतिक उपचार, योग, आहार, मिट्टी स्नान और हर्बल दवाओं के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य प्रदान करना है। जशपुर जिले के कुनकुरी नगर की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने नेचुरोपैथी भवन निर्माण के लिए 2 करोड़ 62 लाख रुपए की मंजूरी प्रदान की है।निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। भवन तैयार हो जाने के बाद कुनकुरी नगरवासियों को प्राकृतिक चिकित्सा की अत्याधुनिक सुविधा अपने ही नगर में उपलब्ध होगी। यह भवन न सिर्फ लोगों को आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा की ओर प्रोत्साहित करेगा, बल्कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को उपचार के लिए बड़ी राहत भी देगा। अब बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दूर दराज जाने की आवश्यकता नहीं होगी। नगरवासियों ने इस दूरदर्शी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह सुविधा स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नई दिशा और नई उम्मीद लेकर आएगी।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जशपुर जिले को स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई सौगातें मिल चुकी है। मेडिकल कॉलेज के लिए बड़ा कदम उठातेे हुए वित्त विभाग से 359 करोड़ की सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है । इसी प्रकार 220 विस्तर अस्पताल के लिए 32 करोड़ की मंजूरी, नर्सिंग महाविद्यालय भवन के 8 करोड़ की मंजूरी, फिजियोथेरेपी महाविद्यालय के 14 करोड़ की मंजूरी, कल्याण आश्रम अत्याधुनिक चिकित्सालय भवन के लिए 35 करोड़ की मंजूरी, ग़िनाबहर में मातृत्व शिशु चिकित्सालय भवन निर्माण के 8 करोड़ की मंजूरी सहित कई सौगातें दी गई है, जो जिले वासियों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए वरदान साबित होंगी।
- -इंक्रीमेंटल प्रणाली समाप्त, मूल्यांकन प्रक्रिया हुई सरल-जिला मूल्यांकन समितियाँ 31 दिसंबर तक भेजेंगी नए प्रस्तावरायपुर /राज्य में 20 नवंबर 2025 से लागू नई गाइडलाइन दरों के संबंध में प्राप्त सुझावों, ज्ञापनों और आपत्तियों पर विचार करने हेतु मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी के निर्देश पर केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक 07 दिसंबर को आयोजित की गई। बैठक में पंजीयन एवं मूल्यांकन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सरल और जनहितैषी बनाने के उद्देश्य से कई व्यापक निर्णय लिए गए, जो 08 दिसंबर से तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।बैठक में नगरीय क्षेत्रों में भूमि मूल्यांकन के लिए लागू इंक्रीमेंटल आधार पर गणना की व्यवस्था समाप्त करने का निर्णय लिया गया। अब पुनः पूर्व प्रचलित स्लैब आधारित प्रणाली ही लागू रहेगी, जिसके अनुसार नगर निगम में 50 डेसिमल, नगर पालिका में 37.5 डेसिमल और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक स्लैब दर से मूल्यांकन किया जाएगा। इससे नगरीय क्षेत्रों में मूल्यांकन की जटिलता कम होगी और नागरिकों को सीधी राहत मिलेगी।बहुमंजिला भवनों में फ्लैट, दुकान अथवा कार्यालय के अंतरण के समय अब मूल्यांकन सुपर बिल्ट-अप एरिया के बजाय बिल्ट-अप एरिया के आधार पर होगा। यह प्रावधान लंबे समय से मांग में था, जिससे वर्टिकल डेवलपमेंट को गति मिलेगी और शहरी भूमि का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होगा। साथ ही बहुमंजिला एवं कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में बेसमेंट और प्रथम तल पर 10 प्रतिशत तथा द्वितीय तल एवं उससे ऊपर के तल पर 20 प्रतिशत की छूट के साथ मूल्यांकन करने का निर्णय लिया गया है, जिससे मध्यम वर्ग को किफायती दरों पर आवासीय एवं व्यावसायिक इकाइयाँ उपलब्ध होंगी।कमर्शियल कॉम्प्लेक्सों में मुख्य मार्ग से 20 मीटर दूरी पर स्थित संपत्तियों के लिए भूखंड की गाइडलाइन दर में 25 प्रतिशत की कमी करने का भी निर्णय लिया गया है। यह दूरी कॉम्प्लेक्स के मुख्य सड़क की ओर स्थित निर्मित हिस्से से मापी जाएगी, जिससे वास्तविक बाज़ार स्थिति के अनुरूप मूल्यांकन संभव होगा।केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने यह भी निर्देश दिए कि हाल ही में बढ़ाई गई दरों पर प्राप्त सभी ज्ञापनों और सुझावों का परीक्षण कर जिला मूल्यांकन समितियाँ 31 दिसंबर 2025 तक अपने संशोधित प्रस्ताव भेजें। इन प्रस्तावों के आधार पर राज्य में आगे की गाइडलाइन दरों की संरचना तैयार की जाएगी।इस बैठक के साथ ही राज्य सरकार द्वारा गाइडलाइन दरों में किए गए कई जनहितैषी सुधार भी लागू हो चुके हैं। नजूल, आबादी और परिवर्तित भूमि पर पहले वर्गमीटर दर लागू होती थी, जिसे अब कृषि भूमि की तरह हेक्टेयर दर पर लागू किया जाएगा। इससे भूमि मूल्य में भारी कमी आई है और नागरिकों को वास्तविक राहत मिली है। उदाहरणस्वरूप रायपुर के वार्ड 28 में एक एकड़ भूमि का मूल्य पहले 78 करोड़ रुपये आंका जाता था, जो अब नए प्रावधानों के अनुसार केवल 2.4 करोड़ रुपये होगा।ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। परिवर्तित भूमि पर सिंचित भूमि के ढाई गुना मूल्य जोड़ने का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है। दो फसली भूमि पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत मूल्य जोड़ने, ट्यूबवेल, कुएं, वाणिज्यिक फसलों तथा वृक्षों के मूल्य को भूमि मूल्य में जोड़ने की व्यवस्था भी हटा दी गई है। कांकेर में दर्ज एक उदाहरण में 600 वृक्षों के 78 लाख रुपये मूल्य को अब रजिस्ट्री में शामिल नहीं किया गया, जिससे खरीदार को लगभग 8.58 लाख रुपये की सीधी राहत मिली और पेड़ों की कटाई रोकने में भी यह कदम सहायक सिद्ध होगा।शहर से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में अब 25 से 37.5 डिसमिल तक की कृषि भूमि का मूल्यांकन वर्गमीटर के बजाय हेक्टेयर दर से किया जाएगा। बरौदा (रायपुर) में 37.5 डिसमिल भूमि का मूल्य पहले 26.75 लाख रुपये था, जो अब नए प्रावधानों के अनुसार मात्र 6.30 लाख रुपये होगा। तालाब अथवा मछली टैंक वाली भूमि पर 1.5 गुना दर लगाने का प्रावधान तथा बाउंड्री वॉल और प्लिंथ लेवल के मूल्य जोड़ने की व्यवस्था भी हटा दी गई है।नगरीय निकाय क्षेत्रों में पहले निर्मित संपत्तियों के लिए 21 प्रकार की दरें लागू थीं, जिन्हें घटाकर अब केवल दो प्रकार की दरें कर दिया गया है, जिससे मकानों का मूल्यांकन करना अब आम नागरिकों के लिए अत्यंत आसान हो गया है।केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड के इन निर्णयों एवं व्यापक सुधारों से राज्य में पंजीयन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, सरल और नागरिकों के हितों के अनुरूप बन गई है। सरकार का उद्देश्य आम जन पर आर्थिक बोझ कम करते हुए रियल एस्टेट सेक्टर में संतुलन और विश्वास बहाल करना है।
- रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजनांदगांव में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के कार्यकाल के दो वर्ष राज्य के इतिहास में निर्णायक मोड़ साबित हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा निर्धारित लक्ष्य—“31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का पूर्ण उन्मूलन”—की दिशा में छत्तीसगढ़ तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और यह अब अंतिम सांसें गिन रहा है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले दो वर्षों में सुरक्षा बलों ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। 500 से अधिक माओवादी मुठभेड़ों में न्यूट्रलाइज हुए, जबकि 4,000 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण या गिरफ्तारी दी, जो नक्सलवाद के कमजोर पड़ने का स्पष्ट संकेत है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों के पराक्रम से बस्तर में दशकों से जमी हिंसा के विरुद्ध निर्णायक बढ़त मिली है।उन्होंने राज्य सरकार की नई पुनर्वास नीति की भी विस्तृत जानकारी दी। इसके तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए 15,000 प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति, 3 वर्षों तक 10,000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता, कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजगार-संबंधी कार्यक्रम शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि "गोलीबारी की भाषा छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ना" अब बस्तर में हकीकत बन रहा है। पंडुम कैफ़े जैसे नवाचार आज सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक हैं।उन्होंने कहा कि बस्तर में तेजी से सुरक्षा कैंप खुलने और प्रशासन की पहुंच बढ़ने के साथ ही 400 से अधिक गाँव पुनः आबाद हो चुके हैं। नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से इन क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधाएँ और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाएँ पहुँच रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा—“जहाँ कभी गोलीबारी की आवाज आती थी, आज वहाँ स्कूल की घंटियाँ बज रही हैं। कई गाँवों में वर्षों बाद ध्वजारोहण हुआ, चुनाव में लोग निर्भीक होकर भाग ले रहे हैं और राशन-कार्ड से लेकर मोबाइल नेटवर्क तक की सुविधाएँ अब सुगमता से उपलब्ध हो रही हैं।”मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर को भविष्य के विकास का बड़ा केंद्र बताते हुए कहा कि कृषि, सिंचाई, वन-उत्पाद, पशुपालन और छोटे उद्योगों के लिए अभूतपूर्व संभावनाएँ बन रही हैं। उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक नीति (2024–30) में नक्सल-प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। वनोपज आधारित वैल्यू एडिशन, प्रसंस्करण और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देकर स्थानीय युवाओं को रोजगार और स्थायी आय से जोड़ा जा रहा है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने से बस्तर अब वैश्विक नक्शे पर तेजी से पहचान बना रहा है। कुटुमसर गुफा, झरने, अबूझमाड़ के जंगल और जनजातीय सांस्कृतिक धरोहर विश्व आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। होम-स्टे मॉडल तेजी से फल-फूल रहा है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है।अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद उन्मूलन की यह ऐतिहासिक प्रगति राज्य के शहीद जवानों, सुरक्षा बलों के अथक परिश्रम और जनता के विश्वास की जीत है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री श्री अमित शाह के संकल्प के अनुरूप बस्तर नक्सलवाद से मुक्त होकर विकास की मुख्यधारा में शामिल होगा।
- -इंक्रीमेंटल प्रणाली की समाप्ति और मूल्यांकन प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए जताया आभाररायपुर /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज शाम उनके निवास कार्यालय में क्रेडाई,रियल एस्टेट और बस्तर चेंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज जगदलपुर के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। उल्लेखनीय है कि राज्य में 20 नवंबर 2025 से लागू नई गाइडलाइन दरों के संबंध में प्राप्त सुझावों, ज्ञापनों और आपत्तियों पर विचार करने हेतु मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी के निर्देश पर केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक कल 07 दिसंबर 2025 को आयोजित की गई थी। बैठक में पंजीयन एवं मूल्यांकन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सरल और जनहितैषी बनाने के उद्देश्य से कई व्यापक निर्णय लिए गए, जो 08 दिसंबर से तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। प्रतिनिधि मंडल ने सरकार द्वारा लिए गए उक्त महत्वपूर्ण निर्णयों पर मुख्यमंत्री श्री साय का आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन और विधायक श्री किरण देव उपस्थित थे।
- उत्तर बस्तर कांकेर/कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ने कलेक्टोरेट परिसर स्थित ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपीएटी वेयर हाउस का आज आंतरिक निरीक्षण किया। इस अवसर पर राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि भारतीय जनता पार्टी से श्री राजेन्द्र सिंह गौर और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से श्री पुरुषोत्तम पाटिल तथा उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री जितेन्द्र कुर्रे एवं वरिष्ठ जिला कोषालय अधिकारी अनिभा रेणु सोनबेर भी मौजूद थे।
- ऑडिट पखवाड़ा के समापन समारोह में शामिल हुए राज्यपालरायपुर/महालेखाकार कार्यालय के आवासीय परिसर स्थित सामुदायिक भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि लेखा परीक्षा केवल सरकारी व्यय और राजस्व की जांच तक सीमित नहीं है, यह प्रशासनिक पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन, और जनसेवा में उत्तरदायित्व का एक सशक्त माध्यम है। हमारे लोकतांत्रिक ढांचे मे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की सर्वाेच्च भूमिका है।लेखा परीक्षा को संवैधानिक प्राधिकरण का दर्जाराज्यपाल श्री रमेन डेका आज प्रधान महालेखाकार कार्यालय में ऑडिट पखवाड़ा 2025 के समापन समारोह में शामिल हुए। लेखा परीक्षा दिवस के अवसर पर 20 नवम्बर से 8 दिसंबर 2025 तक यह सप्ताह आयोजित किया गया। राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग का इतिहास गौरवशाली रहा है। इसकी नीव ब्रिटिश शासन के दौरान 1858 में प्रारंभ हुई लेखा परीक्षा व्यवस्था से जुड़ी हुई है। स्वतंत्रता के बाद हमारे संविधान निर्माताओं ने इस संस्था की महत्ता को समझते हुए इसे संवैधानिक प्राधिकरण का दर्जा प्रदान किया। कैग की भूमिका प्रशासनिक सुधार, नवाचार एवं पारदर्शिता को प्रोत्साहित करना है ।ऑडिट पखवाड़ा के समापन समारोह में शामिल हुए राज्यपालश्री डेका ने कहा कि तेजी से बढ़ते डिजिटल प्रशासन के दौर में कैग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। यह संस्था केवल कमियों को उजागर नहीं करती, बल्कि प्रशासनिक सुधार, नवाचार एवं पारदर्शिता को प्रोत्साहित करती है। यह न केवल सरकारी कार्यों में वित्तीय अनुशासन लाने का कार्य करता है, बल्कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को रोकने का महत्वपूर्ण दायित्व भी निभाता है। इस विभाग के अधिकारियों की निष्पक्षता और कर्मठता ने इसे एक सशक्त संस्थान के रूप में स्थापित किया है।अधिकारियों की मेहनत और ईमानदारी से जनता का भरोसा मजबूत होगाराज्यपाल ने विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे इस प्रतिष्ठित संस्था की परंपराओं को बनाए रखते हुए निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करें। उनकी मेहनत और ईमानदारी से ही जनता का भरोसा और मजबूत होगा। जीवन में एक कार्य ऐसा करें जिसमें लेने का नहीं बल्कि देने का हो, जिससे हमारा देश 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करेगा।कार्यक्रम में स्वागत भाषण प्रधान महालेखाकार श्री यशवंत कुमार ने दिया। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन महालेखाकार (लेखा परीक्षा) श्री मोहम्मद फैजान ने किया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री डेका ने सामुदायिक भवन परिसर में वृक्षारोपण किया। कार्यक्रम में महालेखाकार कार्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
- एमसीबी/ प्राकृतिक आपदा में पीड़ितों के परिजनों को सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। इसी क्रम में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6(4) के परिशिष्ट-1 की कंडिका-6(ग)(1) के अंतर्गत तहसील मनेंद्रगढ़ के ग्राम पंचायत हर्रा, निवासी ललित कुमार साहू की आकाशीय बिजली गाज गिरने से हुई दुर्घटना के पश्चात उनके वारिस श्री उर्दयाली को 16 हजार रुपये की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की गई है। यह सहायता राशि पीड़ित परिवार को आपदा की कठिन घड़ी में संबल प्रदान करने हेतु शासन द्वारा प्रदत्त राहत उपायों के अंतर्गत दी गई है। स्वीकृत राशि का व्यय मांग संख्या-58 के मुख्य शीर्ष-2245 प्राकृतिक आपदा राहत के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में विकलनीय होगा।
- रायपुर/प्रदेश में गाइडलाइन दरों के पुनरीक्षण के संबंध में प्राप्त सुझावों, ज्ञापनों और प्रस्तावों पर व्यापक परीक्षण करने के बाद केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश के नगरीय विकास, रियल एस्टेट सेक्टर और आम नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।बैठक में निर्णय लिया गया कि नगरीय क्षेत्रों में 1400 वर्ग मीटर तक के भूखंडों की इंक्रीमेंटल आधार पर गणना की वर्तमान प्रणाली को समाप्त कर दिया जाए। अब पुनः पूर्व प्रचलित उपबंध लागू होंगे, जिसके तहत नगर निगम क्षेत्र में 50 डेसिमल, नगर पालिका में 37.5 डेसिमल और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक स्लैब दर से मूल्यांकन किया जाएगा। इस बदलाव से मूल्यांकन प्रक्रिया सरल होने के साथ ही पारदर्शिता भी बढ़ेगी।बहुमंजिला भवनों में फ्लैट, दुकान एवं कार्यालय के अंतरण पर सुपर बिल्ट-अप एरिया के आधार पर बाजार मूल्य की गणना का प्रावधान भी हटा दिया गया है। अब मूल्यांकन बिल्ट-अप एरिया के आधार पर किया जाएगा। यह प्रावधान मध्यप्रदेश शासन के समय से लागू था, जिसे बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। नए प्रावधान से वर्टिकल डेवलपमेंट को गति मिलेगी और शहरी भूमि का अधिक प्रभावी उपयोग सुनिश्चित होगा।केंद्रीय बोर्ड ने बहुमंजिला भवनों एवं कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के लिए मूल्यांकन में छूट के नए प्रावधान भी लागू किए हैं। अब बेसमेंट और प्रथम तल पर 10 प्रतिशत तथा द्वितीय तल एवं उससे ऊपर के तल पर 20 प्रतिशत की कमी के साथ मूल्यांकन किया जाएगा। इस निर्णय से मध्यम वर्ग को किफायती दरों पर फ्लैट और व्यावसायिक स्थान मिलने में मदद मिलेगी।कमर्शियल कॉम्प्लेक्सों में 20 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित संपत्तियों के लिए 25 प्रतिशत कमी के साथ भूखंड की दरों का मूल्यांकन किया जाएगा। 20 मीटर की दूरी का आकलन मुख्य मार्ग की ओर से निर्मित हिस्से से किया जाएगा, जिससे वास्तविक स्थिति के आधार पर अधिक न्यायसंगत मूल्यांकन संभव होगा।केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने जिला मूल्यांकन समितियों को यह भी निर्देशित किया है कि हाल ही मंय दरों में वृद्धि के बाद प्राप्त आपत्तियों, ज्ञापनों और सुझावों का परीक्षण कर 31 दिसंबर तक गाइडलाइन दरों में पुनरीक्षण के प्रस्ताव भेजें। इन प्रस्तावों का विश्लेषण कर बोर्ड आगामी गाइडलाइन दरों पर अंतिम निर्णय लेगा।इन सभी निर्णयों को तत्काल प्रभाव से लागू घोषित किया गया है, जिससे राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर में स्थिरता, पारदर्शिता और किफायती आवास उपलब्ध कराने के प्रयासों को नई दिशा मिलेगी।
- कुनकुरी नगर को स्वास्थ्य के क्षेत्र में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दिया बड़ा तोहफ़ारायपुर। कई प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, योग केंद्र और वेलनेस हब खुद को नेचुरोपैथी कहते हैं। जो प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान करता है और बापू भवन इसका ऐतिहासिक घर है, जिसे गांधीजी ने अपनाया था। खासकर छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र का उद्देश्य प्राकृतिक उपचार, योग, आहार, मिट्टी स्नान और हर्बल दवाओं के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य प्रदान करना है। जशपुर जिले के कुनकुरी नगर की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने नेचुरोपैथी भवन निर्माण के लिए 2 करोड़ 62 लाख रुपए की मंजूरी प्रदान की है।निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। भवन तैयार हो जाने के बाद कुनकुरी नगरवासियों को प्राकृतिक चिकित्सा की अत्याधुनिक सुविधा अपने ही नगर में उपलब्ध होगी। यह भवन न सिर्फ लोगों को आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा की ओर प्रोत्साहित करेगा, बल्कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को उपचार के लिए बड़ी राहत भी देगा। अब बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दूर दराज जाने की आवश्यकता नहीं होगी। नगरवासियों ने इस दूरदर्शी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह सुविधा स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नई दिशा और नई उम्मीद लेकर आएगी।स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई ऊंचाई को छूता जशपुरमुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जशपुर जिले को स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई सौगातें मिल चुकी है। मेडिकल कॉलेज के लिए बड़ा कदम उठाते हुए वित्त विभाग से 359 करोड़ की सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है । इसी प्रकार 220 विस्तर अस्पताल के लिए 32 करोड़ की मंजूरी, नर्सिंग महाविद्यालय भवन के 8 करोड़ की मंजूरी, फिजियोथेरेपी महाविद्यालय के 14 करोड़ की मंजूरी, कल्याण आश्रम अत्याधुनिक चिकित्सालय भवन के लिए 35 करोड़ की मंजूरी, ग़िनाबहर में मातृत्व शिशु चिकित्सालय भवन निर्माण के 8 करोड़ की मंजूरी सहित कई सौगातें दी गई है, जो जिले वासियों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए वरदान साबित होंगी।
- 0भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 60 एमएलडी क्षमता के अतिरिक्त सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना किये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन को प्रेषित किया गया है0रायपुर/ नगर पालिक निगम रायपुर द्वारा कुल 4 स्थानों कमशः ग्राम चन्दनीडीह (क्षमता 75 एमएलडी), ग्राम-कारा (क्षमता- 55 एमएलडी), ग्राम निमोरा (क्षमता- 90 एमएलडी) एवं भांठागांव (क्षमता 06 एमएलडी) इस प्रकार कुल 206 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कर सतत रूप से संचालन किया जा रहा है।इन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों से रायपुर शहर से निकल रहे कुल 17 नालों, जो कि 6 मुख्य नालों में मिलते हैं, के दूषित जल को एकत्रित कर निरंतर उपचार किया जा रहा है। इसके तहत चिन्गरी नाला, गोवर्धन नाला, सरोना वंडर पार्क नाला एवं अटारी नाला के दूषित जल को चन्दनीडीह में स्थापित 75 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में, छोकरा नाला के दूषित जल को निमोरा में स्थापित 90 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में तथा तेंदुआ नाला के दूषित जल को कारा में स्थापित 35 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में उपचारित किया जाता है।वर्तमान में चन्दनीडीह एसटीपी अपनी कुल क्षमता के 65% क्षमता पर तथा कारा एवं निमोरा अपनी कुल क्षमता के 100% क्षमता पर संचालित हो रहे हैं। निमोरा में औद्योगिक क्षेत्रों से आ रहे अतिरिक्त मात्रा में दूषित जल के उपचार हेतु तथा भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 60 एमएलडी क्षमता के अतिरिक्त सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना किये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन को प्रेषित किया गया है। उक्त सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण उपरांत कारा और निमोरा में हो रहे अतिरिक्त दूषित जल के दबाव को कम किया जा सकता है. रायपुर शहर से निकल रहे दूषित जल को पूर्ण रूप से उपचारित किये जाने हेतु सतत कार्य किये जा रहे हैँ।















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